झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) ने देश की पहली बीमा ई-लोक अदालत का आयोजन किया

LiveLaw News Network

1 Oct 2020 5:38 AM GMT

  • झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) ने देश की पहली बीमा ई-लोक अदालत का आयोजन किया

    राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के तत्वावधान में शनिवार (26 सितंबर) को झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) ने एक कार्यक्रम "झारखंड उच्च न्यायालय और JHALSA पहल" और "देश की पहली बीमा लोक अदालत (आभासी)" का आयोजन किया।

    ई-लोक अदालत की सभी कार्यवा‌हियां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें अधिवक्ताओं और बीमा कंपनियों के अधिकारियों सहित मामलों के पक्ष आदि भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

    आभासी सुलह कार्यवाही सहित तैयारी कार्य 7 जुलाई 2020 से शुरू हुआ था और आखिरकार बीमा मामलों के लिए लोक अदालत 26 सितंबर 2020 को आयोजित की गई, जिसमें 10,719 मामलों और लगभग 65,89,28,111 रुपए के विवादों का‌ निस्तारण किया गया।

    इंश्योरेंस लोक अदालत (आभासी) में कई मामले मोटर वाहन दुर्घटनाओं से संबंधित थे, और इसलिए, तत्काल मुआवजा प्रदान करन से उन परिवारों को काफी राहत मिली, जिन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में अपने परिजनों को खो द‌िया था। 65,89,28,111 रुपए के बीमा दावों के ‌निस्तारण के बाद, चेक प्राप्त करने वाले कई लाभार्थी खुश और संतुष्ट थे।

    झारखंड विधिक सेवा मोबाइल ऐप और विधिक सेवा वेब पोर्टल का शुभारंभ

    इस अवसर पर, झारखंड विधिक सेवा मोबाइल ऐप और उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के विधिक सेवा वेब पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया। विधिक सेवा मोबाइल ऐप को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि लाभार्थी कानूनी सेवा संस्थानों से, शारीरिक रूप से संपर्क किए बिना कानूनी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

    आवेदक ऐप में ही अपने विवरण और शिकायतों को भरकर ऐसा कर सकते हैं। पैनल के वकील, जेल क्लीनिक आदि को ऐप में जोड़ा गया है, और JHALSA द्वारा गठित एक समिति लगातार ऐप की निगरानी करेगी। वेब पोर्टल और ऐप को आसानी से न्याय उपलब्‍ध कराने के लिए मकसद से बनाया गया है।

    विधिक सेवा मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल कानूनी सेवाओं को अधिक समावेशी बना देगा, और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वालों की मदद करने के साथ-साथ गरीबों की यात्रा की लागत को भी बचाएगा।

    ऐप और पोर्टल पात्र लोगों को अपने दस्तावेज़ सीधे ऐप / पोर्टल पर अपलोड करने में मदद करेंगे, और समित‌ि अपलोड किए गए दस्तावेजों की जांच के बाद, उस विशेष मामले के लिए वकील की नियुक्त करेगी। समिति का लक्ष्य न्याय वितरण प्रणाली को सुचारू और कुशल बनाना है।

    मार्गदर्शन और उद्घाटन

    कार्यक्रम का आयोजन चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन, झारखंड हाईकोर्ट सह मुख्य संरक्षक, JHALSA और जस्टिस एचसी मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष, JHALSA के मार्गदर्शन में किया गया।

    विशेष रूप से, इस कार्यक्रम का उद्घाटन जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जज, सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस डॉ रवि रंजन, चीफ जस्टिस, झारखंड हाईकोर्ट सह मुख्य संरक्षक, JHALSA, जस्टिस एचसी मिश्रा, जज, झारखंड हाइकोर्ट और कार्यकारी अध्यक्ष, JHALSA, जस्टिस अपरेश कुमार सिंह, जज, झारखंड हाईकोर्ट और अध्यक्ष, झारखंड उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति, जस्टिस अनुभा रावत चौधरी, जज, झारखंड हाईकोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट के अन्य माननीय जजों द्वारा किया गया।

    जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जज, सुप्रीम कोर्ट, ने इस मौके पर बताया कि किस तरह से JHALSA ने COVID की चुनौतियों से निपटने के लिए न्याय का नया तरीका तैयार किया है। जस्टिस एनवी रमना, जज, सुप्रीम कोर्ट, और कार्यकारी अध्यक्ष, नालसा (जो इस कार्यक्रम में नहीं आ सके) ने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान अपना संदेश दिया।

    एक सफलता की कहानी

    राजेश धन चांडिल, सरायकेला, झारखंड में हवलदार थे। 2018 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। उनके पीछे परिवार में उनकी पत्नी, 2 साल की बेटी और वृद्ध माता-पिता रह गए। वे खुटी, कर्रा में घोर गरीबी में रह रहे थे। JHALSA ने मामला उठाया और 26 सितंबर 2020 को राजेश धन (दिवंगत) की पत्नी को 90 लाख रुपए का चेक दिया गया।

    (सदस्य सचिव, झाला, मोहम्मद शाकिर के इनपुट्स के साथ)

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