संपादकीय

‘द केरला स्टोरी’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र, फिल्म निर्माताओं से जवाब मांगा
‘द केरला स्टोरी’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र, फिल्म निर्माताओं से जवाब मांगा

केरल हाईकोर्ट ने फिल्म 'द केरला स्टोरी' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और निर्माताओं से जवाब मांगा है।जस्टिस एन. नागेश और जस्टिस मोहम्मद नियास सीपी की खंडपीठ ने मामले को 5 अप्रैल को आगे के विचार के लिए पोस्ट किया है।ये याचिका राजीव गांधी स्टडी सर्किल नाम के एक एनजीओ के राज्य पदाधिकारी द्वारा दायर की गई थी, जो 'सामाजिक रूप से प्रासंगिक मुद्दों पर जनता की चेतना को जगाने में योगदान' करने का दावा करता है।‘द केरला स्टोरी फिल्म’ को सुदीप्तो सेन ने डिरेक्ट किया है और विपुल अमृतलाल...

एआईएफएफ : सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के संविधान के मसौदे पर विचार करने के लिए जस्टिस एल नागेश्वर राव को नियुक्त किया
एआईएफएफ : सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के संविधान के मसौदे पर विचार करने के लिए जस्टिस एल नागेश्वर राव को नियुक्त किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के संविधान के मसौदे पर विचार करने की प्रक्रिया को संभालने के लिए और साथ ही उक्त संविधान में हितधारकों द्वारा किए गए सभी सुझावों, टिप्पणियों और आपत्तियों पर भी विचार करने के लिए अपने पूर्व जज जस्टिस एल नागेश्वर राव को नियुक्त किया।सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने 15 जुलाई 2023 तक संविधान के मसौदे पर विचार करने पर एक व्यापक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।इन कार्यवाहियों का पता दिल्ली हाईकोर्ट के 2017 के आदेश से...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की साजिश मामले में तीन छात्र नेताओं को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की चुनौती खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की साजिश मामले में तीन छात्र नेताओं को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की चुनौती खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस की उस विशेष याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली दंगों की साजिश मामले में स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने अपने आदेश में कहा, "हमें इस मामले को जीवित रखने का कोई कारण नहीं मिला।"पीठ ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी को जमानत देते समय गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के लिए...

कैरिज बाय रोड एक्ट की धारा 16 अकेले खेप को हुए नुकसान/क्षति के संबंध में वाद/कानूनी कार्यवाही के लिए लागू: सुप्रीम कोर्ट
कैरिज बाय रोड एक्ट की धारा 16 अकेले खेप को हुए नुकसान/क्षति के संबंध में वाद/कानूनी कार्यवाही के लिए लागू: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क मार्ग द्वारा वहन अधिनियम, 2007 (Carriage by Road Act, 2007) की धारा 16 केवल तभी लागू होती है, जब माल के किसी भी नुकसान या क्षति के लिए दावा किया जाता है, न कि नुकसान या क्षति के किसी अन्य दावे के संबंध में।जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने देखा कि नए अधिनियम की धारा 16 का प्रावधान प्रतिष्ठा, व्यापार अवसर आदि की हानि के लिए नुकसान के दावों के संबंध में नोटिस देने की शर्त की तुलना में लागू नहीं होता है, क्योंकि इस तरह के दावे खेप को नुकसान या...

नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में न्यायालयों को शीघ्रता से कार्य करना चाहिए; जमानत याचिकाओं में साक्ष्य के विस्तृत विचार-विमर्श से बचें: सुप्रीम कोर्ट
नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में न्यायालयों को शीघ्रता से कार्य करना चाहिए; जमानत याचिकाओं में साक्ष्य के विस्तृत विचार-विमर्श से बचें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका की अनुमति देते हुए आदेश में कहा कि किसी नागरिक की स्वतंत्रता से संबंधित आदेश पारित करने में अत्यधिक देरी संवैधानिक जनादेश के अनुरूप नहीं है। इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें यह देखते हुए अंतरिम संरक्षण दिया कि (i) यह दीवानी विवाद से उत्पन्न क्रॉस केस है, (ii) प्रथम दृष्टया यह दिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधानों को लागू...

सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी और एडमिशन में 58% आरक्षण देने वाले छत्तीसगढ़ सरकार के कानूनी संसोधन को रद्द करने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी और एडमिशन में 58% आरक्षण देने वाले छत्तीसगढ़ सरकार के कानूनी संसोधन को रद्द करने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें राज्य सरकार द्वारा 58 प्रतिशत आरक्षण देने के कदम को 'असंवैधानिक' घोषित किया गया था।जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसुचित जातियों, जन जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2011 को रद्द करने के छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।इस 2011 अधिनियम द्वारा, 1994 में अधिनियमित मूल...

अंतिम समय में जांच के लिए समय बढ़ाने की मांग न करें, आरोपी डिफ़ॉल्ट जमानत के हकदार होंगे : सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए, पुलिस से कहा
अंतिम समय में जांच के लिए समय बढ़ाने की मांग न करें, आरोपी डिफ़ॉल्ट जमानत के हकदार होंगे : सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए, पुलिस से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को अंतिम समय में जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करने वाले आवेदन दाखिल करने के प्रति आगाह किया है।भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने यह टिप्पणी यह देखने के बाद की कि पंजाब पुलिस (जांच बाद में एनआईए द्वारा हाथ में ले ली गई) ने यूएपीए की धारा 43 डी (2) (बी ) के अनुसार जांच के लिए समय बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था, जब केवल 90 दिनों का समय समाप्त होने के लिए दो दिन शेष थे। कोर्ट ने 101वें दिन समय...

सुप्रीम कोर्ट ने सभी अदालतों से रितु छाबरिया के फैसले के आधार पर डिफॉल्ट जमानत के लिए आवेदनों को टालने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने सभी अदालतों से 'रितु छाबरिया' के फैसले के आधार पर डिफॉल्ट जमानत के लिए आवेदनों को टालने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रितु छाबरिया बनाम भारत संघ और अन्य में शीर्ष अदालत की दो-न्यायाधीशों की पीठ के हालिया फैसले को वापस लेने की मांग करने वाली केंद्र की याचिका पर विचार करने के लिए 4 मई को तीन-न्यायाधीशों की पीठ गठित करने पर सहमति व्यक्त की। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि छबड़िया फैसले के आधार पर डिफॉल्ट जमानत की मांग करने वाली किसी भी अदालत के समक्ष दायर किसी भी आवेदन को 4 मई के बाद की तारीख तक टाल दिया जाना चाहिए। रितु छाबरिया मामले में जस्टिस कृष्णा मुरारी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ...

क्या दोष सिद्ध होने पर निर्वाचित प्रतिनिधि की अयोग्यता अपराध की प्रकृति के आधार पर होनी चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर सवाल पूछा
क्या दोष सिद्ध होने पर निर्वाचित प्रतिनिधि की अयोग्यता अपराध की प्रकृति के आधार पर होनी चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर सवाल पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद अब्दुल्ला आज़म खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल उठाया कि क्या एक आपराधिक मामले में सजा के कारण एक विधायक का निलंबन अपराध में शामिल नैतिक पतन पर आधारित होना चाहिए?इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले माह मोहम्मद अब्दुल्ला आज़म खान की ओर से 15 साल पुराने एक मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। दोषसिद्धि के कारण विधायक के रूप में अब्दुल्ला आज़म खान को आयोग्य घो‌षित कर ‌दिया गया था।इसी को चुनौती देते हुए...

चार्जशीट सिर्फ इसलिए अधूरी नहीं मानी जा सकती, क्योंकि इसे मंजूरी के बिना दायर किया गया, आरोपी इस आधार पर डिफॉल्ट जमानत नहीं मांग सकता : सुप्रीम कोर्ट
चार्जशीट सिर्फ इसलिए अधूरी नहीं मानी जा सकती, क्योंकि इसे मंजूरी के बिना दायर किया गया, आरोपी इस आधार पर डिफॉल्ट जमानत नहीं मांग सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसला सुनाते हुए कहा कि एक आरोपी व्यक्ति इस आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार नहीं होगा कि उसके खिलाफ दायर चार्जशीट वैध प्राधिकरण की मंजूरी के बिना दाखिल की गई और इसलिए एक अधूरी चार्जशीट है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने फैसला सुनाया।खंडपीठ ने कहा कि चार्जशीट के लिए एक वैध प्राधिकारी की मंजूरी की आवश्यकता थी या नहीं, यह एक अपराध का संज्ञान लेते समय संबोधित किया जाने वाला प्रश्न नहीं है, बल्कि, यह अभियोजन के दौरान संबोधित किया...

शादी का असाध्य रूप से टूटना अनुच्छेद 142 शक्तियों का उपयोग करते हुए विवाह को भंग करने का आधार: सुप्रीम कोर्ट
'शादी का असाध्य रूप से टूटना' अनुच्छेद 142 शक्तियों का उपयोग करते हुए विवाह को भंग करने का आधार: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक खंडपीठ ने महत्वपूर्ण फैसले में सोमवार को कहा कि वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का उपयोग कर सकता है, जो विवाह के असाध्य रूप से टूटने के आधार पर तलाक दे सकता है, जो अभी तक वैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त आधार नहीं है।कोर्ट ने कहा,"हमने माना कि इस अदालत के लिए विवाह के असाध्य रूप से टूटने के आधार पर विवाह को भंग करना संभव है। यह सार्वजनिक नीति के विशिष्ट या मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करेगा।"न्यायालय ने माना कि इसने उन कारकों को...

दिल्ली किराया नियंत्रण। आवेदन में संपत्ति का उचित विवरण ना होना धारा 25-बी (8) के तहत कब्जा रद्द करने का आधार नहीं : सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली किराया नियंत्रण। आवेदन में संपत्ति का उचित विवरण ना होना धारा 25-बी (8) के तहत कब्जा रद्द करने का आधार नहीं : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजय कुमार की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कुसुम लता शर्मा बनाम अरविंद सिंह में दायर एक अपील का फैसला करते हुए कहा है कि जब किराया नियंत्रक मकान मालिक द्वारा सद्भावनापूर्वक आवश्यकता के आधार पर किराएदारों को बेदखल करने की अनुमति देता है, तथ्य और साक्ष्य रिकॉर्ड पर हैं, तो इस तरह के आदेश को हाईकोर्ट द्वारा दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम, 1958 की धारा 25-बी (8) के तहत समीक्षा में इस आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है कि आवेदन में संपत्ति का विवरण उचित नहीं था।पृष्ठभूमि...

आगे की जांच करने से पहले क्लोज़र  रिपोर्ट पर आदेश के पुनर्विचार /  वापस लेने/  रद्द करने की आवश्यकता नहीं : सुप्रीम कोर्ट
आगे की जांच करने से पहले क्लोज़र रिपोर्ट पर आदेश के पुनर्विचार / वापस लेने/ रद्द करने की आवश्यकता नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत आगे की जांच करने से पहले क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने वाले आदेश पर पुनर्विचार किया जाए , उसे वापस लिया जाए या उसे रद्द कर दिया जाए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत जांच एजेंसियों की 'आगे की जांच' करने की शक्तियों को संक्षेप में इस प्रकार बताया:(i) मजिस्ट्रेट के सामने अंतिम रिपोर्ट रखे जाने और स्वीकार किए जाने के बाद भी जांच एजेंसी को मामले में आगे की जांच करने की...

मानहानि का मामला : यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी तो राजनीतिक करियर के 8 साल खो देंगे: राहुल गांधी के लिए गुजरात हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिंघवी ने कहा
मानहानि का मामला : यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी तो राजनीतिक करियर के 8 साल खो देंगे': राहुल गांधी के लिए गुजरात हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिंघवी ने कहा

कांग्रेस नेता और अयोग्य सांसद राहुल गांधी की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका में गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष पेश होते हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को तर्क दिया कि दोषसिद्धि पर रोक न लगाने पर राहुल गांधी के लिए अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे और वह उस अवधि के लिए अयोग्य हो जाएंगे जिसे वस्तुतः अर्ध-स्थायी अवधि कहा जा सकता है। सीनियर एडवोकेट सिघवी ने दृढ़ता से तर्क दिया कि कथित अपराध में नैतिक अधमता का तत्व शामिल नहीं था, यह एक संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-गंभीर अपराध था और इसलिए दोषसिद्धि को...

यूपी इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट | डीआईओएस की मंजूरी के बिना शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं: सुप्रीम कोर्ट
यूपी इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट | डीआईओएस की मंजूरी के बिना शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यूपी इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट, 1921 के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) की अनिवार्य स्वीकृति प्राप्त किए बिना समाप्त नहीं किया गया। केवल चयन प्रक्रिया पूरी हो जाने के कारण उम्मीदवार को नियुक्त किए जाने का कोई निहित अधिकार नहीं है। उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट, 1921 की धारा 16-चच(3) के तहत नियुक्ति के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) द्वारा अनुमोदन अनिवार्य है।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने...