राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित करने पर केंद्र को हां या ना कहना चाहिए : सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
Sharafat
20 March 2023 9:14 PM IST
राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर भारत के सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 'राम सेतु' के लिए राष्ट्रीय विरासत का दर्जा मांगने वाली याचिका का उल्लेख किया।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के सामने पेश हुए स्वामी ने कहा कि कई अनुरोधों के बावजूद केंद्र ने अभी तक इस पर अपना रुख अधिसूचित नहीं किया है कि राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया जाना है या नहीं।
पिछली सुनवाई में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि संस्कृति मंत्रालय में राम सेतु के लिए राष्ट्रीय विरासत की स्थिति पर विचार करने की प्रक्रिया चल रही है।
स्वामी ने सोमवार को तर्क दिया-
" केंद्र को 19 जनवरी को अपना रुख बताने के लिए कहा गया था, लेकिन रिकॉर्ड पर कुछ भी दर्ज नहीं किया गया है ... उन्होंने अभी भी हां या ना कहते हुए फैसला नहीं दिया है- क्या वे इसे राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित करने जा रहे हैं या नहीं? "
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने यह कहते हुए कि कल से एक और संविधान पीठ शुरू हो रही है, स्वामी को आश्वासन दिया कि याचिका अदालत द्वारा सूचीबद्ध की जाएगी।
इस मामले में पार्टी-इन-पर्सन के रूप में पेश होने वाले स्वामी ने अब कई मौकों पर केंद्र द्वारा इस मामले में अपना हलफनामा दाखिल नहीं करने पर आपत्ति जताई है।
राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत के रूप में घोषित करने का मुद्दा स्वामी ने 2007 में सेतु समुंद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट के खिलाफ अपनी याचिका में उठाया था। सेतु समुंद्रम परियोजना के तहत व्यापक ड्रेजिंग द्वारा मन्नार और पाक जलडमरूमध्य को जोड़ने के लिए एक 83 किमी लंबा चैनल बनाया जाना था। इस परियोजना पर राम सेतु पर प्रभाव पड़ने का आरोप लगाया गया था। डॉ. स्वामी द्वारा पहले भी कई अवसरों पर इस मामले का उल्लेख किया जा चुका है।