सुप्रीम कोर्ट ने रेयान स्कूल मर्डर केस में जुवेनाइल आरोपी को अंतरिम जमानत दी

Brij Nandan

20 Oct 2022 11:24 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुग्राम रेयान इंटरनेशनल स्कूल मर्डर केस में (Ryan School Murder Case) जुवेनाइल आरोपी को अंतरिम जमानत दी। आरोपी अब 21 साल का है और पिछले पांच साल से हिरासत में है। 2017 में एक 7 साल के लड़के की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। तब उसकी उम्र 16 साल थी।

    जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने यह आदेश पारित किया।

    सत्र न्यायाधीश, गुरुग्राम के नियमों और शर्तों पर जमानत दी गई। आरोपी को परिवीक्षा अधिकारी की निरंतर निगरानी में रहना होगा। हाल ही में, किशोर न्याय बोर्ड ने फैसला सुनाया था कि आरोपी पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

    क्या है पूरा मामला?

    8 सितंबर 2017 को प्रिंस (नाबालिग की पहचान की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया काल्पनिक नाम), रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा के एक छात्र को गर्दन पर कट लगने के कारण हुए रक्तस्राव के चलते अस्पताल ले जाया गया था। बाद में, अपने पिता के अस्पताल पहुंचने पर प्रिंस को आपातकालीन वार्ड में पाया गया, जिसमें उसकी गर्दन पर चोट लगने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।

    शुरुआत में, स्कूल बस के कंडक्टर को 7 साल के बच्चे का गला काटने के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में, जब मामला क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दिया गया, तो वर्तमान आरोपी भोलू (सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाबालिग की पहचान की को लेकर दिया गया नाम) एक 11 वीं कक्षा के छात्र को हत्या के संदेह के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह 7 नवंबर, 2017 से हिरासत में है।

    पूरे मामले का घटनाक्रम

    • 20 दिसंबर 2017: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड प्रारंभिक मूल्यांकन किया और देखा कि कानून के विपरीत किशोर को वयस्क के रूप में रखने की कोशिश की जानी चाहिए।

    • 30 अक्टूबर 2018: पहली जमानत अर्जी खारिज हुई, जो किशोर अधिनियम की धारा 12 के तहत बोर्ड में दायर की गई थी।

    • 5 नवंबर 2018: सत्र न्यायालय द्वारा जमानत आवेदन खारिज किया गया।

    • 19 नवंबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया और बचाव पक्ष को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया।

    • 21 मई 2019: किशोर न्याय बोर्ड के आदेश के खिलाफ अपील सत्र न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई।

    • 30 जून 2020: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की।

    • 2 सितंबर 2020: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।






    Next Story