पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

50,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय न मिलने पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब
50,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय न मिलने पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने लगभग 50,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को छह महीने से कथित मानदेय न मिलने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा।पंजाब सरकार ने दलील दी कि बैंक विवरण को लेकर कुछ समस्या है। हालांकि, अब मानदेय का भुगतान कर दिया गया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने राज्य के वकील से हलफनामा दाखिल करने को कहा।2 अक्टूबर को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब भर के लगभग 27,000 केंद्रों में कार्यरत 50,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और...

कोई कर्मचारी पात्र होने के बाद मर जाता है तो नियमितीकरण का अधिकार उसकी मृत्यु के बाद भी बना रहता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
कोई कर्मचारी पात्र होने के बाद मर जाता है तो नियमितीकरण का अधिकार उसकी मृत्यु के बाद भी बना रहता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी नियमितीकरण के लिए पात्र होने के बाद मर जाता है तो यह लाभ उसके कानूनी उत्तराधिकारियों के माध्यम से निहित माना जाना चाहिए और बना रहेगा।हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि "न्याय, भले ही विलंबित हो, न केवल वैधानिक रूप से बल्कि सैद्धांतिक रूप से भी, जो टूटा है उसे ठीक करता हुआ दिखना चाहिए," कहा कि सेवा के नियमितीकरण का अधिकार एक बार अर्जित हो जाने पर कर्मचारी की मृत्यु पर समाप्त नहीं होता।जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा,"कोर्ट प्रक्रियागत कठोरता के कारण न्याय...

व्यवसाय सीमित हो सकता है लेकिन पर्यावरण को नुकसान नहीं होना चाहिए: ग्रीन पटाखों की बिक्री पर रोक के खिलाफ याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की टिप्पणी
व्यवसाय सीमित हो सकता है लेकिन पर्यावरण को नुकसान नहीं होना चाहिए: ग्रीन पटाखों की बिक्री पर रोक के खिलाफ याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की टिप्पणी

ग्रीन पटाखों की बिक्री और खरीद पर लगे प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि व्यवसाय को सीमित किया जा सकता है लेकिन पर्यावरण को नुकसान नहीं होना चाहिए।कोर्ट 2017 में हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए हाईकोर्ट ने 2017 में निर्देश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा राज्य पिछले वर्ष यानी 2016 में जारी किए गए अस्थायी लाइसेंसों की कुल...

सीनियरिटी का पुनर्मूल्यांकन किए बिना आरक्षित वर्ग को लगातार पदोन्नति का लाभ देना समानता के अधिकार का उल्लंघन: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
सीनियरिटी का पुनर्मूल्यांकन किए बिना आरक्षित वर्ग को लगातार पदोन्नति का लाभ देना समानता के अधिकार का उल्लंघन: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 में निहित समानता का सिद्धांत निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण शासन की आधारशिला है।अदालत ने कहा कि सेवा पदोन्नति के संदर्भ में यह सिद्धांत यह अनिवार्य करता है कि किसी भी कर्मचारी को - चाहे वह आरक्षित वर्ग का हो या सामान्य वर्ग का - पद में समानता प्राप्त होने के बाद स्थायी रूप से लाभ या हानि की स्थिति में नहीं रखा जाना चाहिए।वर्तमान मामले में एक कर्मचारी 13 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद रिटायर हुआ। अदालत ने हरियाणा सरकार को उसके वेतन में...

जिंदल यूनिवर्सिटी ने तीन वर्षीय LLB कोर्स को ऑनर्स डिग्री के रूप में गलत तरीके से किया पेश, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
जिंदल यूनिवर्सिटी ने तीन वर्षीय LLB कोर्स को ऑनर्स डिग्री के रूप में गलत तरीके से किया पेश, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और अन्य प्राधिकारियों से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया कि ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने अपने तीन वर्षीय LLB प्रोग्राम को कथित तौर पर "ऑनर्स" डिग्री के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया।ओ.पी. जिंदल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट निपुण गुप्ता द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि यूनिवर्सिटी ने हमेशा इस कोर्स को LLB (ऑनर्स) डिग्री प्रोग्राम बताया, जबकि याचिकाकर्ता को दी गई डिग्री केवल LLB की है।गुप्ता की ओर से पेश...

FIR दर्ज करने में 2 महीने की अस्पष्ट देरी, पीड़िता की गवाही सच्ची नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में बरी करने का फैसला बरकरार रखा
FIR दर्ज करने में 2 महीने की अस्पष्ट देरी, पीड़िता की गवाही सच्ची नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में बरी करने का फैसला बरकरार रखा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में पीड़िता को बरी करने का फैसला बरकरार रखते हुए कहा कि कथित पीड़िता का बयान विश्वसनीय नहीं है और FIR दर्ज करने में 2 महीने की अस्पष्ट देरी हुई।अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने क्रॉस एक्जामिनेशन के दौरान यह भी कहा कि आरोपी एक हाथ में पिस्तौल और दूसरे हाथ में मोबाइल फोन पकड़े हुए था और उसने उसे पीछे से पकड़ लिया।अदालत ने कहा,"यह पूरी तरह से असंभव है कि कोई व्यक्ति एक हाथ में पिस्तौल और दूसरे हाथ में मोबाइल फोन पकड़े और उसे पीछे से पकड़कर यौन क्रिया...

बिना उचित कारण के अनुशासनात्मक कार्यवाही को लंबा खींचना दंड के समान, देरी से कर्मचारी को मानसिक पीड़ा होती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
बिना उचित कारण के अनुशासनात्मक कार्यवाही को लंबा खींचना दंड के समान, देरी से कर्मचारी को मानसिक पीड़ा होती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि प्रत्येक दोषी कर्मचारी को ऐसी कार्यवाही शीघ्रता से पूरी करवाने का वैध अधिकार है। अदालत ने कहा कि अनुचित और अस्पष्टीकृत देरी मानसिक पीड़ा, आर्थिक कठिनाई और सामाजिक कलंक का कारण बनती है, जो दोष सिद्ध होने से पहले ही दंड के समान है।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,"प्रत्येक दोषी कर्मचारी को अनुशासनात्मक कार्यवाही को शीघ्रता से पूरी करवाने का वैध अधिकार है। अनुचित देरी से आरोप सिद्ध होने से पहले ही मानसिक पीड़ा, आर्थिक कठिनाई और सामाजिक कलंक का कारण बनता है। इसे...

भारत-पाक सीमा से नशीले पदार्थों की तस्करी पर गंभीर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट, आरोपी को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार
भारत-पाक सीमा से नशीले पदार्थों की तस्करी पर गंभीर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट, आरोपी को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भारत-पाकिस्तान सीमा के माध्यम से विशेष रूप से ड्रोन के ज़रिए अवैध नशीले पदार्थों की बढ़ती तस्करी पर गंभीर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि देश के युवाओं के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया। इन टिप्पणियों के साथ हाईकोर्ट ने NDPS Act के तहत आरोपी को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस रूपिंदरजीत चहल की पीठ ने कहा, "इन दिनों ड्रोन के माध्यम से सीमा पार से अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी में लगातार वृद्धि हुई।...

कोर्ट समन में जालसाज़ी न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने समझौते के बावजूद अग्रिम ज़मानत देने से किया इनकार
कोर्ट समन में जालसाज़ी न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने समझौते के बावजूद अग्रिम ज़मानत देने से किया इनकार

न्यायिक दस्तावेज़ों में जालसाज़ी की गंभीरता पर ज़ोर देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कोर्ट समन में जालसाज़ी करने की आरोपी महिला को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कृत्यों से "न्यायपालिका में जनता के विश्वास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और जनता के विश्वास को कमज़ोर करता है।"याचिकाकर्ता पर एक सह-अभियुक्त के प्रकटीकरण बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया, जिसने कथित तौर पर हिसार के एडिशनल सेशन जज की कोर्ट द्वारा जारी किए गए न्यायिक समन में जालसाज़ी की, जिसमें फर्जी UID...

नौकरशाही की चूक के लिए कोई क्षमादान नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य द्वारा अपील दायर करने में 992 दिनों की देरी खारिज की
नौकरशाही की चूक के लिए कोई क्षमादान नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य द्वारा अपील दायर करने में 992 दिनों की देरी खारिज की

यह दोहराते हुए कि पर्याप्त न्याय की आड़ में समय-सीमा के कानून को पराजित नहीं किया जा सकता, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपील दायर करने में 992 दिनों की देरी के लिए क्षमादान की मांग करने वाली राज्य की याचिका खारिज की।जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा,"अब यह एक सुस्थापित सिद्धांत बन गया कि न्यायालय पर्याप्त न्याय के पक्ष में तो झुकते हैं। हालांकि, वे समय-सीमा के कानून को पराजित करके या विरोधी पक्ष को गंभीर नुकसान पहुंचाकर ऐसा नहीं कर सकते। समय-सीमा का कानून सार्वजनिक नीति पर आधारित होने के कारण...

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनिवार्य हाईकोर्ट नियमों की अवहेलना करने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ चालान दाखिल करने का आदेश रद्द किया
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनिवार्य हाईकोर्ट नियमों की अवहेलना करने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ चालान दाखिल करने का आदेश रद्द किया

प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों की अनिवार्य प्रकृति को दोहराते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट नियमों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ चालान दाखिल करने का निर्देश दिया गया।अदालत ने कहा कि किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई या आलोचना हाईकोर्ट नियमों के अध्याय 1, भाग H, नियम 6 का कड़ाई से पालन करना चाहिए, जिसके अनुसार निर्णय की कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होती है, जिन्हें इसे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को...

राज्य संविधान का उल्लंघन करते हुए कर्मचारियों को वैध लाभ देने से इनकार करने के लिए वचनबद्धता की मांग नहीं कर सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
राज्य संविधान का उल्लंघन करते हुए कर्मचारियों को वैध लाभ देने से इनकार करने के लिए वचनबद्धता की मांग नहीं कर सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि कर्मचारियों से वचनबद्धता मांगना - जिसमें उन्हें उनके वैध सेवा लाभों से वंचित किया जाता है - न केवल शोषणकारी है, बल्कि असंवैधानिक भी है।यह याचिका राज्य प्राधिकारियों द्वारा एक नगरपालिका कर्मचारी को सेवा लाभ देने से इनकार करने के आदेश को चुनौती देते हुए इस आधार पर दायर की गई कि उसने थकाऊ मुकदमेबाजी के बाद अपनी बहाली के बाद बकाया वेतन के किसी भी दावे को त्यागने के लिए एक वचनबद्धता पर हस्ताक्षर किए।यह देखते हुए कि इस तरह के शोषणकारी वचनबद्धताएं शुरू से ही अमान्य...

Punjab Police Rules| राज्य पुलिस अधिकारी को एक महीने से ज़्यादा सश्रम कारावास की सज़ा सुनाए जाने पर बर्खास्तगी के अलावा कोई और सज़ा नहीं दे सकता: पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट
Punjab Police Rules| राज्य पुलिस अधिकारी को एक महीने से ज़्यादा सश्रम कारावास की सज़ा सुनाए जाने पर बर्खास्तगी के अलावा कोई और सज़ा नहीं दे सकता: पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब पुलिस नियम (हरियाणा में लागू) (PPR) की विस्तृत व्याख्या करते हुए एक फैसले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार उन मामलों में सेवा से बर्खास्तगी के अलावा कोई और सज़ा नहीं दे सकती, जहां किसी पुलिस अधिकारी को एक महीने से ज़्यादा सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई हो। अदालत ने ज़ोर देकर कहा कि नियम ऐसी परिस्थितियों में अनुशासनात्मक प्राधिकारी को कोई विवेकाधिकार नहीं देते।जस्टिस जगमोहन बंसल ने उप-नियम (2) PPR 16.2 (2) का हवाला देते हुए कहा,"यदि किसी रजिस्टर्ड पुलिस अधिकारी को एक...

राम रहीम मामला: क्या 2017 पंचकूला डेरा हिंसा में हरियाणा सरकार की मिलीभगत थी? हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
राम रहीम मामला: 'क्या 2017 पंचकूला डेरा हिंसा में हरियाणा सरकार की मिलीभगत थी?' हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला में हुई हिंसा (25 अगस्त 2017) में 32 लोगों की मौत हुई और लगभग ₹118 करोड़ की संपत्ति नष्ट हुई। अब हाईकोर्ट इस पर सुनवाई करेगा कि क्या हरियाणा सरकार ने भीड़ रोकने में नाकामी दिखाई या डेरे समर्थकों को राजनीतिक कारणों से मदद दी।चीफी जस्टिस शील नागू, जस्टिस स. भारद्वाज और जस्टिसि क्रम अग्रवाल की खंडपीठ अमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता की दलीलें सुन रही थी। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि 2017...

BBMB के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं: अतिरिक्त पानी छोड़ने को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार का जवाब
BBMB के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं: अतिरिक्त पानी छोड़ने को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार का जवाब

पंजाब सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दलील दी कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को बाध्यकारी समझौतों के तहत प्रत्येक राज्य को आवंटित हिस्से से अधिक पानी छोड़ने का कोई अधिकार नहीं है।यह दलील चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ के समक्ष पंजाब सरकार द्वारा दायर याचिका में दी गई, जिसमें BBMB की 23 अप्रैल, 2025 की बैठक के विवरण को चुनौती दी गई। इसमें गंभीर पेयजल संकट और यमुना नहर की मरम्मत का हवाला देते हुए हरियाणा को 8,500 क्यूसेक तक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया...

S.138 NI Act | मुआवज़ा न चुकाने के कारण दोषी को ज़मानत नहीं मिल पाती तो अदालत को 90 दिनों में अपील का फ़ैसला करना होगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
S.138 NI Act | मुआवज़ा न चुकाने के कारण दोषी को ज़मानत नहीं मिल पाती तो अदालत को 90 दिनों में अपील का फ़ैसला करना होगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि यदि अपीलीय न्यायालय को यह विश्वास हो जाता है कि परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 (NI Act) की धारा 138 के अंतर्गत कोई दोषी, धारा 148 के अंतर्गत मुआवज़े की 20% राशि जमा करने में वास्तव में असमर्थ है। परिणामस्वरूप, ज़मानत नहीं पा सकता है तो अपील का फ़ैसला अधिकतम 90 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।NI Act की धारा 148, धारा 138 के अंतर्गत चेक अनादर के लिए दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील में अपीलकर्ता (चेक जारीकर्ता) को निचली अदालत द्वारा दिए गए...

बाढ़ के चलते पंजाब में जलाशयों से मलबा निकालने की अनुमति: हाईकोर्ट ने PIL को मंजूरी दी
बाढ़ के चलते पंजाब में जलाशयों से मलबा निकालने की अनुमति: हाईकोर्ट ने PIL को मंजूरी दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में वर्तमान बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य में जलाशयों की डी-सेल्टिंग (मलवा निकालने) की अनुमति दी। यह आदेश उस PIL के संदर्भ में आया, जिसमें राज्य में कथित अवैध वाणिज्यिक रेत खनन का आरोप लगाया गया था।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी ने कहा,“राज्य में बाढ़ की वर्तमान स्थिति और न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए। साथ ही पंजाब के अधिवक्ता जनरल द्वारा दी गई गारंटी को ध्यान में रखते हुए इस याचिका के परिणाम के अधीन रहते हुए, राज्य और उसके अधिकारियों को...

महिला से ज़बरन बात करना अपराध नहीं, सिर्फ़ परेशान करने वाला: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
महिला से ज़बरन बात करना अपराध नहीं, सिर्फ़ परेशान करने वाला: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी महिला से उसकी इच्छा के विरुद्ध बातचीत शुरू करने की कोशिश करना—भले ही "परेशान करने वाला" हो—अपने आप में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 के तहत उसकी लज्जा भंग करने का अपराध नहीं बनता।जस्टिस कीर्ति सिंह ने नोट किया कि अभियोजन पक्ष (प्रॉसिक्यूट्रिक्स) ने स्वयं गवाही में स्वीकार किया कि आरोपी ने सिर्फ बातचीत शुरू करने की कोशिश की थी और जब उसने इनकार किया तो आरोपी वहाँ से चला गया।कोर्ट ने कहा कि यह आचरण अवश्य ही अनचाहा और परेशान करने वाला है, लेकिन इसे...