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खेल के मैदानों के बिना स्कूल नहीं हो सकते; छात्र अच्छे पर्यावरण के हकदार : सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए
'खेल के मैदानों के बिना स्कूल नहीं हो सकते; छात्र अच्छे पर्यावरण के हकदार' : सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि खेल के मैदान के बिना कोई स्कूल नहीं हो सकता। उक्त टिप्पणी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा में एक स्कूल के लिए खेल के मैदान के लिए आरक्षित स्थान से अनधिकृत कब्जे को हटाने का निर्देश दिया।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश को नामंजूर कर दिया, जिसमें स्कूल के पास अतिक्रमण को नियमित करने की अनुमति दी गई थी।यह देखते हुए कि स्कूल में कोई खेल का मैदान नहीं है, बेंच ने कहा,"स्कूल मूल रिट याचिकाकर्ताओं...

सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने ई-फाइलिंग सॉफ्टवेयर लॉन्च करने की तैयारी की, एससीएओआरए परामर्श नहीं किए जाने से नाखुश
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने ई-फाइलिंग सॉफ्टवेयर लॉन्च करने की तैयारी की, एससीएओआरए परामर्श नहीं किए जाने से नाखुश

सु्प्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने नई ई-फाइलिंग प्रणाली की शुरुआत से पहले वकीलों के लिए एक प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रही है। हालांकि उससे पहले सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट की योजना पर असंतोष व्यक्त किया है और सॉफ्टवेयर लॉन्च करने के फैसले से पहले एसो‌‌सिएशन से या इसके किसी सदस्य से परामर्श ना करने की आलोचना की है।एससीएओआरए ने रजिस्ट्रार को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है,“हम जवाब में भेजे पत्र से चौंक गए हैं कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री नया...

बलात्कार और हत्या का दोषी किशोर पाया गया; सुप्रीम कोर्ट ने दोष को बरकरार रखा, मृत्युदंड को रद्द किया
बलात्कार और हत्या का दोषी किशोर पाया गया; सुप्रीम कोर्ट ने दोष को बरकरार रखा, मृत्युदंड को रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नाबालिग के बलात्कार और हत्या के दोषी एक व्यक्ति की मौत की सजा को रद्द कर दिया। कोर्ट ने पाया कि अपराध के समय दोषी किशोर था। ट्रायल कोर्ट ने उसे मृत्युदंड दिया था, जिसकी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुष्टि की थी। जिसके बाद उसने शीर्ष अदालत में संपर्क किया था।उसकी अपील जब सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी, उसी समय उसने अपनी एक आवेदन के जर‌िए अपनी किशोर उम्र का दावा किया। सुप्रीम कोर्ट ने तब ट्रायल कोर्ट से दोषी व्यक्ति की ओर से किए गए दावे के बारे में पूछताछ करने के लिए कहा।ट्रायल...

सुप्रीम कोर्ट ने हाल के दिनों में बाघों की मौत की संख्या का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार से कहा
सुप्रीम कोर्ट ने हाल के दिनों में बाघों की मौत की संख्या का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि हाल के दिनों में देश में बाघों की मौत की संख्या का पता लगाया जाए।जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने देश में बाघों की आबादी को बचाने के लिए आरक्षित वनों से मानव बस्तियों को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से एक याचिका पर सुनवाई करते हुए "केंद्र को भारत में बाघों की मौत की रिपोर्ट का पता लगाने के लिए" आदेश दिया।खंडपीठ ने यह निर्देश जस्टिस बीवी नागरत्ना के बाद पारित किया, जो खंडपीठ का हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें हाल ही में कई बाघों की मौत...

सुप्रीम कोर्ट ने आदमी और नाबालिग लड़की के बीच रिश्ते को लेकर पॉक्सो एफआईआर रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने आदमी और नाबालिग लड़की के बीच 'रिश्ते' को लेकर पॉक्सो एफआईआर रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें 22 वर्षीय लड़के के खिलाफ 16 साल की लड़की के साथ शारीरिक संबंध के कारण दर्ज की गई एफआईआर रद्द कर दी गई, जिसके कारण वह गर्भवती हुई और बच्चे को जन्म दिया।लड़की के लगातार इस रुख को ध्यान में रखते हुए कि उसने रिश्ते और बच्चे के जन्म के लिए 'सहमति' दी थी और पक्षों के बीच समझौता भी कि लड़की के बालिग होने पर वे शादी करेंगे, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्थान सरकार की ओर से दायर याचिका...

सीआरपीसी की धारा 256- शिकायतकर्ता, जिसकी पहल ही जांच हो चुकी है, केवल उसकी पेशी न होने पर अभियुक्त को बरी करना उचित नहीं है, : सुप्रीम कोर्ट
सीआरपीसी की धारा 256- शिकायतकर्ता, जिसकी पहल ही जांच हो चुकी है, केवल उसकी पेशी न होने पर अभियुक्त को बरी करना उचित नहीं है, : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक फैसले में कहा कि जब शिकायतकर्ता की एक गवाह के रूप में पहले ही जांच हो चुकी हो, तब केवल उसकी पेश न होने पर आरोपी को बरी करना , उचित नहीं होगा।इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोपियों के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत आठ शिकायतें दर्ज कराई थीं। शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया गया था और उसके साक्ष्य को इस निर्देश के साथ बंद कर दिया गया था कि बचाव पक्ष के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग के लिए मामले को सूचीबद्ध किया जाए और दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 311...

केवल अनुबंध का उल्लंघन धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मामले का आधार नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट
केवल अनुबंध का उल्लंघन धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मामले का आधार नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने कहा कि अनुबंध का उल्लंघन धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमे को जन्म नहीं देता, जब तक कि लेन-देन की शुरुआत में धोखाधड़ी या बेईमानी का इरादा सही नहीं दिखाया गया हो।खंडपीठ ने कहा कि आपराधिक न्यायालयों का उपयोग स्कोर निपटाने या पक्षों पर दीवानी विवादों को निपटाने के लिए दबाव डालने के लिए नहीं किया जाता।इस मामले में एफआईआर शिकायतकर्ता...

यूपी स्थानीय निकाय चुनाव - सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव होने तक वर्तमान महापोरों को पद पर बने रहने की अनुमति देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
यूपी स्थानीय निकाय चुनाव - सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव होने तक वर्तमान महापोरों को पद पर बने रहने की अनुमति देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अखिल भारतीय महापौर परिषद द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकायों में महापौरों को उनके उत्तराधिकारी चुने जाने तक उनके कार्यालयों में बने रहने की अनुमति देने की मांग की गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया।सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी 2023 को उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को ओबीसी आरक्षण के बिना...

उच्च न्यायपालिका में महिलाएं कम क्यों हैं? सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एबीए क्रॉन्फ्रेंस में जवाब दिया
उच्च न्यायपालिका में महिलाएं कम क्यों हैं? सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एबीए क्रॉन्फ्रेंस में जवाब दिया

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने 23 फरवरी, 2023 को अमेरिकन बार एसोसिएशन (एबीए) क्रॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। यह "लॉ इन एज ऑफ ग्लोकलाइजेशन: कन्वर्जेंस ऑफ इंडिया एंड द वेस्ट" पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रॉन्फ्रेंस है।सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने मुख्य भाषण के दौरान, कानूनी पेशे में समावेशिता और विविधता के महत्व पर प्रकाश डाला। ऐसा करते हुए उन्होंने ऐसे प्रश्न का उत्तर दिया, जो लंबे समय से कई लोगों को परेशान करता रहा है- 'हम उच्च न्यायपालिका में अधिक महिला न्यायाधीश क्यों नहीं रख...

क्या हाईकोर्ट अपनी प्रादेशिक सीमाओं के बाहर स्थित किसी ट्रिब्यूनल पर अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है?  सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को रेफर किया
क्या हाईकोर्ट अपनी प्रादेशिक सीमाओं के बाहर स्थित किसी ट्रिब्यूनल पर अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को रेफर किया

सुप्रीम कोर्ट ने व्हिसलब्लोअर भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी से संबंधित एक मामले में एक ट्रिब्यूनल द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र के बारें में एक चुनौती पर विचार करने के लिए मामला बड़ी बेंच को भेज दिया।नई दिल्ली में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की प्रधान पीठ द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देने वाली संजीव चतुर्वेदी द्वारा दायर याचिका पर विचार करने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा दायर एक अपील में यह मुद्दा उठा।चतुर्वेदी का तर्क...

सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए मामले में असम के विधायक अखिल गोगोई को दी गई अंतरिम सुरक्षा 13 मार्च तक बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए मामले में असम के विधायक अखिल गोगोई को दी गई अंतरिम सुरक्षा 13 मार्च तक बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक्टिविस्ट से राजनेता बने अखिल गोगोई की याचिका, जिसे गुवाहाटी हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ दायर किया गया है, पर सुनवाई स्थगित कर दी है। उक्त आदेश में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत अपराधों के संबंध में डिस्चार्ज ऑर्डर को सोमवार, 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया था।जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ को बताया गया कि गोगोई की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी अनुपलब्ध थे और इस कारण से स्थगन की मांग की गई...

भीमा कोरेगांव मामला: वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
भीमा कोरेगांव मामला: वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव-आरोपी और कार्यकर्ता वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। दोनों अगस्त 2018 से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत कथित अपराधों के लिए जेल में बंद हैं।उन्हें 2018 में पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई जाति-आधारित हिंसा के सिलसिले में और प्रतिबंधित वामपंथी संगठन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।गोंसाल्वेस और फरेरा ने दिसंबर 2021 के एक आदेश के खिलाफ...

सामूहिक धर्मांतरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुआट्स के कुलपति और निदेशक की गिरफ्तारी पर रोक लगाई
सामूहिक धर्मांतरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुआट्स के कुलपति और निदेशक की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने सामूहिक धर्मांतरण मामले में इलाहाबाद स्थित संस्‍थान शुआट्स के कुलपति (डॉ.) राजेंद्र बिहारी लाल और निदेशक विनोद बिहारी लालं की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सीन‌ियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने मामले का उल्लेख किया और उसी दिन इसे स्वीकार कर लिया गया।पीठ ने आगे के आदेशों को लंबित रखते हुए याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उत्तर प्रदेश राज्य को भी नोटिस जारी किया। सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने...

प्यार करने वालों का धर्म अलग होने से उनके रिश्ते को नहीं दे सकते लव जिहाद का एंगल: बॉम्बे हाईकोर्ट (वीडियो)
प्यार करने वालों का धर्म अलग होने से उनके रिश्ते को नहीं दे सकते 'लव जिहाद' का एंगल: बॉम्बे हाईकोर्ट (वीडियो)

“कोई लड़का और लड़की अलग-अलग धर्म से ताल्लुक ऱखते हैं और एक-दूसरे से प्यार करते हैं तो इसे लव जिहाग कहना ठीक नहीं होगा।“ बॉम्बे हाई कोर्ट ने लव जिहाद के एक केस में मुस्लिम महिला और उसके परिवार को अग्रिम जमानत देते हुए ये टिप्पणी की। अग्रिम जमानत यानी गिरफ्तारी से पहले जमानत।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और अभय वाघवासे की खंडपीठ ने ये आदेश दिया। बेंच ने फैसले में कहा था, “केवल इसलिए कि लड़का और लड़की अलग-अलग धर्मों के हैं, किसी रिश्ते को ‘लव जिहाद’ का एंगल नहीं दिया जा सकता है। यह एक-दूसरे के लिए सच्चे...

सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता आयोगों में नियुक्ति के लिए 10 साल के अनुभव वाले वकीलों का रास्ता साफ किया, केंद्र के नियमों को रद्द करने का फैसला बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता आयोगों में नियुक्ति के लिए 10 साल के अनुभव वाले वकीलों का रास्ता साफ किया, केंद्र के नियमों को रद्द करने का फैसला बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि ग्रेजुएशन की डिग्री रखने वाले और उपभोक्ता मामलों, कानून, सार्वजनिक मामलों, प्रशासन आदि में कम से कम 10 साल का पेशेवर अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को राज्य उपभोक्ता आयोग और जिला उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष और सदस्यों के रूप में नियुक्ति के लिए योग्य माना जाना चाहिए।इसका मतलब यह है कि कम से कम 10 साल से कार्यरत वकील राज्य और जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों के रूप में नियुक्ति के पात्र हैं।सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 101 के तहत...

PM, विपक्ष के नेता और CJI की कमेटी करेगी चुनाव आयुक्ति का चयन, सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला (वीडियो)
PM, विपक्ष के नेता और CJI की कमेटी करेगी चुनाव आयुक्ति का चयन, सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला (वीडियो)

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अब प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मिलकर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन करेंगे.जस्टिस के एम जोसेफ ने कहा- लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता बनाए रखी जानी चाहिए अन्यथा इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति एक कमेटी करेगी. कमेटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया...