हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह विभिन्न हाईकोर्ट के महत्वपूर्ण ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

LiveLaw News Network

5 Oct 2020 6:11 AM GMT

  • हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह विभिन्न हाईकोर्ट के महत्वपूर्ण ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

    28 सितंबर 2020 से 1 अक्टूबर 2020 तक देश के विभिन्न हाईकोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र.....

    [अस्पतालों में मोबाइल पर प्रतिबंध] ' प्रतिबंध से मरीजों के मुक्त संचार का अधिकार प्रभावित होता है', कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार से प्रतिबंध में ढील देने को कहा

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार (30 सितंबर) को उम्मीद जताई कि राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य के मुद्दों से समझौता किए बिना, अस्पतालों में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध को ढीला करने के लिए उचित उपाय करेगी। अदालत ने कहा कि अस्पतालों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध के कारण असुविधा और अन्य समस्याएं हो रही है। चीफ ज‌स्ट‌िस थोथाथिल बी राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार के उपयुक्त विभाग द्वारा इस संबंध में जारी निर्देश / सलाह का पालन करना चाहिए।

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    पटना हाईकोर्ट ने ई-फाइलिंग, फिजिकल फाइलिंग, लिस्टिंग और सुनवाई के लिए पैरामीटर्स को सभी हितधारकों की सहमति से तय किया

    मामले की सुनवाई करते हुए (बिहार में COVID​-19 महामारी की अवधि के दौरान) न्यायालयों के कामकाज में बुधवार (30 सितंबर) को पटना उच्च न्यायालय ने सभी के साथ मिलकर ई-फाइलिंग, फिजिकल फाइलिंग, लिस्टिंग और सुनवाई के मापदंड तय करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह और न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अधिवक्ताओं की एसोसिएशन, वकीलों की एसोसिएशन और पटना उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार किया।

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    केरल हाईकोर्ट ने लाइफ मिशन मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगाने से इनकार किया

    केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 'जीवन मिशन' मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। दाखिले के लिए याचिका पर विचार करते हुए जस्टिस वी जी अरुण की एकल पीठ ने कहा कि अदालत इस स्तर पर जांच में हस्तक्षेप नहीं कर सकती और इसके उजागर के लिए और अधिक जानकारी का इंतजार करने की जरूरत है । पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की "जांच को आगे बढ़ने दें" और कहा कि सीईओ को जांच में सहयोग करना चाहिए ।

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    एलएलबी एडमिशन: विकलांग छात्रों के लिए न्यूनतम योग्यता अंकों में छूट की मांग पर केरल हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

    केरल के उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें विकलांग छात्रों के लिए तीन वर्षीय एलएलबी में प्रवेश के लिए न्यूनतम 45% अंक की योग्यता में छूट देने की मांग की गई थी। पोलियो के कारण 50% लोको मोटर की अक्षमता से पीड़ित मधु. वी और बिंधु केए द्वारा दायर याचिका में कानूनी शिक्षा के नियमों के नियम 7 को चुनौती दी गई है, जिसे 2008 में BCI द्वारा लागू किया गया है, जो बताता है कि एक उम्मीदवार के पास स्नातक पाठ्यक्रम में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए।

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    झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) ने देश की पहली बीमा ई-लोक अदालत का आयोजन किया

    राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के तत्वावधान में शनिवार (26 सितंबर) को झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) ने एक कार्यक्रम "झारखंड उच्च न्यायालय और JHALSA पहल" और "देश की पहली बीमा लोक अदालत (आभासी)" का आयोजन किया। ई-लोक अदालत की सभी कार्यवा‌हियां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें अधिवक्ताओं और बीमा कंपनियों के अधिकारियों सहित मामलों के पक्ष आदि भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

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    मथुरा की अदालत ने ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग के लिए दायर मुकदमा खारिज किया, दावा था कि मस्‍जिद कृष्ण जन्म भूमि पर बनी है

    मथुरा (उत्तर प्रदेश) की एक दीवानी अदालत ने बुधवार को एक मुकदमे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई ‌थी और आरोप लगाया गया था कि यह भगवान कृष्ण के जन्मस्थान कृष्ण जन्म भूमि पर बनाई गई है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने मुकदमा स्वीकार करने पर उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत लगी रोक हवाला दिया। अधिनियम की धारा 4 के अनुसार, अदालतों को ऐसी याचिकाओं को स्वीकार करने से रोक दिया गया है, जिनमें धार्मिक स्थानों के चरित्र को बदलने की मांग की गई हैं, जैसा कि वे भारतीय स्वतंत्रता की तारीख के दिन थे।

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    दिल्ली हाईकोर्ट में 8 अक्टूबर तक शारीरिक रूप से सुनवाई (Physical Hearing) पर प्रतिबंध जारी रहेगा

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने शारीरिक रूप से सुनवाई (Physical Hearing) और वर्चुअल दोनों प्रकार की सुनवाई के वर्तमान मॉडल को एक साथ जारी रखने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने चल रहे COVID-19 महामारी को देखते हुए प्रतिबंधात्मक कार्यप्रणाली को 08 अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। हालाँकि राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के कारण शारीरिक रूप से सुनवाई (Physical Hearing) करने के लिए अधिसूचित पीठों की संख्या को घटाकर 3 कर दिया गया है।

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    "पीड़िता के मौलिक और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन किया गया" : DCW अध्यक्ष ने सीजेआई को पत्र लिखकर हाथरस केस की HC की निगरानी में जांच की मांग की

    दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सीजेआई को पत्र लिखकर यूपी के हाथरस जिले में 19 साल की दलित लड़की के साथ हुए निर्मम सामूहिक बलात्कार और हत्या का संज्ञान लेने का आग्रह किया है। "पीड़िता के हर संभव मौलिक और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन किया गया है," ये कहते हुए मालीवाल ने अदालत से ये निर्देश पारित करने का आग्रह किया है, • अपराध में शामिल अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच और ट्रायल हो।

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    लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने व फिजिकल हियरिंग शुरू करने का मामला : 'हम केवल वकीलों के बारे में नहीं सोच सकते, लोग भूख से मर रहे हैं, अपने रोजगार खो रहे हैं : बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ऐसे समय में जब लोग भूख से मर रहे हैं, अपनी नौकरी खो रहे हैं, कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकता,जिनमें केवल वकीलों को आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल करने की मांग की गई है ताकि वह लोकल ट्रेनों में यात्रा कर सकें। कोर्ट ने कहा कि हमें ऐसे फार्मूले पर विचार करना होगा,जिससे आम जनता को भी फायदा पहुंच सकें। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही थी, जिनमें से एक बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा की तरफ से दायर की गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि अधिवक्ताओं को आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल किया जाए। दूसरी जनहित याचिका कंज्यूमर कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की तरफ से दायर की गई थी,जिसमें उपभोक्ता अदालतों में फिजिकल हियरिंग फिर से शुरू करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।

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    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वेब सीरीज पाताल लोक और XXX-सीजन 2 के स्ट्रीमिंग के खिलाफ याचिका खारिज की

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को वेब सीरीज पाताल लोक और XXX-सीजन 2 की सेंसरशिप के लिए दायर दो जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने पहले सक्षम अधिकारी से संपर्क करने के निर्देश के साथ इन याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता द्वारा इस याचिका में दिए गए तथ्यों को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, "यह कानून का एक सुलझा हुआ सिद्धांत है कि मैंडमस की प्रकृति में याचिका की मांग करने वाले व्यक्ति को प्राधिकरण प्राधिकारी से एक मांग करने की आवश्यकता होती है। ऐसे व्यवस्थित सिद्धांत से विचलन केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किया जा सकता है और ऐसी किसी भी परिस्थिति की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है।"

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    स्वच्छ पर्यावरण पर अपने प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता मांगने वाले याचिकाकर्ता पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 50 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वच्छ पर्यावरण पर अपनी परियोजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से 70,000 रूपये की वित्तीय सहायता की मांग करने वाले एक याचिकाकर्ता पर 50,000 रूपये का जुर्माना लगाया है। याचिकाकर्ता की जनहित याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की डिवीजन बेंच ने इस बात पर प्रकाश डाला कि याचिका असमानता से भरी हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के मुकदमे दायर करना पूरी तरह न्यायिक संसाधनों की बर्बादी करना है।

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    रिकॉर्ड पर कोई मेडिकल साक्ष्य नहीं है, जिससे यह दिखे कि आरोपी ड्रग एडिक्ट है: दिल्ली हाईकोर्ट ने NDPS एक्ट के तहत आरोपी को जमानत दी

    दिल्ली हाईकोर्ट ने नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांस एक्ट की धारा 20 और 29 के तहत आरोपित एक व्यक्ति को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि अभियोजन पक्ष अपने बयान कि आरोपी एक ड्रग एडिक्ट है, के समर्थन में कोई भी मेडिकल सबूत दिखाने में विफल रहा। जमानत के फैसले में जस्टिस विभु बाखरू की एकल पीठ ने कहा कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि अभियुक्त को उन अपराधों से बरी किया जा सकता है, जिनका उस पर आरोप लगाया गया है।

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    बॉम्बे हाईकोर्ट 1 अक्टूबर से अपराधिक मामलों की शारीरिक रूप से सुनवाई (Physical Hearing) शुरू करेगा

    बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सूचित किया है कि गोवा में उच्च न्यायालय सहित सभी पीठों में शारीरिक रूप से सुनवाई (Physical Hearing) एक अक्टूबर से आपराधिक अपील के मामलों में केवल 11 बजे से 2 बजे और 3 बजे से 5 बजे के बीच शुरू होगी। 29 सितंबर को दिए गए नोटिस के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश 1 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच शारीरिक मामलों की सुनवाई करेंगे। दो अलग-अलग डिवीजन बेंच, पहले जस्टिस पीबी वरले और जस्टिस वीजी बिष्ट की बेंच और दूसरे में जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस एनजे जामदार की बेंच एक ही तारीखों पर बैठेंगी। न्यायमूर्ति एएस गडकरी की एकल पीठ और न्यायमूर्ति पीडी नाइक की पीठ सुनवाई के लिए मामले उठाएगी।

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान परिवहन शुल्क वसूलने से रोका, बिल्डिंग मेंटेनेंस शुल्क भी 50 प्रतिशत तय किया

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर स्थित स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह छात्रों से परिवहन शुल्क न वसूलें। जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने आदेश दिया है कि,''इस समय छात्र स्कूल नहीं जा रहे हैं, ऐसे में इन तथ्यों के मद्देनजर परिवहन शुल्क नहीं लिया जा सकता है।'' डिवीजन बेंच उस अपील पर सुनवाई कर रही है,जिसमें एकल न्यायाधीश द्वारा जुलाई माह में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। उस आदेश के तहत एकल पीठ ने ब्व्टप्क्.19 महामारी के दौरान छात्रों से शुल्क आदि वसूलने के संबंध में निर्देश दिए थे।

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    अगर डिटेन्यू कस्टडी में था तो वह पथराव करने में लिप्त कैसे हो सकता है?'- जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने डिटेंशन ऑर्डर रद्द किया

    डिटेनिंग अथॉरिटी द्वारा एक डिटेन्यू को प्रिवेन्टिव डिटेंशन में रखने का आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने मंगलवार (22 सितंबर) को कहा कि डोजियर के साथ-साथ हिरासत में रखने के लिए दिए कारणों से यह स्पष्ट है कि इस मामले में आदेश पारित करने के समय डिटेन्यू कस्टडी में था। न्यायालय ने कहा कि इसके बावजूद डिटेंशन के आधारों में यह दर्ज किया गया था कि ''वर्तमान में डिटेन्यू अलगाववादी तत्वों के कार्यक्रमों को जमीनी धरातल पर लागू करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है और अवैध गतिविधियों का सहारा ले रहा है, जैसे कि पथराव आदि।

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    5-6 वर्ष के बच्चों को पोर्न वीडियो दिखाने के आरोपी स्कूल वैन-ड्राइवर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार (22 सितंबर) को एक स्कूल वैन चालक को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर 5-6 वर्ष की आयु के बच्चों को अश्लील वीडियो दिखाने का आरोप है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ 439 Cr.P.C के तहत एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। विचाराधीन स्कूल-वैन चालक द्वारा दायर की गई, धारा 354 (2), 377, 504 आईपीसी, 7/8 POCSO अधिनियम, पुलिस स्टेशन बजरखला, लखनऊ के तहत 2019 की एफआईआर नंबर. 0548 में दर्ज जमानत की मांग की थी।

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