"पीड़िता के मौलिक और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन किया गया" : DCW अध्यक्ष ने सीजेआई को पत्र लिखकर हाथरस केस की HC की निगरानी में जांच की मांग की

LiveLaw News Network

30 Sep 2020 10:07 AM GMT

  • पीड़िता के मौलिक और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन किया गया : DCW अध्यक्ष ने सीजेआई को पत्र लिखकर हाथरस केस की HC की निगरानी में जांच की मांग की

    दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सीजेआई को पत्र लिखकर यूपी के हाथरस जिले में 19 साल की दलित लड़की के साथ हुए निर्मम सामूहिक बलात्कार और हत्या का संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

    "पीड़िता के हर संभव मौलिक और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन किया गया है," ये कहते हुए मालीवाल ने अदालत से ये निर्देश पारित करने का आग्रह किया है,

    • अपराध में शामिल अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच और ट्रायल हो।

    • घटना को छिपाने की कोशिश करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ तत्काल निलंबन और दंडात्मक कार्रवाई हो।

    • यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस मैकेनिज्म हो कि किसी भी अन्य बेटी को इस तरह की घटना का सामना ना करना पड़े।

    मालीवाल ने यह स्वीकार किया है कि इस मामले में पुलिस और पूरी यूपी सरकार की भूमिका "गंभीर चिंता का विषय" है।

    उन्होंने आरोप लगाया है कि 14 सितंबर को पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और चार आरोपियों द्वारा उसे घायल करने के बाद खेतों में छोड़ दिया गया। हालांकि, पीड़ित परिवार के बार-बार आग्रह के बावजूद, स्थानीय पुलिस सामूहिक-बलात्कार या यहां तक ​​कि बलात्कार का मामला दर्ज करने में विफल रही और 5 दिनों तक आरोपी व्यक्ति बेफिक्र आजाद घूमते रहे।

    उन्होंने दावा किया है कि 22 सितंबर को ही पीड़िता का बयान दर्ज किया गया था और मामले में गैंगरेप की संबंधित धाराओं को जोड़ा गया था और अन्य आरोपी व्यक्तियों की पहचान की गई थी।

    इस पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा है कि कई दिनों तक , प्रशासन ने "मामले को गांववालों के बीच विवाद के रूप में दिखाने करने" की कोशिश की और घटना को "कवर-अप" करने की कोशिश की।

    उन्होंने आगे दावा किया है कि यूपी सरकार ने पीड़िता को दिल्ली भेजने में अत्यधिक देरी दिखाई, बावजूद इसके कि उसकी हालत गंभीर थी।

    उन्होंने कहा,

    "अगर परिवार की दलीलों पर तत्काल कार्रवाई की जाती और पीड़ित को पहले दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाता, तो शायद हम अपनी बेटी को नहीं खोते।"

    उन्होंने आरोप लगाया है कि पीड़ित के परिवार को उसके शव का अंतिम संस्कार करने की अनुमति नहीं दी गई, बल्कि उसके घर में ताला लगा दिया गया था।

    इसे "पीड़ित के मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का मामला" बताते हुए मालीवाल ने लिखा:

    "लाखों युवा और मासूम लड़कियों ने हमारे देश में अपने जीवन और गरिमा का बलिदान किया है और फिर भी क्षणिक नाराजगी को छोड़कर, हमारा देश कार्रवाई करने में विफल रहा है। भारत में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति में शायद ही कोई अनुकूल बदलाव आया है और हर दिन अनगिनत महिलाओं व लड़कियों को तबाह कर दिया जाता है और उनके जीवन को नष्ट कर दिया जाता है।"

    इस मामले में 19 वर्षीय पीड़िता को 14 सितंबर को यूपी के हाथरस जिले में चार लोगों द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किया गया और सामूहिक बलात्कार किया गया। यह आरोप लगाया गया है कि अपराधियों ने पीड़िता की जीभ काट दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह पुलिस को कोई बयान न दे और कई दिनों तक उसके परिवार को बार-बार धमकी दी।

    उसे खेतों से गंभीर हालत में बरामद किया गया और इलाज के लिए अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। 28 सितंबर को, उसे एम्स दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां अगले दिन उसने दम तोड़ दिया।

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