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एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 18: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत होने वाले दंडादेश निलंबन, परिहार या लघुकरण
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 32(क) एनडीपीएस एक्ट के तहत होने वाले दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण पर रोक लगाती है। यह प्रावधान इसलिए दिए गए हैं क्योंकि दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत किसी भी दंडादेश का निलंबन, परिहार या लघुकरण किया जा सकता है।जैसा कि पूर्व में ही यह उल्लेख किया गया था कि यह अधिनियम भारत में लागू कठोर अधिनियमों में एक है इसलिए इस अधिनियम में धारा 32(क) का प्रावधान किया गया है। इस आलेख के अंतर्गत इस धारा विवेचना की जा रही...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 17: एनडीपीएस एक्ट से संबंधित अपराधों का दुष्प्रेरण और आपराधिक षड्यंत्र
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 29 इस एक्ट से संबंधित अपराधों के दुष्प्रेरण एवं आपराधिक षड्यंत्र को कठोर दंडनीय अपराध बनाती है। जैसे कि भारतीय दंड संहिता में उल्लेखित अपराधों का दुष्प्रेरण या उनका आपराधिक षड्यंत्र बनाना भी अपराध की श्रेणी में है इस ही तरह एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध बताए गए सभी कृत्य का दुष्प्रेरण या आपराधिक षड्यंत्र भी धारा 29 के दायरे में अपराध बना दिया गया है। इस आलेख में धारा 29 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है एवं उससे संबंधित...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 16: एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित पदार्थो का सेवन करने पर दंड का प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 27 प्रतिबंधित पदार्थो के सेवन पर दंड का प्रावधान करती है। जैसा कि पूर्व में यह स्पष्ट किया गया है कि यह अधिनियम वाणिज्यिक मात्रा से अधिक मात्रा जप्त होने पर अधिक दंड का प्रावधान करता है, किसी प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने वाला इस अधिनियम की दृष्टि में एक प्रकार का पीड़ित है हालांकि उसे पीड़ित मानकर दंड से छूट नहीं दी गई है उस पर भी एक निश्चित दंड है लेकिन अवधि कम है। इस आलेख में धारा 27 पर विमर्श किया जा रहा है।यह...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 15: एनडीपीएस एक्ट के तहत होने वाले अपराधों की सहायता हेतु कमरा, भवन इत्यादि दिए जाने का परिणाम
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 25 इस अधिनियम के तहत होने वाले अपराधों को कारित करने में भवन या कक्ष इत्यादि जिस व्यक्ति द्वारा जान बूझकर दिया जाता है उसे भी दंडित करने के प्रावधान करती है।इस धारा में महत्वपूर्ण यह है कि ऐसा भवन जानबूझकर दिया गया हो या फिर इस उद्देश्य से ही दिया गया हो कि यहां प्रतिबंधित कार्यवाही संचालित की जाएगी। इस आलेख में धारा 25 से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 14: साइकोट्रॉपिक पदार्थो के उल्लंघन से संबंधित प्रकरण में धारा 42(2) का पालन
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 साइकोट्रॉपिक पदार्थो के उल्लंघन से संबंधित प्रावधान करती है। जब कभी साइकोट्रॉपिक पदार्थ से संबंधित प्रकरण बनाया जाता है तब एनडीपीएस एक्ट की धारा 42(2) का पालन किया जाना आवश्यक है। इस धारा के तहत तात्कालिक रूप से वरिष्ठ अधिकारी को सूचित किया जाता है। इससे संबंधित चर्चा इस आलेख में प्रस्तुत की जा रही है।धारा 42 (2) के अधीन तात्कालिक वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करने की अपेक्षा साइकोट्रॉपिक पदार्थ बरामद होने वाले प्रकरण...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 13: साइकोट्रॉपिक पदार्थो के मामले में उल्लंघन करने पर दंड
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 साइकोट्रॉपिक पदार्थो जिसे हिंदी भाषा में मनः प्रभावी पदार्थ कहा जाता है के उल्लंघन के संबंध में दंड का प्रावधान करती है। यह अधिनियम की महत्वपूर्ण धारा है, इस धारा में भी बीस वर्ष तक का कारावास एवं दो लाख रुपए तक का जुर्माना अधिरोपित किया जा सकता है।दंड पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करता है। साइकोट्रॉपिक पदार्थो उन्हें कहा जाता है जो मन को प्रभावित कर देते हैं एवं मनुष्य को क्षणिक खुशी देते हैं। समय समय पर सरकार...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 12: औषधियों के संबंध में अपराध पर जमानत से संबंधित प्रकरण
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 विनिर्मित औषधियों को नशीले पदार्थो के दायरे में रखकर दंड का प्रावधान करती है जहां वाणिज्यिक मात्रा से अधिक मात्रा पाए जाने पर अपराध प्रमाणित होने पर अधिकतम 20 वर्ष का कारावास प्रावधानित किया गया है।यह इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाला अत्यंत संगीन अपराध है जहां पार्लियामेंट अत्यंत कड़े दंड का प्रयोजन करती है। अलग अलग अदालतों में इस अपराध के अभियोजन के दौरान जमानत पर विचार किया जाता रहता है एवं उससे संबंधित विधि...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 11: औषधियों के संबंध में अपराध
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 विनिर्मित औषधियों के संबंध में अपराध पर दंड का उल्लेख करती है। एनडीपीएस एक्ट ऐसा अधिनियम है जो हर तरह के नशीले पदार्थों को प्रतिबंधित करता है और उन पर दंड का प्रावधान करता है। इस अधिनियम के अंतर्गत कैनाबिस एवं अफीम के पौधे तक ही अपराध नहीं है अपितु इन पदार्थों से विनिर्मित पदार्थ भी इस अधिनियम की जद में आते है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 21 जो विनिर्मित औषधियों से संबंधित है पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 10: कैनाबिस के पौधे (गांजा का पौधा) के संबंध में अपराध प्रमाणित होना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 20 गांजा के पौधे के संबंध में उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान करती है जहां वाणिज्यिक मात्रा होने पर बीस वर्ष तक का कारावास दिया जा सकता है लेकिन ऐसा कारावास अपराध के प्रमाणित होने पर ही दिया जा सकता है। ऐसी कौनसी परिस्थिति है जो कैनाबिस के पौधे के अपराध को प्रमाणित कर देती है, इस इस ही पर इस आलेख में अलग अलग अदालतों के दिए निर्णय के आधार पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।कैनाबिस के पौधे के उल्लंघन का अपराध...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 9: कैनाबिस के पौधे (गांजा पौधा) के संबंध में प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 20 कैनाबिस के पौधे से संबंधित है। अफीम का पौधा एवं गांजा का पौधा दोनों ही अलग अलग है। कैनाबिस के पौधे के तने एवं पत्तियों से गांजा तैयार किया जाता है लेकिन एनडीपीएस एक्ट समस्त कैनाबिस के पौधे के संबंध में ही प्रावधान करती है। धारा 20 इससे संबंधित अपराध के मामले में दंड का प्रावधान करती है। इस आलेख में धारा 20 टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा 20 का मूल रूप हैधारा 20. कैनेबिस के पौधे और...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 8: खेतिहर द्वारा अफीम का गबन
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) पूरी तरह से नारकोटिक्स ड्रग्स को सरकार के नियंत्रण में करता है। अफीम नशीले पदार्थों में से एक है, अफीम के पौधे से निकलने वाले रस से अफीम तैयार की जाती है। कोई भी खेतिहर सरकार के नियंत्रण में ही अफीम की खेती कर सकते हैं। यदि उसके द्वारा तय मानक का उल्लंघन कर खेती की जाती है तब इसे अफीम का गबन कहा जाता है। एनडीपीएस एक्ट इसे अधिनियम की धारा 19 के तहत दंडनीय बनाता है, जहां कठोर दंड एवं जुर्माने का प्रावधान है।यह अधिनियम में...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 7: अफीम से संबंधित प्रकरण में धारा 42 एवं धारा 50 का उल्लंघन
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 18 में अफ़ीम से संबंधित मामलों में दंड का प्रावधान किया गया है। यह कठोर दंड का प्रावधान करती है। इस अधिनियम का गलत उद्देश्य से उपयोग न हो इस हेतु धारा 42 एवं 50 के उपबंध किए गए हैं। पुलिस द्वारा प्रकरण बनाते समय इन प्रावधानों का पालन करना होता है। इस आलेख में धारा 42 एवं 50 के उल्लंघन से संबंधित प्रकरणों पर चर्चा की जा रही है।स्टेट ऑफ पंजाब बनाम बलवीर सिंह, 1994 क्रिमिनल लॉ जर्नल 241 सुप्रीम कोर्ट 1996 के मामले में...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 6: अफीम से संबंधित प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दंड
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) अत्यंत वैज्ञानिक एवं तार्किक रूप से बनाया गया है। एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 नशीले पदार्थों को प्रतिबंधित करती है एवं अलग अलग धाराएं अलग अलग पदार्थों के संबंध में दंड का उल्लेख करती है, जैसे पिछले आलेख में अफीम के पौधे के संबंध में दंड पर चर्चा की गई थी। धारा 18 में अफीम फल एवं अफीम के संबंध में दंड का उल्लेख है। पौधे में उगने वाले फल के रस को सुखाकर ही अफीम तैयार की जाती है। इस आलेख में धारा 18 पर चर्चा की जा रही है।यह अधिनियम...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 12: आदेश 5 नियम 1 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 5 समन एवं समन की तामील से संबंधित है। इस आदेश के अंतर्गत सभी नियम समन एवं समन की तामील से संबंधित हैं। वाद संस्थित होने के ठीक बाद अदालत द्वारा समन निकाला जाता है, ऐसा समन प्रतिवादियों को जारी किया जाता है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 5 के नियम एक पर चर्चा की जा रही है।नियम 1 के प्रावधान संहिता में इस प्रकार दिए गए हैं-नियम-1 समन - [ ( 1 ) जब वाद सम्यक् रूप से संस्थित किया जा चुका हो तब उस प्रतिवादी पर, समन के तामील की तारीख से तीस दिन...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 11: आदेश 4 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 4 व्यवहारिक दृष्टिकोण से इतना महत्वपूर्ण नहीं है किंतु यह स्पष्ट करता है कि किसी भी वाद को संस्थित कैसे किया जाएगा। वास्तव में यह आदेश फाइलिंग की प्रक्रिया निर्धारित करता है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 4 पर चर्चा की जा रही है।वाद संस्थित करने का तरीका धारा 26 तथा आदेश-4 में बतलाया गया है।सिविल प्रक्रिया संहिता के संशोधन (2002) का स्वरूप व प्रभाव - धारा 26, आदेश 4, आदेश 6 नियम 15 में किए गए संशोधन प्रक्रियात्मक देरी को रोकने के उद्देश्य...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 5: अधिनियम में पोस्त तृण(अफीम का पौधा) के संबंध में दंड
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 15 पोस्त तृण के संबंध में दंड का उल्लेख करती है। इस एक्ट में सभी नशीले पदार्थ धारा 8 में प्रतिबंधित किए गए हैं एवं सभी पदार्थो के लिए दंड अलग अलग धाराओं में अधिरोपित किए गए हैं। धारा 15 में पोस्त तृण के लिए दंड अधिरोपित किया गया है। अफीम के पौधे में डोडा का फल उगता है एवं इस पौधे के तने एवं सुखी पत्तियों को तृण कहते हैं। इस आलेख के अंतर्गत धारा 15 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 4: अधिनियम के तहत अपराधों का अप्रमाणित होना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 8 सरकार द्वारा घोषित किसी भी नशीले पदार्थ के संबंध में सभी गतिविधियों को प्रतिबंधित करती है। इस धारा के तहत घोषित किए गए अपराध साबित होने पर आरोपियों को दंडित किया जाता है।अनेक मौके ऐसे होते हैं जहां अभियोजन अपराध साबित नहीं कर पाता है। इस आलेख के अंतर्गत ऐसे ही मामलों पर विश्लेषण प्रस्तुत किया जा रहा है।अपराध अप्रमाणितस्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 के अंतर्गत अभियुक्त से जप्त प्रतिषिद्ध वस्तु को...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 3: अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कार्य
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 8 सबसे महत्वपूर्ण धारा है, कुछ यूं समझ लिया जाए कि इस धारा के लिए ही सारा अधिनियम गढ़ा गया है। इस अधिनियम को बनाने का उद्देश्य नशीले पदार्थ को प्रतिबंधित करना था जो इस धारा 8 में कर दिया गया है। यह धारा इस अधिनियम का मील का पत्थर है। इस ही धारा में समस्त उन पदार्थों को प्रतिबिंबित कर दिया गया जिन्हें प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से अधिनियम बनाया गया था। इस धारा में उन प्रतिबंधित पदार्थों का किसी भी तरह से व्यक्ति के...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 10: आदेश 3 नियम 5 एवं 6 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश तीन अभिकर्ता एवं वकील से संबंधित है। इस आदेश के अंतर्गत अभिकर्ता एवं वकील से संबंधित समस्त प्रावधानों को डाल दिया गया है। पिछले आलेख में आदेश 3 के नियम 4 पर चर्चा की गई थी, इस आलेख में नियम 5 एवं नियम 6 पर सारगर्भित चर्चा की जा रही है।नियम-5 प्लीडर पर आदेशिका की तामील- किसी आदेशिका के बारे में, जिसकी तामील ऐसे प्लीडर पर कर दी गई है जिसे किसी पक्षकार की ओर से न्यायालय में कार्य करने के लिए सम्यक् रूप से नियुक्त किया गया है या जो ऐसे...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 2: अधिनियम के तहत दी गई परिभाषा
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) थोड़ा विस्तृत और तकनीकी विषय है। इसका परिभाषा खंड यदि ध्यानपूर्वक पढ़ लिया जाए तो इस अधिनियम को समझना आसान होगा।अधिनियम में प्रस्तुत किए गए प्रावधानों के अर्थ परिभाषा में मिल जाते है। इस अधिनियम की धारा 2 परिभाषा प्रस्तुत करती है। यह धारा अत्यंत विस्तृत धारा है जिसमे अधिकतर शब्दों के अर्थ स्पष्ट कर दिए गए हैं। इस आलेख के अंतर्गत स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 की धारा 2 का विस्तार से विश्लेषण किया जा रहा है।धारा...