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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने, गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने, गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका (पीआईएल) को वापस लेने की शर्त के साथ खारिज की, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को वाराणसी कोर्ट के एएसआई सर्वेक्षण आदेश को प्रभावित किए बिना पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वेक्षण कराए जाने के वाराणसी कोर्ट के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने बरकरार रखा है।जनहित याचिका, जिसमें विवादित स्थल पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई, विश्व वैदिक सनातन...

नितिन देसाई की आत्महत्या का मामला: एडलवाइस ग्रुप के चेयरमैन ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप वाली एफआईआर के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया
नितिन देसाई की आत्महत्या का मामला: एडलवाइस ग्रुप के चेयरमैन ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप वाली एफआईआर के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया

एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज के ग्रुप चेयरमैन और एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के सीईओ ने आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।राशेष शाह एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज के अध्यक्ष हैं और राज कुमार बंसल एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हैं।जस्टिस नितिन साम्ब्रे और जस्टिस आरएन लड्ढा की खंडपीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट अमित देसाई ने मंगलवार को...

जस्टिस सुभासिस तलपात्रा ने उड़ीसा हाईकोर्ट के 33वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
जस्टिस सुभासिस तलपात्रा ने उड़ीसा हाईकोर्ट के 33वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली

उड़ीसा हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुभासिस तालापात्रा ने मंगलवार को अपने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. एस. मुरलीधर की सेवानिवृत्ति के बाद हाईकोर्ट के 33 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल ने शपथ दिलाई। मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस तालापात्रा के नाम की सिफारिश पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी जिसे बाद में केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी ।जस्टिस तालापात्रा का जन्म 4 अक्टूबर 1961 को उदयपुर, त्रिपुरा में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता...

एमवी एक्ट | पॉलिसी शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन साबित होने पर बीमा कंपनी बीमाधारक से मुआवजा वसूल सकती है: केरल हाईकोर्ट
एमवी एक्ट | पॉलिसी शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन साबित होने पर बीमा कंपनी बीमाधारक से मुआवजा वसूल सकती है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में मोटर दुर्घटना में शामिल ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर बीमाधारक (वाहन मालिक) से मुआवजा राशि वसूलने के बीमा कंपनियों के अधिकार को बरकरार रखा है, जब तक कि बीमा कंपनी मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) की धारा 149(2) के तहत अपना बचाव साबित कर देती।जस्टिस सी. जयचंद्रन ने इस बात पर जोर दिया कि बीमाकर्ता को प्रतिपूर्ति के हकदार होने के लिए मालिक द्वारा पॉलिसी शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन स्थापित करना होगा और बीमाधारक लापरवाही का दोषी था और यह सुनिश्चित करने में...

ट्रायल पूरा होने तक केवल प्रीपेड मोबाइल नंबर रखें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की पीछा करने वाले आरोपी के लिए जमानत शर्त
'ट्रायल पूरा होने तक केवल प्रीपेड मोबाइल नंबर रखें': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की 'पीछा' करने वाले आरोपी के लिए जमानत शर्त

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 'स्टॉकिंग' (आईपीसी की धारा 354 डी) के अपराध के आरोपी को जमानत देते हुए हाल ही में उस पर जमानत की शर्त लगाई कि जेल से रिहा होने के 15 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता को ट्रायल पूरा होने तक 'प्रीपेड' सिम/मोबाइल फोन नंबर रखने का निर्देश दिया जाता है।हालांकि, न्यायालय द्वारा लगाया गया प्रतिबंध केवल प्रीपेड सिम [मोबाइल नंबरों] पर है, न कि आरोपी के स्वामित्व वाले पोस्ट-पेड कनेक्शन या लैंडलाइन नंबरों पर।जस्टिस अनूप चितकारा की पीठ ने संबंधित पुलिस इंस्पेक्टर/पुलिस आयुक्त को यह भी...

मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भेजा गया: सीजे मुरलीधर
'मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भेजा गया': सीजे मुरलीधर

उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर दो साल और सात महीने से अधिक समय तक रहे डॉ. जस्टिस एस. मुरलीधर ने सोमवार दोपहर फुल कोर्ट रेफरेंस में भाग लिया, जो उनके सेवानिवृत्ति पर उन्हें विदाई देने के लिए आयोजित किया गया था। उन्होंने उड़ीसा हाईकोर्ट के 32 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य भार संभाला था। मनोनीत मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुभासिस तालापात्रा और न्यायालय के सभी न्यायाधीशों ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।एडवोकेट जनरल अशोक कुमार परिजा ने संस्थान की सेवा करने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले...

उड़ीसा में बेंच और बार के बीच संबंध बेहतर हुए हैं : जस्टिस डॉक्टर एस. मुरलीधर
उड़ीसा में बेंच और बार के बीच संबंध बेहतर हुए हैं : जस्टिस डॉक्टर एस. मुरलीधर

उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. जस्टिस एस. मुरलीधर ने सोमवार सुबह आखिरी बार अपने न्यायालय की अध्यक्षता की, क्योंकि वह सेवानिवृत्ति हो रहे हैं। उन्होंने न्यायालय के नामित मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुभासिस तालापात्रा के साथ बेंच साझा की। सुनवाई के लिए सेरेमोनियल बेंच के समक्ष तीन जनहित याचिकाएं (पीआईएल) सूचीबद्ध की गईं, जिनमें से दो मामले पर्यावरणीय मुद्दों से संबंधित थे और उन्हें वापस लेने की अनुमति दी गई और याचिकाकर्ताओं को इसके बजाय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) से संपर्क करने की...

धारा 498ए आईपीसी | मानसिक क्रूरता मन की एक स्थिति, वैवाहिक मामलों में समान मानक नहीं हो सकते: कलकत्ता हाईकोर्ट
धारा 498ए आईपीसी | मानसिक क्रूरता मन की एक स्थिति, वैवाहिक मामलों में समान मानक नहीं हो सकते: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पति द्वारा अपने जीवनसाथी/शिकायतकर्ता पर मानसिक और शारीरिक क्रूरता के कथित अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति दी थी।जस्टिस शंपा (दत्त) पॉल की एकल पीठ ने कहा, हालांकि इस गवाह ने कहा है कि अपीलकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उस पर हमला किया गया था और उसका खून बह रहा था, लेकिन रिकॉर्ड पर कोई मेडिकल दस्तावेज या चोट की कोई रिपोर्ट नहीं है। मानसिक क्रूरता के प्रश्न पर उस विशेष समाज के वैवाहिक संबंधों के मानदंडों, उनके...

मथुरा की ईदगाह मस्जिद को हटाने, एएसआई द्वारा परिसर की खुदाई की मांग करने वाली 2020 में दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट 23 अगस्त को सुनवाई करेगा
मथुरा की ईदगाह मस्जिद को हटाने, एएसआई द्वारा परिसर की खुदाई की मांग करने वाली 2020 में दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट 23 अगस्त को सुनवाई करेगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट 23 अगस्त को मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद स्थल को कृष्ण जन्म भूमि के रूप में मान्यता देने की मांग वाली एक जनहित याचिका (2020 में स्थानांतरित) पर सुनवाई करेगा। एडवोकेट महक माहेश्वरी द्वारा 2020 में दायर की गई यह जनहित याचिका पहले जनवरी 2021 में डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज कर दी गई थी, हालांकि, मार्च 2022 में इसे बहाल कर दिया गया था।अब आज चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष वीसी सुविधा के माध्यम से याचिकाकर्ता महक माहेश्वरी द्वारा मामले का उल्लेख किया...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के दुरुपयोग की आलोचना की, संपत्ति विवाद पर आपराधिक मामला रद्द किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के दुरुपयोग की आलोचना की, संपत्ति विवाद पर आपराधिक मामला रद्द किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधानों के तहत दो व्यक्तियों के खिलाफ शुरू किए गए अभियोजन को रद्द कर दिया है, जो याचिकाकर्ताओं द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस द्वारा उनके खिलाफ घर में अतिक्रमण और लगातार उत्पीड़न के आरोप में आरोप पत्र दायर करने के तुरंत बाद शिकायतकर्ता द्वारा पंजीकृत किया गया।ज‌स्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने रसिक लाल पटेल और एक अन्य द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए कहा, “यह मामला अधिनियम के प्रावधानों और...

धारा 104 सीपीसी| जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा,  निषेधाज्ञा मामलों में अपीलीय न्यायालय की शक्ति प्रतिबंधित हो गई है
धारा 104 सीपीसी| जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा, निषेधाज्ञा मामलों में अपीलीय न्यायालय की शक्ति प्रतिबंधित हो गई है

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि एक अपीलीय कोर्ट को, केवल इस धारणा पर कि अगर उसने शुरू में मामले पर विचार किया होता तो वह एक अलग निष्कर्ष पर पहुंच सकता था, निषेधाज्ञा आवेदनों में हस्तक्षेप करने और निचली अदालत के फैसले को पलटने में संकोच करना चाहिए। फैसले में इस बात पर जोर दिया गया कि यदि ट्रायल कोर्ट अपने विवेक का उपयोग उचित और विवेकपूर्ण तरीके से करता है, तो अपीलीय अदालत को उसके अधिकार और अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने...

कथित तौर पर राज्य की नीति का उल्लंघन करने वाले स्थानांतरण आदेश को रिट क्षेत्राधिकार में चुनौती नहीं दी जा सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
कथित तौर पर राज्य की नीति का उल्लंघन करने वाले स्थानांतरण आदेश को रिट क्षेत्राधिकार में चुनौती नहीं दी जा सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि राज्य की नीति के उल्लंघन में कथित रूप से पारित किए गए स्थानांतरण आदेश को रिट क्षेत्राधिकार में चुनौती नहीं दी जा सकती क्योंकि इससे कोई वैधानिक अधिकार प्रभावित नहीं होता है। राज्य की नीतियां प्रशासनिक प्रकृति की होती हैं और विधायिका द्वारा बनाए गए वैधानिक कानूनों से अलग होती हैं। जस्टिस जेजे मुनीर ने कहा,“स्थानांतरण वास्तव में सेवा की अनिवार्यता है और संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हमारे रिट क्षेत्राधिकार के प्रयोग में इस न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप केवल तभी स्वीकार्य...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक सांप्रदायिक हिंसा प्रभावित नूंह में तोड़फोड़ पर रोक लगाई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक सांप्रदायिक हिंसा प्रभावित नूंह में तोड़फोड़ पर रोक लगाई

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद चल रहे विध्वंस अभियान पर रोक लगा दी।इस मामले में पीड़ितों की ओर से पेश हुए वकील मोहम्मद अरशद ने लाइव लॉ से बात करते हुए कहा कि जस्टिस गुरुमीत सिंह संधावालिया की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगले आदेश तक विध्वंस पर रोक लगा दी है।आरोप है कि नूंह में कथित अवैध निर्माणों को ढहाने का विध्वंस अभियान 3 अगस्त से ही चल रहा है, और कब्जाधारियों को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई है।अधिकारियों ने कथित...

ट्रायल कोर्ट ने उचित दृष्टिकोण अपनाया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 40 साल पुराने हत्या मामले में तीन को बरी करने का फैसला बरकरार रखा
'ट्रायल कोर्ट ने उचित दृष्टिकोण अपनाया': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 40 साल पुराने हत्या मामले में तीन को बरी करने का फैसला बरकरार रखा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत तीन आरोपियों को बरी करने के फैसले को इस आधार पर बरकरार रखा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले में उचित दृष्टिकोण अपनाया, जो वर्ष 1983 का है।जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस नंद प्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने दोषमुक्ति के आदेश के खिलाफ अपील से निपटने के दौरान अपीलीय अदालत की शक्तियों के सिद्धांतों के संबंध में चंद्रप्पा बनाम कर्नाटक राज्य (2007) और धनपाल और अन्य बनाम राज्य (2009) के मामलों में सुप्रीम...

सीआरपीएफ | टर्मिनेशन ऑर्डर कश्मीर में पाने मात्र से पटना में पारित आदेश के खिलाफ चुनौती सुनने का अधिकार क्षेत्र नहीं मिल जाता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
सीआरपीएफ | टर्मिनेशन ऑर्डर कश्मीर में पाने मात्र से पटना में पारित आदेश के खिलाफ चुनौती सुनने का अधिकार क्षेत्र नहीं मिल जाता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में सीआरपीएफ कर्मी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने पटना स्थित सीआरपीएफ कमांडेंट द्वारा उनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश को चुनौती दी थी। चूंकि उन्हें आदेश कश्मीर में प्राप्त हुआ था, इसलिए उसने आदेश को कश्मीर में चुनौती दी थी। जस्टिस संजय धर की एकल पीठ ने कहा,"मौजूदा मामले में, याचिकाकर्ता को 'भगोड़ा' घोषित करने का आदेश 134 बटालियन सीआरपीएफ, गुलजारबाग पटना, बिहार के कमांडेंट ने पारित किया है। याचिकाकर्ता की...

टेरर फंडिंग मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा
टेरर फंडिंग मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आतंकी फंडिंग मामले में नियमित जमानत के लिए कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की याचिका पर सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जवाब मांगा।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने शाह की अपील पर नोटिस जारी किया, जिसमें विशेष न्यायाधीश द्वारा 7 जुलाई को उनकी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई।शाह की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा कि यह "कोई महत्वपूर्ण मामला नहीं" है और मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा आरोप पत्र पहले ही...

चीफ जस्टिस मुरलीधर ने ओडिशा में 57 और पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया; अपनी सेवानिवृत्ति से पहले 100 पेपरलेस कोर्ट का वादा पूरा किया
चीफ जस्टिस मुरलीधर ने ओडिशा में 57 और पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया; अपनी सेवानिवृत्ति से पहले 100 पेपरलेस कोर्ट का वादा पूरा किया

उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर ने पिछले सप्ताह ओडिशा के विभिन्न जिलों में 57 और पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया। उन्होंने पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) और अन्य बलात्कार मामलों के तहत मामलों से निपटने के लिए कटक, पुरी, जाजपुर और भुवनेश्वर में 4 नव स्थापित फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSCs) को भी समर्पित किया।चीफ जस्टिस ने डिजिटलीकरण, ई-पहल और पेपरलेस कोर्ट पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौजूदा 34 पेपरलेस कोर्ट के अलावा 3 महीने की अवधि के भीतर 100 पेपरलेस कोर्ट स्थापित करने का वादा...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध गिरफ्तारी, सोशल वर्कर्स के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध गिरफ्तारी, सोशल वर्कर्स के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एनजीओ सोशल फोरम ऑन ह्यूमन राइट्स द्वारा दायर उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ 'पुलिस आयुक्त प्रणाली' के तहत शक्तियों के कथित दुरुपयोग को चुनौती दी गई।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को मौखिक रूप से सलाह दी कि सीआरपीसी की धारा 107, 116 और 151 के तहत कार्रवाई का सामना करने वाले व्यक्तियों के पास वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं। इस आशय की...

सुप्रीम कोर्ट जज एडवोकेट जनरल की भर्ती में लैंगिक असंतुलन के संबंध में याचिका पर सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट जज एडवोकेट जनरल की भर्ती में लैंगिक असंतुलन के संबंध में याचिका पर सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट जज एडवोकेट जनरल की भर्ती में लैंगिक असंतुलन के संबंध में याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट जज एडवोकेट जनरल की भर्ती में लैंगिक असंतुलन के संबंध में याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस रिट याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें यह शिकायत उठाई गई थी कि जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) के पदों पर महिलाओं के लिए कम संख्या में रिक्तियां रखी गई हैं। याचिकाकर्ता ने जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) एंट्री स्कीम 31वें कोर्स के लिए 18.01.2023 की अधिसूचना को चुनौती दी, जिसमें लॉ...

बलात्कार का आरोप लगाकर झूठी एफआईआर दर्ज करने की चलन से सख्ती से निपटना होगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
बलात्कार का आरोप लगाकर झूठी एफआईआर दर्ज करने की चलन से सख्ती से निपटना होगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उस महिला पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जिसने स्वीकार किया कि उसने 4 पुरुषों के खिलाफ बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का झूठा आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।न्यायालय ने यह भी कहा कि एफआईआर दर्ज करने और बलात्कार के झूठे गंभीर आरोप लगाने की चलन की अनुमति नहीं दी जा सकती है और इस तरह के चलन से "सख्ती" से निपटना होगा।जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने आगे टिप्पणी की,"आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रथम सूचना...