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'लिव-इन कपल्स की याचिकाएं शायद ही कभी खतरे के वास्तविक अस्तित्व पर आधारित होती हैं, ऐसे मामले कोर्ट का अधिक समय लेते हैं': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही लिव-इन-कपल (जो अभी तक विवाह योग्य आयु प्राप्त नहीं किए हैं) की सुरक्षा से संबंधित याचिका को निपटाते हुए कहा कि कि लिव-इन कपल्स के अधिकांश याचिकाएं औपचारिक प्रतीकात्मक तर्क, काल्पनिक कारणों के आधार पर कार्रवाई और शायद ही कभी खतरे के वास्तविक अस्तित्व पर आधारित होती हैं।जस्टिस मनोज बजाज की बेंच दया राम [20 साल] और रीनू [14 साल] की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया है कि वे एक-दूसरे को पिछले एक साल से जानते हैं और समय बीतने के साथ उन्हें प्यार हो...
एलएलबी परीक्षा- डीयू के लॉ फैकल्टी के 650 छात्रों ने बीसीआई विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के मद्देनजर घर से परीक्षा देने के लिए डीन को पत्र लिखा
लॉ फैकल्टी, दिल्ली विश्वविद्यालय के 650 से अधिक छात्रों ने विधि संकाय के डीन को एक अभ्यावेदन भेजा है। इस प्रतिनिधित्व में आगामी ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षाओं को टेक-होम असाइनमेंट/परीक्षाओं में बदलने की मांग की गई है। अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 16 जून, 2021 से शुरू होने वाली हैं और पिछले सेमेस्टर की लंबित परीक्षाएं जुलाई-अगस्त में आयोजित होने वाली हैं। पिछले 2 महीनों में छात्रों द्वारा इसी तरह की तर्ज पर कई अभ्यावेदन दिए गए हैं। नवीनतम प्रतिनिधित्व बीसीआई विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर एक अंतिम...
दुर्लभ बीमारी से पीड़ित पांच महीने के बच्चे के इलाज के लिए जीवन रक्षक दवा के आयात के लिए याचिका: केरल हाईकोर्ट ने राज्य से जवाब मांगा
केरल हाईकोर्ट ने राज्य के प्रमुख सचिव और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक से एक दवा के आयात के संबंध में जवाब मांगा है। दरअसल, पीठ स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी (Spinal Muscular Atrophy) से पीड़ित एक बच्चे के इलाज के लिए जीवन रक्षक दवा के आयात के लिए सरकारी सहायता की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।अधिवक्ता पी चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि याचिकाकर्ता का पांच महीने का बेटा एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है, जिसका इलाज दुनिया की सबसे महंगी दवा 'ओनासेमनोगीन (Onasemnogene)' की एक खुराक देकर ही किया जा...
भ्रष्टाचार के मामलों में प्रारम्भिक जांच के बाद ही प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने हाल ही में कुछ भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज करने के निर्देश संबंधी रिट याचिका खारिज करते हुए व्यवस्था दी है कि भ्रष्टाचार के मामलों में प्रारम्भिक जांच करने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज करने की आवश्यकता होती है।कोर्ट का यह निर्णय केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) डिपो के वाहन सुपरवाइजर जुडे जोसेफ की उस याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने निगम के 2012 से 2015 तक के खातों के आंतरिक ऑडिट में सरकारी राजस्व की गंभीर हेराफेरी में शामिल कुछ अधिकारियों के खिलाफ उनके आरोपों के...
अवैध हिरासत में रखे गए व्यक्तियों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इस बात पर जोर देते हुए कि सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा उत्पीड़न के कारण दिया गया मुआवजा, ना केवल व्यक्ति को मुआवजा देता है, उसे व्यक्तिगत रूप से संतुष्ट करता है बल्कि सामाजिक बुराई को ठीक करने में मदद करता है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को एक नागरिक (25 हजार रुपए) मुआवजा देने की अपनी नीति को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। व्यक्ति को जिन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है।जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस शमीम अहमद की खंडपीठ ने किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी...
'हाईकोर्ट में पात्र वकीलों का अभाव नहीं' : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने एससीबीए की ओर से जारी बयान वापस लेने की मांग की
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनसे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों के खिलाफ अपनी वह 'अपमानजनक टिप्पणी' वापस लेने की मांग की है जो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के तौर पर पदोन्नति देने के संबंध में आठ जून 2021 को लिखे पत्र में की है।एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के वकीलों के खिलाफ की गयी टिप्पणी को अपमानजनक और असम्मानजनक करार देते हुए एससीबीए से आग्रह किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के पात्र एवं...
"मुख्य न्यायाधीश ने एल्डर्स कमेटी के अनुरोध का पूर्णतया अपमान किया'' : अवध बार एसोसिएशन 14 जून से न्यायिक कार्य से अलग रहेगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से जुड़े अवध बार एसोसिएशन ने मौजूदा रोस्टर के क्रियान्वयन के खिलाफ गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए 14 जून से न्यायिक कार्य से अलग रहने का फैसला किया है। अवध बार एसोसिएशन की एल्डर्स कमेटी के अध्यक्ष ने एक नोटिस जारी करके कहा है कि कमेटी ने 14 जून से न्यायिक कार्य से अलग रहने का निर्णय किया है।नोटिस में कहा गया है, "मौजूदा रोस्टर के क्रियान्वयन के खिलाफ गंभीर असंतोष जताये जाने तथा न्यायिक कार्य से अलग रहने की लोकप्रिय मांग के कारण एल्डर्स कमेटी ने अपनी बैठक में आम सहमति...
AIBE-XVI: परीक्षा के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 जुलाई तक बढ़ाई
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) XVI के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 जुलाई, 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) XVI के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 जुलाई, 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।इस संबंध में अधिसूचना शनिवार को एआईबीई की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है और इसमें कहा गया है:"AIBE-16 के लिए पंजीकरण की तिथि 15 जुलाई 2021 तक बढ़ा दी गई है, AIBE 16 के लिए पुनर्निर्धारित तिथि जल्द ही सूचित की...
जेजे एक्ट के तहत कानून के साथ संघर्षरत बच्चों के लिए धारा 438 CrPCके तहत अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने पर स्पष्ट रोक नहींः गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत कानून तोड़ने वाले बच्चों को धारा 438 सीआरपीसी के तहत अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने पर कोई स्पष्ट रोक नहीं है।जस्टिस एवाई कोग्जे की सिंगल जज बेंच ने कहा, "... इस न्यायालय की राय है कि अधिनियम, 2015 के तहत कवर किए गए कानून तोड़ने वालों बच्चों पर संहिता की धारा 438 के लागू होने पर स्पष्ट रोक नहीं है, और संहिता की धारा 438 के आवेदन के स्पष्ट रोक के अभाव में, वर्तमान मामले के तथ्यों में इस प्रकार के प्रतिबंध को लागू करने का कोई कारण नहीं...
बाल विवाह की बुराई खत्म करने का अभियान राज्यों को याद दिलाना जरूरीः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक संरक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं (जिनकी अभी विवाह योग्य आयु नहीं हुई है) को सुरक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया और रिट याचिका को खारिज करते हुए कहा कि बाल विवाह की बुराई को खत्म करने के मुद्दे पर राज्य को विचार करने की जरूरत है। न्यायमूर्ति मनोज बजाज की खंडपीठ दया राम (याचिकाकर्ता नंबर एक,आयु बीस वर्ष दो महीने) और रीनू (याचिकाकर्ता नंबर दो,आयु 14 वर्ष आठ महीने) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने दावा किया था कि वह पिछले एक साल से...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
07 जून 2021 से 12 जून 2021 तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़रपुलिस ने सुनी-सुनाई कथित बातचीत के आधार पर गौहत्या अधिनियम के तहत मामला दर्ज कियाः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आवेदक को जमानत दी और एसपी से स्पष्टीकरण मांगाइलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उस आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी है,जिसके खिलाफ यू.पी. गोहत्या निवारण अधिनियम, 1955 के तहत अपराध करने का मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने पाया कि पुलिस पार्टी द्वारा सुनी गई आवेदक की कथित बातचीत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था। जस्टिस अब्दुल मोइन...
क्या जमानत पर रिहा आरोपी को नौकरी के लिए विदेश जाने की अनुमति दी जा सकती है? केरल हाईकोर्ट ने उत्तर दिया
केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को विदेश जाने की अनुमति मांगने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत पर रिहा आरोपी को अपनी ड्यूटी पर फिर से संयुक्त अरब अमीरात जाने की अनुमति दी है।कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया की परिणति सुनिश्चित करते हुए आरोपी के अपने व्यवसाय को जारी रखने के अधिकार को कम नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता-आरोपी अरुण बेबी द्वारा दायर याचिका में उल्लेख किया गया है कि वह संयुक्त अरब अमीरात में जनरल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में कार्यरत है, और उसे दिया गया वीजा 15.07.2021 को...
घरेलू हिंसा अधिनियम संबंधित कार्यवाहियों में अनुच्छेद 227 के तहत दायर याचिका सुनवाई योग्यः मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने माना है कि संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत दायर एक याचिका, जिसमें घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत जारी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई है, सुनवाई योग्य है। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन की एकल पीठ ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम की कार्यवाही दीवानी हो या आपराधिक, संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत इसके खिलाफ शक्तियां उपलब्ध हैं।पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 227 "मंच-तटस्थ" है, यह दीवानी अदालत और आपराधिक अदालत के बीच कोई अंतर नहीं करता है। दूसरे शब्दों में, अनुच्छेद 227 के तहत शक्ति का प्रयोग...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के शासन के समय उत्तर प्रदेश जल निगम में कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 1,300 इंजीनियरों, क्लर्कों और स्टेनोग्राफर की फर्जी भर्ती के संबंध में समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने आजम खान की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आजम खान पहले से ही जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ पहले ही बी-वारंट जारी किया जा चुका है।कोर्ट ने कहा कि, "यह भी...
पुलिस ने सुनी-सुनाई कथित बातचीत के आधार पर गौहत्या अधिनियम के तहत मामला दर्ज कियाः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आवेदक को जमानत दी और एसपी से स्पष्टीकरण मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उस आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी है,जिसके खिलाफ यू.पी. गोहत्या निवारण अधिनियम, 1955 के तहत अपराध करने का मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने पाया कि पुलिस पार्टी द्वारा सुनी गई आवेदक की कथित बातचीत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था। जस्टिस अब्दुल मोइन की बेंच यूपी गोहत्या निवारण अधिनियम, 1955 की धारा 3/5/8 के तहत आवेदक द्वारा दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। संक्षेप में मामला प्राथमिकी के अनुसार, आवेदक सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था और उनके...
'मिथुन चक्रवर्ती की 'कोबरा' टिप्पणी': कलकत्ता हाईकोर्ट ने मिथुन को वर्चुअल मोड के माध्यम से चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले की में जांच में शामिल होने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने जाने-माने अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती को अपने भाषणों के माध्यम से चुनाव के बाद हिंसा के लिए कथित रूप से उकसाने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने के लिए कहा।न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 18 जून, 2021 को तय की और जांच अधिकारी को निर्देश दिया गया कि वह याचिकाकर्ता को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने के लिए कम से कम उचित समय दे।कोर्ट ने कहा,"इस बीच, याचिकाकर्ता या उसका...
'केवल इसलिए कि सह आरोपी फरार है, हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के तहत अंडर ट्रायल कैदी के लिए उपलब्ध लाभ से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता': दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल इसलिए कि अन्य सह-आरोपी फरार है, हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के तहत एक अंडर ट्रायल कैदी के लिए उपलब्ध लाभ से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है।न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल न्यायाधीश की पीठ ने हत्या के मामले में आरोपी 27 साल की उम्र के एक विचाराधीन कैदी को 45 दिनों की अवधि के लिए अंतरिम जमानत देते हुए यह टिप्पणी की।याचिकाकर्ता ने 45 दिनों के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए इस आधार पर अर्जी दायर की थी कि मामला हाई पावर्ड कमेटी के दिशानिर्देशों के तहत आता...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों को केंद्र की वैक्सीनेशन नीति में बदलाव के बाद शेष वैक्सीन खुराक वापस करने की अनुमति दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस तथ्य को देखते हुए कि केंद्र सरकार ने अपनी वैक्सीनेशन नीति में बदलाव कर लिया है, गुरुवार को प्राइवेट अस्पतालों को शेष COVID-19 वैक्सीन की खुराक सरकार को वापस करने की अनुमति दी।मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की खंडपीठ ने अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और नरसिंहपुर के संबंधित सीएमएचओ को वैक्सीन की बची हुई खुराक बताई गई संख्या लौटा दें। यह इसका विधिवत सत्यापन करेंगे और इसके बदले भुगतान की गई राशि का सत्यापन करेंगे। एक माह की...
'अनुचित और मनमाना': DHCBA ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने के SCBA के प्रस्ताव के खिलाफ CJI को पत्र लिखा
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को दिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रस्ताव कि हाईकोर्ट के जजों के रूप में पदोन्नति के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों पर विचार किया जाए, के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (DHCBA) ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखा है।पत्र में कहा गया है, "माननीय हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नति के लिए विचार करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अभ्यासरत वकीलों का एक अलग वर्ग बनाने का प्रयास न केवल अनुचित, मनमाना और भेदभावपूर्ण है, बल्कि इससे...
"यह नीति बनाना हाई पावर्ड कमेटी का काम है": राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के दोषियों को COVID-19 पैरोल लाभ की अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के दोषियों को पैरोल लाभ की अवधि के विस्तार की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को इस बात पर जोर हुए खारिज कर दिया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के संदर्भ में COVID-19 महामारी के कारण पैरोल पर कैदियों की रिहाई के लिए आवश्यक नीति तैयार करना हाई पावर्ड कमेटी का काम है।न्यायमूर्ति सबीना और न्यायमूर्ति मनोज कुमार व्यास की पीठ याचिका पर की सुनवाई कर रही थी जिन्होंने कहा कि दूसरे राज्य में भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 302 के तहत दोषी ठहराए गए दोषियों को...




















