अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए कुछ जिलों में रहने वाले अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं: केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की

LiveLaw News Network

29 May 2021 6:04 AM GMT

  • अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए कुछ जिलों में रहने वाले अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं: केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की

    केंद्र सरकार ने शुक्रवार (28 मई) को एक अधिसूचना जारी कर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित भारत के कुछ जिलों में रहने वाले व्यक्तियों के लिए भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया है।

    जिलों के कलेक्टर - (i) गुजरात राज्य में मोरबी, राजकोट, पाटन और वडोदरा (ii) छत्तीसगढ़ राज्य में दुर्ग और बलौदाबाजार (iii) राजस्थान राज्य में जालोर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर और सिरोही (iv) हरियाणा राज्य में फरीदाबाद और (v) पंजाब राज्य में जालंधर जिला के कलेक्टर को धारा 5 (भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण के लिए या धारा 6 के तहत देशीयकरण प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए) के तहत केंद्र सरकार की शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार है।

    हरियाणा और पंजाब राज्यों के गृह विभाग के सचिव नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार हरियाणा का फरीदाबाद जिला और पंजाब के जालंधर जिले को छोड़कर राज्यों में इस शक्ति का प्रयोग कर सकते हैं।

    प्रक्रिया इस प्रकार वर्णित है;

    (A) भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन या उक्त नियमों के तहत भारत के नागरिक के रूप में देशीयकरण प्रमाणपत्र प्रदान करना आवेदक द्वारा ऑनलाइन किया जाएगा।

    (B) शरणार्थियों के आवेदन का सत्यापन राज्य के सचिव (गृह) या जिले के डीएम द्वारा किया जाएगा। मामले के हिसाब से जिला स्तर और राज्य स्तर पर आवेदन और सत्यापन रिपोर्ट को सुलभ बनाया जाएगा। यह रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा।

    (C) कलेक्टर या सचिव जैसा भी मामला हो आवेदक की मैरिट का पता लगाने के लिए आवश्यक जांच करेगा और इस उद्देश्य के लिए ऐसी एजेंसियों के पास सत्यापन और टिप्पणियों के लिए ऑनलाइन आवेदन भेजना होगा। इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी इस तरह की जांच और निर्देशों का राज्य या केंद्र शासित प्रदेश और संबंधित जिले द्वारा कड़ाई से पालन किया जाएगा।

    (D) खंड (C) में संदर्भित एजेंसियों की टिप्पणियां ऐसी एजेंसियों द्वारा ऑनलाइन अपलोड की जाएंगी और कलेक्टर या सचिव जैसा भी मामला हो और केंद्र सरकार के लिए सुलभ होगा।

    (E) कलेक्टर या सचिव जैसा भी मामला हो आवेदक की मैरिट से संतुष्ट होने पर पंजीकरण या देशीयकरण प्रमाणपत्र द्वारा भारत की नागरिकता प्रदान करता है और जैसा भी मामला हो ऑनलाइन पोर्टल से विधिवत मुद्रित और उक्त नियमों में निर्धारित प्रपत्र में कलेक्टर या सचिव द्वारा हस्ताक्षरित पंजीकरण या प्राकृतिककरण का प्रमाण पत्र जारी करता है।

    (F) कलेक्टर और सचिव उक्त नियमों के अनुसार एक ऑनलाइन और लिखित रजिस्टर बनाएंगे, जिसमें भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत या देशीयकृत व्यक्ति का विवरण होगा और इसकी एक प्रति केंद्र सरकार को सात दिनों के भीतर भेजा जाएगा।

    नागरिकता संशोधन अधिनियम दिसंबर 2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम उत्पीड़ित समुदाय 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों, जैनियों और पारसियों को नागरिकता के देने के उद्देश्य से बनाया गया।

    नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत नियमों को अधिसूचित किया जाना बाकी है। फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा को सूचित किया था कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत नियम बनाने का समय बढ़ा दिया गया है। अब जारी अधिसूचना नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत है जो केंद्र सरकार को किसी भी अधिकारी या प्राधिकरण को किसी भी शक्ति (धारा 10 और धारा 18 के अलावा) को सौंपने में सक्षम बनाती है।

    अधिसूचना की कॉपी यहां पढ़ें:



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