मुख्य सुर्खियां
यदि अदालतें फिजिकल तौर पर काम करेंगी तो अधिवक्ता और उनके क्लर्क लॉकडाउन के दौरान कोर्ट आ सकते हैंः केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि यदि अदालतों में फिजिकल तौर पर काम होगा तो अधिवक्ता और उनके क्लर्क भी लॉकडाउन के दौरान कोर्ट में आ सकते हैं, बशर्ते इसके लिए वे अपने पहचान पत्र के साथ निर्धारित प्रारूप में एक अंडरटेकिंग साथ रखें।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि,''राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया जाता है कि वह सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दें कि वकीलों को अदालतों में आवश्यक पहुंच दी जाए क्योंकि अन्यथा यह आम आदमी होगा जो पीड़ित होगा, विशेष रूप से आपराधिक मामलों में।''इसके अलावा,...
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार जनरल आशु गर्ग COVID-19 से निधन
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली के रजिस्ट्रार जनरल आशु गर्ग का शुक्रवार की सुबह COVID-19 से निधन हो गया।इस संबंध में शुक्रवार को जारी एक सर्कुलर में कहा गया:"गहन दुःख और शोक के साथ यह सूचित किया जाता है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली के रजिस्ट्रार जनरल आशु गर्ग COVID-19 के कारण आज सुबह निधन हो गया।"हाल ही में COVID-19 संक्रमण के कारण दिल्ली में दो न्यायिक अधिकारियों ने अपनी जान गंवाई है।द्वारका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट, नई दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कामरान खान का...
कलकत्ता हाईकोर्ट में COVID-19 वैक्सीन की कीमत में अंतर की नीति को खत्म करने, पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की मांग वाली याचिका दायर की गई
कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थितियों में COVID -19 वैक्सीन का उपयोग सार्वजनिक लाभ के उद्देश्य से किया जाना चाहिए और COVID - 19 के खिलाफ सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए कोविड वैक्सीन का समान रूप से और सही तरीके से वितरित किया जाना चाहिए।डॉक्टर फूआद हलीम द्वारा एडवोकेट बीकैश रंजन (वरिष्ठ अधिवक्ता) और एडवोकेट समीम अहमद के माध्यम से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई विधि अंततः व्यापक टीकाकरण के माध्यम से जनता का...
''वह विकृत प्रतीत होता है, उसने अपनी महिला मित्र के जीवन को तकलीफदेह बना दिया'': हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
आरोपी का आचरण इतना ''घृणित था कि उसने अपनी महिला मित्र के जीवन को तकलीफदेह बना दिया'' हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार (6 मई) को उस आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया,जिस पर कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की को बहलाने और उससे बलात्कार करने का आरोप लगा है।न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की खंडपीठ ने आगे कहा कि, ''अभियुक्त विकृत प्रतीत होता है और इसलिए अभियुक्त को जमानत देने का कोई सवाल ही नहीं है।'' आरोपी के खिलाफ आरोप नाबालिग पीड़ित लड़की के बयान के अनुसार, 4 जुलाई, 2020 को, जब वह और उसका दोस्त...
"आरोपी विकृत मानसिकता का, इसने विपरीत लिंग की युवा मित्रों के जीवन को नर्क बना दिया", हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बलात्कार के आरोपी की जमानत से इनकार किया
यह देखते हुए कि अभियुक्त का आचरण इतना "घृणित था कि उसने विपरीत लिंग की युवा मित्रों के जीवन को नर्क बना दिया,", हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार (6 मई) को एक ऐसे व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस ने कथित रूप से एक नाबालिग लड़की से बलात्कार किया था।जस्टिस अनूप चितकारा की खंडपीठ ने कहा, "अभियुक्त विकृत मानसकिता का प्रतीत होता है और ऐसे अभियुक्त को जमानत देने का कोई सवाल ही नहीं है।"आरोपनाबालिग पीड़िता के बयान के अनुसार, 4 जुलाई, 2020 को, जब वह और उसका दोस्त संदीप बातचीत करने के...
मामलों में पेश होने वाले अधिवक्ताओं को सोशल मीडिया पर अदालती चर्चाओं पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को मौखिक रूप से कहा कि वकील और पक्षकार ऐसे व्यक्ति हैं, जो न्यायालय में सुनवाई के दौरान पेश होते हैं, उन्हें अदालत द्वारा निपटाए जाने वाले मामलों के बारे में सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।बीबीएमपी के वकील एडवोकेट श्रीनिधि वी द्वारा COVID-19 प्रबंधन के संबंध में याचिकाओं के समूह में पेश होने के बाद यह सुझाव देते हुए अदालत में कहा, "हम सभी COVID-19 से लड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं। मैं अपने मित्र अधिवक्ता श्री ए से अनुरोध करता हूं कि वह ट्वीट पर धीमी गति से...
'भारत में विदेशी ड्रग कंपनियां इस तरह मुनाफा नहीं कमा सकतीं': बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- स्थानीय दवाओं को विकल्प के रूप में बढ़ावा क्यों नहीं दिया गया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली आयातित दवाओं की जगह स्थानीय दवाओं को विकल्प के रूप में उपयोग के लिए बढ़ावा क्यों नहीं दिया।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि,"विदेशी दवाओं को लोकप्रिय बनाने के कारण स्पष्ट हैं। लेकिन अगर हमारे पास विकल्प हैं तो स्थानीय दवाओं का उपयोग क्यों न करें। यह वहीं है। आपको हनुमान की भी आवश्यकता नहीं है। हिंदू महाकाव्य रामायण के मुताबिक कैसे एक स्थानीय...
"दिल्ली में COVID-19 से पीड़ित सभी व्यक्तियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करे": दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 से पीड़ित सभी रोगियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि वेंटिलेटर को अस्पताल में भर्ती होने, दवा या आईसीयू के संबंध में सुविधाओं की आवश्यकता वाले रोगियों को उसी के साथ प्रदान किया जाना चाहिए।न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की खंडपीठ ने 52 साल के एक याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो खराब स्वास्थ्य स्थिति के कारण मरणासन्न अवस्था और उनसे अपनी याचिका में...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 30 जून तक बेदखल करने के विवादों और विध्वंस पर रोक लगाई, अंतरिम आदेशों का विस्तार किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिना शर्त सभी अंतरिम आदेशों को 30 जून, 2021 तक या अगले आदेशों तक बढ़ा दिया, जब तक विशेष रूप से महामारी की दूसरी लहर के कारण न्यायिक आदेश से निपटा नहीं जाता। (पीआईएल नं. 1 ऑफ 2021 पर स्वतः संज्ञान।)यह विस्तार मुंबई में अपनी प्रिसिंपल सीट, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर और औरंगाबाद और गोवा में बेंच और न्यायालयों / न्यायाधिकरणों के अधीन है। यह आदेश केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली, और दमन और दीव में अदालतों / अधिकरणों पर भी लागू रहेगा।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्धारित समय से पहले 10 मई से 4 जून, 2021 तक गर्मियों की छुट्टियों की घोषणा की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक नोटिस जारी करके पहले से निर्धारित हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों की गर्मियों की छुट्टियों की तारीख में बदलाव करते हुए 10 मई से 4 जून, 2021 तक घोषित की।कोर्ट ने दिया आदेश,"इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायिक अवकाश के साथ-साथ लखनऊ पीठ और उसके अधीनस्थ न्यायालयों में गर्मियों की छुट्टियां पूर्व निर्धारित 01.06.2021 से 30.06.2021 की जगह अब 10.05.2021 से 04.06.2021 मनाया जाना चाहिए। … "संबंधित समाचार में, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की गर्मियों की छुट्टियां 10 मई से 5 जून, 2021 तक...
'दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना के तहत कस्टोडियल डेथ मामलों में मुआवजे का प्रावधान है': दिल्ली विधि सेवा प्राधिकरण ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ) को न्यायिक हिरासत में हुई कथित आरोपी (चोर) की मौत के संबंध में उसकी पत्नी के द्वारा किए गए मुआवजे के आवेदन पर शीघ्रता से कार्रवाई करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने देखा कि दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना, 2018 में कस्टोडियल डेथ के मामले में मुआवजे का प्रावधान है। इसको ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल पीठ ने आदेश दिया कि," राज्य विधि सेवा प्राधिकरण को याचिकाकर्ता के आवेदन पर कार्रवाई करने की...
COVID-19: जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने वकीलों के टीकाकरण, वित्तीय सहायता के लिए निर्देश जारी किए
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने यूटी एडमिनेस्ट्रेशन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि 45 वर्ष से अधिक आयु के वकीलों को COVID-19 प्रतिरोधी टीका एक सप्ताह के भीतर लगा दिया जाए।कोर्ट ने आदेश दिया है कि 18-45 आयु वर्ग के वकीलों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए और COWIN ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने के दो सप्ताह के भीतर उनका टीकाकरण किया जाना चाहिए।यह आदेश एक डिवीजन बेंच ने दिया है, जिसमें चीफ जस्टिस पंकज मिठल और जस्टिस संजय धर शामिल थे। पीठ COVID-19 महामारी के बीच नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए...
सशस्त्र बल फील्ड में जाकर अस्पताल नहीं बना सकते और न ही इस समय नागरिक प्रशासन को सहायता दे सकते: केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र ने बुधवार को बताया कि सशस्त्र बल फील्ड अस्पताल स्थापित नहीं कर सकते हैं और न ही इस समय में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना को बुला सकते हैं।न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की खंडपीठ को एएसजी चेतन शर्मा द्वारा उस प्रगति के बारे में अवगत कराया गया था, जिसमें सेना के लिए रक्षा विनियमों के विनियमन 301 के तहत सशस्त्र बलों, वायु सेना और नौसेना की आवश्यकता और अन्य समान नियमों के लिए के संबंध में निर्देश प्राप्त हुए थे।केंद्र का यह जवाब दिल्ली के डिप्टी...
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी नहीं, लेकिन उन पर अनुकंपा नियुक्ति के नियम लागू होंगेः इलाहाबाद उच्च न्यायालय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने माना है कि उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 में शामिल अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के कर्मचारियों पर लागू हैं।जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस चंद्र धारी सिंह और जस्टिस मनीष माथुर की पूर्ण पीठ ने, इस प्रकार, माना कि 17 मार्च, 1994 के सरकारी आदेश के पैराग्राफ 2 (9) के मद्देनजर, जो यह प्रावधान करती है कि डीआरडीए कर्मचारियों के रोजगार के मामलों के में, जिसके लिए उक्त सरकारी आदेश में कोई...
दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के कैदियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, कॉलिंग सुविधाएं बढ़ाने और ई-मुलकात की अनुमति देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को सेंट्रल जेल-6 तिहाड़ में बंद कुछ अंडर-ट्रायल कैदियों द्वारा दायर एक याचिका सुनवाई करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें जेल में कुछ सुविधाओं के प्रावधान के लिए निर्देश मांगे गए थे।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की खंडपीठ ने सोमवार को सरकार से जेल में टेली-कॉलिंग सुविधाओं, कैदियों के वैक्सीनेश, ई-मुलकात, मासिक कॉलिंग चार्ज और इंटरलाकिंग मुद्दों पर जवाब मांगा।न्यायालय के 3 मई के आदेश के अनुसार, सरकार के वकील ने न्यायालय के समक्ष जवाब प्रस्तुत किया, जिसके बाद दोनों...
''नहीं का मतलब नहीं, इस शब्द को किसी और स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं'': हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
''नहीं का मतलब,नहीं-कुछ पुरुषों के लिए इस सरल वाक्य को समझना सबसे मुश्किल हो गया है'' यह कहते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को उस आरोपी व्यक्ति की तरफ से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया,जिस पर एक 17 साल की नाबालिग से बलात्कार करने का आरोप है। न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की एकल पीठ ने कहा किः ''नो का मतलब यस नहीं होता है,इसका मतलब यह भी नहीं है कि लड़की शर्मीली है। इसका मतलब यह भी नहीं है कि लड़की किसी आदमी को उसे समझाने के लिए कह रही है, इसका मतलब यह भी नहीं है कि वह उसका पीछा करता रहे।...
'कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं': गुजरात हाईकोर्ट ने COVID-19 संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार (4 मई) को गुजरात राज्य में तेजी से बढ़ते COVID-19 मामलों में लिए गए स्वत: संज्ञान की कार्यवाही की सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं।मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव डी करिया की खंडपीठ हाईकोर्ट के 27 अप्रैल के आदेश में उठाए गए अधिकांश मुद्दों का जवाब देते हुए सरकार की ओर से दायर हलफनामे पर सुनवाई कर रही थी।कोर्ट ने हालांकि इस संबंध में कोई निर्देश या सुझाव देने से परहेज...
गोवा में मरीजों को ऑक्सीजन बेड, COVID-19 दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर
बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच में राज्य में सभी रोगियों के लिए ऑक्सीजन बेड, COVID-19 दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने और COVID-19 वार्डों में उनके खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा से बचने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई।दक्षिण गोवा अधिवक्ताओं एसोसिएशन द्वारा याचिका को समयबद्ध तरीके से COVID-19 का पता लगाने के लिए टेस्ट कार्यक्रम को बढ़ाने और सभी आयु वर्ग के लोगों को टीकों की...
'समझ में नहीं आ रहा है कि शादी में शामिल सभी लोगों को पुलिस स्टेशन क्यों लाया गया': त्रिपुरा हाईकोर्ट ने सरकार को जिला मजिस्ट्रेट द्वारा विवाह समारोह को रोकने के मामले में जांच की अनुमति दी
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने गुरुवार (6 मई) को अगरतला में हुई घटना के वायरल वीडियो के संबंध में सरकार को एक बार फिर से जांच करने की अनुमति दी, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट और उनकी टीम ने विवाह समारोह को बीच में ही रोक दिया था।चीफ जस्टिस अकील कुरैशी और जस्टिस एसजी चट्टोपाध्याय की खंडपीठ ने नोटिस जारी करने के साथ ही कई अंतरिम निर्देश जारी किए, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट को अगरतला से बाहर भेजने का निर्देश भी शामिल है। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को इस मामले में एक बार फिर से जांच की अनुमति दी।पीठ तीन याचिकाओं पर...
"अदार पूनावाला और एसआईआई भारतीयों के जीवन रक्षक बने हैं; इसलिए सरकार को उनकी सुरक्षा करनी चाहिए": बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर
बॉम्बे हाईकोर्ट में COVID-19 वैक्सीन कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला को कथित तौर पर धमकी देने के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है।एडवोकेट दत्ता माने की आपराधिक रिट याचिका भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 का आह्वान करते हुए पुणे पुलिस को पूनावाला, उनके परिवार के सदस्यों को 'जेड प्लस' सुरक्षा प्रदान करने और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की संपत्तियों की रक्षा करने के लिए निर्देश दिए जाने की मांग करती है।याचिका में पूनावाला...




















