कोरोना महामारी में यौनकर्मियों की स्थिति : गुवाहाटी हाईकोर्ट ने डीएलएसए को कोरोना महामारी में संघर्ष कर रहे सैक्स वर्कर और उनके परिवार के सदस्यों को तत्काल राशन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

29 May 2021 8:15 AM GMT

  • कोरोना महामारी में यौनकर्मियों की स्थिति : गुवाहाटी हाईकोर्ट ने डीएलएसए को कोरोना महामारी में संघर्ष कर रहे सैक्स वर्कर और उनके परिवार के सदस्यों को तत्काल राशन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया

    Gauhati High Court

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कछार को निर्देश दिया है कि वह जिला उपायुक्त द्वारा चिन्हित सैक्स वर्कर और उनके परिवार के सदस्यों को तत्काल राशन उपलब्ध कराएं।

    मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति एमआर पाठक की खंडपीठ ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह अदालत को यह बताएं कि असम राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के माध्यम से राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन असम में सैक्स वर्कर को कैसे राहत देगा और उनकी पहचान कैसे की जाएगी।

    याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता डी घोष ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि कछार जिले में कुछ सैक्स वर्कर और उनके परिवार के सदस्य वर्तमान कोरोना महामारी की स्थिति में विशेष रूप से संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें राशन और दैनिक आवश्यकता की अन्य वस्तुओं के रूप में तत्काल राहत प्रदान की जानी चाहिए। जिसके बाद कोर्ट ने यह निर्देश जारी किए हैं।

    पीठ ने निर्देश दिया है कि,

    ''हम उपायुक्त, कछार के साथ-साथ सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, कछार को इन परिवारों को तुरंत राशन उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए एक अंतरिम आदेश पारित कर रहे हैं। हमें सूचित किया गया है कि उपायुक्त, कछार ने पहले ही इन सैक्स वर्कर व उनके परिवारों की पहचान कर ली है क्योंकि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा उपायुक्त के अधीन एक परियोजना चलाई जा रही है। चूंकि यह एक अत्यावश्यक स्थिति है, इसलिए उन्हें आज ही उपरोक्त राशन प्रदान किया जाए।''

    याचिकाकर्ता ने इस मामले में एक इम्प्लीडमेंट आवेदन दायर करके सचिव के जरिए यूनियन आॅफ इंडिया,महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ-साथ राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाए जाने की मांग की है।

    इम्प्लीडमेंट आवेदन को अनुमति देते हुए, बेंच ने आदेश दिया किः

    ''श्री आर.के.डी. चौधरी इस न्यायालय को अवगत कराएंगे कि असम राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के माध्यम से राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन वर्तमान महामारी के दौरान असम में सैक्स वर्कर को कैसे राहत देगा और सैक्स वर्कर की पहचान कैसे की जाएगी।''

    पीठ COVID19 की दूसरी लहर के कठिन समय को देखते हुए असम में सैक्स वर्कर की स्थिति पर दायर एक जनहित याचिका पर विचार कर रही है, जो भुखमरी के कगार पर हैं।

    केस का शीर्षकः श्री देबजीत गुप्ता बनाम असम राज्य व अन्य

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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