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सुप्रीम कोर्ट इतिहास में पहली सात-न्यायाधीशों की बेंच लाइव-स्ट्रीम के लिए तैयार
सुप्रीम कोर्ट इतिहास में पहली सात-न्यायाधीशों की बेंच लाइव-स्ट्रीम के लिए तैयार

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ बुधवार (4 अक्टूबर) को 1998 के पीवी नरसिम्हा राव फैसले के संदर्भ पर सुनवाई शुरू करेगी, जिसे पिछले महीने सात न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ ( सीता सोरेन बनाम भारत संघ) को भेजा गया था। पीठ में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल होंगे। पीवी नरसिम्हा मामले में शीर्ष अदालत की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने माना कि संविधान के अनुच्छेद 105 ...

ईडी पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा- प्रतिशोधी न बने, गिरफ्तारी के समय आरोपी को गिरफ्तारी का आधार लिखित रूप में दें
ईडी पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा- प्रतिशोधी न बने, गिरफ्तारी के समय आरोपी को गिरफ्तारी का आधार लिखित रूप में दें

मंगलवार (3 अक्टूबर) को सुनाए गए महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को गिरफ्तारी के समय आरोपी को गिरफ्तारी का आधार लिखित रूप में बताना चाहिए।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने इसके साथ ही रियल एस्टेट समूह एम3एम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज बंसल और बसंत बंसल की गिरफ्तारी को रद्द करते हुए उक्त फैसला सुनाया।खंडपीठ ने कहा,"हम मानते हैं कि अब से यह आवश्यक होगा कि गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के लिखित आधार की कॉपी निश्चित रूप से और बिना...

क्या अदालत फैक्ट फाइंडिंग कोर्ट के रूप में जाति के दावों पर निर्णय ले सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने संदेह व्यक्त किया
क्या अदालत फैक्ट फाइंडिंग कोर्ट के रूप में जाति के दावों पर निर्णय ले सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने संदेह व्यक्त किया

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को इस प्रस्ताव पर संदेह व्यक्त किया कि वह फैक्ट-फाइंडिंग कोर्ट के रूप में जाति के दावों पर फैसला कर सकता है। न्यायालय जाति के दावों (महाराष्ट्र आदिवासी ठाकुर जमात स्वरक्षा समिति बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य) का सवाल उठाने वाली अपीलों के समूह में आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहा था।इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच ने हाल ही में माना कि जाति/जनजाति के दावे की सत्यता निर्धारित करने के लिए 'एफिनिटी टेस्ट' अनिवार्य हिस्सा नहीं है।जब...

जमानत की यह शर्त कि अभियुक्त को पुलिस के साथ Google लोकेशन शेयर करना चाहिए, प्रथम दृष्टया निजता के अधिकार का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट
जमानत की यह शर्त कि अभियुक्त को पुलिस के साथ Google लोकेशन शेयर करना चाहिए, प्रथम दृष्टया निजता के अधिकार का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मौखिक रूप से कहा कि जमानत की अवधि में किसी आरोपी को अपने मोबाइल फोन से अपनी गूगल पिन लोकेशन संबंधित जांच अधिकारी को बताने की जमानत की शर्त लगाना प्रथम दृष्टया उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मिथल की खंडपीठ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की चुनौती पर सुनवाई कर रही थी, जिसने बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड (एसबीएफएल) के आंतरिक लेखा परीक्षक को जमानत दे दी थी।अदालत ने इस...

विशेषज्ञ ने कहा, अतीक अहमद के बच्चे बाल सुधार गृह में नहीं रहना चाहते, सुप्रीम कोर्ट ने सीडब्ल्यूसी से उनकी रिहाई पर निर्णय लेने को कहा
विशेषज्ञ ने कहा, अतीक अहमद के बच्चे बाल सुधार गृह में नहीं रहना चाहते, सुप्रीम कोर्ट ने सीडब्ल्यूसी से उनकी रिहाई पर निर्णय लेने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को आदेश दिया कि बाल कल्याण समिति मारे गए गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद के नाबालिग बेटों की रिहाई के मुद्दे पर सहायता व्यक्ति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आलोक में नए सिरे से विचार करेगी, जिस रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि वे बाल देखभाल संस्थान में रहना चाहते हैं। कोर्ट ने 18 अगस्त 2023 को डॉ. केसी जॉर्ज (सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक को-ऑपरेशन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट) को बच्चों की इच्छाओं को जानने और रिपोर्ट करने के लिए एक सहायक...

एमबीबीएस एडमिशन: सुप्रीम कोर्ट ने एम्स की एक्सपर्ट बॉडी की राय पर सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित उम्मीदवार को ‌विकलांग कोटा के लिए पात्र घोषित किया
एमबीबीएस एडमिशन: सुप्रीम कोर्ट ने एम्स की एक्सपर्ट बॉडी की राय पर सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित उम्मीदवार को ‌विकलांग कोटा के लिए पात्र घोषित किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित एक उम्मीदवार के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने उसे एमबीबीएस में एडमिशन के लिए पर्सन विद डिसएबिलिटी (पीडब्ल्यूडी) एक्ट, 2016 के तहत आरक्षण के लिए पात्र माना। कोर्ट ने 22 सितंबर 2023 को एम्स से विशेषज्ञों के एक बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने उम्मीदवार को योग्य घोषित किया था।कोर्ट ने कहा,“बोर्ड ने गुढ़ और अतार्किक व‌िचारों से उम्मीदवार के विकालांग मानने के दावे को खारिज़ कर दिया था। इस अदालत ने 22 सितंबर, 2023 के आदेश के जर‌िए...

सुप्रीम कोर्ट ने राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने 'राम सेतु' को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राम सेतु स्थल पर 'समुद्र में' कुछ मीटर/किलोमीटर तक दीवार बनाने की मांग की गई थी ताकि हर कोई इसके 'दर्शन' कर सके। लखनऊ स्थित वकील अशोक पांडे के माध्यम से हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर रिट याचिका के रूप में दायर याचिका में प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम, 1958 में परिभाषित राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की भी प्रार्थना की गई है।जस्टिस संजय किशन कौल और...

सुप्रीम कोर्ट ने बकरा ईद के दौरान अनधिकृत मवेशी बाजार लगाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने बकरा ईद के दौरान अनधिकृत मवेशी बाजार लगाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें दिल्ली राज्य पशु कल्याण सलाहकार बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई थी कि कानून के अनुसार सक्षम अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना दिल्ली में कोई भी मवेशी बाजार आयोजित न किया जाए। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने पशु क्रूरता निवारण (पशुधन बाजारों का विनियमन) नियम, 2017 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने और लागू करने के लिए निर्देश देने की मांग की। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस...

कृष्ण जन्मभूमि मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले के आदेश के बावजूद मुकदमों के बारे में जानकारी नहीं दी, रिमाइंडर भेजा
कृष्ण जन्मभूमि मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले के आदेश के बावजूद मुकदमों के बारे में जानकारी नहीं दी, रिमाइंडर भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में आवश्यक जानकारी और दस्तावेज भेजने के लिए सख्त अनुस्मारक जारी किया, जिसकी सुनवाई वर्तमान में हाईकोर्ट द्वारा की जा रही है। मस्जिद समिति के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि भूमि विवाद के संबंध में विभिन्न राहतों के लिए मुकदमा दायर करना हाल ही में 'बाहरी लोगों' द्वारा प्रेरित घटना है, भले ही विभिन्न धार्मिक समुदाय इस क्षेत्र में पिछले 50 साल से सांप्रदायिक सद्भाव के साथ रहते रहे हों।जस्टिस...

सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू की एफआईआर रद्द करने की याचिका पर सुनवाई 9 अक्टूबर तक टाली, पूछा- क्या 17ए पीसी एक्ट, 2018 संशोधन से पहले के अपराधों पर लागू है?
सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू की एफआईआर रद्द करने की याचिका पर सुनवाई 9 अक्टूबर तक टाली, पूछा- क्या 17ए पीसी एक्ट, 2018 संशोधन से पहले के अपराधों पर लागू है?

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कौशल विकास घोटाला मामले में एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू की याचिका अगले सोमवार (9 अक्टूबर) के लिए पोस्ट कर दी। न्यायालय ने राज्य से हाईकोर्ट के समक्ष दायर दस्तावेजों का पूरा संकलन पेश करने को कहा और मामले को नौ अक्टूबर, 2023 के लिए सूचीबद्ध किया। आज लगभग 50 मिनट तक चली सुनवाई में ज्यादातर मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए की प्रयोज्यता पर चर्चा हुई।सुनवाई के दौरान, पीठ ने धारा 17ए पीसी एक्ट की...

आइए स्वच्छ, पारदर्शी, जवाबदेह कानूनी प्रणाली के लिए प्रयास करें: गांधी जयंती पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा
आइए स्वच्छ, पारदर्शी, जवाबदेह कानूनी प्रणाली के लिए प्रयास करें: गांधी जयंती पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के साथ 2 अक्टूबर, 2023 को नई दिल्ली में गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाई। इस अवसर पर स्वच्छता अभियान चलाया गया और सुप्रीम कोर्ट परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा और लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने संदेश में कहा कि “ गांधी जयंती के इस विशेष अवसर पर हम अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाते हैं, जिनके अहिंसा, सत्य और आत्म-संयम के सिद्धांत थे। अनुशासन...

उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ में हुई हत्याओं को उपलब्धियों के रूप में सेलिब्रेट किया गया, पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति और पुरस्कार दिए गए: याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ में हुई हत्याओं को उपलब्धियों के रूप में सेलिब्रेट किया गया, पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति और पुरस्कार दिए गए: याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्याओं की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले जनहित याचिका याचिकाकर्ता ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में राज्य द्वारा दिए गए बयानों का खंडन किया है।याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने अपने प्रत्युत्तर में कहा, "मुठभेड़ में हुई हत्याओं को अक्सर राज्य पुलिस अधिकारी उपलब्धियों के रूप में सेलिब्रेट करते हैं, जो मनमाने और असंवैधानिक कार्यों को बढ़ावा देता है। यह ऐसी हत्याओं में शामिल अधिकारियों को दी गई आउट-ऑफ-टर्न पदोन्नति और वीरता...

क्या सेम-सेक्स वाले जोड़े शादी कर सकते हैं? विवाह समानता मामले में सुप्रीम कोर्ट इस महीने सुनाएगा बहुप्रतीक्षित फैसला
क्या सेम-सेक्स वाले जोड़े शादी कर सकते हैं? विवाह समानता मामले में सुप्रीम कोर्ट इस महीने सुनाएगा बहुप्रतीक्षित फैसला

सुप्रीम कोर्ट जल्द ही भारत में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने 11 मई, 2023 को मामले में आरक्षित फैसले पर 18 अप्रैल को मामले की सुनवाई शुरू की थी। जस्टिस भट्ट 20 अक्टूबर, 2023 को रिटायर्ड होने वाली है, इसलिए विवाह समानता पर निर्णय जल्द ही आने की उम्मीद है।विशेष विवाह अधिनियम 1954, हिंदू विवाह...

अदालत में वह पंचनामा अस्वीकार्य, जहां गवाहों ने केवल सत्यापनकर्ता के रूप में काम किया और यह खुलासा नहीं किया कि वस्तुएं कैसे खोजी गईं: सुप्रीम कोर्ट
अदालत में वह पंचनामा अस्वीकार्य, जहां गवाहों ने केवल सत्यापनकर्ता के रूप में काम किया और यह खुलासा नहीं किया कि वस्तुएं कैसे खोजी गईं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 'पंचनामा' (तलाशी और जब्ती की कार्यवाही दर्ज करने वाले दस्तावेज) को अदालत में अस्वीकार्य माना जाएगा यदि वे सीआरपीसी की धारा 162 का उल्लंघन करते हुए तैयार किए गए हों। विशेष रूप से, न्यायालय ने इन कार्यवाहियों में गवाहों द्वारा निभाई गई भूमिका और खोजों के दौरान वस्तुओं की खोज कैसे की गई, इसका पर्याप्त रूप से खुलासा करने में उनकी विफलता पर चिंता जताई।अदालत ने कहा,“पंचनामे और जब्ती के गवाहों ने दस्तावेजों के केवल अनुप्रमाणक के रूप में काम किया और अपने शब्दों में यह...

उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्याओं पर सुप्रीम कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की, अतीक अहमद हत्याकांड में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने का संकल्प लिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्याओं पर सुप्रीम कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की, अतीक अहमद हत्याकांड में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने का संकल्प लिया

उत्तर प्रदेश राज्य ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में विशाल तिवारी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में 11 अगस्त, 2023 को जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के जवाब में एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा निर्दिष्ट मामलों में जांच या परीक्षण के चरण को रेखांकित करते हुए एक हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, और पुलिस मुठभेड़ों के संबंध में मौजूदा रिपोर्टों और सिफारिशों पर भी विचार किया था।याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने उत्तर प्रदेश में कथित पुलिस मुठभेड़ों में...

संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम धारा 106 - यह साबित करने का बोझ किरायेदार पर है कि पट्टे पर दिए गए परिसर में उत्पादन गतिविधि चल रही थी : सुप्रीम कोर्ट
संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम धारा 106 - यह साबित करने का बोझ किरायेदार पर है कि पट्टे पर दिए गए परिसर में उत्पादन गतिविधि चल रही थी : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने माना है कि संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, 1882 की धारा 106 के आवेदन को आकर्षित करने के लिए, जिसमें पट्टे को समाप्त करने के लिए 6 महीने के नोटिस की आवश्यकता होती है, इसका बोझ किरायेदार पर है कि उसे यह साबित करना होगा कि पट्टे पर दिए गए परिसर में उत्पादन गतिविधि चल रही थी। केवल यह कथन कि उत्पादन गतिविधि की जा रही थी, पर्याप्त नहीं होगा, किरायेदार को फैक्ट्री शेड में किए जा रहे काम की प्रकृति को स्पष्ट करना होगा।पृष्ठभूमि तथ्य2003...

चिकित्सा लापरवाही और रेस इप्सा लोकिटुर | जहां लापरवाही स्पष्ट हो, वहां सबूत का बोझ अस्पताल पर: सुप्रीम कोर्ट
चिकित्सा लापरवाही और रेस इप्सा लोकिटुर | जहां लापरवाही स्पष्ट हो, वहां सबूत का बोझ अस्पताल पर: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में चिकित्सा लापरवाही के मामलों के संदर्भ में रेस इप्सा लोकिटुर के सिद्धांत की प्रयोज्यता की पुष्टि की, उन मामलों में इसकी प्रयोज्यता पर जोर दिया जहां लापरवाही स्पष्ट है और सबूत का बोझ अस्पताल या मेडिकल प्रैक्टिशनर पर डाल दिया गया है। रेस इप्सा लोकिटुर का अर्थ है "चीज अपने आप बोलती है"।न्यायालय ने भारतीय वायु सेना के एक पूर्व अधिकारी को 1.5 करोड़ रुपये का मुआवजा देते हुए इस सिद्धांत की पुष्टि की, जो एक सैन्य अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन...

उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे: अयोग्यता की कार्यवाही तेज करने के लिए उद्धव गुट ने महाराष्ट्र स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे: अयोग्यता की कार्यवाही तेज करने के लिए उद्धव गुट ने महाराष्ट्र स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

शिवसेना संकट के अन्य घटनाक्रम में उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी सेना विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई के लिए शेड्यूल जारी करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।उद्धव ठाकरे गुट के अनुसार, जिस कार्यक्रम के अनुसार सुनवाई की प्रक्रिया 6 अक्टूबर से शुरू होगी और 23 नवंबर तक चलेगी, वह समय बर्बाद करने का एक और प्रयास है। यदि शेड्यूल का पालन किया जाता है तो स्पीकर का फैसला दिसंबर में या उसके बाद भी आने की...

रेलवे सुरक्षा बल को एक सशस्त्र बल घोषित किया गया है, फिर भी इसके सदस्य कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत लाभ मांग सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट
रेलवे सुरक्षा बल को एक सशस्त्र बल घोषित किया गया है, फिर भी इसके सदस्य कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत लाभ मांग सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (26.09.2023) को कहा कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का एक अधिकारी कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत मुआवजे की मांग कर सकता है, भले ही आरपीएफ को यूनियन का सशस्त्र बल घोषित किया गया हो।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ''हमारे विचार में, आरपीएफ को यूनियन का सशस्त्र बल घोषित करने के बावजूद, विधायी मंशा इसके सदस्यों या उनके उत्तराधिकारियों को 1923 अधिनियम या 1989 अधिनियम के तहत देय मुआवजे के लाभ से बाहर करने की नहीं थी।''मामले से संबंधित तथ्य यह हैं कि...