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मनीष सिसोदिया को जमानत देने से जांच प्रभावित होगी, सबूत नष्ट होने की आशंका: सीबीआई ने दिल्ली कोर्ट से कहा
मनीष सिसोदिया को जमानत देने से जांच प्रभावित होगी, सबूत नष्ट होने की आशंका: सीबीआई ने दिल्ली कोर्ट से कहा

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि कथित शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से जांच प्रभावित होगी मामले में सबूतों को नष्ट होने की आशंका बढ़ जाएगी। विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने दिल्ली में वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप में आप नेता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के समक्ष यह दलील दी।सिसोदिया सीबीआई मामले...

[आरटीआई एक्ट] पीआईओ की दूसरी अपील सुनवाई योग्य, भले ही उसने धारा 19(1) के तहत पहली अपील दायर ना की हो: कर्नाटक हाईकोर्ट
[आरटीआई एक्ट] पीआईओ की दूसरी अपील सुनवाई योग्य, भले ही उसने धारा 19(1) के तहत पहली अपील दायर ना की हो: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक राज्य सूचना आयुक्त के एक आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें उन्होंने जन सूचना अधिकारी की ओर से दायर दूसरी अपील को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि पीआईओ होने के कारण याचिकाकर्ता सूचना अधिनियम अधिकार की धारा 19(3) के तहत दूसरी अपील को कायम नहीं रख सकता।जस्टिस केएस हेमलेखा की सिंगल जज बेंच ने आंशिक रूप से कर्नाटक लोकायुक्त से जुड़े पीआईओ द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और आयुक्त द्वारा चार जनवरी 2018 को पारित आदेश को रद्द कर दिया।याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने तर्क...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुणरतन सदावर्ते के खिलाफ बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार किया, कहा- वह एक वकील हैं, केवल इसलिए उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दे सकते
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुणरतन सदावर्ते के खिलाफ बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार किया, कहा- वह एक वकील हैं, केवल इसलिए उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दे सकते

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा की ओर से एडवोकेट गुणरतन सदावर्ते के खिलाफ कथित कदाचार के आरोप में शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा कि सदावर्ते को केवल इसलिए कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा, क्योंकि वह एक वकील हैं और चूंकि उन्होंने आरोप लगाया है कि शिकायत राजनीति से प्रेरित है। प्रथम दृष्टया अदालत को बार काउंसिल के नोटिस में कोई प्रक्रियागत खामी नहीं मिली।एडवोकेट सुशील...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की एक साल की जेल की सजा सस्पेंड की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की एक साल की जेल की सजा सस्पेंड की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' को 9 साल पुराने मारपीट के मामले में इस साल जनवरी में इलाहाबाद की एक सांसद / विधायक अदालत द्वारा सुनाई गई एक साल की जेल की सजा सस्पेंड कर दी। अदालत ने संबंधित अदालत की संतुष्टि के अनुसार जुर्माना जमा करने और इतनी ही राशि के में दो-दो जमानतदार पेश करने के साथ एक व्यक्तिगत मुचलका प्रस्तुत करने पर गुप्ता को रिहाई के निर्देश जारी किये।जस्टिस राजीव गुप्ता की खंडपीठ ने मारपीट के मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती...

न्यायिक हिरासत में पहले से ही बंद व्यक्ति के खिलाफ निवारक हिरासत आदेश पारित करने के लिए ट्रिपल टेस्ट आवश्यक, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने दोहराया
न्यायिक हिरासत में पहले से ही बंद व्यक्ति के खिलाफ निवारक हिरासत आदेश पारित करने के लिए "ट्रिपल टेस्ट" आवश्यक, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने दोहराया

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कथित चंदन तस्कर के निवारक निरोध आदेश को रद्द कर दिया। वह न्यायिक हिरासत में था। कोर्ट ने कहा कि निरोध आदेश में ट्रिपल टेस्ट के अनुसार आवश्यक निरोध प्राधिकरण की संतुष्टि को दर्ज नहीं किया गया था।जस्टिस डीवीएसएस सोमयाजुलु और जस्टिस वी श्रीनिवास की खंडपीठ ने दोहराया कि न्यायिक हिरासत में एक व्यक्ति के खिलाफ निवारक निरोध का आदेश वैध रूप से पारित किया जा सकता है (1) यदि प्राधिकरण के पास पेश की गई सामग्री के आधार पर भरोसा करने का कारण है क‌ि अभियुक्त को जमानत पर...

मीडिया और सरकारी एजेंसी बिना किसी वजह के नागरिकों के जीवन में ताकझांक नहीं कर सकतीं: केरल हाईकोर्ट
मीडिया और सरकारी एजेंसी बिना किसी वजह के नागरिकों के जीवन में ताकझांक नहीं कर सकतीं: केरल हाईकोर्ट

"मीडिया और सरकारी एजेंसी को बिना किसी वजह के नागरिकों के निजी जीवन में ताकझांक करने का अधिकार नहीं है।" ये टिप्पणी केरल हाईकोर्ट ने एक न्यूज चैनल के दो मीडियाकर्मियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए की।जस्टिस वीजी अरुण की सिंगल बेंच ने कहा कि कुछ मामलों में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यानी मीडिया अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है।बेंच ने आगे कहा कि कुछ मीडिया चैनलों को न्यूज से ज्यादा अनैतिक चीजें पब्लिश करने की आदत है। हो सकता है समाज का एक तबका ऐसी सनसनी और गंदी खबरें देखता हो। ऐसे न्यूज को...

हाईकोर्ट ने COVID-19 ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
हाईकोर्ट ने COVID-19 ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है, जिसमें COVID-19 महामारी के दौरान ड्यूटी पर मारे गए पुलिस अधिकारियों के परिवारों को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की गई है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने दो वकीलों और एक कानून के छात्र की याचिका पर नोटिस जारी किया और इसे 19 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।जनहित याचिका में प्रतिवादी दिल्ली सरकार, मुख्यमंत्री, संभागीय आयुक्त (राजस्व) और पुलिस आयुक्त...

शादीशुदा गर्लफ्रेंड को पाने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा शख्स, कोर्ट ने 5 हजार का लगाया जुर्माना (वीडियो)
शादीशुदा गर्लफ्रेंड को पाने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा शख्स, कोर्ट ने 5 हजार का लगाया जुर्माना (वीडियो)

गुजरात हाईकोर्ट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। मामले में प्रेमी ने अपनी शादीशुदा प्रेमिका की कस्टडी दिलाने की अपील की। अपील करने वाला कथित प्रेमी लिव-इन को लेकर किए गए एग्रीमेंट के आधार पर ये कस्टडी मांग रहा था। चौंकाने वाली बात ये है कि जिस गर्लफ्रेंड की कस्टडी मांगी गई, वो पहले से शादीशुदा है और अपने पति के साथ रह रही थी। मामले में जस्टिस विपुल एम. पंचोली और जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। याचिकाकर्ता की ओर से दायर हैबियस कॉर्पस की याचिका कोर्ट ने...

क्या आप हाउसिंग सोसायटी में आवारा कुत्तों को खाना खिला सकते हैं? केंद्र सरकार नियमों की अधिसूचना जारी की
क्या आप हाउसिंग सोसायटी में आवारा कुत्तों को खाना खिला सकते हैं? केंद्र सरकार नियमों की अधिसूचना जारी की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि 10 मार्च, 2023 को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 हाउसिंग सोसाइटी के अंदर आवारा या सामुदायिक कुत्तों को खिलाने के सवाल का जवाब देता है, सीवुड्स एस्टेट लिमिटेड और डॉग लवर फ्रॉम द सोसाइटी की वॉर्निंग मैनेजमेंट से जुड़ी याचिका का निपटारा किया।केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा प्रकाशित नियमों के खंड 20 में कहा गया कि हाउसिंग सोसाइटी या क्षेत्र में सामुदायिक पशुओं को खिलाने की जिम्मेदारी अपार्टमेंट मालिक संघ या क्षेत्र...

गुजरात हाईकोर्ट ने नायरा रिफाइनरी के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दैनिक आधार पर उत्सर्जन की निगरानी करने को कहा
गुजरात हाईकोर्ट ने नायरा रिफाइनरी के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दैनिक आधार पर उत्सर्जन की निगरानी करने को कहा

गुजरात हाईकोर्ट ने तेल रिफाइनरी नायरा के खिलाफ देवभूमि द्वारका में वाडीनार गांव को कथित रूप से खतरनाक पदार्थ छोड़ने और प्रदूषित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।एक्टिंग चीफ जस्टिस ए.जे. देसाई और जस्टिस बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किसी भी ठोस सामग्री या गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रस्तुत मामले के बिना प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि OCEMS प्रणाली के माध्यम से निरंतर निगरानी की गई।कोर्ट को बताया गया कि बोर्ड द्वारा प्राप्त एसएमएस...

उन्होंने हड़ताल करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर क्यों किए? कलकत्ता हाईकोर्ट ने बेरहामपुर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा
उन्होंने हड़ताल करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर क्यों किए? कलकत्ता हाईकोर्ट ने बेरहामपुर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को बेरहामपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव से स्पष्टीकरण मांगा कि क्यों वे हड़ताल के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर रहे थे, जिसने बेरहामपुर में अदालतों को पंगु बना दिया और असंख्य वादियों को न्याय तक पहुंच से वंचित कर दिया।जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा,“ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त पदाधिकारी बेरहामपुर में काम पर हड़ताल करने और अदालतों को पंगु बनाने के पहले के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले थे। प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रस्ताव हरीश...

केवल इसलिए कि पूर्वज वन में रहते थे, इससे कोई वन अधिकार नहीं बनता, वास्तविक आजीविका आवश्यकताओं के लिए वन पर एकमात्र निर्भरता स्थापित करनी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट
केवल इसलिए कि पूर्वज वन में रहते थे, इससे कोई वन अधिकार नहीं बनता, "वास्तविक आजीविका आवश्यकताओं" के लिए वन पर एकमात्र निर्भरता स्थापित करनी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत लाभ का दावा करने वाले व्यक्तियों के समूह को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि अधिनियम के तहत अधिकारों का दावा केवल इस आधार पर नहीं किया जा सकता कि पूर्वज मूल रूप से जंगलों में रहते थे। अधिनियम के तहत अधिकारों का दावा करने के लिए यह स्थापित करना आवश्यक है कि व्यक्ति अपनी वास्तविक आजीविका के लिए पूरी तरह से जंगल पर निर्भर है।इस न्यायालय का विचार है कि मात्र इसलिए कि याचिकाकर्ताओं के पूर्वज...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी द्वारा पीड़िता को जेल से धमकी देने पर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी द्वारा पीड़िता को जेल से धमकी देने पर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह पता चलने पर कि सोशल मीडिया पर 14 से अधिक विभिन्न वैवाहिक प्रोफाइल वाला जेल में बंद कथित बलात्कार का आरोपी पीड़ितों पर उसके खिलाफ गवाही नहीं देने का दबाव बना रहा है, तलोजा जेल अधीक्षक से इस पर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा।शिकायतकर्ता, सोलापुर के वकील ने प्रस्तुत किया कि जेल अधिकारियों ने आरोपी के आरटीआई आवेदनों को पुलिस विभाग को भेज दिया, जिससे उन्होंने उसका (पीड़िता का) पता हासिल किया और उसे बदनाम करने की कोशिश भी की।अदालत ने अपने आदेश में कहा,"आवेदक ने कई पत्रों को संबोधित...

बड़े-बड़े दावों के बावजूद लोगों का एक बड़ा तबका अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जी रहा है : सुप्रीम कोर्ट
बड़े-बड़े दावों के बावजूद लोगों का एक बड़ा तबका अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जी रहा है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बड़े-बड़े दावों के बावजूद लोगों का एक बड़ा वर्ग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे रह रहा है। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने बताया कि कैसे देश में "पूर्ण बेरोजगारी" के कई मामले हैं। प्रतिवादी की ओर इशारा करते हुए अदालत ने मौखिक रूप से कहा,"हम आपको ऐसे मामले दे सकते हैं जहां पूर्ण बेरोजगारी है। आप जानते हैं कि हमारा देश क्या है! बड़े-बड़े दावों के बावजूद हमारे देश का एक बड़ा तबका है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है।न्यायालय कर्नाटक...

ज्ञानवापी| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को बिना विलंब शिव लिंग की उम्र के सुरक्षित मूल्यांकन पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, अगली सुनवाई 5 अप्रैल को
ज्ञानवापी| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को बिना विलंब 'शिव लिंग' की उम्र के सुरक्षित मूल्यांकन पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, अगली सुनवाई 5 अप्रैल को

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को इस मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया कि क्या कथित तौर पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए 'शिव लिंग' की उम्र का सुरक्षित मूल्यांकन किया जा सकता है।कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई के लिए 5 अप्रैल की तारीख तय की है।जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा-I की पीठ ने, हालांकि, इस प्रक्रिया में तेजी लाने और मामले में और देरी नहीं करने के लिए कहा क्योंकि यह पाया गया कि एएसआई का समय विस्तार आवेदन न्याय के हित के खिलाफ काम कर रहा...

राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित करने पर केंद्र को हां या ना कहना चाहिए : सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित करने पर केंद्र को हां या ना कहना चाहिए : सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर भारत के सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 'राम सेतु' के लिए राष्ट्रीय विरासत का दर्जा मांगने वाली याचिका का उल्लेख किया। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के सामने पेश हुए स्वामी ने कहा कि कई अनुरोधों के बावजूद केंद्र ने अभी तक इस पर अपना रुख अधिसूचित नहीं किया है कि राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया जाना है या नहीं।पिछली सुनवाई में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि...

मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के मु‌ताबिक बच्चे के जन्म के बाद भी महिला मातृत्व अवकाश की हकदार: इलाहाबाद हाईकोर्ट
मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के मु‌ताबिक बच्चे के जन्म के बाद भी महिला मातृत्व अवकाश की हकदार: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के प्रावधान, जिसके तहत किसी महिला को लाभ प्रदान किए जाता है, बच्चे के जन्म के बाद भी लागू होंगे।जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने यह भी कहा कि एक महिला बच्चे के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश का लाभ उठा सकती है और इस प्रकार के लाभ को तीन महीने से कम के बच्चे को कानूनी रूप से गोद लेने के मामले में भी बढ़ाया जा सकता है।इसके अलावा, 1962 के अधिनियम की भावना को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह भी कहा,"1961 का अधिनियम महिलाओं के गर्भावस्था...

शादी का झूठा वादा: केरल हाईकोर्ट ने रेप केस खारिज करने से इनकार किया, कहा- आरोपी ने सिर्फ यौन संबंधों के लिए सहमति दी
शादी का झूठा वादा: केरल हाईकोर्ट ने रेप केस खारिज करने से इनकार किया, कहा- आरोपी ने सिर्फ यौन संबंधों के लिए सहमति दी

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में शादी के झूठे वादे के तहत एक महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को इस आधार पर रद्द करने से इनकार कर दिया कि तथ्य प्रथम दृष्टया स्थापित करते हैं कि उसने कभी भी उससे शादी करने का इरादा जाहिर नहीं किया था।जस्टिस के बाबू ने भारतीय दंड संहिता की धारा 90 का अवलोकन किया, जो अभिव्यक्ति 'सहमति' को संदर्भित करती है, और नोट किया कि धारा 375 के प्रयोजनों के लिए, सहमति के लिए न केवल कृत्य के महत्व और नैतिक गुण के...