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अनधिकृत कब्जे में पब्लिक प्रिमाइसेज़ एक्ट ही लागू होगा: सुप्रीम कोर्ट ने 2014 का फैसला रद्द किया
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि यदि कोई परिसर “public premises” की परिभाषा में आता है और उसकी किरायेदारी विधिवत समाप्त कर दी गई है, तो ऐसे अनधिकृत कब्जाधारक राज्य के Rent Control Acts के अंतर्गत किसी प्रकार का संरक्षण नहीं ले सकते। ऐसे मामलों में बेदखली केवल Public Premises (Eviction of Unauthorised Occupants) Act, 1971 (PP Act) के तहत ही होगी, जो त्वरित कार्रवाई का प्रावधान करता है।जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की...
जबरन तेज़ाब पिलाने वाली पीड़ितों को कानूनी सुरक्षा देने पर केंद्र विचार करेगा: SG ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह उन महिलाओं को भी विकलांग अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सुरक्षा देने के लिए आवश्यक विधायी कदमों पर विचार करेगी, जिन्हें जबरन तेज़ाब पिलाया गया और जिनके आंतरिक अंगों को गंभीर नुकसान पहुँचा है।चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्य बाग्ची की खंडपीठ एसिड अटैक सर्वाइवर शहीन मलिक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया कि कानून में “acid attack victims” की परिभाषा सिर्फ उन मामलों तक सीमित है जहां तेज़ाब फेंके जाने से बाहरी विकृति दिखती है।...
S. 125 CrPC | जो महिला अपना गुज़ारा कर सकती है, वह पति से गुज़ारा भत्ता पाने की हकदार नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अगर कोई पत्नी अच्छी नौकरी करती है और अपना गुज़ारा करने के लिए काफ़ी सैलरी कमाती है तो वह CrPC की धारा 125 के तहत गुज़ारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है।इस तरह जस्टिस मदन पाल सिंह की बेंच ने फ़ैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक पति को अपनी पत्नी को सिर्फ़ "इनकम को बैलेंस" करने और दोनों पक्षों के बीच बराबरी लाने के लिए 5K रुपये गुज़ारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया, जबकि पत्नी हर महीने 36K रुपये कमाती थी।कोर्ट ने इस बात पर भी एतराज़ जताया कि...
SIR अभियान में हस्तक्षेप से सावधानी बरतेगी सुप्रीम कोर्ट, सीजेआई बोले- 'हम माइक्रो-मैनेज नहीं कर सकते'
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) मतदाता सूची का वार्षिक प्रक्रिया नहीं है, इसलिए न्यायालय को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते समय अत्यंत सावधानी रखनी चाहिए। चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग लगभग 20 वर्षों बाद ऐसा व्यापक अभ्यास कर रहा है और अदालत इसका “माइक्रो-मैनेजमेंट” नहीं कर सकती।चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे, जिनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी सहित कई राज्यों में चुनाव आयोग द्वारा...
सोशल मीडिया टिप्पणियों से प्रभावित नहीं होता, मैं बहुत मजबूत व्यक्ति हूं: CJI सूर्यकांत
मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने गुरुवार को कहा कि वे सोशल मीडिया पर अदालत की कार्यवाही को लेकर होने वाली टिप्पणियों से बिल्कुल प्रभावित नहीं होते। उन्होंने इस बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई कि लोग अदालत में लंबित मामलों पर टिप्पणी करते हैं और सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों द्वारा पूछे गए सवालों को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं।CJI ने कहा कि अदालत द्वारा की गई पूछताछ का उद्देश्य दोनों पक्षों के तर्कों की मजबूती को परखना होता है, न कि अदालत का अंतिम दृष्टिकोण व्यक्त करना। इसके बावजूद लोग जल्दबाज़ी...
20,000 रुपये से अधिक नकद लेनदेन भी वैध ऋण : सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट का फैसला रद्द किया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में PC Hari बनाम Shine Varghese मामले में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि आयकर अधिनियम, 1961 का उल्लंघन करते हुए 20,000 रुपये से अधिक नकद लेनदेन से बना ऋण धारा 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम (NI Act) के तहत “कानूनी रूप से प्रवर्तनीय ऋण” नहीं माना जा सकता जब तक कि उसके लिए संतोषजनक स्पष्टीकरण न दिया जाए।जस्टिस पी.के. मिश्रा और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की खंडपीठ ने कहा कि यह दृष्टिकोण सुप्रीम कोर्ट के समन्वय पीठ...
UAPA मामलों में देरी पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, सभी हाईकोर्ट को समीक्षा का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में सभी हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वे उन मामलों की स्थिति की समीक्षा करें, जिनमें रिवर्स बर्डन ऑफ प्रूफ (आरोपी पर दोष नकारने की जिम्मेदारी) लागू होती है, जैसे कि गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम – UAPA के तहत चल रही कार्यवाही।न्यायालय ने सभी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से यह भी कहा कि वे यह ascertain करें—इन विशेष अपराधों की सुनवाई के लिए कितनी विशेष अदालतें नामित हैं,विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की स्थिति क्या है,और पाँच वर्ष से अधिक...
तेलंगाना फोन टैपिंग मामला | सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व इंटेलिजेंस चीफ को हिरासत में पूछताछ के लिए सरेंडर करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना राज्य इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव को कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में हिरासत में पूछताछ के लिए शुक्रवार सुबह 11:00 बजे तक हैदराबाद के जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन में सरेंडर करने का निर्देश दिया।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने यह आदेश राज्य के इस आरोप के मद्देनजर दिया कि राव के आईक्लाउड अकाउंट से कोई इलेक्ट्रॉनिक डेटा बरामद नहीं किया जा सका। उन्होंने कोर्ट द्वारा दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा का फायदा उठाते हुए इलेक्ट्रॉनिक सबूत...
NDPS | स्वतंत्र गवाहों की गैरमौजूदगी, धारा 52-A की कमियां जानलेवा नहीं अगर रिकवरी और जानबूझकर कब्ज़ा साबित हो जाए: सुप्रीम कोर्ट
23.5 किलो गांजा रखने के आरोप में दोषी ठहराई गई एक महिला की अपील खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को कहा कि जब्ती के दौरान स्वतंत्र गवाहों की गैरमौजूदगी अभियोजन पक्ष के लिए जानलेवा नहीं है, जब तक कि पुलिस गवाह रिकवरी के बारे में लगातार और विश्वसनीय सबूत देते हैं। कोर्ट ने आगे साफ किया कि NDPS Act की धारा 52-A के तहत सैंपलिंग में सिर्फ प्रक्रियात्मक कमियां अभियोजन पक्ष को खराब नहीं करतीं, जब तक कि वे जब्त किए गए प्रतिबंधित सामान की अखंडता से समझौता न करें।जस्टिस संजय करोल और...
बहन की शादी में शामिल होने के लिए उमर खालिद को मिली ज़मानत
दिल्ली कोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को JNU के पूर्व स्कॉलर और एक्टिविस्ट उमर खालिद को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़ी बड़ी साज़िश के UAPA मामले में अंतरिम ज़मानत दी।खालिद ने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम ज़मानत मांगी थी।कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने खालिद को 16 से 29 दिसंबर तक के लिए 20,000 रुपये के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही रकम की दो ज़मानतों पर अंतरिम ज़मानत दी।खालिद को निर्देश दिया गया कि वह मामले से जुड़े किसी भी गवाह या व्यक्ति से संपर्क न करे।...
सुप्रीम कोर्ट ने चार पूर्व जजों को सीनियर एडवोकेट बनाया
सुप्रीम कोर्ट ने चार पूर्व जजों को सीनियर एडवोकेट बनायासुप्रीम कोर्ट ने चार पूर्व हाईकोर्ट जजों को जिनमें दो चीफ जस्टिस भी शामिल हैं, सीनियर एडवोकेट के तौर पर नामित किया।यह फैसला 10 दिसंबर, 2025 को सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता भारत के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने की।निम्नलिखित रिटायर्ड जजों को यह पदनाम दिया गया:1. जस्टिस अभिनंदन कुमार शाविली, पूर्व जज, तेलंगाना राज्य के लिए हाईकोर्ट।2. जस्टिस पवनकुमार बी बजेंथ्री, पूर्व चीफ जस्टिस, पटना हाईकोर्ट।3. जस्टिस...
कमज़ोर वादियों की सुनवाई न होने पर सीजेआई सूर्यकांत ने जताया दुख, कहा- ज़्यादा ज़रूरी माने जाने वाले मामलों पर हो रहा पूरा वक्त ख़र्च
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय का "बराबर बंटवारा" सुनिश्चित करना चाहते हैं, इस बात पर ज़ोर देते हुए कि "बहुत ज़रूरी माने जाने वाले" मामलों में पूरा दिन नहीं लगना चाहिए और लिस्ट में मौजूद दूसरे मामलों के लिए बहुत कम या बिल्कुल भी समय नहीं बचना चाहिए।इलेक्टोरल रोल्स के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) से जुड़े मामलों की सुनवाई से पहले, जिनकी सुनवाई कोर्ट पिछले कई दिनों से कर रहा था, सीजेआई ने कहा कि जब बड़े मामलों में पूरा दिन लग जाता है तो मोटर...
मकर-संक्रांति त्योहार: एमपी हाईकोर्ट ने चीनी मांझे पर बैन को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को इंदौर पुलिस कमिश्नर और आस-पास के जिलों के सुपरिटेंडेंट को चीनी नायलॉन धागे (मांझे) के निर्माण, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर लगे बैन को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।8 दिसंबर को बेंच ने रजिस्ट्री को चीनी मांझे की अवैध बिक्री और इस्तेमाल के संबंध में स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया था, जिससे चोटें और मौतें हो रही हैं।11 दिसंबर को यह बताया गया कि चीनी मांझे का अवैध इस्तेमाल इंदौर के साथ-साथ आस-पास के जिलों में भी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामलों में DNA सबूतों को ट्रांसपोर्ट करने में देरी को रोकने के लिए कोऑर्डिनेटेड पॉलिसी बनाने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामलों में DNA सैंपल को ट्रांसपोर्ट करने में देरी को रोकने के लिए एक कोऑर्डिनेटेड पॉलिसी बनाने को कहा।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने दिल्ली पुलिस, फोरेंसिक लैब और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और गृह विभागों के बीच एक अर्जेंट और कोऑर्डिनेटेड पॉलिसी फ्रेमवर्क बनाने को कहा।कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, CFSL द्वारा जारी गाइडलाइंस, साथ ही सुप्रीम कोर्ट के बाध्यकारी निर्देशों का सख्ती से और समान रूप से पालन...
भारत का एक अधूरा सुधार: हथियार बनती महाभियोग की ढाल
1950 का संवैधानिक सौदाजब निर्माताओं ने न्यायाधीशों को हटाने पर बहस की, तो उनकी चिंताएं प्रत्यक्ष और असंवेदनशील थीं। संविधान सभा के सदस्यों ने चेतावनी दी कि महाभियोग को प्रचलित जुनूनों से विकृत किया जा सकता है, जिससे एक शत्रुतापूर्ण बहुमत को उस दिन की सरकार को अप्रसन्न करने के लिए एक न्यायाधीश को हटाने की अनुमति मिलती है। दूसरों को इसके विपरीत डर थाः कि एक दोषी न्यायाधीश हटाने से बच सकता है क्योंकि राजनीतिक गणनाओं ने सर्वसम्मति को असंभव बना दिया था। जिस बात ने उन्हें एकजुट किया वह यह था कि...
राज्यपाल-सीएम गतिरोध जारी: सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस धुलिया समिति से केरल विश्वविद्यालय के 2 वीसी पदों के लिए नामों की सिफारिश करने को कहा
दो राज्य विश्वविद्यालयों में नियमित कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर केरल सरकार और केरल के राज्यपाल के बीच लंबे गतिरोध के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को जस्टिस (सेवानिवृत्त) सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली समिति से मुख्यमंत्री और चांसलर के बीच पत्राचार की जांच करने के बाद प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए एक नाम की सिफारिश करने के लिए कहा। नाम अगले बुधवार तक सीलबंद कवर में प्रस्तुत किए जाने हैं, और अदालत 18 दिसंबर को इस मामले को फिर से उठाएगी।जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऑक्ट्रॉय चोरी मामले में चंदा कोचर और ICICI बैंक अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन किया रद्द
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में पूर्व ICICI बैंक प्रमुख चंदा कोचर और बैंक के चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ 2009 में जारी समन और पूरे अभियोजन को रद्द कर दिया।यह मामला पुणे नगर निगम द्वारा सोने के सिक्कों और बुलियन पर ऑक्ट्रॉय न चुकाने के आरोपों से संबंधित था। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि बैंक के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ता रहेगा।जस्टिस नीला गोखले की एकल पीठ ने कहा कि पुणे नगर निगम (PMC) की शिकायत में अधिकारियों के किसी विशेष कृत्य का उल्लेख नहीं था, जिससे उनके खिलाफ...
पत्नी द्वारा किसी अन्य पुरुष को अश्लील फोटो भेजना भारतीय समाज में अस्वीकार्य: एमपी हाईकोर्ट ने व्यभिचार के आधार पर तलाक बरकरार रखा
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया, जिसमें पति को उसकी पत्नी के व्यभिचार और क्रूरता के आधार पर तलाक दिया गया था।अदालत ने कहा कि प्रस्तुत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य न्यूड फोटोग्राफ, ईमेल, चैट, वीडियो कॉल और संदेश स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि पत्नी विवाह के बाद किसी अन्य पुरुष के साथ अवैध संबंध में है।जस्टिस विशाल धागत और जस्टिस बी.पी. शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि भारतीय समाज में यह अपेक्षित नहीं है कि कोई विवाहित महिला स्वयं की नग्न तस्वीरें लेकर किसी अन्य पुरुष को भेजे वीडियो...
नियमित किए गए कर्मचारी को ऐड-हॉक सेवा में दिए गए कृत्रिम अवकाश के आधार पर पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महत्त्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि किसी कर्मचारी की ऐड-हॉक अवधि में दिए गए कृत्रिम अवकाश को आधार बनाकर उसे पेंशन के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता यदि बाद में उसकी सेवा को नियमित कर दिया गया हो।अदालत ने माना कि ऐसे अवकाश केवल औपचारिक होते हैं और इन्हें वास्तविक सेवा-व्यवधान नहीं माना जाएगा।यह मामला जिला सागर के सरकारी कॉलेज में भौतिकी व्याख्याता रहे अरुण प्रकाश बुखारिया से संबंधित था, जिन्हें 5 मार्च 1977 को ऐड-हॉक नियुक्ति मिली और वे 4 मार्च 1987 तक सेवा में रहे।...
नज़रदारी रजिस्टर पुलिस की पसंद–नापसंद का दस्तावेज़ नहीं : राजस्थान हाईकोर्ट ने मनमाने तरीके से खोली गई हिस्ट्रीशीट रद्द की
राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि पुलिस को यह अधिकार नहीं है कि वह अपनी व्यक्तिगत पसंद या नापसंद के आधार पर किसी भी व्यक्ति का नाम नज़रदारी रजिस्टर (Surveillance Register) में दर्ज कर दे।कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक द्वारा याचिकाकर्ता के खिलाफ खोली गई हिस्ट्रीशीट को गैरकानूनी और मनमाना बताते हुए निरस्त कर दिया।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की एकल पीठ ने कहा कि हिस्ट्रीशीट खोलने का आधार पुलिस अधिकारियों की विवेकाधीन संतुष्टि जरूर है पर यह संतुष्टि तभी वैध मानी जाएगी, जब वह ठोस तथ्यों और उचित...




















