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BREAKING | NCLAT सदस्य पर हाईकोर्ट जज द्वारा निर्णय प्रभावित करने के प्रयास का सनसनीखेज खुलासा, सुप्रीम कोर्ट ने मामला प्रशासनिक पक्ष में भेजा
BREAKING | NCLAT सदस्य पर हाईकोर्ट जज द्वारा निर्णय प्रभावित करने के प्रयास का सनसनीखेज खुलासा, सुप्रीम कोर्ट ने मामला प्रशासनिक पक्ष में भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस गंभीर रिट याचिका को अपने प्रशासनिक पक्ष में निपटाने का निर्णय लिया, जिसमें NCLAT के न्यायिक सदस्य जस्टिस शरद कुमार शर्मा द्वारा किए गए उस अभूतपूर्व खुलासे की जांच की मांग की गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें उच्च न्यायपालिका के अत्यंत सम्मानित सदस्य ने लंबित दिवाला अपील में अनुकूल आदेश देने के लिए संदेश भेजा था।जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि इस याचिका को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के समक्ष विचारार्थ प्रतिनिधित्व के रूप...

डिज़ाइन उल्लंघन पर पासिंग ऑफ़ के मुकदमों को बनाए रखने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कीं
डिज़ाइन उल्लंघन पर पासिंग ऑफ़ के मुकदमों को बनाए रखने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कीं

सुप्रीम कोर्ट ने क्रॉक्स इंक. यूएसए द्वारा दायर पासिंग ऑफ़ मुकदमों की वैधता को चुनौती देने वाली बाटा इंडिया लिमिटेड और अन्य जूता निर्माताओं की याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं। ये मुकदमे क्रॉक्स के रजिस्टर्ड डिज़ाइनों की कथित नकल और व्यापारिक स्वरूप (ट्रेड ड्रेस) की नकल के आधार पर दायर किए गए।जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की खंडपीठ ने 1 जुलाई को दिए दिल्ली हाईकोर्ट के डिवीज़न बेंच के उस फैसले में हस्तक्षेप से इनकार किया, जिसमें कहा गया था कि डिज़ाइंस एक्ट के तहत रजिस्टर्ड किसी डिज़ाइन...

क्रिमिनल ट्रायल के दौरान बिना अनुमति विदेश जाने पर भी पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
क्रिमिनल ट्रायल के दौरान बिना अनुमति विदेश जाने पर भी पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

आपराधिक मामले के लम्बित रहने पर भी दस वर्ष के लिए पासपोर्ट जारी करने के आदेश देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय की बिना अनुमति के आरोपी के विदेश जाने पर विचारण न्यायालय जमानत के संबंध में समुचित आदेश पारित कर सकता है, लेकिन पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं कर सकता।डीडवाना निवासी रहीस खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने आपराधिक विविध याचिका दायर कर हाईकोर्ट में कहा कि उसके खिलाफ वर्ष 2019 में मारपीट के आरोप में आपराधिक प्रकरण संस्थित हुआ था, जिसका विचारण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,...

S.138 NI Act | चेक बाउंस मामलों के निपटारे के लिए लगने वाले खर्च पर दामोदर प्रभु फैसले में दिशानिर्देश बाध्यकारी नहीं: सुप्रीम कोर्ट
S.138 NI Act | चेक बाउंस मामलों के निपटारे के लिए लगने वाले खर्च पर 'दामोदर प्रभु फैसले' में दिशानिर्देश बाध्यकारी नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 (NI Act) की धारा 138 के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति पर बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा लगाया गया जुर्माना रद्द कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता को समझौते पर कोई आपत्ति नहीं थी और अपीलकर्ता राशि का भुगतान करने में असमर्थ था।जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि दामोदर एस. प्रभु बनाम सैयद बाबालाल एच. फैसले में दिए गए दिशानिर्देश, जो NI Act में मामले के निपटारे के चरण के आधार पर जुर्माने लगाने का प्रावधान...

क्या दूरसंचार स्पेक्ट्रम लाइसेंस पर दिवालियेपन की कार्यवाही की जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
क्या दूरसंचार स्पेक्ट्रम लाइसेंस पर दिवालियेपन की कार्यवाही की जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एयरसेल और रिलायंस कम्युनिकेशंस की दिवालियेपन कार्यवाही में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों के एक समूह पर फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधिकरण ने कहा था कि स्पेक्ट्रम, कॉर्पोरेट देनदार की अमूर्त संपत्ति होने के कारण, दिवालियेपन/परिसमापन कार्यवाही के अधीन किया जा सकता है।NCLAT ने आगे कहा कि स्पेक्ट्रम के उपयोग का अधिकार केवल सरकार को स्पेक्ट्रम से संबंधित बकाया चुकाने के बाद ही CIRP में हस्तांतरित किया जा सकता...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स को दक्षिणी राज्यों के बाहर द न्यू इंडियन एक्सप्रेस टाइटल इस्तेमाल करने से रोका
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स को दक्षिणी राज्यों के बाहर 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' टाइटल इस्तेमाल करने से रोका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स (मदुरै) प्राइवेट लिमिटेड को उन दक्षिणी राज्यों के बाहर 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' टाइटल का उपयोग करने से रोक दिया, जिनके लिए उसे अधिकार दिए गए थे। न्यायालय ने कहा कि "इंडियन एक्सप्रेस" ट्रेडमार्क का स्वामित्व विशेष रूप से द इंडियन एक्सप्रेस (प्रा.) लिमिटेड के पास है।जस्टिस आर. आई. छागला की सिंगल बेंच ने 13 नवंबर, 2025 को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।कोर्ट ने माना कि एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स द्वारा निर्दिष्ट...

सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर में ईसाई मिशन के ज़मीन पर कब्ज़ा करने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर में ईसाई मिशन के ज़मीन पर कब्ज़ा करने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बिलासपुर में एक लीज़होल्ड संपत्ति पर ईसाई महिला मिशन बोर्ड (CWBM) के कब्ज़े पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देकर उसे अंतरिम राहत प्रदान की। मिशन ने छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा ज़मीन पर कब्ज़ा वापस लेने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ CWBM की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें उसे राहत देने से इनकार कर दिया गया।सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा...

दक्षता और लाभ बढ़ाने के लिए सॉफ़्टवेयर ख़रीदने वाली कंपनी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ता नहीं: सुप्रीम कोर्ट
दक्षता और लाभ बढ़ाने के लिए सॉफ़्टवेयर ख़रीदने वाली कंपनी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत "उपभोक्ता" नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (13 नवंबर) को फैसला सुनाया कि लाभ कमाने से जुड़े 'व्यावसायिक उद्देश्य' से उत्पाद ख़रीदने वाले व्यक्ति को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत उपभोक्ता नहीं माना जा सकता।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने अपीलकर्ता-सॉफ़्टवेयर कंपनी द्वारा प्रतिवादी-विक्रेता के विरुद्ध दायर उपभोक्ता शिकायत खारिज करने का फ़ैसला बरकरार रखा, जिसमें अपीलकर्ता द्वारा अपनी व्यावसायिक प्रक्रियाओं के स्वचालन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दोषपूर्ण सॉफ़्टवेयर लाइसेंस को...

अनुकंपा नियुक्ति में देरी से उसका उद्देश्य विफल, मृत्यु तिथि से 15 वर्ष बीत जाने के बाद राहत नहीं दी जा सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
अनुकंपा नियुक्ति में देरी से उसका उद्देश्य विफल, मृत्यु तिथि से 15 वर्ष बीत जाने के बाद राहत नहीं दी जा सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति लंबे समय (15 वर्ष) के बाद नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसका उद्देश्य मृतक कर्मचारी के परिवार को तत्काल वित्तीय राहत प्रदान करना है।पृष्ठभूमि तथ्यअपीलकर्ता की माँ विकासखंड शिक्षा अधिकारी, गरियाबंद के अधीन सहायक शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं। 09.12.2000 को सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उस समय अपीलकर्ता-पुत्री नाबालिग थी। अपीलकर्ता वर्ष 2015 में वयस्क हो गई। 05.08.2015 को उसने अनुकंपा...

सेल डीड और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल होने पर मूल्य में कोई संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
सेल डीड और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल होने पर मूल्य में कोई संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि जब बिक्री लेनदेन की तिथि और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल हो तो भूमि के बाजार मूल्य का आकलन करते समय संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती।कोर्ट ने टिप्पणी की कि चूंकि सेल डीड और अधिग्रहण अधिसूचना नौ महीने की अवधि के भीतर जारी की गई थी, इसलिए बाजार मूल्य का आकलन करते समय संचयी वृद्धि दर की अनुमति नहीं दी जा सकती।जस्टिस कुकरेजा ने टिप्पणी की:"अतः, अधिसूचना जारी करने की तिथि और सेल डीड के निष्पादन की तिथि के बीच बहुत कम अंतराल को देखते हुए भूमि के बाजार मूल्य...

डिजिटल अर्थव्यवस्था जन-विश्वास पर आधारित, साइबर धोखाधड़ी के अपराध केवल समझौते के आधार पर रद्द नहीं किए जा सकते: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
डिजिटल अर्थव्यवस्था जन-विश्वास पर आधारित, साइबर धोखाधड़ी के अपराध केवल समझौते के आधार पर रद्द नहीं किए जा सकते: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी जन-विश्वास और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विरुद्ध एक प्रणालीगत अपराध है। इसलिए ऐसे मामलों को केवल शिकायतकर्ता और अभियुक्त के बीच समझौते या सुलह के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,"साइबर धोखाधड़ी का समकालीन अपराध एक विशिष्ट उल्लंघन प्रस्तुत करता है, जो केवल शिकायतकर्ता/पीड़ित और अभियुक्त के बीच हुए समझौते/सुलह के आधार पर आपराधिक कार्यवाही रद्द करने के न्यायिक अधिकार क्षेत्र से इसे स्पष्ट रूप से बाहर रखता है। डिजिटल...

रिश्वतखोरी के मामले में एडिशनल सेशन जज गिरफ्तार, 15 लाख में अनुकूल आदेश पारित करने का आरोप
रिश्वतखोरी के मामले में एडिशनल सेशन जज गिरफ्तार, '15' लाख में 'अनुकूल' आदेश पारित करने का आरोप

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को एडिशनल सेशन जज को 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में "भगोड़ा" घोषित किया और जज के क्लर्क को भी शिकायतकर्ता के पक्ष में एक व्यावसायिक मुकदमे का फैसला करने के लिए उक्त राशि स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।ACB, मुंबई कार्यालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, शिकायतकर्ता का व्यावसायिक मुकदमा एजाजुद्दीन काजी (55) की अदालत में सूचीबद्ध था। एडिशनल सेशन जज के पास 10 करोड़ रुपये से कम मूल्य के व्यावसायिक मुकदमों की सुनवाई करने का अधिकार...

अपमानजनक रिपोर्टिंग को लेकर इकोनॉमिक टाइम्स और अन्य मीडिया हाउस के खिलाफ कोर्ट पहुंचे अनिल अंबानी
'अपमानजनक' रिपोर्टिंग को लेकर इकोनॉमिक टाइम्स और अन्य मीडिया हाउस के खिलाफ कोर्ट पहुंचे अनिल अंबानी

रिलायंस समूह के अध्यक्ष और व्यवसायी अनिल अंबानी ने कथित रूप से मानहानिकारक रिपोर्टिंग को लेकर कोबरापोस्ट, इकोनॉमिक टाइम्स और अन्य के खिलाफ दिल्ली कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया। उन्होंने दावा किया कि उनकी कंपनियों ने 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की।यह मामला कड़कड़डूमा कोर्ट के सीनियर सिविल जज विवेक बेनीवाल के समक्ष सूचीबद्ध था।अदालत ने मुकदमे में प्रतिवादियों के खिलाफ एकतरफा अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करने वाली याचिका पर अंबानी की ओर से दी गई दलीलें सुनीं।जज ने आदेश दिया,"अंतरिम...

जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं, वीडियो रिकॉर्ड करें, सत्यापन के बाद जारी करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं, वीडियो रिकॉर्ड करें, सत्यापन के बाद जारी करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं होता और इससे उनका मूल्यह्रास, क्षय और पर्यावरणीय क्षति होती है। कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आधुनिक तकनीक डिजिटल दस्तावेज़ीकरण - जिसमें वीडियो और तस्वीरें शामिल हैं - को पर्याप्त साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने की अनुमति देती है, जिससे वाहनों को उनके असली मालिकों को समय पर जारी किया जा सके।कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 110, 115(2), 3(5), 351(3), 117(2) और 118(2) के तहत दर्ज...

कोई ठोस सबूत नहीं, पूरा मीडिया ट्रायल: हाईकोर्ट में प्रज्वल रेवन्ना ने दी दलील
'कोई ठोस सबूत नहीं, पूरा मीडिया ट्रायल': हाईकोर्ट में प्रज्वल रेवन्ना ने दी दलील

बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा निलंबित करने और ज़मानत देने की मांग करते हुए दोषी पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष का मामला कमज़ोर है और सबूतों का आपस में जुड़ाव साबित नहीं होता, इसलिए उन्हें हिरासत में नहीं रखा जाना चाहिए।अपीलकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी,"मेरा तर्क यह है कि जहां अभियोजन पक्ष के मामले का आधार कमज़ोर है और सबूतों का आपस में जुड़ाव साबित नहीं होता, वहां मुझे हिरासत में नहीं रखा जाना चाहिए।"उन्होंने आगे कहा,"मैं कहूंगा...

जेल सुपरिंटेंडेंट स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए मेडिकल अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं कर सकते: राजस्थान हाईकोर्ट
जेल सुपरिंटेंडेंट स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए मेडिकल अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं कर सकते: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि केंद्रीय कारागार के सुपरिंटेंडेंट, एक अलग प्रशासनिक विभाग होने के नाते मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्त चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का कोई अधिकार या क्षमता नहीं रखते हैं।जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने याचिकाकर्ता के स्थानांतरण आदेशों को रद्द करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिनमें राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 ("नियम") के तहत जेल अधीक्षक को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश भी शामिल...

NDPS Act - वाणिज्यिक मात्रा में मादक पदार्थों के मामलों में धारा 37 की शर्तें पूरी न होने पर लंबी हिरासत और ट्रायल में देरी ज़मानत का आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट
NDPS Act - वाणिज्यिक मात्रा में मादक पदार्थों के मामलों में धारा 37 की शर्तें पूरी न होने पर लंबी हिरासत और ट्रायल में देरी ज़मानत का आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि NDPS Act की धारा 37 के तहत अनिवार्य दोहरी शर्तों के पूरा न होने पर, मादक पदार्थों की वाणिज्यिक मात्रा से जुड़े मामलों में मुकदमे में देरी या लंबी कैद अपने आप में ज़मानत देने का औचित्य नहीं ठहरा सकती। कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के दो आदेशों को रद्द कर दिया, जिनमें राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा जांच की गई कोकीन और मेथामफेटामाइन की बड़ी ज़ब्ती के आरोपी विगिन के. वर्गीस को ज़मानत दी गई।जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की खंडपीठ ने मामले को नए सिरे...