स्वच्छ पर्यावरण पर अपने प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता मांगने वाले याचिकाकर्ता पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 50 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया

LiveLaw News Network

30 Sep 2020 7:43 AM GMT

  • स्वच्छ पर्यावरण पर अपने प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता मांगने वाले याचिकाकर्ता पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 50  हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वच्छ पर्यावरण पर अपनी परियोजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से 70,000 रूपये की वित्तीय सहायता की मांग करने वाले एक याचिकाकर्ता पर 50,000 रूपये का जुर्माना लगाया है।

    याचिकाकर्ता की जनहित याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की डिवीजन बेंच ने इस बात पर प्रकाश डाला कि याचिका असमानता से भरी हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के मुकदमे दायर करना पूरी तरह न्यायिक संसाधनों की बर्बादी करना है।

    याचिकाकर्ता त्रिलोक गोयल द्वारा दायर की गई थी में मांग की गई थी कि न्यायालय स्वच्छ पर्यावरण पर अपनी परियोजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को वित्तीय सहायता या निर्देश जारी करे।

    याचिकाकर्ता ने सुझाव दिया था कि विभिन्न सरकारी विभागों के लगभग 30 व्यक्तियों की एक टीम को इस उद्देश्य के लिए बनाया जा सकता है।

    इस पर अदालत ने कहा कि:

    'याचिकाकर्ता द्वारा अपनी परियोजना के लिए इतनी बड़ी राशि के आवंटन के लिए कोई आधार नहीं दिया गया है। याचिका में मौलिक विवरणों का अभाव है- जिसमें परियोजना की प्रकृति भी शामिल है, जो याचिकाकर्ता उत्तरदाताओं की सहायता से विकसित और कार्यान्वित करना चाहता है। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि सार्वजनिक धन और संसाधनों को इस तरीके से बर्बाद नहीं किया जा सकता है।'

    इसलिए अदालत ने याचिकाकर्ता को 4 सप्ताह की अवधि में 50,000 रूपये का जुर्माना डीएसएलएसए में देने का निर्देश दिया, जिसका उपयोग उनके अनुसार न्याय कार्यक्रमों में किया जाएगा।

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


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