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“अब हाईवे पहले से ज्यादा बेहतर और चिकने” : सुप्रीम कोर्ट ने सड़क विकास की सराहना की
“अब हाईवे पहले से ज्यादा बेहतर और चिकने” : सुप्रीम कोर्ट ने सड़क विकास की सराहना की

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के सड़क परिवहन नेटवर्क में हुए बड़े बदलाव की सराहना करते हुए कहा कि देश ने यात्रा व्यवस्था में “क्रांतिकारी सुधार” किए हैं और अवसंरचना विकास में “अभूतपूर्व प्रगति” हासिल की है।जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की खंडपीठ ने कहा कि भारत ने अपने “साधारण आरंभ” से आगे बढ़कर अब एक विशाल और आधुनिक हाईवे नेटवर्क तैयार किया है, जो दूरदराज़ गांवों को शहरों से जोड़ता है और “लास्ट माइल कनेक्टिविटी” सुनिश्चित करता है। कोर्ट ने कहा कि हाईवे और एक्सप्रेसवे देश के परिवहन ढांचे को...

क्या बैंक अकाउंट धोखाधड़ी के रूप में बंद करने से पहले उधारकर्ता की व्यक्तिगत सुनवाई अनिवार्य है? सुप्रीम कोर्ट ने RBI से जवाब मांगा
क्या बैंक अकाउंट धोखाधड़ी के रूप में बंद करने से पहले उधारकर्ता की व्यक्तिगत सुनवाई अनिवार्य है? सुप्रीम कोर्ट ने RBI से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मुद्दे पर विचार किया कि क्या बैंक कानूनी रूप से अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट को "धोखाधड़ी" के रूप में वर्गीकृत या बंद करने से पहले उनकी व्यक्तिगत सुनवाई करने के लिए बाध्य हैं। इस मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से जवाब मांगा।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई, जो भारतीय स्टेट बैंक बनाम राजेश अग्रवाल 2023 लाइवलॉ (SC) 243 के 2023...

दिल्ली रिज पेड़ कटाई मामला | सुप्रीम कोर्ट ने कहा – एक बड़ी जमीन के बजाय कई स्थलों पर वृक्षारोपण बेहतर विकल्प
दिल्ली रिज पेड़ कटाई मामला | सुप्रीम कोर्ट ने कहा – एक बड़ी जमीन के बजाय कई स्थलों पर वृक्षारोपण बेहतर विकल्प

दिल्ली रिज पेड़ कटाई अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में एक ही जगह पर 185 एकड़ भूमि पर पौधारोपण करने के बजाय 18 अलग-अलग स्थलों पर वृक्षारोपण करना ज्यादा लाभदायक होगा।जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा — “दिल्ली जैसे शहर में एकसाथ बड़ी भूमि पर वृक्षारोपण की बजाय छोटे-छोटे हरित क्षेत्र विकसित करना बेहतर है। इससे शहर के हर हिस्से में हरियाली फैलेगी और प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी।” पीठ ने दिल्ली वन विभाग को पौधारोपण के लिए तय किए गए 18 स्थलों की जानकारी प्रस्तुत...

आपराधिक पृष्ठभूमि पर झूठा हलफनामा दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस की खिंचाई की, अधिकारियों को तलब किया
आपराधिक पृष्ठभूमि पर झूठा हलफनामा दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस की खिंचाई की, अधिकारियों को तलब किया

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए झूठा हलफनामा दाखिल करने और एक ऐसे अभियुक्त के नाम पर कई आपराधिक मामले दर्ज करने के लिए कड़ी आलोचना की, जो इन मामलों में शामिल ही नहीं था।जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने कहा कि राज्य के पहले हलफनामे में दावा किया गया कि याचिकाकर्ता के "आठ अन्य आपराधिक पृष्ठभूमि" हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि इनमें से चार मामलों में, जिनमें से एक IPC की धारा 376 के तहत दर्ज है, याचिकाकर्ता...

2007 अजमेर विस्फोट: 7 लोगों को बरी किए जाने के खिलाफ दरगाह खादिम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
2007 अजमेर विस्फोट: 7 लोगों को बरी किए जाने के खिलाफ दरगाह खादिम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर को अजमेर स्थित दरगाह शरीफ के खादिम शिकायतकर्ता सैयद सरवर चिश्ती द्वारा दायर याचिका पर राजस्थान राज्य को नोटिस जारी किया। चिश्ती ने 2007 के अजमेर दरगाह बम विस्फोट में NIA के स्पेशल कोर्ट द्वारा 7 लोगों को बरी किए जाने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा अपील खारिज किए जाने को चुनौती दी थी।यह नोटिस जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने जारी किया।वर्तमान विशेष अनुमति याचिका राजस्थान हाईकोर्ट के 4 मई, 2022 के उस आदेश के विरुद्ध दायर की गई, जिसमें उसने...

जिला जजों की नियुक्तियां | पदोन्नति पाने वालों की सीधी भर्ती से तुलना नहीं की जा रही: सुप्रीम कोर्ट ने सीनियरिटी मानदंडों पर फैसला सुरक्षित रखा
जिला जजों की नियुक्तियां | पदोन्नति पाने वालों की सीधी भर्ती से तुलना नहीं की जा रही: सुप्रीम कोर्ट ने सीनियरिटी मानदंडों पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि क्या जिला न्यायाधीश के पदों पर कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के लिए कोई कोटा होना चाहिए।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टित जॉयमाल्या बागची की पांच सदस्यीय पीठ इस बात पर विचार कर रही है कि न्यायिक सेवा में पारस्परिक वरिष्ठता निर्धारित करने के लिए पूरे देश में एक समान दिशानिर्देश बनाए जाएं या नहीं। न्यायालय इस मुद्दे पर विचार कर रहा है कि क्या...

MV Act | निजी बस संचालक अधिसूचित राज्य परिवहन मार्गों से ओवरलैप करने वाले अंतर-राज्यीय मार्गों पर बस नहीं चला सकते: सुप्रीम कोर्ट
MV Act | निजी बस संचालक अधिसूचित राज्य परिवहन मार्गों से ओवरलैप करने वाले अंतर-राज्यीय मार्गों पर बस नहीं चला सकते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निजी संचालकों को पारस्परिक परिवहन समझौतों के तहत अंतर-राज्यीय मार्गों पर स्टेज-कैरिज परमिट नहीं दिए जा सकते, यदि उन मार्गों का कोई भी भाग मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अध्याय VI के तहत राज्य परिवहन उपक्रमों के लिए आरक्षित अधिसूचित अंतर-राज्यीय मार्ग से ओवरलैप करता है।जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के परिवहन विभागों के बीच अंतर-राज्यीय पारस्परिक...

वैवाहिक और घर से भागने के मामलों में POCSO Act का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई
वैवाहिक और घर से भागने के मामलों में POCSO Act का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई

सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवादों और लड़की के परिवार द्वारा उस लड़के के खिलाफ दायर किए गए मामलों में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की, जिसके साथ वह भाग गई।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र और शिक्षा मंत्रालय को स्कूली पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को अनिवार्य रूप से शामिल करने और बच्चों को भारत में बलात्कार विरोधी कानूनों और पॉक्सो अधिनियम के बारे में जागरूक करने के निर्देश देने की...

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम में अनधिकृत निर्माण हटाने का आदेश रद्द किया, मालिकों की सुनवाई के बाद नए सिरे से फैसला सुनाने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम में अनधिकृत निर्माण हटाने का आदेश रद्द किया, मालिकों की सुनवाई के बाद नए सिरे से फैसला सुनाने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें गुरुग्राम के डीएलएफ सिटी में अनधिकृत और अवैध निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि मुकदमों में पक्षकार न बनाए गए मालिकों को सुनवाई का अवसर दिए बिना ऐसा व्यापक निर्देश जारी नहीं किया जा सकता।इसके बजाय कोर्ट ने हाईकोर्ट के समक्ष दायर रिट याचिका को बहाल कर दिया और सभी प्रभावित मालिकों को निर्देश दिया कि वे आदेश अपलोड होने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर, यानी 11 नवंबर तक कार्यवाही में शामिल होने का...

सरकारी सहायता प्राप्त करने वाले संगठनों में आरक्षण के लिए याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सरकार से अनुरोध करने की अनुमति दी
सरकारी सहायता प्राप्त करने वाले संगठनों में आरक्षण के लिए याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सरकार से अनुरोध करने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं संगठनों और स्वायत्त निकायों में आरक्षण की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को सरकार के समक्ष एक व्यापक अनुरोध प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी।पीठ ने कहा,"हमें इस बात पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है कि संबंधित अधिकारी सरकारी नीति यदि कोई हो के अनुसार अनुरोध पर विचार करेंगे।"संक्षेप में मामलायह जनहित याचिका सरकार से...

क्या यह बेंच से बचने की रणनीति है?: ट्रिब्यूनल एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से सुप्रीम कोर्ट नाराज़
क्या यह बेंच से बचने की रणनीति है?: ट्रिब्यूनल एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से सुप्रीम कोर्ट नाराज़

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल सुधार अधिनियम 2021 (Tribunals Reforms Act, 2021) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पाँच-जजों की संविधान पीठ के पास भेजने की केंद्र सरकार की अर्जी पर सोमवार को कड़ी नाराज़गी व्यक्त की।कोर्ट ने इस अर्जी की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह वर्तमान दो जजों की पीठ से बचने की एक रणनीति है, क्योंकि पीठ पहले ही याचिकाकर्ताओं की दलीलें विस्तार से सुन चुकी थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ मद्रास बार एसोसिएशन मामले की...

कर्मचारियों से परामर्श न लेने मात्र से बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली अवैध नहीं: सुप्रीम कोर्ट
कर्मचारियों से परामर्श न लेने मात्र से बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली अवैध नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा ओडिशा के महालेखाकार (लेखांकन एवं व्यय) कार्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (Biometric Attendance System - BAS) लागू करने के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट ने कर्मचारियों की इस दलील को खारिज कर दिया कि इस प्रणाली को लागू करने से पहले उनसे परामर्श नहीं किया गया था।जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की खंडपीठ ने ओडिशा हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली की शुरुआत को अवैध ठहराया गया था। कोर्ट ने...

तमिलनाडु में प्रमोटेड और डायरेक्ट भर्ती जजों की सीनियरिटी 3:1 अनुपात से तय करने के नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
तमिलनाडु में प्रमोटेड और डायरेक्ट भर्ती जजों की सीनियरिटी 3:1 अनुपात से तय करने के नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

तमिलनाडु की एक जिला न्यायाधीश ने राज्य की उच्च न्यायिक सेवा में वरिष्ठता संरचना को पिछली तारीख से बदलने वाले सरकारी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, यह कहते हुए कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।उस समय के चीफ़ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें जस्टिस के. विनोद चंद्रन भी शामिल थे, ने इस याचिका पर नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब मांगा। यह याचिका एस. समीना, जो वर्तमान में प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज, इरोड के पद पर कार्यरत हैं, ने...

सुप्रीम कोर्ट ने सोशल और ई-स्पोर्ट्स के नाम पर चल रहे ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने सोशल और ई-स्पोर्ट्स के नाम पर चल रहे ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन जुए और सट्टेबाज़ी प्लेटफॉर्म्स पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि ये प्लेटफॉर्म्स “सोशल” और “ई-स्पोर्ट्स गेम्स” के नाम पर गैरकानूनी रूप से जुआ और सट्टा संचालन कर रहे हैं।कोर्ट ने आदेश में कहा,“याचिकाकर्ता के अनुसार, वर्तमान में लगभग दो हजार ऐप्स ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी से संबंधित हैं। याचिकाकर्ता चाहता है कि सरकार युवाओं के हित में तुरंत कार्रवाई करे। नोटिस जारी...

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी बार काउंसिल में दिव्यांग वकीलों के लिए पद आरक्षित करने से किया इनकार, BCI को दिया यह निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी बार काउंसिल में दिव्यांग वकीलों के लिए पद आरक्षित करने से किया इनकार, BCI को दिया यह निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को बार निकायों में दिव्यांग वकीलों के लिए पद आरक्षित करने का निर्देश देने से इनकार किया।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने वकील की जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें अन्य बातों के अलावा, BCI और यूपी बार काउंसिल को बार काउंसिल और बार एसोसिएशन में दिव्यांग व्यक्तियों, जो वकालत कर रहे हैं, उनके लिए कुछ पद आरक्षित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।अदालत ने यह देखते हुए ऐसा...

कस्टम मामले में लुलु मॉल्स को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने आयातित ट्रैम्पोलिन पर 93 लाख रुपये ड्यूटी की मांग वाली अपील की खारिज
कस्टम मामले में लुलु मॉल्स को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने आयातित ट्रैम्पोलिन पर 93 लाख रुपये ड्यूटी की मांग वाली अपील की खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में (31 अक्टूबर) कस्टम द्वारा दायर अपील खारिज की, जिसमें लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आयातित मनोरंजन उपकरणों, जिनमें ट्रैम्पोलिन भी शामिल हैं, उसके वर्गीकरण और मूल्यांकन को चुनौती दी गई थी।जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की खंडपीठ ने कहा कि जिम्नास्टिक उपकरणों की श्रेणी में ट्रैम्पोलिन और अन्य उपकरणों के वर्गीकरण में कोई त्रुटि नहीं है।खंडपीठ ने कहा,"हमें ट्रैम्पोलिन और अन्य वस्तुओं के वर्गीकरण में कोई त्रुटि नहीं दिखती, जैसा कि...

राजस्थान धर्मांतरण विरोधी कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, जारी किया नोटिस
राजस्थान धर्मांतरण विरोधी कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2025 के प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने राजस्थान सरकार से जवाब तलब करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट अभय महादेव थिप्से पेश हुए।गौरतलब है कि इसी तरह की जनहित याचिका (दशरथ कुमार हिनुनिया बनाम राजस्थान राज्य) न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध थी, जिस पर सीनियर एडवोकेट हुज़ेफ़ा अहमदी ने बहस की। इस...

पानी की बोतल के लिए 100 रुपये, कॉफ़ी के लिए 700 रुपये: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर मल्टीप्लेक्स रेट तय नहीं हुए तो सिनेमा हॉल खाली हो जाएंगे
'पानी की बोतल के लिए 100 रुपये, कॉफ़ी के लिए 700 रुपये': सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर मल्टीप्लेक्स रेट तय नहीं हुए तो सिनेमा हॉल खाली हो जाएंगे

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मौखिक रूप से मल्टीप्लेक्स में सिनेमा टिकटों के साथ-साथ खाने-पीने की चीज़ों के लिए वसूली जा रही अत्यधिक दरों पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि दरें उचित रूप से तय होनी चाहिए ताकि लोग सिनेमा हॉल देखने आएं। कोर्ट ने चेतावनी दी, "वरना सिनेमा हॉल खाली हो जाएंगे।"जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा मल्टीप्लेक्स टिकटों की कीमत 100 रुपये तक...

डिजिटल अरेस्ट घोटालों के ज़रिए 3000 करोड़ रुपये की वसूली चौंकाने वाली: सुप्रीम कोर्ट जारी करेगा सख्त निर्देश
'डिजिटल अरेस्ट घोटालों के ज़रिए 3000 करोड़ रुपये की वसूली चौंकाने वाली': सुप्रीम कोर्ट जारी करेगा सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस बात पर हैरानी जताई कि पूरे भारत में पीड़ितों ने डिजिटल अरेस्ट घोटाले में सामूहिक रूप से लगभग ₹3000 करोड़ का नुकसान उठाया।ऑनलाइन घोटालों और प्रतिरूपण रैकेट में वृद्धि को रोकने के लिए स्वतः संज्ञान से शुरू किए गए एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने स्थिति को "चौंकाने वाला" बताया और तत्काल और कड़े न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया।जांच एजेंसियों द्वारा प्रस्तुत सीलबंद लिफाफे पर गौर करने के बाद जस्टिस कांत ने...