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सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 323 सहपठित धारा 34 के तहत दोषसिद्धि खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आईपीसी की धारा 34 (संयुक्त दायित्व) सहपठित धारा 323 के तहत दोषसिद्धि को इस आधार पर रद्द कर दिया कि अपीलकर्ताओं ने स्वयं ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिसके लिए उन्हें घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके। मामला एक महिला की पीट-पीट कर हत्या से जुड़ा है. हालांकि अपराध में अपीलकर्ताओं द्वारा निभाई गई विशिष्ट भूमिका साबित नहीं हुई। जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट और जस्टिस अरविंद कुमार की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, "घटना में अपीलकर्ताओं की भागीदारी की ओर इशारा करने वाली किसी भी...
'कानूनी बिरादरी को अदालत की उचित सहायता करनी चाहिए': सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने सिनोप्सिस दाखिल न करने पर वकील पर नाराजगी व्यक्त की
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल ने गुरुवार को नाराजगी व्यक्त की क्योंकि एक वकील अंतिम सुनवाई के मामले में लिखित सिनोप्सिस दाखिल करने में विफल रहा, जबकि काज़ लिस्ट में यह निर्धारित था। जस्टिस कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ एनसीएलएटी के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस कौन ने सुनवाई के दौरान वकील से पूछा, “ नोट/सिनोप्सिस कहां है? वकील ने न्यायाधीश को बताया कि उन्हें अभी तक इसे दाखिल नहीं करना है।जस्टिस कौल ने सिनोप्सिस दाखिल न होने से नाराज वकील...
कामगार मुआवजा अधिनियम | पूर्ण विकलांगता का दावा करने के लिए शारीरिक विकलांगता नहीं, कार्यात्मक विकलांगता निर्णायक कारक: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने श्रमिक मुआवजा अधिनियम 1923 के तहत एक घायल मजदूर को मुआवजा बढ़ाते हुए दोहराया कि कार्यात्मक विकलांगता निर्धारण कारक है, न कि शारीरिक विकलांगता। पीड़िता एक मजदूर थी, जब एक खंभा उसकी बायीं बांह पर गिर गया और उसकी नसों को नुकसान पहुंचा, जिसके कारण उसने अपनी बांह की पकड़ खो दी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विकलांगता का आकलन 40% किया। हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसे "पूर्ण विकलांगता" माना जाना चाहिए क्योंकि दावेदार वह काम नहीं कर सकती जो वह पहले कर रही...
सुप्रीम कोर्ट ने 36 साल पुराने हत्या मामले में तीन पुलिसकर्मियों की बरी को बरकरार रखा, सीबीआई की अपील खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें गश्त के दौरान हत्या के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 378 (3) के तहत अपील करने की इजाजत मांगने वाली सीबीआई की अर्जी खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने इस आधार पर फैसले को बरकरार रखा कि जो परिस्थितियां पाई गईं, वे पूरी श्रृंखला नहीं बनाती हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि सभी मानवीय संभावनाओं में यह आरोपी व्यक्ति ही थे, जिन्होंने अपराध किया था। जस्टिस बीवी नागरत्ना...
'बेहद दुख, हिंसा के साधन के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल अस्वीकार्य': सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस भयावह वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने और राज्य में जातीय संघर्ष के बीच यौन हिंसा का शिकार होते दिखाया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह अपराधियों को कानून के दायरे में लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी कोर्ट को दे।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उपस्थिति की मांग की।सीजेआई ने जब कोर्ट इकट्ठा हुआ तो एजी और एसजी को संबोधित करते हुए...
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण मामले की सुनवाई के लिए ओबीसी/अनारक्षित श्रेणी के न्यायाधीशों के बिना 'तटस्थ पीठ' की मांग करने वाले वादी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसने ओबीसी और अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों द्वारा दायर सार्वजनिक सेवा में आरक्षण में वृद्धि से संबंधित मामले की सुनवाई के लिए ऐसे न्यायाधीशों के साथ 'विशेष तटस्थ पीठ' के गठन की मांग की, जो न तो ओबीसी से हैं और न ही अनारक्षित श्रेणी से।मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की गई, जिसने विशेष पीठ के गठन के लिए दायर आवेदन को अनुमति देने से इनकार कर दिया।जस्टिस हृषिकेश...
क्या चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद "खेल के नियम" बदले जा सकते हैं ? सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मंगलवार (18 जुलाई) को उन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिनमें यह मुद्दा उठाया गया था कि क्या पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद "खेल के नियम" बदले जा सकते हैं। पीठ में भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे।पीठ ने 12 जुलाई, 2023 को मामले की सुनवाई शुरू की थी। विभिन्न राज्यों में जिला न्यायाधीशों के चयन के साथ-साथ अनुवादकों आदि सहित हाईकोर्ट के...
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया पर शिक्षकों को केंद्र को प्रतिनिधित्व देने की अनुमति दी
National Award For Teachersसुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 10 अलग-अलग राज्यों के शिक्षकों को अपने प्रतिनिधित्व के साथ केंद्र से संपर्क करने की अनुमति दी जिन्होंने संयुक्त रूप से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 2018 में जारी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए संशोधित चयन प्रक्रिया को "अपारदर्शी और भेदभावपूर्ण" बताते हुए चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी।न्यायालय ने केंद्र की इस दलील पर ध्यान दिया कि पुरस्कार के लिए मानदंड नीति का मामला था।जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ...
तीस्ता शीतलवाड केस| " 24 घंटे में आपने क्या जांच की ? राज्य 20 साल से क्या कर रहा था ? " : गुजरात पुलिस से सुप्रीम कोर्ट के सवाल
Teesta Setalvad Caseएक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने न केवल सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी, बल्कि जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई के दौरान कई तीखे और गंभीर सवाल भी पूछे।यहां सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण सवालों का संकलन है, जिसके कारण अंततः तीस्ता को जमानत देने से इनकार करने वाले गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया गया।हम आदेश के एक हिस्से को...
दुर्घटनावश गोलीबारी से मौत : सुप्रीम कोर्ट ने पुलिसकर्मी की आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा को धारा 304 में बदला
Death By Accidental Firing caseसुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दुर्घटनावश गोलीबारी के कारण एक कांस्टेबल की मौत से संबंधित मामले में दिल्ली पुलिस के एक गार्ड की सजा को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) को धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) में बदल दिया। सेमी-ऑटोमैटिक हथियार से लैस अपीलकर्ता मृतक कांस्टेबल को फोन बंद करने के लिए कह रहा था, तभी हाथापाई के कारण ये दुखद घटना हुई।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही यह मान लिया जाए कि सेमी-ऑटोमैटिक हथियार पिस्तौल सुरक्षा स्थिति में नहीं थी, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि...
सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड को जमानत दी, गुजरात हाईकोर्ट की टिप्पणियों को 'विकृत', 'विरोधाभासी' बताया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2002 के दंगों के मामलों में कथित तौर पर सबूतों को गढ़ने के गुजरात पुलिस मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवा को नियमित जमानत दे दी। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया। पीठ ने फैसले में यह माना कि हाईकोर्ट की टिप्पणियां "विकृत" और "विरोधाभासी" थीं।हाईकोर्ट की ओर से लिए गए विरोधाभासी दृष्टिकोण पर पीठ ने कहा, "हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि विद्वान जज की ओर से पारित आदेश एक...
विवेकानन्द रेड्डी हत्याकांड | सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से आरोपपत्र पेश करने को कहा; आत्मसमर्पण आदेश के खिलाफ टी गंगा रेड्डी की याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा लोकसभा सदस्य वाईएस अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली सुनीता नारेड्डी की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को आरोप पत्र की एक प्रति, साथ ही आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या से संबंधित मूल मामले की फाइलों को एक सीलबंद कवर में दाखिल करने का भी निर्देश दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ विवेकानंद रेड्डी...
'पत्रकार होने का मतलब ये नहीं है कि आपके पास कानून अपने हाथ में लेने का लाइसेंस है': सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्रकार या रिपोर्टर होने का मतलब ये नहीं है कि आपके पास कानून अपने हाथ में लेने का लाइसेंस है। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी एक पत्रकार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की।दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक पत्रकार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था।पहले पूरा मामला समझ लेते हैं।आरोपी पत्रकार एक नवजात बच्चे की अवैध बिक्री और खरीद से जुड़े रैकेट का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन बाद में उस पर खबर दबाने के...
POCSO पीड़िता की आयु निर्धारित करने के लिए स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं किया जा सकता; सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को बरी किया
POCSO Case- सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पॉक्सो से जुड़ा एक केस आया। कोर्ट ने आरोपी को बरी करने का आदेश दिया और कहा- POCSO मामलों में पीड़िता की उम्र निर्धारित करने के लिए स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट और एडमिशन रजिस्टर पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने कहा कि जब भी किसी पॉक्सो मामले में पीड़िता की उम्र को लेकर विवाद हो, तो ऐसे में कोर्ट को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की दारा 94 में बताए गए कदमों पर विचार करना चाहिए।आगे कहा,“जुवेनाइल जस्टिस एक्ट...
लाइफ मिशन मामला: ईडी के जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एम शिवशंकर की जमानत याचिका दो सप्ताह के लिए स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय को केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर की चिकित्सा आधार पर जमानत की मांग वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।शिवशंकर ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर लाइफ मिशन भ्रष्टाचार मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। LIFE (आजीविका, समावेशन और वित्तीय सशक्तिकरण) मिशन परियोजना बेघरों के लिए केरल सरकार द्वारा शुरू की गई एक आवास परियोजना है। जब मामला...
सुप्रीम कोर्ट मटेरियल रेप एक्सेप्शन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत
Martial Rape Exception caseसुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 375 के अपवाद 2 की संवैधानिक वैधता से संबंधित याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जो बलात्कार के अपराध से गैर-सहमति वाले वैवाहिक यौन संबंध को छूट प्रदान करती है।याचिकाओं के समूह को 9 मई, 2023 को सूचीबद्ध किया जाना था, क्योंकि जस्टिस पारदीवाला की अनुपस्थिति के कारण 21 मार्च, 2023 को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ द्वारा इसकी सुनवाई नहीं की जा...
सुप्रीम कोर्ट ने असम में कथित फर्जी मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
Fake Encounters In Assam caseसुप्रीम कोर्ट ने असम में कथित फर्जी मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली 2021 में दायर जनहित याचिका पर विचार करने से गुवाहाटी हाईकोर्ट के इनकार के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया।जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने कहा,“नोटिस जारी करें। राज्य के सरकारी वकील के माध्यम से भी नोटिस दिया जाए।”याचिकाकर्ता का दावा है कि जनहित याचिका को उसके सामने रखे गए तथ्यों और सामग्रियों के बावजूद "बिना किसी ठोस निर्देश" के निपटा दिया गया।खुद को असम का...
केंद्र सरकार के औद्योगिक न्यायाधिकरणों में रिक्तियां 31 अगस्त तक भरें: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को केंद्र सरकार के औद्योगिक न्यायाधिकरणों की रिक्त सीटों पर न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया 31 अगस्त, 2023 से पहले पूरी करने का निर्देश दिया।ये निर्देश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पारित किया।मामले में याचिकाकर्ता, लेबर लॉ एसोसिएशन ने प्रस्तुत किया कि केंद्र सरकार के औद्योगिक न्यायाधिकरणों की 22 में से 9 बेंच खाली हैं और 3 और जल्द ही 2023 में खाली होने वाली है। इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले निर्देश दिया...
'असहमतिपूर्ण भाषण को हमेशा साजिश के लक्षण के रूप में देखा जाता है': अखिल गोगोई ने राजद्रोह और इसी तरह के अपराधों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
Akhil Gogoi Moves Supreme Court Challenging Sedition and Similar Offencesअसमिया कार्यकर्ता से नेता बने अखिल गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की, जिसमें भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 124 ए के साथ-साथ संबंधित अपराधों में शामिल राजद्रोह के अपराध की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई, जो राजद्रोह के समान तर्क का उपयोग करते हैं। चूंकि उनमें समान सामग्री शामिल होती है।"याचिकाकर्ता राज्य विधानसभा में असम के सिबसागर का प्रतिनिधित्व करने वाला स्वतंत्र विधायक और रायजोर दल का अध्यक्ष है।...
सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों के खिलाफ ईडी जांच पर रोक लगाई
ED Probe Against Chhattisgarh Government Officersसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा कि वह छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के संबंध में यश टुटेजा के खिलाफ जांच आगे न बढ़ाएं। यश आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा का बेटा है, जिसे ईडी ने छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध आपूर्ति के सिंडिकेट के सरगना के रूप में पहचाना है।सुप्रीम कोर्ट ने पहले एजेंसी को यश टुटेजा के खिलाफ कोई भी कठोर कदम उठाने से परहेज करने का निर्देश दिया।अदालत ने आदेश में दर्ज किया,"किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के पहले ही पारित आदेश के...