कर्नाटक हाईकोर्ट

बेटे द्वारा भरण-पोषण की शर्त का उल्लेख नहीं करने पर सीनियर सिटीजन पिता द्वारा बेटे के पक्ष में निष्पादित गिफ्ट डीड रद्द नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
बेटे द्वारा भरण-पोषण की शर्त का उल्लेख नहीं करने पर सीनियर सिटीजन पिता द्वारा बेटे के पक्ष में निष्पादित गिफ्ट डीड रद्द नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि सीनियर सिटीजन द्वारा अपने बेटे के पक्ष में निष्पादित गिफ्ट डीड, जो बाद में उसे बेच देता है, उसको सीनियर सिटीजन ट्रिब्यूनल के सहायक आयुक्त द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता, यदि गिफ्ट डीड में पिता (दाता) के भरण-पोषण की कोई शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने विवेक जैन द्वारा दायर याचिका स्वीकार कर ली, जिन्होंने सीएस हर्ष से संपत्ति खरीदी थी। उन्हें वर्ष 2019 में उनके पिता श्रीनिवास ने संपत्ति गिफ्ट में दी थी।श्रीनिवास ने शुरू में वर्ष...

फिल्म एक्टर के लिए स्मारक का निर्माण जनहित याचिका का विषय नहीं हो सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
फिल्म एक्टर के लिए स्मारक का निर्माण जनहित याचिका का विषय नहीं हो सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को जनहित याचिका खारिज की। उक्त याचिका में राज्य सरकार को दिवंगत कन्नड़ फिल्म एक्टर डॉ. विष्णुवर्धन के स्मारक के निर्माण के लिए 10 गुंटा भूमि देने का निर्देश देने की मांग की गई। यह भूमि उस भूमि पर है, जहां 2009 में उनका अंतिम संस्कार किया गया था।चीफ जस्टिस एन.वी. अंजारिया और जस्टिस के.वी. अरविंद की खंडपीठ ने कहा,“फिल्म एक्टर के स्मारक का निर्माण जनहित याचिका का विषय नहीं बन सकता। यह कल्पना करना कठिन है कि याचिकाकर्ता द्वारा उक्त उद्देश्य के लिए भूमि देने पर जोर देने से...

पत्नी और बच्चे को छोड़ने वाले पति को वित्तीय स्थिति की परवाह किए बिना भरण-पोषण देना होगा: कर्नाटक हाईकोर्ट
पत्नी और बच्चे को छोड़ने वाले पति को वित्तीय स्थिति की परवाह किए बिना भरण-पोषण देना होगा: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पति द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। उक्त याचिका में ट्रायल कोर्ट द्वारा अलग हुए पति और नाबालिग बच्चे को दिए गए अंतरिम भरण-पोषण भत्ते पर सवाल उठाया गया था।जस्टिस सचिन शंकर मगदुम की एकल पीठ ने पति की इस दलील को खारिज कर दिया कि वह बेरोजगार है, क्योंकि उसकी नौकरी चली गई है। वह भरण-पोषण देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उसके पास आय का कोई स्वतंत्र स्रोत नहीं है।न्यायालय ने कहा,"यदि याचिकाकर्ता ने अपनी वित्तीय स्थिति की परवाह किए बिना पत्नी को छोड़ दिया है तो वह अपनी पत्नी और...

अपहरण मामले में एचडी रेवन्ना को जमानत देने वाला विशेष न्यायालय का आदेश दोषपूर्ण प्रतीत होता है: कर्नाटक हाइकोर्ट
अपहरण मामले में एचडी रेवन्ना को जमानत देने वाला विशेष न्यायालय का आदेश दोषपूर्ण प्रतीत होता है: कर्नाटक हाइकोर्ट

कर्नाटक हाइकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि महिला के अपहरण के आरोपी जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी रेवन्ना को जमानत देने वाला विशेष न्यायालय का आदेश दोषपूर्ण प्रतीत होता है।रेवन्ना को विशेष न्यायालय ने 13 मई को जमानत दी थी।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने विशेष जांच दल द्वारा जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा,रिकॉर्ड को देखने से स्पष्ट रूप से त्रुटि प्रतीत होती है।इस प्रकार इसने रावन्ना को आपातकालीन नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि आईपीसी की धारा 364-ए पर...

यदि स्रोत रिपोर्ट में आय से अधिक संपत्ति रखने का प्रथम दृष्टया मामला बनता है तो प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं: कर्नाटक हाइकोर्ट
यदि स्रोत रिपोर्ट में आय से अधिक संपत्ति रखने का प्रथम दृष्टया मामला बनता है तो प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं: कर्नाटक हाइकोर्ट

कर्नाटक हाइकोर्ट ने दोहराया कि यदि स्रोत रिपोर्ट में आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है तो सरकारी कर्मचारी द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं है।जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की एकल पीठ ने कुंदना ग्राम पंचायत के पंचायत विकास अधिकारी डी एम पद्मनाभ, उनकी पत्नी और सास द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) (बी) आर/डब्ल्यू धारा 13(2) और धारा 12 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने...

राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का नियत कार्यकाल पूरा होने से पहले नामांकन रद्द करना मनमाना नहीं: कर्नाटक हाइकोर्ट
राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का नियत कार्यकाल पूरा होने से पहले नामांकन रद्द करना मनमाना नहीं: कर्नाटक हाइकोर्ट

कर्नाटक हाइकोर्ट ने कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल अज़ीम द्वारा दायर याचिका खारिज की। उक्त याचिका में आयोग के अध्यक्ष के रूप में याचिकाकर्ता के नामांकन रद्द करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया गया था।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने कहा,"याचिकाकर्ता नामित व्यक्ति है, जिसे अधिनियम की धारा 4 के तहत नामित किया गया। धारा 4 में ही संकेत मिलता है कि यह राज्य की इच्छा पर निर्भर है। इसका प्रयोग किया जाता है और उसे नामित किया जाता है। नामित व्यक्ति के इस तरह के नामांकन पर इस...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने श्रीरंगपटना में जामिया मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने का दावा करने वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने श्रीरंगपटना में जामिया मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने का दावा करने वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में दावा किया गया कि श्रीरंगपटना में स्थित जामिया मस्जिद की वर्तमान संरचना का निर्माण टीपू सुल्तान ने मूडाला बगीलू अंजनेया स्वामी मंदिर के स्थल पर किया था।चीफ जस्टिस एन वी अंजारिया और जस्टिस के वी अरविंद की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि विचाराधीन संरचना संरक्षित स्मारक है। इसलिए इसे रिट क्षेत्राधिकार में बदलना "बहुत मुश्किल होगा।" फिर भी इसने सभी...

जब अपराध के लिए सजा 3 साल तक है, तो शिकायत का संज्ञान दर्ज करने के 3 साल के भीतर लिया जाना चाहिए ताकि कानून में गलत न हो: कर्नाटक हाईकोर्ट
जब अपराध के लिए सजा 3 साल तक है, तो शिकायत का संज्ञान दर्ज करने के 3 साल के भीतर लिया जाना चाहिए ताकि कानून में गलत न हो: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मानहानि के आरोप में दोषी ठहराए गए एक स्थानीय पत्रिका के संपादक/प्रकाशक को बरी कर दिया है।जस्टिस एस रचैया की सिंगल जज बेंच ने एंडो पॉल को बरी कर दिया, जिन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 500, 501 और 502 के तहत अपराधों का दोषी ठहराया गया था। पीठ ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 468 पर भरोसा किया जो सीमा की अवधि समाप्त होने के बाद संज्ञान लेने पर रोक से संबंधित है। इसमें कहा गया है, "उपरोक्त प्रावधान को ध्यान से पढ़ने पर, यह स्पष्ट हो जाता है कि यदि अपराध एक वर्ष से अधिक की अवधि...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने 60 वर्षीय मां पर हमला करने और उसकी मौत के लिए बेटे को दोषी ठहराया, कहा- मृतक के पास अपने बेटे को झूठे मामले में फंसाने का कोई कारण नहीं था
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 60 वर्षीय मां पर हमला करने और उसकी मौत के लिए बेटे को दोषी ठहराया, कहा- मृतक के पास अपने बेटे को झूठे मामले में फंसाने का कोई कारण नहीं था

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित बरी करने के आदेश को खारिज कर दिया और एक बेटे को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया, जिसने अपनी 60 वर्षीय मां पर हमला किया और उसकी हत्या कर दी। जस्टिस केएस मुदगल और जस्टिस टीजी शिवशंकर गौड़ा की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया और अनिल एन बी को उसकी मां गंगम्मा की हत्या के आरोप से बरी करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।पीठ ने कहा, "साक्ष्यों की समग्र समीक्षा से पता चलता है कि...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पत्नी और दिव्यांग बच्चे को भरण-पोषण का भुगतान न करने पर पति की संपत्ति कुर्क की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पत्नी और दिव्यांग बच्चे को भरण-पोषण का भुगतान न करने पर पति की संपत्ति कुर्क की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति की संपत्ति पर प्रभार बनाकर उसे कुर्क करने का निर्देश दिया है, ताकि उसकी अलग रह रही पत्नी और दिव्यांग बेटे को भरण-पोषण का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।जस्टिस अनु शिवरामन और जस्टिस अनंत रामनाथ हेगड़े की खंडपीठ ने पति की संपत्ति कुर्क करने के लिए पत्नी और बच्चे द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार कर लिया।इसने कहा,"वादी को भरण-पोषण का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए उक्त संपत्ति पर प्रभार बनाया गया है। नीचे दी गई अनुसूची में वर्णित प्रथम प्रतिवादी के नाम पर स्थित...

नाबालिग की कस्टडी के लिए आवेदन केवल उस न्यायालय में दायर किया जा सकता है, जिसके अधिकार क्षेत्र में वह स्थान हो, सामान्यतः जहां बच्चा रहता है: कर्नाटक हाइकोर्ट
नाबालिग की कस्टडी के लिए आवेदन केवल उस न्यायालय में दायर किया जा सकता है, जिसके अधिकार क्षेत्र में वह स्थान हो, सामान्यतः जहां बच्चा रहता है: कर्नाटक हाइकोर्ट

कर्नाटक हाइकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नाबालिग बच्चे की कस्टडी के लिए आवेदन केवल उस न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए, जहां नाबालिग बच्चा सामान्यतः रहता है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने नाबालिग बच्चे के दादा-दादी समीउल्ला साहब और अन्य द्वारा दायर याचिका स्वीकार कर ली और नाबालिग बच्चे के पिता द्वारा दायर शिकायत वापस करने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत आदेश VII नियम, 10 के तहत दायर उनका आवेदन खारिज करने वाला ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया।अदालत ने कहा,“धारा 9 उस स्थान...

मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए मुफ्त बस सर्विस नहीं दी जा सकती: कर्नाटक हाइकोर्ट
मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए मुफ्त बस सर्विस नहीं दी जा सकती: कर्नाटक हाइकोर्ट

कर्नाटक हाइकोर्ट ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मतदाताओं को मतदान करने में सक्षम बनाने के लिए मतदान तिथियों पर परिवहन के लिए मुफ्त बस सर्विसे देने के निर्देश देने की मांग करते हुए दायर जनहित याचिका का निपटारा किया।जस्टिस आर देवदास और जस्टिस जे एम खाजी की अवकाश खंडपीठ ने कहा,“यदि राज्य सरकार या सार्वजनिक परिवहन विभाग के प्रमुख द्वारा ऐसे निर्देश जारी किए जाते हैं तो यह क़ानून में निहित स्पष्ट प्रावधानों का उल्लंघन होगा। साथ ही सरकार चलाने वाले राजनीतिक दल के खिलाफ भी आरोप लगाया जा सकता...

तलाक की डिक्री को चुनौती देने वाली पत्नी की अपील पति की मौत पर समाप्त नहीं होती: कर्नाटक हाईकोर्ट
तलाक की डिक्री को चुनौती देने वाली पत्नी की अपील पति की मौत पर समाप्त नहीं होती: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि फैमिली कोर्ट द्वारा पति के पक्ष में दी गई तलाक की डिक्री को चुनौती देने वाली पत्नी द्वारा दायर अपील अपील की सुनवाई लंबित रहने तक पति की मृत्यु पर समाप्त नहीं होती है।जस्टिस अनु शिवरामन और जस्टिस अनंत रामनाथ हेगड़े की खंडपीठ ने एक महिला की अपील को स्वीकार कर लिया और पति द्वारा दायर याचिका पर क्रूरता के आधार पर तलाक देने के फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। खंडपीठ ने कहा, ''हमारा विचार है कि प्रतिवादी के विद्वान वकील द्वारा उठाया गया तर्क कि अपील को...

यदि दावेदार को अपने वाहन की बीमा कंपनी से पहले ही मुआवज़ा मिल चुका है तो वह दोषी वाहन के बीमाकर्ता से मुआवज़ा नहीं मांग सकता: कर्नाटक हाइकोर्ट
यदि दावेदार को अपने वाहन की बीमा कंपनी से पहले ही मुआवज़ा मिल चुका है तो वह दोषी वाहन के बीमाकर्ता से मुआवज़ा नहीं मांग सकता: कर्नाटक हाइकोर्ट

कर्नाटक हाइकोर्ट ने दोहराया कि यदि दावेदार को अपने वाहन की बीमा कंपनी से अपने दावे के पूर्ण और अंतिम निपटान में राशि प्राप्त हो गई है तो वह दोषी वाहन की बीमा कंपनी से अपने वाहन की मरम्मत के लिए आगे के भुगतान का दावा नहीं कर सकता।जस्टिस ज्योति मुलिमनी की एकल न्यायाधीश पीठ ने कुमारवेल जानकीराम द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।कोर्ट ने कहा,"बेशक, क्षतिग्रस्त वाहन का बीमा रॉयल सुंदरम एलायंस इंश्योरेंस कंपनी के पास था और दावेदार को बिना किसी आरक्षण या आपत्ति के अपने दावे का पूर्ण और...

लॉ कॉलेजों की संबद्धता की वर्तमान स्टेटस वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं: कर्नाटक हाइकोर्ट का BCI को निर्देश
लॉ कॉलेजों की संबद्धता की वर्तमान स्टेटस वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं: कर्नाटक हाइकोर्ट का BCI को निर्देश

कर्नाटक हाइकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश दिया कि वह अपनी वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी की संबद्धता, कॉलेज के नाम आदि की वर्तमान स्टेटस के बारे में विवरण उपलब्ध कराए।जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल पीठ ने कहा,“बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निम्नलिखित कॉलम जोड़ने का निर्देश दिया जाता है, जिस तारीख को संबद्धता विस्तार के लिए आवेदन किया गया, जिस तारीख को भुगतान किया गया, उसका विवरण बार काउंसिल द्वारा प्रारंभिक संबद्धता पत्र विशेष कॉलेज को जारी किया गया, जिसकी पीडीएफ कॉपी अपलोड की गई। कॉलेज का...

सड़क दुर्घटना | लापरवाही करने वाले एम्बुलेंस चालक को केवल जुर्माने के साथ छोड़ना पीड़ितों और पूरे समाज के साथ अन्याय होगा: कर्नाटक हाईकोर्ट
सड़क दुर्घटना | लापरवाही करने वाले एम्बुलेंस चालक को केवल जुर्माने के साथ छोड़ना पीड़ितों और पूरे समाज के साथ अन्याय होगा: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने वर्ष २०११ में लापरवाही से गाड़ी चलाने और दुर्घटना के कारण एक व्यक्ति की मौत और तीन अन्य को घायल करने के दोषी एम्बुलेंस चालक को दी गई छह महीने की साधारण कैद की सजा को कम करने से इंकार कर दिया है।जस्टिस उमेश एम अडिगा की सिंगल जज बेंच ने एस संतोष पुजारी द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया और कहा, "अभियोजन पक्ष ने उचित संदेह से परे साबित कर दिया है कि याचिकाकर्ता द्वारा एम्बुलेंस की लापरवाही से ड्राइविंग के कारण एक दुर्घटना हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप कार के चालक की...

काली मिर्च स्प्रे एक खतरनाक हथियार, निजी रक्षा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता जब जीवन के लिए कोई आसन्न खतरा या खतरा नहीं है: कर्नाटक हाईकोर्ट
काली मिर्च स्प्रे एक खतरनाक हथियार, निजी रक्षा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता जब जीवन के लिए कोई आसन्न खतरा या खतरा नहीं है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सी. कृष्णैया चेट्टी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सी गणेश नारायण और उनकी पत्नी के खिलाफ एक आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिस पर शिकायतकर्ता पर मिर्च स्प्रे का उपयोग करने का आरोप है, जिस पर अन्य सुरक्षाकर्मियों के साथ याचिकाकर्ताओं की संपत्ति में हस्तक्षेप करने का प्रयास करने का आरोप है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने याचिका खारिज कर दी और कहा, "दूसरी याचिकाकर्ता निजी बचाव के रूप में मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल नहीं कर सकती थी, क्योंकि प्रथम...

रिटर्निंग अधिकारी द्वारा नामांकन खारिज करने के खिलाफ रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं, चुनाव याचिका ही एकमात्र उपाय: कर्नाटक हाईकोर्ट
रिटर्निंग अधिकारी द्वारा नामांकन खारिज करने के खिलाफ रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं, चुनाव याचिका ही एकमात्र उपाय: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि किसी उम्मीदवार के नामांकन को रिटर्निंग ऑफिसर ने अस्वीकार किया हो तो उसके खिलाफ दायर रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं होगी और ऐसे उम्मीदवार के लिए उपाय चुनाव याचिका दायर करना है। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने वीएस मंजूनाथ की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया, जो एक कॉलेज में अतिथि व्याख्याता के रूप में पढ़ाते हैं। उन्होंने इलेक्‍शन रिटर्निंग ऑफिसर और चित्रदुर्ग (एससी), लोकायुक्त की ओर से 05.04.2024 को दायर आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनका नमांकन...