संपादकीय

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- रिश्वत मांगने के प्रमाण के बिना केवल राशि की स्वीकृति धारा 7 के तहत अपराध स्थापित नहीं करेगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 7 के तहत अपराध को स्थापित करने के लिए एक लोक सेवक द्वारा रिश्वत की मांग का सबूत और उसकी स्वीकृति अनिवार्य है।खंडपीठ ने कहा कि गैर कानूनी परितोषण की मांग को साबित करने में अभियोजन की विफलता घातक होगी और अधिनियम की धारा 7 या 13 के तहत अपराध के लिए आरोपी व्यक्ति द्वारा केवल राशि की स्वीकृति उसे दोषी नहीं ठहराएगी।इस मामले में वाणिज्यिक कर अधिकारी के पद पर कार्यरत आरोपी को पीसी एक्ट की धारा 13(2)...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
जब 'छूट' प्रविष्टि स्पष्ट और जाहिर हो तो व्याख्या के लिए बाहरी सहायता का उपयोग नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब 'छूट' प्रविष्टि स्पष्ट और जाहिर हो तो व्याख्या के लिए बाहरी सहायता का उपयोग नहीं किया जा सकता है।इस मामले में स्पष्टीकरण और अग्रिम निर्णय प्राधिकरण ने माना था कि तमिलनाडु मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2006 ('अधिनियम') की चौथी अनुसूची के भाग बी की प्रविष्टि 44 में निर्धारित वस्तु का अर्थ केवल " कपास धागा लच्छा" है न कि "विस्कोस रेशा लच्छा('वीएसएफ') "।तमिलनाडु सरकार के वित्त मंत्री द्वारा दिए गए बजट भाषण के संदर्भ में हाईकोर्ट की एकल पीठ ने इसे बरकरार रखा था। बाद में, डिवीजन...

[NDPS Act] स्पॉट का मतलब वह स्थान है जहां तलाशी ली जाती है और बरामदगी की जाती है, न कि जहां संदिग्ध वाहन या व्यक्ति को रोका जाता है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
[NDPS Act] 'स्पॉट' का मतलब वह स्थान है जहां तलाशी ली जाती है और बरामदगी की जाती है, न कि जहां संदिग्ध वाहन या व्यक्ति को रोका जाता है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने हाल ही में कहा कि एनडीपीएस अधिनियम (NDPS Act) के तहत मामलों में तलाशी और बरामदगी के संबंध में, 'स्पॉट' का मतलब वह स्थान नहीं है जहां संदिग्ध वाहन या व्यक्ति को रोका जाता है, बल्कि वह जगह है जहां तलाशी ली जाती है और वस्तुओं की जब्ती की जाती है।न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी अनिवार्य रूप से एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8, धारा 20, 25, 27(A), 28, 29 के तहत आवेदकों द्वारा दायर जमानत आवेदनों पर विचार कर रहे थे।क्या है पूरा मामला?अभियोजन पक्ष के अनुसार आवेदक...

राज्य ने हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया: कर्नाटक एजी, हाईकोर्ट ने पूछा यदि संस्थान हिजाब को अनुमति देते हैं तो क्या आप आपत्ति लेंगे?
राज्य ने हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया: कर्नाटक एजी, हाईकोर्ट ने पूछा यदि संस्थान हिजाब को अनुमति देते हैं तो क्या आप आपत्ति लेंगे?

कर्नाटक हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं में राज्य की ओर से महाधिवक्ता (एजी) प्रभुलिंग नवदगी की सुनवाई सोमवार को जारी रखी। मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब (हेडस्कार्फ़) पहनकर सरकारी कॉलेज के प्रवेश से इनकार करने की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। फुल बेंच के समक्ष सुनवाई का आज 7वां दिन था।आज जब सुनवाई शुरू हुई तो मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने पर अपने रुख के बारे में राज्य से स्पष्टीकरण मांगा। यह एजी के इस अनुरोध के मद्देनजर...

पब्लिक ड्यूटी या कार्य के कुछ तत्वों की मौजूदगी स्वयं किसी निकाय को अनुच्छेद 12 के तहत  राज्य बनाने के लिए पर्याप्त नहीं : सुप्रीम कोर्ट
पब्लिक ड्यूटी या कार्य के कुछ तत्वों की मौजूदगी स्वयं किसी निकाय को अनुच्छेद 12 के तहत ' राज्य' बनाने के लिए पर्याप्त नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पब्लिक ड्यूटी या कार्य के कुछ तत्वों की उपस्थिति स्वयं किसी निकाय को अनुच्छेद 12 ('राज्य' की परिभाषा) के दायरे में लाने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने ये ठहराते हुए कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया एक राज्य नहीं है, कहा, "प्राथमिक कार्यों सहित कार्यों और गतिविधियों के एक समग्र दृष्टिकोण को ध्यान में रखा जाना चाहिए।"बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में एसोसिएशन के खिलाफ दायर रिट याचिका पर यह कहते हुए विचार करने से...

विशिष्ट राहत अधिनियम – विशेष अदायगी के बदले मुआवजा तब तक नहीं दिया जा सकता जब तक कि विशेष रूप से वाद में दावा नहीं किया जाए: सुप्रीम कोर्ट
विशिष्ट राहत अधिनियम – विशेष अदायगी के बदले मुआवजा तब तक नहीं दिया जा सकता जब तक कि विशेष रूप से वाद में दावा नहीं किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल के एक फैसले में, करार की विशिष्ट अदायगी के बदले उठाए गए नुकसान के दावे को इस कारण से खारिज कर दिया कि वादी ने विशेष रूप से वाद में मुआवजे की राहत की मांग नहीं की थी। कोर्ट ने विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 21(5) का उल्लेख किया, जो कहता है:"इस धारा के तहत कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा जब तक कि वादी ने अपने वाद में इस तरह के मुआवजे का दावा नहीं किया है:बशर्ते कि जहां वादी ने वादपत्र में ऐसे किसी मुआवजे का दावा नहीं किया है, कोर्ट कार्यवाही के किसी भी चरण में, उसे ऐसे मुआवजे के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
पूर्व आपराधिक इतिहास, जेल में आचरण और व्यवहार, समाज के लिए संभावित खतरा आदि समयपूर्व रिहाई याचिका पर विचार करते समय प्रासंगिक पहलू: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय से पहले रिहाई के लिए आवेदन पर विचार करते समय आवेदक का पूर्व आपराधिक इतिहास, जेल में आचरण और व्यवहार, समाज के लिए संभावित खतरा आदि विचार के लिए प्रासंगिक पहलू हैं।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रमनाथ की पीठ ने कहा, इस तरह के एक आवेदन पर उस तारीख की पॉलिसी के आधार पर विचार किया जाना चाहिए, जब आवेदक को अपराध का दोषी ठहराया गया था,हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए गए शराफत अली ने समय से पहले रिहाई के उनके आवेदन को खारिज करने के आदेश को चुनौती देते...

अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण का कर्तव्य है कि वह निर्णय के स्तर पर भरोसा की जाने वाली सामग्री का खुलासा करे : सुप्रीम कोर्ट
अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण का कर्तव्य है कि वह निर्णय के स्तर पर भरोसा की जाने वाली सामग्री का खुलासा करे : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण का कर्तव्य है कि वह उस सामग्री का खुलासा करे जिस पर निर्णय के स्तर पर भरोसा किया गया है।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि एक पक्ष को ऐसी जानकारी से वंचित रखना जो एक न्यायिक कार्य करने वाले प्राधिकरण के निर्णय से प्रभावित होता है, न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता को कमजोर करती है। अदालत ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा कोई भी समर्थित सामग्री शामिल करने जिसमें से उसने कुछ सामग्री पर भरोसा नहीं किया है, अगर वह प्रासंगिक है और...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
जब शिकायत हलफनामे से समर्थित ना हो तो मजिस्ट्रेट सीआरपीसी 156 (3) के आवेदन पर विचार नहीं कर सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब शिकायत एक हलफनामे द्वारा समर्थित ना हो तो मजिस्ट्रेट आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत किसी आवेदन पर विचार नहीं कर सकता है।इस तरह की आवश्यकता के साथ, व्यक्तियों को सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मजिस्ट्रेट के अधिकार का उपयोग करने से रोका जाएगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि यदि हलफनामा झूठा पाया जाता है, तो व्यक्ति कानून के अनुसार अभियोजन के लिए उत्तरदायी होगा।इस मामले में आरोप यह है कि आरोपी ने शिकायतकर्ताओं से कोरे स्टांप पेपर...

एजी ने कहा, हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा नहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट ने टिप्पणी की, सरकारी आदेश में ऐसा कहने की क्या जरूरत थी?
एजी ने कहा, हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा नहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट ने टिप्पणी की, सरकारी आदेश में ऐसा कहने की क्या जरूरत थी?

कर्नाटक हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने शुक्रवार को मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं पर राज्य की ओर से महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी (एडवोकेट जनरल) को सुना। छात्राओं ने हिजाब (हेडस्कार्फ़) पहनने पर उन्हें एक सरकारी कॉलेज में प्रवेश करने से इनकार करने कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती दी है।मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की खंडपीठ से एजी नवादगी ने कहा कि वह मुख्य रूप से निम्नलिखित आधारों पर बहस करेंगे:(i) हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा के...

सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद यूपी सरकार ने 2020 कानून से पहले सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जारी 274 नोटिस वापस लिए, कोर्ट ने वसूली का रिफंड करने के आदेश दिए
सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद यूपी सरकार ने 2020 कानून से पहले सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जारी 274 नोटिस वापस लिए, कोर्ट ने वसूली का रिफंड करने के आदेश दिए

उत्तर प्रदेश राज्य ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम 2020 से पहले कथित नुकसान की वसूली के लिए सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जारी 274 नोटिस वापस ले लिए हैं।पिछले हफ्ते, कोर्ट ने कार्यकारी आदेशों के तहत वसूली की कार्यवाही शुरू करने के लिए यूपी सरकार की आलोचना की थी, जिसके अनुसार अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा दावों का फैसला किया जा रहा था। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट...

सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे राज्यों के एनआरएचम/ एनएचएम को बोनस अंक से इनकार करने की राज्य नीति को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे राज्यों के एनआरएचम/ एनएचएम को बोनस अंक से इनकार करने की राज्य नीति को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नीतिगत निर्णय में शीर्ष न्यायालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती जब कोई राज्य यह इंगित करने की स्थिति में होता है कि नीति के आवेदन में सुगम अंतर है और इस तरह के सुगम अंतर का उस उद्देश्य के साथ संबंध है जिसे प्राप्त करने की मांग की गई है।जस्टिस एलएन राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ राजस्थान हाईकोर्ट के 13 अगस्त, 2019 के आदेश की अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट ने एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य की अपील को अनुमति दी थी।एकल न्यायाधीश ने अपीलकर्ता...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
अल्पसंख्यक अधिकार-क्या विभाग शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए अल्पसंख्यक संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों पर जोर दे सकता है? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को इस बात पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि क्या विभाग अनिवार्य रूप से अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त संस्थानों में काम करने वाले शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) पास करने के लिए कह सकता है।न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ भी इस बात पर विचार करने के लिए सहमत हुई कि क्या इस तरह की योग्यता प्रदान करने से भारत के संविधान के तहत गारंटीकृत अल्पसंख्यक संस्थान के किसी भी अधिकार पर असर पड़ेगा।शीर्ष न्यायालय ने मद्रास...

यदि प्रस्तावित वाहन मौजूदा वाहन से पुराना है तो आरटीओ को प्रतिस्थापन के आवेदन को अस्वीकार करने का विवेकाधिकार : सुप्रीम कोर्ट ने केरल मोटर वाहन नियम, 174 (2) (सी) को बरकरार रखा
यदि प्रस्तावित वाहन मौजूदा वाहन से पुराना है तो आरटीओ को प्रतिस्थापन के आवेदन को अस्वीकार करने का विवेकाधिकार : सुप्रीम कोर्ट ने केरल मोटर वाहन नियम, 174 (2) (सी) को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने केरल मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 174 (2) (सी) को बरकरार रखा है जो सड़क परिवहन प्राधिकरण को प्रतिस्थापन के लिए एक आवेदन को अस्वीकार करने में सक्षम बनाता है यदि प्रस्तावित वाहन मौजूदा परमिट के तहत कवर किए गए वाहन से पुराना है।अदालत ने कहा कि इस नियम के तहत, प्राधिकरण, जहां आवश्यक हो, परमिट के तहत वाहन के प्रतिस्थापित की अनुमति देने की शक्ति का प्रयोग करते हुए विवेकाधिकार लागू कर सकता है।जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, जहां जिस वाहन को प्रतिस्थापित करने की...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'हाईकोर्ट को व्यापक टिप्पणियों से बचना चाहिए' : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणियां हटाईं कि भारतीय बोलीदाताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है

सुप्रीम कोर्ट ने "मेक इन इंडिया (आत्मनिर्भर-भारत)" पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में की गई कुछ टिप्पणियों को हटाते हुए कहा कि हाईकोर्ट को व्यापक टिप्पणियों से बचना चाहिए जो विवाद और / या उनके सामने आए मुद्दों से परे हैं।भारत फ्रिट्ज वर्नर लिमिटेड ने निविदा देने के संबंध में किसी अन्य कंपनी के पक्ष में भारत संघ द्वारा जारी स्वीकृति पत्र को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि निविदा के अवार्ड के बाद से पर्याप्त समय बीत चुका है, हाईकोर्ट ने रिट...