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इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर अटॉर्नी जनरल, एडवोकेट जनरल को नोटिस जारी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने भारत के अटॉर्नी जनरल और एडवोकेट जनरल को वक्फ अधिनियम, 1995 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर नोटिस जारी किया है।मामले को 15 दिसंबर 2022 के लिए नए सिरे से सूचीबद्ध किया गया है।चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ आशीष तिवारी और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर विचार कर रही है। याचिका में अदालत से यह घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि वक्फ अधिनियम के तहत जारी एक अधिसूचना, आदेश, निर्णय या नियम...

शिपमेंट वाहन में प्रतिबंधित पदार्थ: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में लॉजिस्टिक कंपनी के कर्मचारियों को राहत दी
शिपमेंट वाहन में प्रतिबंधित पदार्थ: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में लॉजिस्टिक कंपनी के कर्मचारियों को राहत दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने लॉजिस्टिक कंपनी के दो अधिकारियों के खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट)के तहत लंबित कार्यवाही को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि वे इस बात से अनजान थे कि परिवहन वाहन का चालक प्रतिबंधित पदार्थ ले जा रहा है।जस्टिस पी एन देसाई की एकल पीठ ने नाइटको लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक और एमडी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।पीठ ने कहा,"आरोप पत्र सामग्री इन याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप, चालक का बयान, पंचनामा की सामग्री और ऊपर उल्लिखित धाराएं इन...

बैंक कर्मचारियों की ग्रेच्युटी को उनके बकाया लोन के खिलाफ समायोजित नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
बैंक कर्मचारियों की ग्रेच्युटी को उनके बकाया लोन के खिलाफ समायोजित नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि बैंक कर्मचारी को देय ग्रेच्युटी राशि को बैंक द्वारा उसकी बकाया लोन के साथ समायोजित नहीं किया जा सकता।जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल पीठ ने इस प्रकार केनरा बैंक द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, जिसमें अपीलीय प्राधिकारी के आदेश पर सवाल उठाया गया, जिसने कर्मचारी के लोन के लिए ग्रेच्युटी के समायोजन की अनुमति देने वाले नियंत्रक प्राधिकरण के आदेश को रद्द कर दिया था।बेंच ने कहा,"होम लोन लोन के समझौते द्वारा शासित होता है। बैंक को यह तय करना है कि वह उक्त समझौते के अनुसार कार्य...

बांके बिहारी मंदिर
मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर बनाने की योजना: यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high Court) को सूचित किया कि वह भक्तों को सुविधा प्रदान करने के लिए बांके बिहारी मंदिर (मथुरा में) के पास पांच एकड़ भूमि का अधिग्रहण करके एक कॉरिडोर बनाने की योजना बना रही है।बांके बिहारी मंदिर वृंदावन, मथुरा में स्थित है और यह बांके बिहारी को समर्पित है। बांके बिहारी को राधा और कृष्ण का संयुक्त रूप माना जाता है। इस मंदिर की स्थापना स्वामी हरिदास ने की थी।राज्य सरकार की ओर से चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ के समक्ष यह...

जमानत याचिका केवल इसलिए खारिज नहीं की जा सकती, क्योंकि व्यक्ति के खिलाफ उसकी अपराध में प्रथम दृष्टया संलिप्तता दिखाए बिना कई एफआईआर दर्ज की गई है: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
जमानत याचिका केवल इसलिए खारिज नहीं की जा सकती, क्योंकि व्यक्ति के खिलाफ उसकी अपराध में प्रथम दृष्टया संलिप्तता दिखाए बिना कई एफआईआर दर्ज की गई है: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि केवल इसलिए कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं, उसे जमानत की रियायत से इनकार नहीं किया जा सकता है, खासकर जब गैर-जमानती अपराध में उसकी संलिप्तता प्रथम दृष्टया नहीं दिखाई जाती है।जस्टिस संजय धर ने याचिकाकर्ता/आरोपी द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें उसने पुलिस स्टेशन, गंग्याल, जम्मू में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420, 467, 468, 379, 504, 506 के तहत उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर से उत्पन्न...

मद्रास हाईकोर्ट ने आरएसएस मार्च रूट के लिए अनुमति देने के आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिका खारिज की
मद्रास हाईकोर्ट ने आरएसएस मार्च रूट के लिए अनुमति देने के आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिका खारिज की

मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को थोल द्वारा दायर पुनर्विचार आवेदन खारिज कर दिया। विदुथलाई चिरुथिगल काची के नेता थिरुमावलवन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को अपना मार्च रूट आयोजित करने की अनुमति देने वाले अदालत द्वारा पारित 22 सितंबर के आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की।जस्टिस जीके इलांथिरायन की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता रिट याचिकाओं का पक्ष नहीं है और अगर उसे आदेश पर कोई शिकायत है तो वह कानून के लिए ज्ञात तरीके से अपील दायर कर सकता है।याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए आधार केवल इस न्यायालय द्वारा...

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट सीजे अली मोहम्मद माग्रे ने श्रीनगर में नोटिस/समन की ई-सेवा को सक्षम करने के लिए ऐप लॉन्च किया
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट सीजे अली मोहम्मद माग्रे ने श्रीनगर में नोटिस/समन की ई-सेवा को सक्षम करने के लिए ऐप लॉन्च किया

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद जस्टिस अली मोहम्मद माग्रे ने जिला न्यायालय परिसर मुमिनाबाद, श्रीनगर का पहला दौरा किया।चीफ जस्टिस ने भारत के सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति की पहल श्रीनगर जिले के लिए राष्ट्रीय सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रियाओं की ट्रैकिंग (NSTEP) नामक एप्लिकेशन लॉन्च की। इस पहल का उद्देश्य सिविल और आपराधिक दोनों मामलों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सम्मन और नोटिस की प्रभावी सेवा है, जिससे सीआईएस सिस्टम में नोटिस तैयार किया जाएगा और इस तरह के...

अधिकृत अधिकारी को पीएमएलए अधिनियम की धारा 8(4) के तहत संलग्न संपत्ति का कब्जा लेने के लिए अपील अवधि की समाप्ति का इंतजार नहीं करना चाहिए: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
अधिकृत अधिकारी को पीएमएलए अधिनियम की धारा 8(4) के तहत संलग्न संपत्ति का कब्जा लेने के लिए अपील अवधि की समाप्ति का इंतजार नहीं करना चाहिए: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पीएमएलए अधिनियम की धारा 8(4) में स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि एक बार न्यायिक प्राधिकारी द्वारा अनंतिम कुर्की के आदेश की पुष्टि होने के बाद अधिकृत अधिकारी कुर्क की गई संपत्ति पर कब्जा कर सकता है।हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अधिनियम की धारा 8(4) में प्रयुक्त अभिव्यक्ति "तुरंत" अधिनियम की धारा 26 के तहत अपील दायर करने के लिए निर्धारित परिसीमा अवधि की प्रतीक्षा नहीं करने के लिए विधायिका के स्पष्ट इरादे को दर्शाती है।जस्टिस संजीव कुमार ने धन...

उद्धव ठाकरे
बॉम्बे हाईकोर्ट में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की संपत्ति की सीबीआई, ईडी जांच की मांग को लेकर याचिका दायर

बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि और दो बेटों आदित्य और तेजस की संपत्ति की सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की गई।आपराधिक जनहित याचिका गौरी (38) और अभय भिड़े (78) द्वारा दायर की गई, जिनके परिवार ने आपातकाल के दौरान शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के साप्ताहिक को संक्षिप्त रूप से छापा। गौरी ने कहा कि वह "न खाऊंगा न खाने दूंगा" के आदर्श वाक्य से प्रेरित है।जस्टिस संजय गंगापुरवाला और जस्टिस आर एम लड्ढा की पीठ के समक्ष याचिका सूचीबद्ध...

अनुच्छेद 21 के तहत झुग्गीवासियों के आश्रय के अधिकार को डेवलपर द्वारा की गई अचेतन देरी से समाप्त नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
अनुच्छेद 21 के तहत झुग्गीवासियों के आश्रय के अधिकार को डेवलपर द्वारा की गई अचेतन देरी से समाप्त नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत झुग्गीवासियों के आश्रय के अधिकार को डेवलपर द्वारा की गई लापरवाही से हुई देरी से समाप्त नहीं किया जा सकता। स्लम एक्ट की धारा 13 (2) के तहत इसे हटाने का आधार है।अदालत ने इसके साथ ही यश डेवलपर्स द्वारा दायर रिट याचिका खारिज कर दी, जिसमें शीर्ष शिकायत निवारण समिति (AGRC) द्वारा प्रोजेक्ट से उसे हटाने को चुनौती दी गई। इस प्रोजेक्ट में कम से कम 199 झुग्गीवासियों को पारगमन किराए का भुगतान नहीं किया गया और विकास कार्य 18 वर्षों से शुरू नहीं हुआ। स्लम...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
"दोषी की पत्नी, बच्चे उस पर निर्भर": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग के साथ रेप-मर्डर केस में दोषी की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में निचली अदालत द्वारा बलात्कार और हत्या के दोषी को दी गई मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। कोर्ट ने देखा कि 2013 में अपराध के समय दोषी की उम्र 20 वर्ष थी और अभी वह लगभग 29 वर्ष का है। उसकी पत्नी और बच्चे उस पर निर्भर हैं।कोर्ट ने कहा,"अपराध के समय अपराधी/अपीलकर्ता की आयु 20 वर्ष थी। अब उसकी पत्नी और बच्चे उस पर निर्भर हैं। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी ने पूर्व-योजना या पूर्व-विचार के साथ अपराध किया था। वहां रिकॉर्ड पर कोई सबूत नहीं है कि आरोपी के आचरण...

विलफुल डिफॉल्टर्स पर फर्स्ट कमेटी अपने आदेश में इसकी संरचना का उल्लेख करने के लिए बाध्य नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट
विलफुल डिफॉल्टर्स पर फर्स्ट कमेटी अपने आदेश में इसकी संरचना का उल्लेख करने के लिए बाध्य नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट की जस्टिस के लक्ष्मण की बेंच ने कनुमुरु रमा देवी बनाम मेसर्स आरईसी लिमिटेड के मामले में दायर रिट याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि आरबीआई मास्टर सर्कुलर के खंड 3 (ए) के अनुसार विलफुल डिफॉल्टर्स दिनांक 01.07.2015 पर फर्स्ट कमेटी अपने आदेश में इसके गठन और संरचना का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं। इसके अलावा, सीजीएम (कानून) को लोन देने बैंक की ओर से फर्स्ट कमेटी की ओर से हस्ताक्षर करने और आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया जा सकता है।पृष्ठभूमि तथ्यएमएस. इंड भारत पावर (मद्रास)...

ज्ञानवापी एएसआई सर्वे स्टे - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई के डीजी को हलफनामा दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया, 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया
ज्ञानवापी एएसआई सर्वे स्टे - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई के डीजी को हलफनामा दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया, 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष चल रही सुनवाई में, उच्च न्यायालय ने आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक को 10 दिनों में हाईकोर्ट द्वारा मांगे गए व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का अंतिम अवसर दिया।जस्टिस प्रकाश पाड़िया की खंडपीठ ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 1991 से सिविल कोर्ट वाराणसी के समक्ष सिविल सूट लंबित है, उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह जुर्माना कानूनी सेवा समिति, इलाहाबाद में जमा कराने के निर्देश दिए गए।इससे पहले...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
पूर्व में संपत्ति के मुकदमे में शामिल माता-पिता के माध्यम से संपत्ति का दावा करने वाले बच्चों पर रेस ज्यूडिकाटा का सिद्धांत लागू होता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें रेस ज्यूडिकाटा के सिद्धांत का हवाला देते हुए एक बंटवारे के मुकदमे को खारिज कर दिया गया था। वादी ने अपनी मां के माध्यम से संपत्तियों का दावा किया था; हालांकि, उनकी मां द्वारा दायर उन्हीं संपत्तियों के लिए पहले के एक मुकदमे में इस मुद्दे का फैसला किया गया था।जस्टिस एसएम मोदक ने दूसरी अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि निचली अदालतों के निर्णयों में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उन निष्कर्षों में कोई...

Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
धारा 203 सीआरपीसी | आपराधिक कार्यवाही को ड्रॉप करने से पहले अदालत संतुष्ट हो कि शिकायत आपराधिक रंगत की नहीं, पूरी तरह दीवानी है: जेएंडकेएंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि एक आपराधिक शिकायत में कार्यवाही ड्रॉप करने का निर्णय लेने से पहले, न्यायालय को संतुष्ट होना होगा कि शिकायत में शामिल विषय पूरी तरह से दीवानी गलती है और इसकी कोई आपराधिक बनावट नहीं है।जस्टिस संजय धर ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ता ने जम्मू नगर मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी थी, जिन्होंने धारा 203 सीआरपीसी के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए उसकी आपराधिक शिकायत को खारिज कर दिया था। अतिरिक्त...

Ego तीन अक्षरों वाला एक छोटा सा शब्द है जो रिश्तों को बिगाड़ देता हैः मद्रास हाईकोर्ट
'Ego' तीन अक्षरों वाला एक छोटा सा शब्द है जो रिश्तों को बिगाड़ देता हैः मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने एक पत्नी की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कार्पस) याचिका को खारिज करते हुए जोर देकर कहा है कि माता-पिता को बच्चे के कल्याण के लिए अपनी 'ईगो' को छोड़ देना चाहिए। इस महिला ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसके पति ने उनके चार साल के बेटे को अवैध कस्टडी में रखा हुआ है। जस्टिस एस वैद्यनाथन और जस्टिस सी सरवनन ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दी कि बच्चा उसके पति की अवैध कस्टडी में नहीं है। अदालत ने हालांकि, याचिकाकर्ता को उचित फोरम का दरवाजा खटखटाने और बच्चे की कस्टडी...

केरल जेल नियम | पहले फरार हुए दोषियों को पैरोल देने पर कोई पूर्ण रोक नहीं: केरल हाईकोर्ट
केरल जेल नियम | पहले फरार हुए दोषियों को पैरोल देने पर कोई पूर्ण रोक नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि केरल कारागार और सुधार सेवा (प्रबंधन) नियम 2010 के अनुसार दोषी को पैरोल देने में कोई पूर्ण रोक नहीं है, भले ही वह पहले फरार हो गया हो।जस्टिस ज़ियाद रहमान एए ने देखा,"... कारावास का उद्देश्य केवल निवारक प्रभाव पैदा करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य कैदी को भी सुधारना है। अगर याचिकाकर्ता के पति का जेल के अंदर पिछले 11 वर्षों से अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है... तो यह निश्चित रूप से सुधार का संकेत है। इसके अलावा, पैरोल मिलने की संभावना ऐसे कैदी के लिए जेल...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
ऑनलाइन मार्केटप्लेस को आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत दायित्व से छूट: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ्लिपकार्ट को प्रोड्क्ट विसंगति मामले में राहत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के जनादेश को ध्यान में रखते हुए हाल ही में ऑनलाइन मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट को ऐसे मामले के संबंध में राहत दी, जिसमें फ्लिपकार्ट पर लिस्टेड सेलर ने अलग कंपनी प्रोसेसर वाला लैपटॉप ग्राहक को बेचा गया।संदर्भ के लिए आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 कुछ मामलों में बिचौलियों (जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस जैसे फ्लिपकार्ट) के दायित्व से छूट देती है। प्रावधान में कहा गया कि मध्यस्थ किसी थर्ड पार्टी की जानकारी, डेटा या संचार लिंक उपलब्ध कराने या उसके द्वारा होस्ट...

दिल्ली दंगे - पुलिस कर्मियों पर सामने से महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला, क्षेत्र को घेरना पूर्व नियोजित योजना का प्रतीक : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली दंगे - पुलिस कर्मियों पर 'सामने से महिला प्रदर्शनकारियों' द्वारा हमला, क्षेत्र को घेरना पूर्व नियोजित योजना का प्रतीक : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस कर्मियों पर सामने से "महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला करना और अन्य आम लोगों का इसमें शामिल होना और क्षेत्र को दंगे में घेरना एक पूर्व नियोजित योजना का प्रतीक है और प्रथम दृष्टया गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत 'आतंकवादी अधिनियम' की परिभाषा द्वारा कवर किया जाएगा। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने दिल्ली दंगों के बड़े षड्यंत्र मामले में स्टूडेंट एक्टिविस्ट उमर खालिद को जमानत...

पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल ने वकील के आवास पर एनआईए के छापे की निंदा की, एजेंसी के डीजी से मामले की निगरानी करने का अनुरोध किया
पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल ने वकील के आवास पर एनआईए के 'छापे' की निंदा की, एजेंसी के डीजी से मामले की निगरानी करने का अनुरोध किया

बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डायरेक्टर जनरल (डीजी) को पत्र लिखकर डॉ शैली शर्मा, एडवोकेट (एचसीबीए और डीबीए, चंडीगढ़ के सदस्य) के आवास पर की गई अनुचित/अवैध छापेमारी की निंदा की।काउंसिल के अध्यक्ष सुवीर सिद्धू द्वारा लिखे गए पत्र में डीजी से अनुरोध किया गया कि वह इस तरह की कार्रवाइयों की तुरंत निगरानी करें, इस तरह की ज्यादती पर ध्यान दें/उचित कार्रवाई करें और कानूनी बिरादरी के अधिकारों, गरिमा और गौरव को बहाल करें, जिसका कथित रूप से उल्लंघन किया...