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पत्नी की सुविधा ट्रांसफर याचिकाओं में सामान्य नियम, सिर्फ जस्टिस रूमा पाल को ही इस आधार पर याचिका खारिज करते देखा : सीजेआई यूयू ललित
"पत्नी की सुविधा" ट्रांसफर याचिकाओं में सामान्य नियम, सिर्फ जस्टिस रूमा पाल को ही इस आधार पर याचिका खारिज करते देखा : सीजेआई यूयू ललित

भारत के मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित ने गुरुवार को एक वैवाहिक विवाद से संबंधित एक स्थानांतरण याचिका (Transfer Petitions) पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की कि वैवाहिक विवादों में पत्नी की सुविधा अदालत के स्थापित न्यायशास्त्र के अनुसार सर्वोपरि है। इस प्रकार, यदि पत्नी को अपनी सुविधा के लिए स्थानांतरण की आवश्यकता होती है, तो उसे वही दिया जाएगा। सीजेआई ललित ने कहा कि जस्टिस रूमा पाल अदालत में एकमात्र जज थीं जिन्होंने ऐसे मामलों में स्थानांतरण याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया था।याचिकाकर्ता के...

नवीन कुमार जिंदल
पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व भाजपा नेता नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी मामले में भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली यूनिट के पूर्व मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज सभी एफआईआर को इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट, दिल्ली पुलिस, साइबर अपराध, ऑनलाइन दुर्व्यवहार और सांप्रदायिक वैमनस्य को रोकने के लिए गठित एक विशेष टीम को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।भाजपा से निष्कासित नेता की ओर से सीनियर एडवोकेट गीता लूथरा पेश हुईं।पैगंबर की टिप्पणी विवाद में नूपुर शर्मा...

सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता की अवधि को हटाने/कम करने की चुनाव आयोग की शक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता की अवधि को हटाने/कम करने की चुनाव आयोग की शक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 11 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका में नोटिस जारी किया। सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की ।जनहित याचिका एक एनजीओ लोक प्रहरी ने दायर की है। शुरुआत में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अधिनियम की धारा 11 को या तो रद्द कर दिया जाना चाहिए या अदालत द्वारा पढ़ा जाना चाहिए क्योंकि यह "अत्यधिक प्रतिनिधिमंडल" (excessive delegation) के दोष से पीड़ित है।जनप्रतिनिधित्व अधिनियम,...

दिल्ली में वायु प्रदूषण
दिल्ली वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली जलाने के खिलाफ याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करने का फैसला किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Pollution) को कम करने के लिए पंजाब में पराली जलाने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर 10 नवंबर, 2022 को सुनवाई करने का फैसला किया है।इस मामले का उल्लेख सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष किया गया।याचिकाकर्ता के वकील शशांक शेखर झा ने कहा कि मामले को तुरंत सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है क्योंकि दिल्ली में वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि चलना भी मुश्किल हो गया है।उन्होंने कहा कि एक्यूआई के बढ़े हुए स्तर का कारण...

सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर खाना देने पर रोक लगाने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर खाना देने पर रोक लगाने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर

खुद को सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाली नागपुर की तीन महिलाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खिलाने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के हालिया फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।आवारा कुत्तों को खिलाने में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को पहले ऐसे कुत्तों को गोद लेने और नगरपालिका अधिकारियों के पास रजिस्टर्ड करने या उन्हें किसी आश्रय गृह में रखने की आवश्यकता है। इस बीच हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 44 के तहत सार्वजनिक सड़कों पर...

ब्रेकिंग- सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को बरकरार रखा; वर्तमान सदस्यों के लिए कट-ऑफ तारीख बढ़ाई
ब्रेकिंग- सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को बरकरार रखा; वर्तमान सदस्यों के लिए कट-ऑफ तारीख बढ़ाई

एक महत्वपूर्ण फैसले में, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 के प्रावधानों को कानूनी और वैध माना।हालांकि, जहां तक निधि के वर्तमान सदस्यों का संबंध है, न्यायालय ने योजना के कुछ प्रावधानों को पढ़ा।कई कर्मचारियों को राहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया है, उन्हें ऐसा करने के लिए 6 महीने का और मौका दिया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा कि जो कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने के हकदार थे, लेकिन ऐसा...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
"COVID का समय समाप्त हुआ": सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए महामारी के दौरान दायर याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने यह मानते हुए कि COVID-19 की अवधि समाप्त हो गई है, गुरुवार को याचिकाकर्ता को एक याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता दी, जिस याचिका में COVID-19 महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को एक समान शिक्षा नीति प्रदान करने की मांग की गई थी। जब मामले को सुनवाई के लिए लिया गया, तो याचिकाकर्ता एडवोकेट ने इस बारे में संक्षिप्त जानकारी दी कि याचिका किस बारे में है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका की बेंच ने देखा,"लेकिन COVID-19 का पीयरेड समाप्त हो गया है। यह एक ऐसा मुद्दा है...

आरोप पत्र दायर होने तक सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बलात्कार पीड़िता के बयान को आरोपी समेत किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
आरोप पत्र दायर होने तक सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बलात्कार पीड़िता के बयान को आरोपी समेत किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बलात्कार पीड़िता के बयान का खुलासा आरोप-पत्र/अंतिम रिपोर्ट दायर होने तक आरोपी सहित किसी भी व्यक्ति के सामने नहीं किया जाना चाहिए।सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ एक अवमानना ​​याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें कर्नाटक राज्य में नॉनविनकेरे पुलिस बनाम शिवन्ना उर्फ ​​तारकरी शिवन्ना - (2014) 8 SCC 913 और ए बनाम उत्तर प्रदेश राज्य- (2020) 10 SCC 505 द्वारा जारी अनिवार्य निर्देशों के उल्लंघन को उजागर किया गया था।पीठ ने हाईकोर्टों...

केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि पर वकीलों के लिए चैंबर बनाने के मुद्दे पर मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा के लिए अटॉर्नी जनरल सहमत
केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि पर वकीलों के लिए चैंबर बनाने के मुद्दे पर मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा के लिए अटॉर्नी जनरल सहमत

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने उस याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया है, जिसमें मांग की गई है कि शहरी विकास मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि सुप्रीम कोर्ट को आवंटित 1.33 एकड़ जमीन को वकीलों के चैंबर ब्लॉक में परिवर्तित किया जाए। इस मामले पर अब 21 नवंबर 2022 को सुनवाई की जाएगी। शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने न्यायाधीशों की समिति के साथ बातचीत की थी, जिसने कहा था...

मामले को सूचीबद्ध करने में देरी: रजिस्ट्री ने चूक के लिए अपनी रिपोर्ट में  कुछ अधिकारियों के नाम पेश किए, सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा
मामले को सूचीबद्ध करने में देरी: रजिस्ट्री ने चूक के लिए अपनी रिपोर्ट में कुछ अधिकारियों के नाम पेश किए, सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने रजिस्ट्री अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे मामले को सूचीबद्ध न करने पर स्पष्टीकरण देते हुए 5 नवंबर, 2022 तक रिपोर्ट पेश करें, जो पिछले डेढ़ साल से सुनवाई के लिए तैयार होने के बाद भी अब सूचीबद्ध नहीं किए गए।यह मुद्दा 01.11.2022 को उठा, जब सीजेआई ललित की अगुवाई वाली पीठ ने ऐसा मामला देखा, जो सूचीबद्ध होने के लिए तैयार होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से लंबित था। पीठ ने रजिस्ट्री को नोटिस...

हाईकोर्ट के समक्ष मध्यस्थता अवार्ड को रद्द करने की याचिका तभी सुनवाई योग्य है जब उसके पास मूल सिविल अधिकार क्षेत्र हो : सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट के समक्ष मध्यस्थता अवार्ड को रद्द करने की याचिका तभी सुनवाई योग्य है जब उसके पास मूल सिविल अधिकार क्षेत्र हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट के समक्ष मध्यस्थता अवार्ड को रद्द करने की याचिका तभी सुनवाई योग्य है जब उसके पास मूल सिविल अधिकार क्षेत्र हो।इस मामले में संबंधित जिला न्यायालय में मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा 34 के तहत याचिका दायर की गयी थी। इस याचिका को इस आधार पर सुनवाई योग्य नहीं ठहराया गया था कि धारा 11 (6) के तहत मध्यस्थ की नियुक्ति का आदेश एक न्यायिक आदेश था और धारा 42 में उस न्यायालय में अपील दायर करने की आवश्यकता थी जिसमें वह आवेदन किया गया था। उड़ीसा हाईकोर्ट ने इस आदेश के...

विजय माल्या
विजय माल्या से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है, वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

भगोड़ा बिजनेसमैन विजय माल्या के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उन्हें एक मामले में माल्या का प्रतिनिधित्व करने से डिस्चार्ज किया जाए क्योंकि उनका इस समय यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले शराब कारोबारी से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ से वकील ईसी अग्रवाल ने कहा,"मैं इस मामले से डिस्चार्ज होना चाहता हूं। मुझे इस व्यक्ति से कोई निर्देश नहीं मिल रहा है।"बेंच भारतीय स्टेट बैंक के साथ मौद्रिक विवाद के संबंध में माल्या द्वारा दायर दो विशेष अनुमति...

लाइव-स्ट्रीमिंग
लाइव-स्ट्रीमिंग- 'एक राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका उपयोग हाईकोर्ट भी कर सकते हैं': सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि एक राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका उपयोग हाईकोर्ट भी कर सकते हैं।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने यह बात मौखिक रूप से एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुमपारा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें लाइव स्ट्रीमिंग के लिए एक यूनिफॉर्म फोरम की मांग की गई थी।पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि न्यायालय 2018 स्वप्निल त्रिपाठी मामले के फैसले में जारी निर्देशों को संस्थागत बनाने के लिए कदम उठाने की कोशिश कर रहा है, जिसने...

क्या गिरफ्तारी से प्रतिरक्षा प्रदान करने वाले प्रावधान को रद्द करने का पूर्वव्यापी लागू होगा ? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
क्या गिरफ्तारी से प्रतिरक्षा प्रदान करने वाले प्रावधान को रद्द करने का पूर्वव्यापी लागू होगा ? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि क्या गिरफ्तारी से प्रतिरक्षा प्रदान करने वाले प्रावधान को रद्द करने का पूर्वव्यापी लागू होगा, खासकर संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत संरक्षित अधिकारों के मद्देनज़र।जस्टिस एस के कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी ने भारत संघ के लिए एसजी तुषार मेहता और सीबीआई के लिए एएसजी एसवी राजू को सुना। इससे पहले, एसजी ने कहा था कि एक बार प्रावधान समाप्त हो जाने के बाद, यह माना जाएगा कि प्रावधान...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने सभी अदालतों और ट्रिब्यूनलों में A-4 साइज पेपर के दोनों साइड के उपयोग की अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सभी अदालतों और ट्रिब्यूनलों में A-4 साइज पेपर के दोनों साइड के उपयोग की अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया।इस मामले की सुनवाई सीजेआई यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने की।याचिका 'यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया' की ओर से दायर की गई थी, जिसमें देश के भीतर उच्च न्यायालयों, न्यायाधिकरणों, न्यायिक और अर्ध-न्यायिक अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे सभी अदालतों और ट्रिब्यूनलों में A-4 साइज पेपर के दोनों...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाईकोर्ट करने की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाईकोर्ट करने की मांग वाली याचिका खारिज की।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने वीपी पाटिल द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह संसद द्वारा तय किया जाने वाला मामला है।पीठ ने कहा कि वह संसदीय प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता से पूछा,"ये कानून निर्माताओं को तय करने के मामले हैं। आपने किस मौलिक...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 के लाल किले पर हमले के मामले में आतंकी मोहम्मद आरिफ की फांसी की सजा बरकरार रखी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साल 2000 के लाल किला हमले के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद आरिफ (Mohammed Arif) की मौत की सजा की पुष्टि की। हमले में सेना के तीन अधिकारी मारे गए।अदालत ने उसकी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने फैसला सुनाते हुए कहा,"हमने प्रार्थनाओं को स्वीकार कर लिया है कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को विचार से दूर रखा जाना चाहिए। हालांकि, मामले की संपूर्णता को देखते हुए, उसका अपराध सिद्ध होता है। हम...

पॉक्सो एक्ट - जानकारी के बावजूद यौन हमले की रिपोर्ट न करना एक गंभीर अपराध है : सुप्रीम कोर्ट
पॉक्सो एक्ट - जानकारी के बावजूद यौन हमले की रिपोर्ट न करना एक गंभीर अपराध है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जानकारी के बावजूद नाबालिग बच्चे के खिलाफ यौन हमले की रिपोर्ट न करना एक गंभीर अपराध है।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया जिसमें एक मेडिकल प्रैक्टिशनर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया गया था। उस पर पॉक्सो की सूचना नहीं देने का आरोप लगाया गया था। यह कहा गया कि यह यौन उत्पीड़न के अपराध के अपराधियों को बचाने का एक प्रयास है।पृष्ठभूमिबालिका छात्रावास में रहने वाली इन्फैंट जीसस इंग्लिश पब्लिक हाई स्कूल,...