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जिन पीड़ितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला, उन 81,902 पोक्सो मामलों के लिए एसओपी तैयार करना है: दिल्ली हाईकोर्ट में डीएसएलएसए ने बताया
हाईकोर्ट में दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने बताया किया कि वह यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO Act) के तहत निपटाए गए 81,902 मामलों से निपटने के लिए अन्य हितधारकों के परामर्श से मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की प्रक्रिया में है, जहां पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया गया।जस्टिस जसमीत सिंह ने 7 अक्टूबर के आदेश में कहा,"उम्मीद है कि एसओपी आज से चार सप्ताह की अवधि के भीतर तैयार और लागू हो जाएगा।"हर्षिता मिश्रा, सचिव मुकदमेबाजी, डीएसएलएसए ने पहले अदालत को...
अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पहली पत्नी, बच्चों को पालने में सक्षम नहीं है तो कुरान के अनुसार वह दूसरी महिला से शादी नहीं कर सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high Court) ने एक द्विविवाह मामले में कहा कि अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पहली पत्नी, बच्चों को पालने में सक्षम नहीं है तो कुरान के अनुसार वह दूसरी महिला से शादी नहीं कर सकता है।कोर्ट ने यह भी कहा कि पवित्र कुरान के जनादेश के अनुसार, द्विविवाह को तब तक पवित्र नहीं किया जाता जब तक कि कोई व्यक्ति अनाथों के साथ न्याय नहीं कर सकता।जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस राजेंद्र कुमार-चतुर्थ ने कहा,"सूरा 4 आयत 3 (कुरान का) का धार्मिक आदेश सभी मुस्लिम पुरुषों पर बाध्यकारी है...
तमिलनाडु एडवोकेट्स एसोसिएशन ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान की निंदा की
तमिलनाडु एडवोकेट्स एसोसिएशन ने सोमवार को एक बयान जारी कर जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ के खिलाफ हाल ही में लिखे गए गए दुर्भावनापूर्ण पत्र की निंदा की।एसोसिएशन ने कहा कि हाल ही में एक आरके पठान द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं और पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण इरादे से धारणाओं पर आधारित हैं।एसोसिएशन ने कहा, "ऐसे पत्रों के पीछे एक छिपा हुआ मकसद और एजेंडा लगता है, जो केवल भारतीय न्यायपालिका की महिमा को पटरी से उतारने के लिए संबोधित हैं।"यह भी कहा गया कि इस तरह की अवांछित टिप्पणियां अंततः आम जनता के मन...
अदालत को एक अंडर ट्रायल की व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुरक्षित करनी चाहिए, जहां उसकी गलती के बिना मुकदमे में देरी हो रही होः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में जोर देकर कहा है कि जब एक विचाराधीन कैदी काफी समय से हिरासत में हो और उसकी ओर से बिना किसी गलती के मुकदमे की सुनवाई में देरी हो रही हो, तो अदालतों से मूकदर्शक होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है और उन्हें एक विचाराधीन कैदी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुरक्षित करने के लिए बिना किसी हिचकिचाहट के हस्तक्षेप करना चाहिए। जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की पीठ ने एनडीपीएस के मामले के उस आरोपी को जमानत दे दी है, जो अक्टूबर 2020 से हिरासत में था। अदालत ने कहा कि आधिकारिक गवाहों...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मेडिकल में एडमिशन नहीं पाने वाले उम्मीदवारों के लिए मुकदमेबाजी करने वाले दो डेंटल कॉलेजों पर जुर्माना लगाया
कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने वर्ष 2021 के लिए बीडीएस पाठ्यक्रमों में एडमिशन नहीं पाने वाले कुछ छात्रों की ओर से राहत की मांग करने वाली याचिकाएं दायर करके अदालत का समय बर्बाद करने के लिए दो डेंटल कॉलेजों में से प्रत्येक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।जस्टिस बी वीरप्पा और जस्टिस केएस हेमलेखा की खंडपीठ ने वेंकटेश्वर डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और केवीजी डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को एक महीने के भीतर एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु के पास जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया।बीडीएस...
वे आपके अपने लोग हैं, उन्हें दिवाली का तोहफा देना चाहिए: बिजली कनेक्शन के लिए पाक हिंदू प्रवासियों की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा
केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि शहर के आदर्श नगर इलाके में कथित रूप से बिना बिजली कनेक्शन के रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने से संबंधित मामले को उच्चतम स्तर पर देखा जा रहा है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) में अपना जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को तीन सप्ताह की अवधि दी, जिसमें परिसर के अधिभोग के संबंध में आधार कार्ड और लंबी अवधि के वीजा को पर्याप्त प्रमाण के रूप...
'रजनीगंधा प्रसिद्ध ट्रेडमार्क, सुरक्षा की उच्च डिग्री का हकदार': दिल्ली हाईकोर्ट ने रजनी-पान की बिक्री पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रतिष्ठित पान मसाला रजनीगंधा के निर्माता धर्मपाल सत्यपाल लिमिटेड के पक्ष में आदेश पारित किया और ट्रेडमार्क 'रजनी पान' के तहत किसी भी उत्पाद के उत्पादन, बिक्री या प्रचार को स्थायी रूप से रोक दिया।यह मानते हुए कि प्रतिवादियों ने जानबूझकर "वादी की महत्वपूर्ण सद्भावना और प्रतिष्ठा का लाभ लेने" का प्रयास किया, अदालत ने उन्हें हर्जाने में तीन लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। 2018 में कोर्ट ने मामले में एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा दी थी।जस्टिस ज्योति सिंह की एकल...
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 33एम के तहत मंजूरी केवल आयुर्वेदिक दवाओं के लिए जरूरी, एलोपैथिक के लिए नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 33एम के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति केवल आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनीनी दवाओं के मामले में लागू होती है और जहां अभियोजन एलोपैथिक दवाओं से संबंधित हो, वहां यह लागू नहीं होती है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने एम्कर फार्मास्यूटिकल्स और उसके दो निदेशकों द्वारा दायर याचिका पर यह टिप्पणी की। उन्होंने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा दर्ज शिकायत को रद्द कराने के लिए याचिका दायर की थी।याचिकाकर्ताओं ने...
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग के फ्रीजिंग आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के शिवसेना के 'धनुष और तीर' पार्टी चिह्न को फ्रीज करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।ठाकरे ने अपनी याचिका द्वारा दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग की कि चुनाव आयोग को उनके द्वारा प्रस्तावित चुनाव चिह्न पर विचार करने और चिह्न आदेश के तहत अधिसूचित मुक्त चिह्न सूची से चिह्न की पसंद को प्रतिबंधित किए बिना आवंटित करने के लिए कहा जाए।चुनाव आयोग ने 8 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों ग्रुप्स को "शिवसेना" या...
केरल हाईकोर्ट ने ट्रायल जज के खिलाफ अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करने के लिए फिल्म निर्देशक बैजू कोट्टाराक्कारा को दो सप्ताह का समय दिया
केरल हाईकोर्ट के समक्ष पेश हुए मलयालम फिल्म निर्देशक बैजू कोट्टाराक्कारा सोमवार को अपने खिलाफ लगे अवमामना के आरोपी पर स्पष्टीकरण देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। मलयालम फिल्म निर्देशक बैजू कोट्टाराक्कारा के खिलाफ निचली अदालत के जज के खिलाफ न्यूज चैनल शो के दौरान अपमानजनक टिप्पणी करने का मामला चल रहा है। उक्त टिप्पणी उन्होंने तब की जब जज 2017 अभिनेता के अपहरण और हमले के मामले की सुनवाई कर रहे थे।जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास सी पी की खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट के जज के खिलाफ...
धारा 23 वरिष्ठ नागरिक अधिनियम: मद्रास हाईकोर्ट बेटे के पक्ष में निष्पादित सेटलमेंट डीड को रद्द किया, बेटा वृद्ध माता -पिता की देखभाल करने में विफल रहा था
मद्रास हाईकोर्ट एक बूढ़े दंपति की दुर्दशा से द्रवित होकर ट्रायल कोर्ट के एक फैसले और डिक्री को बरकरार रखा और उसके बेटे के पक्ष में निष्पादित एक सेटलमेंट डीड को रद्द कर दिया। कोर्ट ने माना कि बेटा बूढ़े माता -पिता की देखभाल करने में विफल रहा।कोर्ट ने कहा,अगर विलेख को भरणपोषण अधिनियम की धारा 23 के आधार पर एक सेटलमेंट डीड भी माना जाता है, तो उसे उस हद तक शून्य घोषित किया जाना चाहिए, जिस हद तक वादी ने अपने माता-पिता की चिकित्सा आवश्यकताओं की अनदेखी करके विलेख के तहत उस पर आरोपित दायित्वों का पालन...
गुजरात हाईकोर्ट ने सरकारी बिजली कंपनी में इलेक्ट्रिकल असिस्टेंट पोस्ट के लिए 'अपात्र' कलर ब्लाइंड उम्मीदवार को राहत देने से इनकार किया
गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में ऐसे उम्मीदवार को राहत देने से इनकार कर दिया, जिसे इलेक्ट्रिकल असिस्टेंट (सरकारी बिजली कंपनी में) पोस्ट के लिए अपात्र माना गया था। उम्मीदवार को इस आधार पर अपात्र माना गया था कि वह वर्णान्धता से पीड़ित है।जस्टिस एन.वी.अंजारिया और जस्टिस मौना एम. भट्ट की खंडपीठ ने उम्मीदवार द्वारा दायर अपील खारिज कर दी, जिसमें एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें आधिकारिक अधिकारियों के फैसले को उनके वर्णांधता के आधार पर नौकरी के लिए अयोग्य घोषित करने के फैसले को बरकरार रखा...
सजा से ज्यादा दिनों तक जेल में रखने के एवज में मांगा मुआवजा, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को ये कहते हुए वापस जेल भेजा कि रिहाई गलती से हुई
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति की सजा से ज्यादा दिनों तक जेल में बंद रखने पर मुआवजे की मांग वाली याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे गलती से जल्दी रिहा कर दिया गया था। इस तथ्य का पता चलने पर अदालत ने उसे जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया ताकि वह सजा के शेष हिस्से को पूरा कर सके।चीफ जस्टिस रवि मलीमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ एक व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें अत्यधिक कारावास के लिए राज्य से 10 लाख रुपये का मुआवजा मांगा...
पीएफआई गिरफ्तारियां: एफआईआर की कॉपी दी गई, रिमांड आवेदन की प्रति नहीं दी जा सकती, इसमें गोपनीय जानकारी है: दिल्ली हाईकोर्ट में एनआईए ने कहा
दिल्ली हाईकोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले में एफआईआर और गिरफ्तारी के आधार की प्रति हाल ही में एजेंसी द्वारा किए गए एक छापे में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद यूसुफ को प्रदान की गई।एनआईए की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक ने हालांकि रिमांड आवेदन की प्रति मांगने वाली प्रार्थना पर इस आधार पर आपत्ति जताई कि इस तरह की राहत मांगने के लिए उपयुक्त मंच निचली अदालत है न कि हाईकोर्ट।जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ...
रेप केस में आरोपियों के पक्ष में डीएनए टेस्ट रिपोर्ट अंतिम सत्य नहीं, डॉक्टर से क्रॉस एग्जामिनेशन जरूरी: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का बलात्कार के मामले में आरोपी के पक्ष में आना कोई ठोस सबूत (Gospel Truth) नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप उसके खिलाफ कार्यवाही समाप्त हो जाएगी।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने आपराधिक कार्यवाही के खिलाफ आरोपी की याचिका खारिज करते हुए कहा:"यदि आरोपी के खिलाफ डीएनए टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तो यह उसके खिलाफ आगे की कार्यवाही के लिए ठोस सबूत का गठन करेगा। यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है तो अन्य सामग्रियों का वजन और रिकॉर्ड पर सबूत की पुष्टि के लिए उस पर...
वेलनेस थेरेपिस्ट या टिंडर डेट? कर्नाटक हाईकोर्ट ने ऑनलाइन धोखाधड़ी की आरोपी महिला के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया सहित ऑनलाइन सर्विस की पेशकश करने वाले डॉक्टर को रोकने के लिए कुछ नियामक उपाय बनाने चाहिए।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा,"यह सार्वजनिक डोमेन में है कि सोशल मीडिया यानी इंस्टाग्राम, ट्विटर या फेसबुक पर तथाकथित डॉक्टरों की बड़ी संख्या है, जैसा कि जिस भी मेडिकल फिल्म का मामला होगा, डॉक्टर उसमें खुद को पेश करते हैं। यह सार्वजनिक डोमेन में भी है कि वे सभी झोलाछाप डॉक्टर हैं, जो "इंस्टाग्राम पर लोगों को प्रभावित करने वाले" हैं।अदालत...
महिला की गरिमा का सार उसकी लैंगिकता, केवल गंदी या अभद्र भाषा का उपयोग को उसकी गरिमा का हनन नहीं कहा जा सकता: दिल्ली कोर्ट
दिल्ली की एक कोर्ट ने यह देखते हुए कि एक महिला की गरिमा का "सार" (Essence of woman's modesty) उसकी लैंगिकता (Sex) है, कहा कि भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 509 के अर्थ में अपमानजनक या गंदी भाषा का उपयोग को किसी महिला की गरिमा का हनन नहीं माना जा सकता है।तीस हजारी अदालतों के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट देवांशु सजलान ने कहा कि किसी महिला की गरिमा का हनन हुआ है या नहीं, यह पता लगाने का अंतिम परीक्षण यह है कि यह जांच की जाए कि क्या अपराधी की कार्रवाई ने उसकी शालीनता की भावना को झकझोर दिया या नहीं।अदालत...
प्रतिवादी द्वारा विवादित नहीं होने पर ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की वैधता पर न्यायालय स्वत: संज्ञान नहीं ले सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन की वैधता पर सवाल उठाने के लिए अदालत के लिए यह खुला नहीं है कि क्या उक्त मार्क विवादित नहीं है या प्रतिवादी द्वारा मुकदमे में लाया गया है।जस्टिस विभू बाखरू और जस्टिस अमित महाजन की खंडपीठ ने कहा कि व्यापार ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 की धारा 9 रजिस्ट्रेशन के बाद के चरण में किसी भी वैधानिक अवरोध को शामिल नहीं करती। खंडपीठ ने कहा कि ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन की वैधता को मुद्दे में नहीं लाया जाता है, यह सांविधिक धारणा है कि मार्रक वैध हैं। इसे...
धारा 119 साक्ष्य अधिनियम | मद्रास हाईकोर्ट ने मूक-बधिर गवाहों की जांच के लिए सिद्धांत निर्धारित किए
मद्रास हाईकोर्ट ने एक आपराधिक अपील में दिए फैसले में भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 119 के तहत ऐसे गवाहों, जो बोलने में असमर्थ हैं, के परीक्षण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांत निर्धारित किए हैं।उल्लेखनीय है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 119 के अनुसार, यदि कोई गवाह बोल नहीं सकता है, तो वह किसी भी तरीके से साक्ष्य दे सकता है जिससे वह समझने योग्य हो सके, जैसे लिखित या खुले न्यायालय में संकेतों द्वारा, ऐसे साक्ष्य को मौखिक साक्ष्य माना जाएगा।भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 119 के प्रावधान में...
मद्रास हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ कथित तौर पर नारे लगाने वाले 13 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस रद्द किया
मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ कथित तौर पर नारे लगाने वाले 13 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला रद्द किया।जस्टिस जी के इलांथिरैया की पीठ ने पूनमल्ली में न्यायिक मजिस्ट्रेट नंबर II की फाइल पर लंबित आपराधिक मामले की पूरी कार्यवाही को रद्द कर दिया, जो प्रतिवादी पुलिस द्वारा कथित विरोध प्रदर्शन के लिए आईपीसी की धारा 143, 188 और 117 के तहत दर्ज प्राथमिकी से उत्पन्न हुई थी।कार्यवाही को रद्द करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस अधिकारी आईपीसी की धारा 188 के...