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‘ये तय करना कोर्ट का काम नहीं’: सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-वसीयत के लिए समान कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर कहा
‘ये तय करना कोर्ट का काम नहीं’: सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-वसीयत के लिए समान कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारतीय नागरिकों के लिए तलाक, भरण-पोषण और गुजारा भत्ता के लिए एक समान कानून बनाने की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं के चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।याचिका को सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।शुरुआत में, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने याचिकाओं उठाई गई कुछ प्रार्थनाओं पर आपत्ति जताई।उन्होंने कहा,"क्या यौर लॉर्डशिप के सामने ऐसी प्रार्थना की जा सकती है? यह सरकार को तय करना है कि वे क्या करना...

सुप्रीम कोर्ट ने पुरी जगन्नाथ मंदिर के पास 500 साल पुराने सिख मठ के विध्वंस से जुड़ी अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने पुरी जगन्नाथ मंदिर के पास 500 साल पुराने सिख मठ के विध्वंस से जुड़ी अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ओडिशा में पुरी जगन्नाथ मंदिर के पास सदियों पुराने मंगू मठ के विध्वंस से संबंधित एक मामले में अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया। इस मठ को लेकर माना जाता है कि 500 साल पहले गुरु नानक यहां आए थे।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने ये देखते हुए अवमानना शुरू नहीं किया कि अदालत के आदेश की कोई "अवज्ञा" नहीं हुई है।बेंच ने कहा,"याचिकाकर्ताओं के वकील को सुनने और आवेदन में दिए गए कथनों पर विचार करने के बाद, हमें कोई अवमानना कार्यवाही शुरू करने...

चुनाव हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के बारे में झूठी जानकारी देना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भ्रष्ट आचरण नहीं: सुप्रीम कोर्ट
चुनाव हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के बारे में झूठी जानकारी देना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 'भ्रष्ट आचरण' नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि भारत में कोई भी शैक्षिक योग्यता के आधार पर वोट नहीं देता है और इसलिए चुनाव उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी प्रदान करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(4) और धारा 123 (2) के तहत 'भ्रष्ट आचरण' नहीं कहा जा सकता है।जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना पूर्व आईएनवीसी विधायक अनुग्रह नारायण सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि...

UPSC सिविल सेवा परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त प्रयास की मांग संबंधी याचिका खारिज की, कहा- सरकार को फैसला लेने दें
UPSC सिविल सेवा परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त प्रयास की मांग संबंधी याचिका खारिज की, कहा- 'सरकार को फैसला लेने दें'

सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को पास करने के लिए क्षतिपूर्ति प्रयास के लिए सिविल सेवा के उम्मीदवारों की याचिका खारिज कर दी।प्रारंभिक परीक्षा इस साल मई में होने वाली है, जबकि मुख्य परीक्षा सितंबर में आयोजित की जाएगी।याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि COVID-19 महामारी के कारण, उम्मीदवार जो उस अवधि में पात्र थे, अब या तो अनुमत प्रयासों की कुल संख्या समाप्‍त होने के कारण या आयु-वर्जित होने के कारण, अयोग्य हो गए हैं।याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया, “असंख्य UPSC CSE 2020...

महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, कहा- फैसला संसद को करना है
महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, कहा- फैसला संसद को करना है

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय द्वारा पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की एक समान उम्र की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, ज‌स्टिस पीएस नरसिम्हा और ज‌स्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि पुरुषों (21 वर्ष) और महिलाओं (18 वर्ष) के लिए विवाह की उम्र के बीच का अंतर मनमाना है, और संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन है।उपाध्याय ने महिलाओं के लिए विवाह की उम्र बढ़ाकर 21...

 चुनाव आयोग ने पक्षपात तरीके से काम किया : एकनाथ शिंदे गुट को मान्यता देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे ने कहा
" चुनाव आयोग ने पक्षपात तरीके से काम किया" : एकनाथ शिंदे गुट को मान्यता देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे ने कहा

महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में एक और घटनाक्रम में उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए भारत के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता दी है। भारत के चुनाव आयोग द्वारा पारित 17 फरवरी 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा किया गया और इसे 21 फरवरी को संविधान पीठ के समक्ष चल रहे मामलों के साथ सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था।...

हम यहां संवैधानिक कर्तव्य निभाने के लिए हैं, न कि किसी को खुश करने के लिए : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
'हम यहां संवैधानिक कर्तव्य निभाने के लिए हैं, न कि किसी को खुश करने के लिए : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने पीआईएल याचिकाकर्ता एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय से पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की एक समान उम्र की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा,"हम यहां एक संवैधानिक कर्तव्य निभाने के लिए हैं और आपको या किसी को खुश करने के लिए नहीं हैं।"उपाध्याय की एक टिप्पणी से सीजेआई नाराज हुए। उपाध्याय ने कहा था,"इसे सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने का क्या मतलब था?"। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित याचिका को ट्रांसफर कर दिया था।इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सीजेआई...

करियर के अंत में कर्मचारी जन्मतिथि में बदलाव की मांग नहीं कर सकता : सुप्रीम कोर्ट
करियर के अंत में कर्मचारी जन्मतिथि में बदलाव की मांग नहीं कर सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि कर्मचारी करियर के अंत में सेवा रिकॉर्ड में जन्मतिथि में बदलाव की मांग नहीं कर सकता।जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा दायर उस विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कर्मचारी की जन्मतिथि में बदलाव की अनुमति दी गई थी।यह देखते हुए कि "यह सच है कि जन्मतिथि में बदलाव के लिए कोई भी अनुरोध लंबी देरी के बाद और विशेष रूप से किसी कर्मचारी के करियर के अंत में नहीं...

हेट स्पीच केस- हिंदू युवा वाहिनी के कार्यक्रम की जांच अंतिम चरण में है, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
हेट स्पीच केस- हिंदू युवा वाहिनी के कार्यक्रम की जांच अंतिम चरण में है, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि दिसंबर 2021 में दिल्ली में सुदर्शन न्यूज टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके के नेतृत्व में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी कार्यक्रम में हेट स्पीच मामले की जांच अंतिम चरण में है।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ को बताया,"जांच अंतिम चरण में है। फोरेंसिक लैब से वाइस सैंपल की रिपोर्ट आने की जरूरत है।"जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच एक्टिविस्ट तुषार गांधी द्वारा दायर...

गोधरा ट्रेन अग्निकांड के दोषी राज्य की नीति के अनुसार समय से पहले रिहाई के पात्र नहीं: गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
गोधरा ट्रेन अग्निकांड के दोषी राज्य की नीति के अनुसार समय से पहले रिहाई के पात्र नहीं: गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को 2002 के गोधरा ट्रेन आगजनी मामले में दोषियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर विचार किया।यह मामला भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।गुजरात राज्य के लिए अपील करते हुए, भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि राज्य अपराध की गंभीरता को देखते हुए मामलों को "दुर्लभतम" माना जाएगा।उन्होंने ये भी कहा कि दोषियों के मामलों को गुजरात राज्य की नीति के तहत समय से पहले...

उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे को आधिकारिक 'शिवसेना' के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को आधिकारिक 'शिवसेना (Shiv Sena)' के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है।सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख किया, इसे कल संविधान पीठ के समक्ष चल रहे मामलों के साथ सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।हालांकि, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सिंघवी के उल्लेख की अनुमति नहीं दी, क्योंकि मामला आज की उल्लेख सूची में शामिल नहीं था।सीजेआई ने...

अदानी- हिंडनबर्ग: सुप्रीम कोर्ट ने फोर्ब्स की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार किया
अदानी- हिंडनबर्ग: सुप्रीम कोर्ट ने फोर्ब्स की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में फोर्ब्स द्वारा गौतम अडानी ग्रुप के शेयर सौदों के बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार कर दिया।17 फरवरी को, भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच ने भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक उपायों की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश सुरक्षित रखा था।आज याचिकाकर्ताओं में से एक डॉ. जया ठाकुर के वकील एडवोकेट वरुण ठाकुर ने बेंच से फोर्ब्स की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसे बाद...

कॉलेजियम के पास सचिवालय और उम्मीदवार बैंक हो : एससी की पूर्व जज इंदिरा बनर्जी ने सुधार के सुझाव दिए
कॉलेजियम के पास सचिवालय और उम्मीदवार बैंक हो : एससी की पूर्व जज इंदिरा बनर्जी ने सुधार के सुझाव दिए

कॉलेजियम में स्थायी सचिवालय होना चाहिए, उम्मीदवारों का बैंक होना चाहिए : जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने सुधार के लिए सुझाव दियेसुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश, इंदिरा बनर्जी ने कहा कि न्यायाधीशों को संवैधानिक न्यायालयों में नियुक्ति या पदोन्नति के लिए न्यायाधीशों या संभावित न्यायाधीशों को नामांकित करने जैसे प्रशासनिक कर्तव्यों का निर्वहन करते समय भी, भय, पक्षपात, स्नेह या दुर्भावना के बिना अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपनी शपथ को याद रखना चाहिए।जस्टिस बनर्जी ने याद किया,"जस्टिस रूमा पाल, जो कुछ...

हत्या का ट्रायल - एक बार अभियोजन पक्ष ने आखिरी बार देखे जाने के सिद्धांत को स्थापित कर दिया तो आरोपी इसका स्पष्टीकरण देने को बाध्य है : सुप्रीम कोर्ट
हत्या का ट्रायल - एक बार अभियोजन पक्ष ने "आखिरी बार देखे जाने के सिद्धांत" को स्थापित कर दिया तो आरोपी इसका स्पष्टीकरण देने को बाध्य है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में दिए गए एक फैसले में हत्या के मामलों में "आखिरी बार देखे जाने के सिद्धांत" के आवेदन पर उल्लेखनीय चर्चा हुई है। हत्या के मामले में एक अभियुक्त की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए, अदालत ने स्पष्ट किया कि एक बार अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया कि पीड़िता को आखिरी बार आरोपी के साथ देखा गया था, तो आरोपी को इसका स्पष्टीकरण देना होगा।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की एक पीठ ने कहा, "एक बार अभियोजन पक्ष द्वारा "आखिरी बार साथ देखे जाने" का सिद्धांत स्थापित हो...

बार एसोसिएशन लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम में बाधा डाल रही है : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
'बार एसोसिएशन लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम में बाधा डाल रही है' : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

राजस्थान के भरतपुर में स्थानीय 'बार एसोसिएशन कमेटी' और 'बार संघर्ष समिति' के नेतृत्व में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की 'कानूनी सहायता रक्षा परामर्श योजना' के खिलाफ हड़ताल के बीच, जिले के कई जन रक्षकों ने आरोप लगाया है कि जिला बार एसोसिएशन और इसके पदाधिकारी गैर-कानूनी तरीके से उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोक रहे हैं।एक याचिका में जिसका उल्लेख शुक्रवार को चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष किया गया। इसमें वकीलों ने कहा,"याचिकाकर्ता, जो विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत बचाव पक्ष के...

कॉलेजियम प्रस्तावों पर निष्क्रियता के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराना महत्वपूर्ण : पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर
कॉलेजियम प्रस्तावों पर निष्क्रियता के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराना महत्वपूर्ण : पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर

कैम्पेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (सीजेएआर) द्वारा शनिवार को आयोजित सेमिनार ऑन ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स एंड रिफॉर्म्स में एक पारदर्शी और जवाबदेह कॉलेजियम बनाने के मुद्दे पर बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर ने न्यायिक नियुक्ति की प्रक्रिया में अपनी भूमिका के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराने पर अपनी राय रखी। उन्होंने संकेत दिया कि हालांकि कॉलेजियम सार्वजनिक जांच से परे नहीं है, लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया में देरी करने की सरकार की प्रवृत्ति पर भी ध्यान देना चाहिए। ...

कॉलेजियम वास्तविक और ईमानदार आधार पर अपनी सिफारिश पर पुनर्विचार कर सकता है: सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी
कॉलेजियम वास्तविक और ईमानदार आधार पर अपनी सिफारिश पर पुनर्विचार कर सकता है: सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि रिकॉर्ड पर सामग्री के आधार पर निर्णय की शुद्धता के बारे में संदेह होने पर कॉलेजियम की सिफारिशों पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि सिफारिश पर कॉलेजियम द्वारा पुनर्विचार क्यों नहीं किया जा सकता, बशर्ते इस तरह के पुनर्विचार के आधार ईमानदार और वास्तविक हों।"यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में जस्टिस विक्टोरिया गौरी को पदोन्नत करने...

यदि जज रिटायरमेंट के बाद की नियुक्तियों की तलाश करते हैं तो हमारे पास स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं हो सकती : जस्टिस दीपक गुप्ता
यदि जज रिटायरमेंट के बाद की नियुक्तियों की तलाश करते हैं तो हमारे पास स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं हो सकती : जस्टिस दीपक गुप्ता

कैम्पेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) द्वारा आयोजित सेमिनार ऑन ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स एंड रिफॉर्म्स में एक पारदर्शी और जवाबदेह कॉलेजियम बनाने के मुद्दे पर शनिवार को बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद के लाभों से न्यायिक स्वतंत्रता से समझौता करने पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा - "रिटायरमेंट के बाद कोई लाभ नहीं होना चाहिए। यदि इस तरह के लाभ हैं तो हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं हो सकती। यदि...

धर्मांतरण मामला: कुलपति शुआट्स की अग्रिम जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
धर्मांतरण मामला: कुलपति 'शुआट्स' की अग्रिम जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामूहिक धर्मांतरण मामले में सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (पूर्व में इलाहाबाद कृषि संस्थान) के कुलपति (डॉ) राजेंद्र बिहारी लाल द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।फैसला सुनाए जाने तक उन्हें दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण देते हुए जस्टिस मंजू रानी चौहान की खंडपीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।इस मामले में एफआईआर पिछले साल अप्रैल में हिमांशु दीक्षित द्वारा दायर की गई शिकायत पर दर्ज की गई थी...