इलाहाबाद हाईकोट
2009 में आरोप पत्र जारी, 15 साल तक कोई जांच नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुशासनात्मक कार्यवाही समाप्त की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही समाप्त की, जिसमें 2009 में आरोप पत्र जारी किया गया था और तब से कोई कार्रवाई नहीं की गई।याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत अधिकारी था। यद्यपि वह 31.12.2009 को रिटायर होने वाला था, लेकिन उसके खिलाफ लंबित जांच के कारण उसे 29.12.2009 को निलंबित कर दिया गया था।उसे 29.12.2009 को आरोप पत्र दिया गया। उसकी रिटायरमेंट के बाद रिटायरमेंट के बाद की देय राशि रोक दी गई और उसके खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की...
ऑर्केस्ट्रा में काम करने वाली महिला कलाकारों को अक्सर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, आयोजकों को उनके लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को ऑर्केस्ट्रा में काम करने वाली महिला कलाकारों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया, जिसमें नर्तकियों और गायकों के रूप में काम करने वाली महिला कलाकारों को अक्सर यौन उत्पीड़न और शोषण का सामना करना पड़ता है।जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने कहा कि सामाजिक धारणाएं कभी-कभी उनके बुनियादी मानवाधिकारों को कमजोर करती हैं। इन कलाकारों को वासना की वस्तु बना देती हैं और उनके प्रति इस तरह का रवैया लैंगिक हिंसा को बढ़ावा देता है। ऐसी महिला...
बलात्कार पीड़िता को दोहरे संकट का सामना करना पड़ता है, अपराध उसकी गरिमा को चोट पहुंचाता है और मुकदमा उसे दर्दनाक अनुभव को फिर से जीने के लिए मजबूर करता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि बलात्कार की शिकार महिला को दो संकटों से गुजरना पड़ता है। अपराध कारित करना, जहां उसकी गरिमा को चोट पहुंचती है और उसकी सुरक्षा की भावना नष्ट हो जाती है। उसके बाद का मुकदमा जहां उसे दर्दनाक अनुभव को फिर से जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है।अक्सर कहा जाता है कि बलात्कार की शिकार महिला को दो संकटों से गुजरना पड़ता है- बलात्कार और उसके बाद का मुकदमा।जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने मंगलवार को नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा,"जहां...
संभल मस्जिद विवाद | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 25 फरवरी तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई, UOI, यूपी सरकार से जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंदौसी की शाही जामा मस्जिद को हिंदू मंदिर को नष्ट करने के बाद बनाए जाने के दावे वाले मुकदमे में संभल ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर 25 फरवरी तक रोक लगा दी।जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने चंदौसी (संभल) में शाही जामा मस्जिद समिति द्वारा दायर एक दीवानी पुनर्विचार याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें 19 नवंबर को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।इसमें एक एडवोकेट आयुक्त को मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद को मंदिर को...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जस्टिस शेखर यादव के VHP कार्यक्रम में दिए गए भाषण के लिए महाभियोग प्रस्ताव के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 55 सांसदों द्वारा राज्यसभा महासचिव को प्रस्तुत किए गए महाभियोग प्रस्ताव के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें जस्टिस शेखर यादव द्वारा 8 दिसंबर को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (कानूनी प्रकोष्ठ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के लिए महाभियोग प्रस्ताव की मांग की गई थी।जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने एडवोकेट अशोक पांडे द्वारा दायर जनहित याचिका को मौखिक रूप से यह टिप्पणी करने के बाद खारिज कर दिया कि वह जनहित याचिका...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने X पोस्ट मामले में मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक 16 जनवरी तक बढ़ाई। राहत की अवधि इसलिए बढ़ाई गई, क्योंकि कोर्ट ने जुबैर को 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर यति नरसिंहानंद द्वारा कथित भड़काऊ भाषण के संबंध में उनके पोस्ट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज FIR के संबंध में राज्य सरकार द्वारा दायर जवाबी जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने FIR को चुनौती देने वाली जुबैर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करने के आरोपी पति को जमानत देने से इनकार किया, कोर्ट ने कहा- आरोप पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक ऐसे व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर अपनी पत्नी को अपने दोस्तों और अन्य व्यक्तियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करके वेश्यावृत्ति में धकेलने का आरोप है। यह देखते हुए कि पति के खिलाफ आरोप दुर्लभ हैं और अभियोजन पक्ष का मामला पति और पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद का एक साधारण मामला नहीं था, जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने कहा, “यह न्यायालय इस बात पर विचार करता है कि उपरोक्त आरोप पीड़िता के सर्वोच्च सम्मान के लिए गंभीर आघात है और उसके...
Sambhal Row | मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के सर्वेक्षण आदेश को चुनौती दी
चंदौसी (संभल) स्थित शाही जामा मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 19 नवंबर को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी, जिसमें एडवोकेट कमिश्नर को मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। इसमें दावा किया गया कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को नष्ट करके किया गया था।यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब एडवोकेट कमिश्नर ने पिछले सप्ताह सीलबंद लिफाफे में ट्रायल कोर्ट को सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, उक्त रिपोर्ट के आधार पर कोई भी अंतरिम या अंतिम प्रभावी आदेश...
पत्नी के शरीर पर पति स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता, निजता और उसकी सहमति सर्वोपरि; अंतरंग कृत्यों का वीडियो साझा करना विश्वासघात: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में कहा कि पतियों के लिए विक्टोरियन युग की पुरानी मानसिकता को त्यागने और यह समझने का समय आ गया है कि पत्नी का शरीर, निजता और अधिकार उसके अपने हैं और पति के नियंत्रण या स्वामित्व के अधीन नहीं हैं। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि पति से अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पत्नी के भरोसे, विश्वास और निष्ठा का सम्मान करे। कोर्ट ने कहा पति और पत्नी के अंतरंग संबंधों के वीडियो साझा करना दोनों के बंधनों के लिए महत्वपूर्ण अंतर्निहित निजता का उल्लंघन है।जस्टिस विनोद...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय, प्रौद्योगिकी संस्थानों के एसोसिएट प्रोफेसर सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त विशेषज्ञ नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश जल निगम में विभिन्न पदों पर नियुक्ति के विवाद का निपटारा करते हुए माना कि प्रौद्योगिकी संस्थानों के एसोसिएट प्रोफेसर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत मान्यता प्राप्त विशेषज्ञ नहीं हैं।जस्टिस अजीत कुमार ने कहा,“प्रौद्योगिकी संस्थानों के एसोसिएट प्रोफेसरों से मांगी गई विशेषज्ञ राय न तो सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत मान्यता प्राप्त विशेषज्ञता थीं, न ही ये राय अधिनियम, 2000 के तहत निर्धारित कानूनी ढांचे के...
पत्नी का स्वेच्छा से यात्रा करना या सिविल सोसाइटी के सदस्यों से मिलना क्रूरता नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि स्वेच्छा से पत्नी का अकेले यात्रा करना या किसी अवैध या अनैतिक संबंध में शामिल हुए बिना सिविल सोसाइटी के सदस्यों से मिलना उसके पति के खिलाफ क्रूरता नहीं माना जा सकता।जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने कहा कि पत्नी का अपने विवाह को कानूनी रूप से जीवित रखने का प्रयास करना, उस संबंध को जीवित रखने का कोई कारण नहीं होना और अपने पति के साथ रहने से इनकार करना पति के खिलाफ क्रूरता हो सकती है।इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने पति की अपील को फैमिली कोर्ट...
'जीजा' और 'साली' के बीच संबंध अनैतिक, लेकिन अगर महिला बालिग है तो बलात्कार का अपराध नहीं बनता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जीजा और साली (जीजा और साली) के बीच संबंध अनैतिक है; हालांकि, अगर महिला बालिग है तो उक्त संबंध बलात्कार के अपराध को आकर्षित नहीं करता।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने आरोपी (जीजा) को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की, जिस पर धारा 366, 376, 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया कि उसने अपनी साली (पत्नी की बहन/साली) को शादी करने का झूठा वादा करके बहला-फुसलाकर भगा ले गया।आवेदक के लिए जमानत मांगते हुए उसके वकील ने एकल न्यायाधीश के समक्ष तर्क दिया कि...
गांव/नगर परिषद प्रमुख की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तर्कसंगत निर्णय लिए बिना स्कूल की कृषि भूमि को पट्टे पर नहीं दिया जाएगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
विद्यालयों की भूमि को अवैध रूप से पट्टे पर दिए जाने से संबंधित जनहित याचिका का निपटारा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि संबंधित विद्यालय की समिति द्वारा तर्कसंगत निर्णय लिए बिना विद्यालय की कृषि भूमि को पट्टे पर नहीं दिया जा सकता।अदालत ने कहा कि गठित की जाने वाली समिति में ग्राम प्रधान या नगर पालिका अध्यक्ष को अध्यक्ष के रूप में शामिल किया जाना चाहिए तथा नायब तहसीलदार से ऊपर के पद के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट द्वारा नामित व्यक्ति और संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को इसके सदस्य के रूप...
नियुक्ति में ड्राइवर सेवा नियम का पालन नहीं किया गया, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेष चीनी निधि कर्मचारी को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने से किया इनकार
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस जसप्रीत सिंह की इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने माना कि विशेष चीनी निधि के तहत नियुक्त कर्मचारी को सरकारी कर्मचारी नहीं माना जा सकता, क्योंकि नियुक्ति उत्तर प्रदेश चीनी विभाग ड्राइवर सेवा नियम, 1984 के अनुसार नहीं की गई।पृष्ठभूमि तथ्यविशेष चीनी निधि का निर्माण वर्ष 1974 में उत्तर प्रदेश गन्ना (क्रय कर) अधिनियम, 1961 (1961 का अधिनियम) से किया गया। उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त को विशेष चीनी निधि के तहत नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति प्राधिकारी के रूप में कार्य करने...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों पर हमला करने के आरोपी व्यक्ति, उसके परिवार के सदस्यों को दी राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक व्यक्ति और उसके परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी, जिन पर इस महीने की शुरुआत में लखनऊ जिला अदालत परिसर के अंदर वकीलों पर हमला करने का आरोप है।जस्टिस जसप्रीत सिंह और जस्टिस राजीव सिंह की खंडपीठ ने यह भी निर्देश दिया कि संबंधित क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त याचिकाकर्ताओं के खिलाफ धारा 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351 (3) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 131 (हमला या आपराधिक बल का उपयोग...
यदि मामला मूल न्यायालय में वापस भेजा जाता है तो अपीलीय न्यायालय को कोर्ट फीस वापस करना होगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
कोर्ट फीस एक्ट की धारा 13 पर चर्चा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि एक बार किसी अपील को किसी भी कारण से मूल न्यायालय में वापस भेज दिया जाता है तो अपीलीय न्यायालय को अपीलकर्ता को अपील ज्ञापन के साथ भुगतान की गई पूरी कोर्ट फीस वापस प्राप्त करने के लिए प्राधिकरण का प्रमाण पत्र प्रदान करना चाहिए।जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र ने कहा,“धारा 13 अपीलीय न्यायालय पर यह दायित्व डालती है कि वह अपीलकर्ता को एक प्रमाण पत्र प्रदान करे, जिसमें उसे अपील ज्ञापन पर भुगतान की गई फीस की पूरी राशि कलेक्टर से वापस...
ADJ से अपेक्षा की जाती है कि वे निष्कर्ष वापस करने से पहले न केवल अपना विवेक लगाएं बल्कि पक्षों के तर्कों से भी निपटें: इलाहाबाद हाईकोर्ट
संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत एक मामले से निपटने के दौरान, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि एडिशनल जज और सेशन जज रैंक के जज से न केवल अपने न्यायिक दिमाग का उपयोग करने की अपेक्षा की जाती है, बल्कि किसी भी मामले को वापस करने से पहले पक्षों की दलीलों से भी निपटा जाता है। निष्कर्ष यह मानते हुए कि पुनरीक्षण को एक अपील के रूप में माना जाना चाहिए जहां अपील का उपाय विशेष रूप से उपलब्ध नहीं है lजस्टिस अजीत कुमार ने कहा “अतिरिक्त रैंक के एक जज से। जिला एवं सेशन जज से यह अपेक्षा की जाती है कि वह न केवल उठाए...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP Police को 17वीं सदी के आगरा 'हम्माम' की सुरक्षा के लिए बल तैनात करने का निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और आगरा के पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आगरा में 17वीं सदी के हम्माम (सार्वजनिक स्नानघर) को कोई नुकसान न पहुंचे।जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने यह आदेश चंद्रपाल सिंह राणा नामक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें विरासत भवन की सुरक्षा की मांग की गई, जिसमें दावा किया गया कि इसे "अवैध और अनधिकृत व्यक्तियों" द्वारा ध्वस्त किए जाने का खतरा है।जनहित याचिका में यह भी...
उपभोक्ता फोरम के रेफरिंग सदस्य को केवल संदर्भ के लिए उठाए गए मुद्दों पर राय देनी है, मामले पर खुद फैसला नहीं करना: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि जब कोई मामला तीसरे सदस्य के समक्ष संदर्भ के लिए रखा जाता है तो रेफरिंग सदस्य का काम केवल संदर्भ के लिए उठाए गए मुद्दों पर राय देना है।जस्टिस पंकज भाटिया ने कहा कि ऐसे मामले में पूरे मामले को खुद हल करना रेफरिंग सदस्य पर निर्भर नहीं है।उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का हवाला देते हुए न्यायालय ने कहा,"धारा 58(3) के प्रावधान के अनुसार अध्यक्ष या अन्य सदस्य, जिनके पास राय के लिए मुद्दे भेजे गए हैं, की शक्तियां केवल उन प्रश्नों पर गहनता से विचार करने और निर्णय लेने की हैं, वे...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंडियाबुल्स और उसके अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक, ईडी कार्यवाही को रद्द किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इंडियाबुल्स समूह और उसके अधिकारियों के खिलाफ उधारकर्ता शिप्रा समूह और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया, क्योंकि ऋण समझौतों के अनुसार मध्यस्थता कार्यवाही पहले से ही चल रही है, एक तथ्य जिसे शिकायतकर्ता द्वारा दबा दिया गया था। यह देखते हुए कि शिकायतकर्ता ने मध्यस्थता कार्यवाही सहित विभिन्न रूपों में उसके द्वारा शुरू की गई विभिन्न कार्यवाहियों को छिपाया था, जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि...



















