संपादकीय

दिल्ली हाईकोर्ट
अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 21 का एक आंतरिक हिस्सा: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आस्था के सवालों का जीवन साथी चुनने की स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ता है। आगे कहा कि जीवन साथी चुनने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 21 का एक आंतरिक हिस्सा है।जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां जोड़ों का कानूनी रूप से अपनी मर्जी और इच्छा से विवाह किया जाता है, पुलिस से कानून के अनुसार तेजी से और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की अपेक्षा की जाती है।अदालत ने कहा कि पुलिस को ऐसे जोड़ों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने चाहिए, अगर वे अपने परिवार के सदस्यों...

इसे स्नेह व्यक्त करने का तरीका नहीं कहा जा सकता : सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो मामले में केरल हाइकोर्ट का जमानत आदेश रद्द किया
"इसे स्नेह व्यक्त करने का तरीका नहीं कहा जा सकता" : सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो मामले में केरल हाइकोर्ट का जमानत आदेश रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केरल हाईकोर्ट द्वारा अपनी नाबालिग भतीजी के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने के आदेश में की गई कुछ टिप्पणियों से वास्तव में खुश नहीं है।सुप्रीम कोर्ट की पीठ केरल हाईकोर्ट द्वारा की गई इन टिप्पणियों का उल्लेख कर रही थी।हाईकोर्ट ने अपने आदेशों कहा था,"हालांकि इस तरह गले लगाना और चुंबन करने में एक चाचा द्वारा स्नेह की अभिव्यक्ति होने की संभावना है। कोई भी इस तरह की संभावना को नजरअंदाज नहीं कर सकता। प्यार का रंग यौन रंग से रंगा जा रहा है। हालांकि, ये सभी जांच के...

भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, अगर विभिन्न समुदाय सद्भाव में नहीं रह सकते तो कोई भाईचारा नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट
भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, अगर विभिन्न समुदाय सद्भाव में नहीं रह सकते तो कोई भाईचारा नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को याद दिलाया कि जब तक विभिन्न धर्मों / जातियों के सदस्य सौहार्दपूर्ण ढंग से सह-अस्तित्व में नहीं आते, तब तक बंधुत्व नहीं हो सकता। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की डिवीजन बेंच ने इस पर प्रकाश डालते हुए कहा,"भारत का संविधान एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में भारत की परिकल्पना करता है और व्यक्ति की गरिमा और देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने वाली बिरादरी प्रस्तावना में निहित मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है। बंधुत्व तब तक नहीं हो सकता जब तक कि...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना हेट स्पीच क्राइम्स के खिलाफ स्वत: संज्ञान लें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हेट स्पीच (Hate Speech) पर नियंत्रण के लिए दायर याचिका पर कहा कि जब तक विभिन्न धार्मिक समुदाय सद्भावना के साथ नहीं रहेंगे तब तक बंधुत्व नहीं हो सकता।जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के एनसीटी की सरकारों को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में हुए हेट स्पीच क्राइम्स पर की गई कार्रवाई के बारे में अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करें।कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन सरकारों को किसी भी शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना...

क्रिकेट एसोसिएशन बिज़नेस के आधार पर चलते हैं, धर्मार्थ उद्देश्य के रूप में आयकर छूट के उनके दावे की जांच की आवश्यकता : सुप्रीम कोर्ट
क्रिकेट एसोसिएशन बिज़नेस के आधार पर चलते हैं, "धर्मार्थ उद्देश्य" के रूप में आयकर छूट के उनके दावे की जांच की आवश्यकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के "धर्मार्थ उद्देश्यों" (Charitable Purpose) के आधार पर आयकर छूट के दावे की गहन जांच की आवश्यकता है क्योंकि उनकी गतिविधियां व्यावसायिक लाइनों पर चलती हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्ह की पीठ ने राजस्व विभाग द्वारा दायर अपीलों को स्वीकार कर लिया और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण को गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन, सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन, बड़ौदा, राजकोट और राजकोट क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयकर छूट के किए गए...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
ईडी निदेशक एसके मिश्रा के कार्यकाल को आगे बढ़ाने पर रोक के आदेश के खिलाफ केंद्र की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किया जारी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ईडी निदेशक एसके मिश्रा के कार्यकाल को आगे बढ़ाने पर रोक के आदेश को संशोधित करने की मांग वाली केंद्र की याचिका पर नोटिस जारी किया।दरअसल, कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को 16 नवंबर, 2021 से आगे बढ़ाने से रोक दिया था।कॉमन कॉज की ओर से दायर मामले में 8 सितंबर, 2021 को दिए गए अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि एसके मिश्रा को और विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए, जिनका ईडी निदेशक के रूप में कार्यकाल 16 नवंबर, 2021 को समाप्त...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'आप विकिपीडिया आर्टिकल को एडिट कर सकते हैं': सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से आयुर्वेद को बदनाम करने वाले विकिपीडिया आर्टिकल के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कथित रूप से आयुर्वेद को बदनाम करने वाले विकिपीडिया आर्टिकल्स के खिलाफ भारतीय आयुर्वेदिक दवा निर्माता संगठन की ओर से दायर याचिका पर विचार करने से इनकार किया।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा,"आप विकिपीडिया आर्टिकल को एडिट कर सकते हैं।"संगठन के वकील ने प्रस्तुत किया,"हमने जो देखा है वह यह है कि याचिका दायर करने के बाद उन्होंने कुछ हिस्सों को एडिट किया है।"बेंच ने आदेश दिया,"हमें अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने नवजात को दूध पिलाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर अलग से कमरा उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर केंद्र, राज्यों को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नवजात को दूध पिलाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर अलग से कमरा उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस जे के माहेश्वरी की बेंच ने कहा,"यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हम मामले में नोटिस जारी करते हैं।" कोर्ट में 'मातृ स्पर्श' नाम की संस्था की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक जगहों पर अलग से कमरा उपलब्ध नहीं होने के कारण नवजात बच्चों को दूध पिलाने में परेशानी होती है। इस तरह की...

एनडीपीएस धारा 15 : किसी दूसरे टेस्ट की जरूरत नहीं अगर साबित हुआ हो कि जब्त पोस्त का चूरा में मॉर्फिन और मेकोनिक एसिड है : सुप्रीम कोर्ट
एनडीपीएस धारा 15 : किसी दूसरे टेस्ट की जरूरत नहीं अगर साबित हुआ हो कि जब्त 'पोस्त का चूरा' में 'मॉर्फिन' और 'मेकोनिक एसिड' है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज दिए एक फैसले में कहा, एक बार जब एक रासायनिक परीक्षक यह स्थापित कर लेता है कि जब्त 'पोस्त का चूरा' 'मॉर्फिन' और 'मेकोनिक एसिड' की सामग्री के लिए एक पॉजिटिव टेस्टिंग का संकेत देता है, तो यह स्थापित करने के लिए पर्याप्त है कि यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस ( एनडीपीएस) एक्ट, 1985 की धारा 2 (xvii) (ए) द्वारा कवर किया गया है।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि जब्त सामग्री 'पैपावर सोम्निफरम एल' का हिस्सा है, यह स्थापित करने के लिए किसी और परीक्षण...

सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट्स
हाईकोर्ट्स में धारा 482 और 138 के मामले बढ़ते जा रहे हैं; सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई, कहा- भीड़भाड़ कम करने के लिए नए तरीकों की जरूरत

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि संवैधानिक अदालतों में 80% से अधिक नए आपराधिक मामले दाखिल किए गए हैं।कोर्ट ने कहा कि पारंपरिक तरीके न्यायपालिका में भीड़भाड़ कम करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि इस संबंध में तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाने की जरूरत है।सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी की ओर से सूचित किया गया कि पटना उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए एकता कपूर की याचिका को सूचीबद्ध करना बहुत मुश्किल था।इसके बाद बेंच ने यह टिप्पणियां कीं।...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक्स्ट्रा-ज्यूडिशियल और एकतरफा तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया

ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक्स्ट्रा-ज्यूडिशियल और एकतरफा तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रूख किया है।बोर्ड ने पूर्वव्यापी प्रभाव से उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मुस्लिम महिलाओं को दिए गए तलाक को शून्य घोषित करने की मागं की है।बोर्ड ने अदालत से यह निर्देश देने की मांग की है कि गवाह की उपस्थिति में सुलह की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मुस्लिम महिलाओं को दिए गए तलाक को शून्य घोषित किया जाए।यह भी मांग किया गया है कि तलाक-ए-हसन और एकतरफा तलाक के अन्य रूपों को...

हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की अस्पष्ट या धुंधली प्रतियों की आपूर्ति हिरासती के संविधान के अनुच्छेद 22(5) के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है : सुप्रीम कोर्ट
हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की अस्पष्ट या धुंधली प्रतियों की आपूर्ति हिरासती के संविधान के अनुच्छेद 22(5) के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की अस्पष्ट या धुंधली प्रतियों की आपूर्ति संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन है।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि हिरासत में रखने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की सुपाठ्य प्रतियों की आपूर्ति करने के लिए हिरासती हमेशा हकदार होता है और नज़रबंदी के आधार पर दी गई ऐसी जानकारी उसे प्रभावी प्रतिनिधित्व करने में सक्षम बनाती है।पीठ ने मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
मृतक कार्यभारित कर्मचारी का परिवार पारिवारिक पेंशन पाने का हकदार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

क्या अपीलकर्ता अभी भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का हकदार है यदि मृतक हाउसिंग बोर्ड की स्थापना में उसके निधन की तारीख तक एक कार्यभारित कर्मचारी रहा है? सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुनाया है।जस्टिस डॉ धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने कहा,"अगर मृतक हाउसिंग बोर्ड की स्थापना में उसके निधन की तारीख तक एक कार्यभारित कर्मचारी रहा है तो भी अपीलकर्ता (कर्मचारी का परिवार) पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का हकदार नहीं है।"क्या है पूरा मामला28 अप्रैल, 1977 को, अपीलकर्ता के पति...

फिल्म थैंक गॉड
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'थैंक गॉड' पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तुंरत सुनवाई से किया इनकार

सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने रिलीज से पहले फिल्म 'थैंक गॉड (Thank God)' पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तुंरत सुनवाई से इनकार कर दिया।पीठ ने 1 नवंबर 2022 को याचिका को सूचीबद्ध किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि तब तक याचिका निष्फल हो जाएगी क्योंकि फिल्म 25 अक्टूबर 2022 को रिलीज हो रही है।पीठ ने टिप्पणी की कि मामला अत्यावश्यक नहीं है और बाद में सूचीबद्ध किया जा सकता है।चित्रगुप्त वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि...