हाउस अरेस्ट के लिए गौतम नवलखा को सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं; सुप्रीम कोर्ट ने कहा

Brij Nandan

16 Nov 2022 4:38 AM GMT

  • गौतम नवलखा

    गौतम नवलखा

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस शर्त को हटा दिया कि भीमा कोरेगांव मामले में मुंबई जेल में बंद एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को हाउस अरेस्ट का लाभ लेने के लिए सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट लेना होगा।

    पिछले हफ्ते, अदालत ने नवलखा के स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें हाउस अरेस्ट करने की अनुमति दी थी। हालांकि, कोर्ट ने 2 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने की आवश्यकता सहित कई शर्तें लगाई थीं।

    सीनियर एडवोकेट नित्या रामकृष्णन और एडवोकेट शादान फरासत ने जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि ज़मानत प्रदान करने के संबंध में सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट में कम से कम छह सप्ताह का समय लगेगा।

    पीठ ने कहा,

    ''प्रतिवेदन और परिस्थितियों पर विचार करते हुए, हम याचिकाकर्ता (नवलखा) के लिए 10 नवंबर, 2022 के हमारे आदेश का लाभ उठाने के लिए सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता को माफ करना उचित समझते हैं। यह उसी के अनुसार आदेश दिया जाता है।''

    न्यायालय ने आगे आदेश दिया कि अन्य पर्याप्त प्रमाण जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड और पैन कार्ड प्रदान किए गए हैं, इसलिए ट्रायल कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के लाभ के लिए पहचान के अतिरिक्त प्रमाण के रूप में राशन कार्ड पर जोर नहीं देना चाहिए।

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




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