पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
भर्ती नियमों में संशोधन न होने तक पद का पुनर्नामांकन किसी अन्य संवर्ग में विलय के बराबर नहीं: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने कहा कि किसी पद का पुनर्नामांकन मात्र किसी अन्य संवर्ग में विलय के बराबर नहीं है; वास्तविक विलय के लिए सेवा नियमों में संशोधन आवश्यक है। ऐसे संशोधन के बिना वेतनमान या संवर्ग लाभों में समानता का दावा नहीं किया जा सकता।पृष्ठभूमि तथ्ययाचिकाकर्ता को चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित राजकीय संग्रहालय एवं कला दीर्घा में गाइड के पद पर नियुक्त किया गया। चंडीगढ़ प्रशासन ने कर्मचारियों को बेहतर करियर की संभावनाएं प्रदान करने...
असफल सगाई 'सहमति से संबंध' नहीं बनाती, शादी के झूठे वादे पर बलात्कार: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि वयस्कों के बीच सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को केवल इसलिए बलात्कार नहीं माना जा सकता, क्योंकि वह विवाह में परिणत नहीं हुआ।अदालत ने कथित बलात्कार के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज FIR यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने अपनी मंगेतर के साथ सहमति से संबंध बनाए, जिसमें रोका समारोह के बाद दोनों पक्षों के बीच मतभेदों के कारण विवाह नहीं हो सका।जस्टिस कीर्ति सिंह ने स्पष्ट किया,"इस आधार पर बलात्कार का अपराध दर्ज करने के लिए कि शादी के झूठे बहाने पर सहमति प्राप्त...
हाईकोर्ट ने कोर्ट परिसर में हिंसा पर स्वतः संज्ञान लिया; तलवार लेकर आए वकील की शिकायत पर बार के खिलाफ कार्रवाई पर रोक
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) के सचिव की चिट्ठी पर स्वतः संज्ञान लिया है। इसमें आरोप है कि एडवोकेट रवनीत कौर ने 17 सितंबर को कोर्ट परिसर में बार सदस्यों पर हुए हिंसक हमले के लिए एडवोकेट सिमरनजीत सिंह ब्लासी को उकसाया, जिसने तलवार भी लहराई।चिट्ठी में यह भी कहा गया कि कौर ने सचिव के खिलाफ सोशल मीडिया पर अश्लील और मानहानिपूर्ण सामग्री पोस्ट की। इस पर कोर्ट ने खुद कार्रवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान UT के सीनियर स्टैंडिंग काउंसल अमित झांजी ने बताया कि ब्लासी की ओर से एक...
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 1999 में बलात्कार के दोषी व्यक्ति की उम्र निर्धारित करने के लिए किशोर परीक्षण कराने का निर्देश दिया
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 1999 में बलात्कार के दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति की उम्र निर्धारित करने के लिए किशोर परीक्षण कराने का निर्देश दिया। यह निर्देश तब आया, जब दोषी ने दावा किया कि अपराध के समय वह नाबालिग था, जिससे उसके मामले में किशोर न्याय प्रावधानों की प्रयोज्यता पर सवाल उठे।स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र के आधार पर अपीलकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि कथित अपराध की तारीख को उसकी उम्र 16 वर्ष 06 महीने और 17 दिन थी और यद्यपि ट्रायल कोर्ट के समक्ष किशोर होने का तर्क नहीं दिया गया। फिर भी विभिन्न...
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने BJP MLA की चुनाव याचिका खारिज करने की मांग वाली याचिका खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी विधायक (BJP MLA) देवेंद्र अत्री द्वारा कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार बिजेंद्र सिंह द्वारा उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका खारिज करने की मांग वाली याचिका खारिज की।पहले सिंह ने अत्री के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने पुनर्मतगणना की मांग की थी और भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया था। बाद में कांग्रेस उम्मीदवार ने संशोधित याचिका दायर की, जिसमें भ्रष्ट आचरण के आरोपों को हटा दिया गया और उनकी याचिका को केवल पुनर्मतगणना तक ही सीमित रखा गया।अदालत ने...
बाहरी राज्य के व्यक्ति की ज़मानत के लिए स्थानीय ज़मानत अनिवार्य करना उसके मौलिक अधिकारों पर 'हमला': पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि ज़मानत के लिए स्थानीय ज़मानत की शर्त अनिवार्य करना किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों पर हमला है।अदालत ने कहा कि ऐसी आवश्यकता देश के अन्य हिस्सों के व्यक्तियों के साथ केवल उनके निवास के आधार पर भेदभाव करती है।इसमें अदालत ने हरियाणा के गुरुग्राम में कोलकाता के दो आरोपियों के खिलाफ ज़मानत के लिए अपने स्थानीय ज़मानतदारों के कथित रूप से जाली दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419 और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से प्रलोभन); IPC की धारा...
पूर्व सैनिक युवावस्था में रिटायर होते हैं, नियोक्ता आरक्षण लाभ से इनकार कर पुनर्वास में बाधा न बनें: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व सैनिकों के सम्मान की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह नियोक्ताओं का कर्तव्य है कि वे पूर्व सैनिक कोटे के तहत रोजगार के अवसर से इनकार करके उनके पुनर्वास में बाधा न डालें।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,"पूर्व सैनिकों द्वारा राष्ट्र को दी गई सेवाओं का व्यावहारिक तरीके से सम्मान किया जाना चाहिए, यानी उन्हें नागरिक रोजगार के अवसर प्रदान करके। पूर्व सैनिक हर साल बड़ी संख्या में अपेक्षाकृत कम उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। हालांकि, उनके नागरिक रोजगार के अवसर...
द्वितीय सेवा पेंशन के लिए अर्हक सेवा में 12 महीने तक की कमी को माफ किया जा सकता है: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने माना कि द्वितीय सेवा पेंशन के लिए अर्हक सेवा में 12 महीने से कम की कमी क्षमा योग्य है, इसलिए प्रतिवादी द्वितीय सेवा पेंशन का हकदार है।पृष्ठभूमि तथ्यप्रतिवादी 21.09.1961 को भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। 22 वर्ष, 3 महीने और 9 दिन की सेवा के बाद उसे 12.12.1984 को सेवामुक्त कर दिया गया। इसके बाद वह 14.06.1986 को रक्षा सुरक्षा कोर (DSC) में पुनः भर्ती हो गया। वे 14 वर्ष, 5 माह और 16 दिन की सेवा के बाद अधिवर्षिता की...
पुनः जांच का आदेश केवल हाईकोर्ट जैसी श्रेष्ठ अदालत ही दे सकती है, मजिस्ट्रेट नहीं : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पुनः जांच का आदेश केवल हाईकोर्ट जैसी श्रेष्ठ अदालत ही दे सकती है, मजिस्ट्रेट नहीं : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी मामले में पुनः जांच का आदेश केवल हाईकोर्ट जैसी श्रेष्ठ अदालत ही दे सकती है। मजिस्ट्रेट को ऐसा आदेश देने का अधिकार प्राप्त नहीं है।जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा,“पुनः जांच के आदेश केवल हाईकोर्ट जैसी श्रेष्ठ अदालत ही पारित कर सकती है। मजिस्ट्रेट ऐसा आदेश नहीं दे सकता। वहीं फर्दर इन्वेस्टिगेशन जांच एजेंसी का अधिकार क्षेत्र है। हालांकि...
केवल FIR दर्ज होना पदोन्नति रोकने का आधार नहीं: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने कहा कि केवल FIR दर्ज होना आपराधिक कार्यवाही का लंबित होना नहीं माना जाता है और पदोन्नति केवल आरोप-पत्र दाखिल होने या आरोप तय होने के बाद ही रोकी जा सकती है।पृष्ठभूमि तथ्यसेवा के दौरान, याचिकाकर्ता के पक्ष में जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) के पद पर पदोन्नति के लिए दिनांक 25.05.2022 को पदोन्नति आदेश जारी किया गया। हालांकि, प्रतिवादियों द्वारा इस आधार पर पदोन्नति लागू नहीं की गई कि याचिकाकर्ता के खिलाफ FIR दर्ज की गई...
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने DC और SSP के कब्जे वाले गेस्ट हाउस जिला जजों को आवंटित करने का निर्देश दिया
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि पंजाब के मलेरकोटला में उपायुक्त (DC) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के कब्जे वाले सरकारी गेस्ट हाउस खाली करके जिला जज को आधिकारिक और आवासीय उपयोग के लिए आवंटित किए जाएं।पंजाब सरकार ने 2021 में मलेरकोटला को ज़िला घोषित किया था। उसके बाद 2023 में वहां सेशन कोर्ट का गठन किया गया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा कि संबंधित अधिसूचना के अनुसार निर्धारित मानकों के अनुरूप कोई आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं है, जो जिला एंड सेशन जज, एडिशनल जिला...
तीन दशक से अलग रह रहे दंपति को साथ रहने को मजबूर करना मानसिक क्रूरता: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की कि जब पति-पत्नी में से कोई भी पक्ष “तीन दशकों से अधिक समय तक अलग रह रहा हो और सुलह या सहवास का कोई प्रयास भी न किया गया हो, तो विवाह का मूल सार ही नष्ट हो जाता है।”अदालत ने कहा, “ऐसे में केवल एक कानूनी बंधन शेष रह जाता है, जिसमें कोई वास्तविकता नहीं होती। इतने लंबे अलगाव के बाद पक्षों को साथ रहने के लिए बाध्य करना अव्यावहारिक होगा और वास्तव में दोनों पक्षों पर और अधिक मानसिक क्रूरता थोपने जैसा होगा।”यह नोट करते हुए कि दंपति वर्ष 1994 से अलग रह रहे हैं,...
UAPA आरोपी को 5 साल बाद जमानत, हाईकोर्ट ने कहा– आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ने वाला सबूत नहीं
हाईकोर्ट ने एक आरोपी को ज़मानत दी जो 5 साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद था। आरोप था कि उसने सह-आरोपियों को अवैध हथियार सप्लाई किए। केस UAPA, IPC 120-B और आर्म्स एक्ट की धाराओं में दर्ज था।कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के ख़िलाफ़ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। सिर्फ़ एक पिस्तौल और कुछ कारतूस बरामद हुए, बाकी केवल गुप्त सूचना और गवाहों के बयान ही थे।जस्टिसा पिता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि लंबी कैद ही ज़मानत का आधार बन सकती है, क्योंकि मुक़दमे की धीमी गति आरोपी...
वकालत लाइसेंस के निलंबन को छिपाने पर हाईकोर्ट ने वकील पर जुर्माना लगाया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने वकील पर जुर्माना लगाया, जिसने जनहित याचिका (PIL) दायर करते हुए महत्वपूर्ण तथ्य कि उसका वकालत का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया, उसको छुपाया गया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता बेदाग़ नहीं है, क्योंकि उसने यह खुलासा नहीं किया कि एक वकील के रूप में उसका लाइसेंस पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल द्वारा 23.11.2022 के आदेश के तहत निलंबित कर दिया गया, जो मामला अभी भी पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल के...
आत्महत्या उकसावे में आरोपी की बार-बार की हरकतों से साबित हो सकती है मंशा: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत (pre-arrest bail) देने से इनकार कर दिया, जिस पर 16 साल 11 महीने की लड़की को आत्महत्या के लिए उकसाने (abetment of suicide) का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामलों में Mens Rea (दोषपूर्ण मानसिकता) केवल एक घटना से नहीं, बल्कि आरोपी के लगातार किए गए कृत्यों से निकाला जा सकता है।आरोप था कि घटना से एक रात पहले याचिकाकर्ता ने पीड़िता को फोन किया था और उसके द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखा था कि उसने पीड़िता को जान देने की...
इतने संवेदनशील क्यों हो रहे हैं?: शिवलिंग की तस्वीर हटाने की याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका (PIL) को खारिज किया, जिसमें आयुर्वेदिक कंपनी के लोगो से शिवलिंग की तस्वीर हटाने की मांग की गई थी।मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा,"आप इन चीजों को लेकर इतने संवेदनशील क्यों हो रहे हैं? धार्मिक भावनाओं में यह अचानक वृद्धि क्यों?"चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन प्राइवेट लिमिटेड नामक 108 साल पुरानी कंपनी के उत्पादों की पैकेजिंग पर शिवलिंग की तस्वीर के इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका पर...
छोटी नोकझोंक क्रूरता नहीं: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
तलाक की अर्जी खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि साधारण वैवाहिक मतभेद, छोटी-मोटी नोकझोंक या रोज़मर्रा की तकरारें हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 के तहत "क्रूरता (Cruelty)" नहीं मानी जा सकतीं।जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल और जस्टिस दीपिंदर सिंह नलवा ने कहा, “धारा 13 के तहत क्रूरता वही मानी जाएगी, जो पीड़ित जीवनसाथी के मन में यह उचित आशंका पैदा करे कि साथ रहना उसके लिए हानिकारक या खतरनाक है। सामान्य झगड़े या छोटी-छोटी बातें क्रूरता के दायरे में नहीं आतीं। इस मामले में पति की ओर से...
'अत्यधिक, नागरिक मृत्यु': ड्यूटी के दौरान दो घंटे की झपकी लेने वाले कांस्टेबल की बर्खास्तगी पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंद्रह साल से ज़्यादा सेवाकाल वाले पुलिस कांस्टेबल को ड्यूटी के दौरान दो घंटे सोने के कारण बर्खास्त करना अत्यधिक सज़ा है। इसे "नागरिक मृत्यु" के बराबर माना जाता है।अदालत ने CrPC के गार्ड की बर्खास्तगी आदेश रद्द किया, जो ड्यूटी पर दो घंटे देरी से पहुंचा, क्योंकि वह सोता हुआ पाया गया था और ड्यूटी पर आने से इनकार कर दिया था।जस्टिस संदीप मौदगिल ने पाया कि उस समय कांस्टेबल अपनी माँ की गंभीर बीमारी के कारण तनाव में था। यह तथ्य मेडिकल रिकॉर्ड से भी प्रमाणित होता है।...
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने वकील पर जज को रिश्वत देने के आरोप की CBI जांच का आदेश दिया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गंभीर आरोपों को देखते हुए एक वकील के खिलाफ CBI जांच कराने का आदेश दिया है। आरोप है कि उक्त एडवोकेट ने एक मुकदमेबाज़ से 5 लाख रुपये यह कहकर लिए कि वह रकम एक न्यायिक अधिकारी और सरकारी वकील को रिश्वत के रूप में दी जाएगी।जस्टिस संदीप मौदगिल ने आदेश देते हुए कहा कि मामले की संवेदनशीलता और जटिलता को देखते हुए स्वतंत्र एजेंसी की जांच आवश्यक है।कोर्ट ने कहा की, "यह मामला केवल याचिकाकर्ता के जीवन पर खतरे या एडवोकेट के आचरण से जुड़े आरोपों तक सीमित नहीं है बल्कि लोकतंत्र के...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सर्विस केस में आदेशों के अनुपालन पर नज़र रखने के लिए 'निर्णय कार्यान्वयन प्रकोष्ठ' बनाने का आह्वान किया
यह देखते हुए कि नौकरशाही की लालफीताशाही और प्रशासनिक उदासीनता के कारण कर्मचारियों को नियमित रूप से देरी और उनके उचित सेवा लाभों से पूरी तरह वंचित करना एक दीर्घकालिक समस्या है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नौकरशाहों के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए।वर्तमान मामले में न्यायालय की अंतरात्मा को यह देखकर ठेस पहुंची कि याचिकाकर्ता ने 2005 में न्यायालय द्वारा पारित अनुकूल आदेश के बावजूद अपने पद के नियमितीकरण की मांग करते हुए नौवीं बार न्यायालय का रुख किया।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,"सार्वजनिक...
















