अल्पसंख्यक अधिकार-क्या विभाग शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए अल्पसंख्यक संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों पर जोर दे सकता है? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

LiveLaw News Network

18 Feb 2022 6:08 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को इस बात पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि क्या विभाग अनिवार्य रूप से अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त संस्थानों में काम करने वाले शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) पास करने के लिए कह सकता है।

    न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ भी इस बात पर विचार करने के लिए सहमत हुई कि क्या इस तरह की योग्यता प्रदान करने से भारत के संविधान के तहत गारंटीकृत अल्पसंख्यक संस्थान के किसी भी अधिकार पर असर पड़ेगा।

    शीर्ष न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के 26 सितंबर, 2019 के फैसले का विरोध करते हुए स्कूल शिक्षा निदेशक चेन्नई द्वारा एसएलपी में नोटिस भी जारी किया, जिसमें उच्च न्यायालय ने कहा था कि विभाग अल्पसंख्यक संस्थानों में काम करने वाले शिक्षकों को टीईटी परीक्षा पास करने के लिए अनिवार्य रूप से जोर नहीं दे सकता है।

    कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा,

    "कानून का महत्वपूर्ण प्रश्न जो वर्तमान एसएलपी में उठाया गया है, क्या विभाग अल्पसंख्यक संस्थान के शिक्षक के मामले में टीईटी परीक्षा पास करने पर जोर दे सकता है और क्या इस तरह की योग्यता प्रदान करने से भारतीय संविधान के तहत अल्पसंख्यक संस्थान को दिए गए किसी भी अधिकार पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।"

    मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष मामला

    अपीलकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उसकी नियुक्ति रद्द करने के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि उसने शिक्षक पात्रता परीक्षा पास नहीं की है।

    उच्च न्यायालय के सामने यह मुद्दा उठा कि क्या विभाग अनिवार्य रूप से शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने पर जोर दे सकता है, खासकर जब शिक्षक अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त संस्थान में काम कर रहे हों।

    पी. सावरीमुथु मारिया जॉर्ज बनाम जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, विरुधुनगर जिला एंड अन्य [2018 0 सुप्रीम 4017] (डब्ल्यूए (एमडी) संख्या 948 2018, के. सोलोमन जयराज-बनाम- सचिव , स्कूल शिक्षा विभाग (2016 के डब्ल्यूए (एमडी) संख्या 1437 में निर्णय दिनांक 25.11.2016), वाई. कनगराज-बनाम- तमिलनाडु राज्य (2017 के डब्ल्यूए (एमडी) संख्या 724 में निर्णय दिनांक 16.06.2017) और के. अनीता-बनाम- तमिलनाडु राज्य के निर्णयों का जिक्र किया गया। इन सभी मामलों में यह विचार किया गया था कि विभाग अल्पसंख्यक संस्थानों में काम करने वाले शिक्षकों को टीईटी योग्यता रखने के लिए अनिवार्य रूप से जोर नहीं दे सकता है।

    पीठ ने कहा,

    "हमारे विचार में, विभिन्न डिवीजन बेंचों ने कानूनी स्थिति के संबंध में लगातार स्टैंड लिया है और ऐसा करने में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक बेंच के परमती एजुकेशनल एंड कल्चरल ट्रस्ट बनाम यूनियन ऑफ इंडिया [2014 (8) एससीसी 1], के निर्णय के संदर्भ में किया गया है और एक निर्णय दिया गया है। इस न्यायालय को एक अलग दृष्टिकोण लेने के लिए कोई आधार नहीं मिलता है।"

    केस का शीर्षक: स्कूल शिक्षा निदेशक चेन्नई एंड अन्य बनाम वी.बी. एनी पैकियारानी बाई एंड अन्य| डायरी नंबर 17702/2021



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