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सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को सुनने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधान सभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए किए गए परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए कुछ समय के लिए अनुरोध किया।जस्टिस एस के कौल और जस्टिस ए एस ओका की खंडपीठ ने आदेश दिया कि अतिरिक्त दस्तावेज एक सप्ताह के भीतर दाखिल किए जाएं और...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय वायु सेना को 32 सेवानिवृत महिला एसएससीओ को ये मानते हुए एकमुश्त पेंशन लाभ देने के लिए विचार करने को कहा कि उन्होंने 20 साल की सेवा पूरी कर ली है

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए, भारतीय वायु सेना ( आईएएफ) को अपील के वर्तमान बैच में 32 महिला शार्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों (डब्लूएसएससीओएस) पर यह मानते हुए कि उन्होंने 20 साल की सेवा पूरी कर ली है, एकमुश्त पेंशन लाभ देने के लिए विचार करने का निर्देश दिया, जिन्हें दिसंबर, 2006 और दिसंबर, 2009 में सेवा से मुक्त कर दिया गया था और परमानेंट कमीशन (पीसी) के अनुदान के लिए विचार नहीं किया गया था।सुप्रीम कोर्ट द्वारा सचिव, रक्षा मंत्रालय बनाम बबीता...

गैर-सांविधिक अनुबंध से उत्पन्न मामले में राज्य द्वारा कार्रवाई की न्यायिक समीक्षा का दायरा - सुप्रीम कोर्ट ने समझाया
गैर-सांविधिक अनुबंध से उत्पन्न मामले में राज्य द्वारा कार्रवाई की न्यायिक समीक्षा का दायरा - सुप्रीम कोर्ट ने समझाया

बुधवार (16 नवंबर 2022) को दिए गए एक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने गैर-सांविधिक अनुबंध से उत्पन्न मामले में राज्य द्वारा कार्रवाई की न्यायिक समीक्षा के दायरे को समझाया।जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा, एकमात्र तथ्य यह है कि एक अनुबंध के तहत राहत मांगी गई है जो वैधानिक नहीं है, यदि शिकायत करने वाला पक्ष यह स्थापित करने में सक्षम है कि अनुबंध के तहत कार्रवाई या निष्क्रियता की जांच करने के लिए राज्य को अपने आप में अधिकार नहीं होगा/ निष्क्रियता अपने आप में मनमानी है।पीठ ने मध्य...

अमरावती भूमि घोटाला मामले की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- न्यायिक पुनर्विचार की शक्ति और पिछली सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की सरकार की शक्ति की तुलना नहीं की जा सकती
अमरावती भूमि घोटाला मामले की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- न्यायिक पुनर्विचार की शक्ति और पिछली सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की सरकार की शक्ति की तुलना नहीं की जा सकती

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकार के आचरण पर गौर करने की कार्यपालिका की शक्ति की तुलना किसी फैसले पर 'पुनर्विचार' करने की अदालतों की शक्ति से नहीं की जा सकती।खंडपीठ आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा 15 सितंबर, 2020 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आम अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी पर विचार कर रही थी, जिसने अमरावती भूमि सहित भ्रष्टाचार के आरोपों पर पिछली सरकार के आचरण की जांच के सरकार के फैसले पर रोक लगा दी।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने कहा,"हम योग्यता पर नहीं बल्कि...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
यह धारणा बन रही है कि किशोरों के साथ जिस नरमी से व्यवहार किया जा रहा है, वह उन्हें जघन्य अपराधों में लिप्त होने के लिए अधिक प्रोत्साहित कर रहा है : सुप्रीम कोर्ट

हमने यह धारणा बनानी शुरू कर दी है कि सुधार के लक्ष्य के नाम पर किशोरों के साथ जिस नरमी से व्यवहार किया जाता है, वह इस तरह के जघन्य अपराधों में लिप्त होने के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित कर रहा है, सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कठुआ और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द करते हुए कि जिन्होंने माना था कि कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में एक आरोपी किशोर था।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि भारत में किशोर अपराध की बढ़ती दर चिंता का विषय है और इस...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने नास्तिक लोगों सहित सभी को भगवान के नाम पर शपथ दिलाने के खिलाफ वकील की याचिका खारिज की
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने नास्तिक लोगों सहित सभी को भगवान के नाम पर शपथ दिलाने के खिलाफ वकील की याचिका खारिज की

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सोमवार को शपथ अधिनियम, 1969 के तहत भगवान पर विश्वास न करने वालों/ नास्तिक (Non-Believers) सहित सभी के लिए भगवान के नाम पर शपथ लेने के खिलाफ एक वकील की याचिका खारिज कर दी। फज़लुज़्ज़मां मजुमदार ने दावा किया कि उन्हें 'ईश्वर के अस्तित्व में कोई विश्वास नहीं है' और उन्होंने अधिनियम की धारा 6 को चुनौती दी, जो फॉर्म 1 को निर्धारित करती है, जिसमें एक गवाह को ईश्वर के नाम पर शपथ लेने की आवश्यकता होती है।मजूमदार ने कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष, उदार और वैज्ञानिक सोच वाला नागरिक होने के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
परिसीमा अधिनियम की धारा 14 के तहत बाहर की गई अवधि की गणना उस अवधि की गणना के लिए नहीं की जा सकती, जिसके लिए देरी को माफ किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिसीमा अधिनियम की धारा 14 के तहत बाहर की अवधि की गणना उस अवधि की गणना के लिए नहीं किया जा सकता है, जिसके लिए देरी को माफ किया जा सकता है।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि अवधि को बाहर करना अलग है और देरी की माफी के साथ इसकी तुलना नहीं की जा सकती है।इस मामले में अपीलीय उपायुक्त (वाणिज्यिक कर) (एफएसी), विजयवाड़ा ने यह कहते हुए एक अपील खारिज कर दी कि विलंब क्षमा योग्य अवधि से परे है। इस आदेश को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था।हाईकोर्ट ने...

क्या स्ट्रीट डॉग के निजी घर हैं?: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने वाले हाईकोर्ट के प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा
"क्या स्ट्रीट डॉग के निजी घर हैं?": सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने वाले हाईकोर्ट के प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया कि नागपुर में सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) के एक आदेश के अनुपालन में कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह देखते हुए कि आवारा कुत्तों का खतरा कथित रूप से सहनीय स्तर से अधिक बढ़ गया है, हाईकोर्ट ने अक्टूबर में आदेश दिया था कि जो कोई भी आवारा कुत्तों को खिलाने में रुचि रखता है, उसे औपचारिक रूप से कुत्तों को गोद लेना होगा और उन्हें पहले नगरपालिका अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन करना...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर रोक लगाई, जिसमें उसने कहा था कि जो लोग स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाते हैं, वे उन्हें गोद लें

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया कि बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) के उस आदेश के अनुपालन में कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा, जिसमें आवारा कुत्तों को सार्वजनिक रूप से खिलाने पर रोक लगाई गई थी।कोर्ट ने हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर भी रोक लगा दी कि जो लोग आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं उन्हें उन्हें गोद लेना चाहिए। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश में निम्नलिखित टिप्पणियों पर रोक लगा दी,"यदि आवारा कुत्तों के ये तथाकथित दोस्त वास्तव में आवारा कुत्तों के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
आदेश 7 नियम 11 सीपीसी - वाद को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है कि 'वादी मुकदमे में किसी भी राहत का हकदार नहीं है': सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत केवल इस आधार पर एक वाद खारिज नहीं किया जा सकता है कि 'वादी मुकदमे में किसी भी राहत का हकदार नहीं है'।इस मामले में वादी ने प्रतिवादी के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा के लिए एक मुकदमा दायर किया। प्रतिवादी ने सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद की अस्वीकृति की मांग करते हुए एक शिकायत दायर किया और इसे निचली अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शिकायत को पढ़ने से प्रथम दृष्टया वादी के संबंध में की गई कार्रवाई का कारण पता चलता है।हाईकोर्ट के समक्ष...

सुप्रीम कोर्ट के पास ये निर्धारित करने की शक्ति है कि उसके सामने कौन वकालत कर सकता है : एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड को चुनौती देने वाली याचिका रद्द
सुप्रीम कोर्ट के पास ये निर्धारित करने की शक्ति है कि उसके सामने कौन वकालत कर सकता है : एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड को चुनौती देने वाली याचिका रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 145 के साथ पढ़े जाने वाले सुप्रीम कोर्ट रूल्स, 2013 के आदेश IV के तहत एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड्स को नामित करने की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट के पास एडवोकेट्स के एक विशेष वर्ग को नामित करने और कार्य करने और उसके सामने पैरवी करने के लिए विशेष विशेषाधिकार प्रदान करने की शक्ति है।पीठ ने कहा,"[ये नियम] केवल इस आधार पर अमान्य होने की...

सुप्रीम कोर्ट
'पत्नी वैवाहिक जीवन को पुनर्जीवित करना चाहती है': सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498A के तहत पति की सजा बरकरार रखी; लेकिन सजा घटाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आईपीसी की धारा 498ए के तहत दोषी पति पर लगाई गई सजा को कम कर दिया क्योंकि उसकी पत्नी ने कोर्ट के सामने कहा कि वह अपने पति से जुड़ना चाहती है और अपने वैवाहिक जीवन को पुनर्जीवित करना चाहती है।इस मामले में पति को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत दोषी ठहराया गया था। निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी जिसे अपीलीय अदालत ने बरकरार रखा था।उच्च न्यायालय ने अपने पुनरीक्षण क्षेत्राधिकार में सजा के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया, लेकिन मूल सजा को घटाकर छह महीने कर...

सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ रेप केस के आरोपी की मौत की सजा के निष्पादन पर रोक लगाई, उसके मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ रेप केस के आरोपी की मौत की सजा के निष्पादन पर रोक लगाई, उसके मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मौत की सजा पाए दोषी की फांसी पर रोक लगा दी और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के प्रोजेक्ट 39ए के प्रतिनिधि को उसके मनोरोग और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन के लिए पुणे की यरवदा जेल में बंद अपराधी से मिलने की अनुमति दी।चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पर्दीवाला की पीठ ने प्रोजेक्ट 39ए द्वारा दायर आपराधिक विविध याचिका की अनुमति दी, जिसे नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के तत्वावधान में विशेष रूप से मौत की सजायाफ्ता दोषियों को निशुल्क कानूनी प्रतिनिधित्व...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
कठुआ रेप-मर्डर केस : सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी को किशोर घोषित करने वाले आदेश को रद्द किया, वयस्क के रूप में उस पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कठुआ और जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में एक आरोपी किशोर है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि उक्त आरोपी शुभम सांगरा पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने सीजेएम और हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया।जस्टिस पर्दीवाला ने आदेश के ऑपरेटिव...

हेट स्पीच
2014 के बाद से राजनेताओं और सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ हेट स्पीच मामलों में 500% की वृद्धि: याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि साल 2014 के बाद से राजनेताओं और सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ कथित हेट स्पीच (Hate Speech) के मामलों में लगभग 500% की वृद्धि हुई है।मंत्रियों जैसे सार्वजनिक पदाधिकारियों के बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार की सीमा से संबंधित एक मामले में याचिकाकर्ता की ओर से यह निवेदन किया गया था।यह मामला बुलंदशहर बलात्कार की घटना से उपजा है जिसमें राज्य के एक मंत्री आजम खान ने इस घटना को "राजनीतिक साजिश और कुछ नहीं" के रूप में खारिज कर दिया था।याचिकाकर्ता...

भारतीय ओलम्पिक संघ ने जस्टिस नागेश्वर राव द्वारा तैयार किए गए संविधान को अपनाया है : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
भारतीय ओलम्पिक संघ ने जस्टिस नागेश्वर राव द्वारा तैयार किए गए संविधान को अपनाया है : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का बयान दर्ज करके एडवोकेट राहुल मेहरा द्वारा दायर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से संबंधित एक अवमानना याचिका को बंद कर दिया।सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोल्ही और जस्टिस जेबी पर्दीवाला की खंडपीठ के सामने एडवोकेट मेहरा ने मामले का उल्लेख किया। अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया था कि भारतीय ओलंपिक संघ ने सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 10.10.2022 के आदेश का पालन नहीं किया है, जिसमें यह माना गया था कि एक बार जब जस्टिस एल नागेश्वर राव IOA के संविधान का...

गौतम नवलखा
हाउस अरेस्ट के लिए गौतम नवलखा को सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं; सुप्रीम कोर्ट ने कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस शर्त को हटा दिया कि भीमा कोरेगांव मामले में मुंबई जेल में बंद एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को हाउस अरेस्ट का लाभ लेने के लिए सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट लेना होगा।पिछले हफ्ते, अदालत ने नवलखा के स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें हाउस अरेस्ट करने की अनुमति दी थी। हालांकि, कोर्ट ने 2 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने की आवश्यकता सहित कई शर्तें लगाई थीं।सीनियर एडवोकेट नित्या रामकृष्णन और एडवोकेट शादान फरासत ने जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ के...

क्या मंत्रियों, विधायकों, सांसदों सहित सार्वजनिक पदाधिकारियों की बोलने की आजादी पर अधिक प्रतिबंध लगाया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा
क्या मंत्रियों, विधायकों, सांसदों सहित सार्वजनिक पदाधिकारियों की बोलने की आजादी पर अधिक प्रतिबंध लगाया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि क्या अन्य बातों के साथ-साथ मंत्रियों, विधायकों, सांसदों सहित सार्वजनिक पदाधिकारियों द्वारा बोलने की आजादी पर अनुच्छेद 19 (2) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से अधिक प्रतिबंध होना चाहिए।जस्टिस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी ट रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मुद्दे की सुनवाई की। बुलंदशहर की एक बलात्कार पीड़िता के पिता द्वारा दायर रिट याचिका पर 2016 में मामले...

पंचायत शिक्षिका को अपना वेतन लौटाने का निर्देश देने वाली अग्रिम जमानत की शर्त कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के निर्देश को किया खारिज
पंचायत शिक्षिका को अपना वेतन लौटाने का निर्देश देने वाली अग्रिम जमानत की शर्त कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के निर्देश को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट की उस ज़मानत शर्त को रद्द कर दिया, जिसमें एक पंचायत शिक्षक को अग्रिम ज़मानत देते हुए ज़मानत शर्त के तौर पर उसे अपना वेतन वापस करने का निर्देश दिया गया था। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत देते समय ऐसी शर्तें न तो उचित है और न ही ऐसी शर्त लगाए जाने की आवश्यकता है।एक पंचायत शिक्षक दिव्या भारती ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और धारा 120 बी के तहत अपराध के लिए एफआईआर दर्ज होने के बाद पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।...