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केवल इसलिए कि सीपीसी की धारा 115 के तहत उपचार उपलब्ध है, संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत याचिका को खारिज न करें : सुप्रीम कोर्ट
केवल इसलिए कि सीपीसी की धारा 115 के तहत उपचार उपलब्ध है, संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत याचिका को खारिज न करें : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत किसी याचिका को खारिज कर दिया गया था, केवल इस आधार पर कि धारा 115 सीपीसी के तहत पुनरीक्षण के माध्यम से उपचार उपलब्ध है,इसलिए ये सुनवाई योग्य नहीं है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा कि सुनवाई करने और सुनवाई योग्य होने के बीच अंतर और भेद है।इस मामले में, वादी ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत एक 'रिट याचिका' दायर की, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा आदेश 6 नियम 17 सीपीसी के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
पीजी मेडिकल कोर्स: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सेवारत उम्मीदवारों के लिए 20 प्रतिशत कोटा में हस्तक्षेप करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 से लागू होने वाले महाराष्ट्र में पीजी मेडिकल कोर्स में सेवारत उम्मीदवारों के लिए 20% आरक्षण की पुष्टि करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा,"हमारे विचार में उच्च न्यायालय का निर्णय उपरोक्त कारणों से हस्तक्षेप के लिए नहीं आता है।"कोर्ट महाराष्ट्र में पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एडमिशन में 20% इन-सर्विस...

क्या इस्लाम को मानने वाले व्यक्ति द्वारा स्थापित हर चैरिटेबल ट्रस्ट वक्फ है?: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देना शुरू किया
क्या इस्लाम को मानने वाले व्यक्ति द्वारा स्थापित हर चैरिटेबल ट्रस्ट वक्फ है?: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देना शुरू किया

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 और वक्फ एक्ट, 1995 की रूपरेखा पर बुधवार को आदेश देना शुरू किया कि क्या इस्लाम को मानने वाले किसी व्यक्ति द्वारा स्थापित प्रत्येक धर्मार्थ ट्रस्ट अनिवार्य रूप से वक्फ है।जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ बॉम्बे हाईकोर्ट के 2011 के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड की अपील पर अपना आदेश दे रही है, जहां हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के गठन को इस आधार पर रद्द कर दिया कि राज्य सरकार द्वारा बोर्ड के गठन की तारीख से राज्य...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'यह आरबीआई को तय करना है': सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल मनी लेंडिंग प्लेटफॉर्म के नियमन की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने डिजिटल मनी लेंडिंग प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए कदम उठाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और हेमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता को आरबीआई के समक्ष एक प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देते हुए कहा कि यह आरबीआई को तय करना है।शंकर नागेश मुतकिरी ने अपनी याचिका में, डिजिटल साहूकारों पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने और उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के...

जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी धारक भी वादी की ओर से प्रतिनिधित्व कर सकता है भले ही वो वकील के तौर पर नामांकित हुआ हो, एडवोकेट्स एक्ट धारा 32 के तहत रोक नही : सुप्रीम कोर्ट
जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी धारक भी वादी की ओर से प्रतिनिधित्व कर सकता है भले ही वो वकील के तौर पर नामांकित हुआ हो, एडवोकेट्स एक्ट धारा 32 के तहत रोक नही : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 32 एक वादी की ओर से जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी धारक के लिए पेश होने के लिए सिर्फ इसलिए एक रोक नहीं लगाती है कि जीपीए को एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था।विभाजन वाद में एक मुद्दा उस क्षमता से संबंधित था जिसमें वादी की पत्नी, जो जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी धारक है और एक नामांकित वकील भी है, उक्त दीवानी कार्यवाही में उसकी ओर से पेश हो सकती है और कार्य कर सकती है। प्रारंभ में, ट्रायल कोर्ट और...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने एंटी कास्ट मैरिज ऑर्गेनाइजेशन के खिलाफ उड़ीसा हाईकोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियां खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एंटी कास्ट मैरिज ऑर्गेनाइजेशन और वन चाइल्ड फैमिली ऑर्गेनाइजेशन (AMOFOI) के खिलाफ उड़ीसा हाईकोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों को खारिज कर दिया।2013 में माता-पिता की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा करते हुए एक फैसले में उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की की शादी में कथित तौर पर मदद करने के लिए AMOFOI पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।ऑर्गेनाइजेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले बी रामचंद्र सीएसटी वोल्टेयर ने की गई टिप्पणियों और लगाए गए जुर्माने को चुनौती देते...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने की तारीख पर प्रचलित योग्यता पर विचार किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने की तारीख पर प्रचलित योग्यता पर विचार किया जाना चाहिए, न कि उस तारीख को जिस पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन पर विचार किया जाता है।इस मामले में, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने दिल्ली जल बोर्ड को लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) के पद के लिए एक आवेदक की उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश दिया।दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैट के इस आदेश को चुनौती देने वाली बोर्ड की याचिका को खारिज कर दिया और इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पीएमएलए मामले में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली टीएमसी नेता माणिक भट्टाचार्य की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के नेता माणिक भट्टाचार्य द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, जिसमें शिक्षक नियुक्ति घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की खंडपीठ ने माणिक भट्टाचार्य को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति देने की याचिका भी खारिज कर दी। खंडपीठ ने कहा कि यह आवेदन उपयुक्त अदालत के समक्ष किया जाना चाहिए।कोर्ट ने...

रेस ज्यूडिकाटा का सिद्धांत न केवल बाद की अलग-अलग कार्यवाही में बल्कि उसी कार्यवाही के बाद के चरण में भी आकर्षित होता है : सुप्रीम कोर्ट
रेस ज्यूडिकाटा का सिद्धांत न केवल बाद की अलग-अलग कार्यवाही में बल्कि उसी कार्यवाही के बाद के चरण में भी आकर्षित होता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रेस ज्यूडिकाटा का सिद्धांत न केवल बाद की अलग-अलग कार्यवाही में बल्कि उसी कार्यवाही के बाद के चरण में भी आकर्षित होता है।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि एक बाध्यकारी निर्णय को पर इनक्यूरियम के सिद्धांत पर भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह सिद्धांत मिसाल पर लागू होता है न कि रेस ज्यूडिकाटा पर। विभाजन वाद में एक मुद्दा उस क्षमता से संबंधित था जिसमें वादी की पत्नी, जो जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी धारक है और एक नामांकित वकील भी है, उक्त...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक्स्ट्रा-ज्यूडिशियल और एकतरफा तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया

ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक्स्ट्रा-ज्यूडिशियल और एकतरफा तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रूख किया है।बोर्ड ने पूर्वव्यापी प्रभाव से उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मुस्लिम महिलाओं को दिए गए तलाक को शून्य घोषित करने की मागं की है।बोर्ड ने अदालत से यह निर्देश देने की मांग की है कि गवाह की उपस्थिति में सुलह की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मुस्लिम महिलाओं को दिए गए तलाक को शून्य घोषित किया जाए।यह भी मांग किया गया है कि तलाक-ए-हसन और एकतरफा तलाक के अन्य रूपों को...

हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की अस्पष्ट या धुंधली प्रतियों की आपूर्ति हिरासती के संविधान के अनुच्छेद 22(5) के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है : सुप्रीम कोर्ट
हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की अस्पष्ट या धुंधली प्रतियों की आपूर्ति हिरासती के संविधान के अनुच्छेद 22(5) के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की अस्पष्ट या धुंधली प्रतियों की आपूर्ति संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन है।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि हिरासत में रखने वाले प्राधिकारी द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की सुपाठ्य प्रतियों की आपूर्ति करने के लिए हिरासती हमेशा हकदार होता है और नज़रबंदी के आधार पर दी गई ऐसी जानकारी उसे प्रभावी प्रतिनिधित्व करने में सक्षम बनाती है।पीठ ने मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
मृतक कार्यभारित कर्मचारी का परिवार पारिवारिक पेंशन पाने का हकदार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

क्या अपीलकर्ता अभी भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का हकदार है यदि मृतक हाउसिंग बोर्ड की स्थापना में उसके निधन की तारीख तक एक कार्यभारित कर्मचारी रहा है? सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुनाया है।जस्टिस डॉ धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने कहा,"अगर मृतक हाउसिंग बोर्ड की स्थापना में उसके निधन की तारीख तक एक कार्यभारित कर्मचारी रहा है तो भी अपीलकर्ता (कर्मचारी का परिवार) पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का हकदार नहीं है।"क्या है पूरा मामला28 अप्रैल, 1977 को, अपीलकर्ता के पति...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
बिजली अधिनियम| 'ट्रूइंग अप' एक्सरसाइज के दरमियान टैरिफ आदेश में संशोधन की अनुमति नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 64 के तहत 'Truing Up' एक्सरसाइज के दरमियान किए गए टैरिफ ऑर्डर में संशोधन की अनुमति नहीं है। जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड द्वारा दायर अपीलों का निस्तारण करते हुए यह फैसला सुनाया।अपील में शामिल महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक यह था कि क्या 2003 अधिनियम की धारा 64 के तहत 'Truing Up' एक्सरसाइज के दरमियान किए गए टैरिफ...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल डिवाइस की जब्ती पर दिशानिर्देश की मांग वाली फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स की याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने डिजिटल डिवाइस की तलाशी और जब्ती पर विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग वाली पत्रकारों के एक समूह की ओर से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया।नोटिस जारी करते हुए जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने यूनियन से जवाब देने के लिए कहा और मामले को एक लंबित याचिका के साथ टैग किया, जिसमें वर्तमान याचिका के साथ इसी तरह की प्रार्थना की मांग की गई थी।याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने अदालत को बताया कि हमारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में...

फिल्म थैंक गॉड
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'थैंक गॉड' पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तुंरत सुनवाई से किया इनकार

सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने रिलीज से पहले फिल्म 'थैंक गॉड (Thank God)' पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तुंरत सुनवाई से इनकार कर दिया।पीठ ने 1 नवंबर 2022 को याचिका को सूचीबद्ध किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि तब तक याचिका निष्फल हो जाएगी क्योंकि फिल्म 25 अक्टूबर 2022 को रिलीज हो रही है।पीठ ने टिप्पणी की कि मामला अत्यावश्यक नहीं है और बाद में सूचीबद्ध किया जा सकता है।चित्रगुप्त वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि...

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन बोर्ड अध्यक्ष को हटाने और 269 नियुक्तियों को रद्द करने पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन बोर्ड अध्यक्ष को हटाने और 269 नियुक्तियों को रद्द करने पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित घोटाले की सीबीआई जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि प्रारंभिक चरण में सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट का निर्देश पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य बनाम संपत लाल और अन्य [( 1985) 1 एससीसी 317] के तहत है, लेकिन सीबीआई के वकील की दलील और उक्त एजेंसी द्वारा जांच में काफी प्रगति होने के तथ्य पर विचार करते...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
"सरकार कितनी लापरवाह रही है": सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के गठन पर महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए

बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 और वक्फ एक्ट, 1995 की रूपरेखा पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मुद्दे पर सुनवाई फिर से शुरू की कि क्या इस्लाम को मानने वाले किसी व्यक्ति द्वारा स्थापित हर धर्मार्थ ट्रस्ट अनिवार्य रूप से वक्फ है।पिछले हफ्ते, जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने इस मामले में वकील को विवाद को हल करने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया था- यह पूछने पर कि क्या महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड को धारा 40 के तहत अपनी पूरी शक्ति का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र छोड़ा जा सकता है। 1995...

सुप्रीम कोर्ट
प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच विवाद: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 24 नवंबर, 2022 तक टली

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के संबंध में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद की सुनवाई को टाल दिया।मेहता ने जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली के समक्ष प्रस्तुत किया कि जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ 9 नवंबर, 2021 को सुनवाई करने वाली थी। वो आधिकारिक काम के लिए 7 नवंबर, 2022 से 13 नवंबर, 2022 तक भारत से बाहर रहेंगे।उन्होंने बेंच से सुनवाई की तारीख...