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सुप्रीम कोर्ट का पॉली सेंट्रिक नेचर इसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट का पॉली सेंट्रिक नेचर इसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस के एम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बोलते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की बहु-केंद्रित प्रकृति उसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है।उन्होंने कहा,"यह ताकत का संकेत है, क्योंकि यह हमारी विविधता को दर्शाता है। आज हम देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले तीन सहयोगियों का जश्न मना रहे हैं, जो अपने अनुभव, सीख और आध्यात्मिकता लेकर...

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार का सेवाओं पर नियंत्रण है
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार का "सेवाओं" पर नियंत्रण है

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले, जिसमें उसने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि संबंधित मामलों को छोड़कर प्रशासनिक सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्ति है, पर पुनर्विचार के ‌लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि उपराज्यपाल सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सेवाओं पर दिल्ली सरकार के फैसले से बंधे होंगे।माना जा रहा था कि संविधान पीठ के फैसले के बाद...

आयकर अधिनियम की धारा 69ए के तहत चोर को चोरी की संपत्ति का मालिक नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
आयकर अधिनियम की धारा 69ए के तहत चोर को चोरी की संपत्ति का 'मालिक' नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि एक चोर को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 69ए के तहत संपत्ति के मालिक के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 69ए को लागू करने के लिए यह अनिवार्य है कि निर्धारण अधिकारी को पता होना चाहिए कि धारा 69ए के तहत सूचीबद्ध और कवर की गई वस्तुएं/सामान निर्धारिती के स्वामित्व में हैं।आयकर अधिनियम की धारा 69ए मूल्यांकन अधिकारी को किसी भी अस्पष्ट धन, बुलियन, आभूषण, या किसी अन्य मूल्यवान वस्तु के रूप में मानी गई आय पर विचार करने की...

न्यायिक स्वतंत्रता की आवश्यकता है कि वित्त मामलों में इसे बात कहने का मौका मिले : सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत जजों की पेंशन के फैसले में कहा
न्यायिक स्वतंत्रता की आवश्यकता है कि वित्त मामलों में इसे बात कहने का मौका मिले : सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत जजों की पेंशन के फैसले में कहा

सुप्रीम कोर्ट ने आज अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ बनाम भारत संघ मामले में अपना फैसला सुनाया, जो दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की सिफारिशों के अनुसार न्यायिक अधिकारियों के वेतन वृद्धि से संबंधित है। जस्टिस पीएस नरसिम्हा द्वारा लिखे गए अपने फैसले के माध्यम से, अदालत ने न्यायिक अधिकारियों के वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी, सेवानिवृत्ति की आयु आदि पर एसएनजेपीसी की विभिन्न सिफारिशों की जांच की और उन्हें स्वीकार किया। फैसले ने केंद्र और राज्यों को सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को बढ़े हुए...

सरकार के खिलाफ फैसला देने पर ही जज स्वतंत्र होते हैं, यह धारणा गलत : जस्टिस अजय रस्तोगी
सरकार के खिलाफ फैसला देने पर ही जज स्वतंत्र होते हैं, यह धारणा गलत : जस्टिस अजय रस्तोगी

सुप्रीम कोर्ट के निवर्तमान जज जस्टिस अजय रस्तोगी ने अपने विदाई भाषण में कहा कि अगर जज सरकार के खिलाफ आदेश पारित करते हैं तो जज को "स्वतंत्र" बताना गलत प्रवृत्ति है।जस्टिस रस्तोगी ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई में कहा,"अगर कोई यह कहना चाहता है कि मैं स्वतंत्र न्यायाधीश या निष्पक्ष न्यायाधीश हूं, क्योंकि मैंने मामले को प्रतिष्ठान विरोधी तय किया है, सरकार के खिलाफ राय दी है .. मैं कहता हूं कि ऐसा नहीं है। हमें हमारे सामने सामग्री के आधार पर मामलों का फैसला करना है। आप सरकार के...

जिला न्यायपालिका को अधीनस्थ न्यायपालिका नहीं कहा जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
जिला न्यायपालिका को 'अधीनस्थ न्यायपालिका' नहीं कहा जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) के अनुसार न्यायिक अधिकारियों के बढ़े हुए वेतनमान के संबंध में आज के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायपालिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए टिप्पणी की कि सुप्रीम कोर्ट अब जिला न्यायपालिका को 'अधीनस्थ न्यायपालिका' के रूप में संदर्भित नहीं करेगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने इस मामले में अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में निर्णय दिया।जस्टिस...

सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण, संविधान के साथ लोकतंत्र का अराजकता में बदल जाना मुश्किल नहीं: जस्टिस केएम जोसेफ
सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण, संविधान के साथ लोकतंत्र का अराजकता में बदल जाना मुश्किल नहीं: जस्टिस केएम जोसेफ

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में निवर्तमान सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट के जज दुनिया में सबसे ज्यादा काम करने वाले जज हैं। यह जबरदस्त काम है और बार की सहायता के बिना न्यायाधीश वह नहीं कर पाएंगे जो वे कर रहे हैं।”जस्टिस जोसेफ ने लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता के महत्व पर भी बात की।उन्होंने कहा,"सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता जीवन के लोकतांत्रिक तरीके और कानून के शासन के रखरखाव का अभिन्न अंग है। एक राष्ट्र के लिए यह...

दिल्ली बनाम केंद्र - केंद्र सरकार ने जीएनसीटीडी में सर्विस पर एलजी की शक्तियां बरकरार रखने वाला अध्यादेश जारी किया
दिल्ली बनाम केंद्र - केंद्र सरकार ने जीएनसीटीडी में "सर्विस" पर एलजी की शक्तियां बरकरार रखने वाला अध्यादेश जारी किया

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही दिनों बाद कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि से संबंधित मामलों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रशासनिक सर्विस पर विधायी और कार्यकारी शक्ति के गठन के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली में 'राष्ट्रीय राजधानी सिविल सर्विस अथॉरिटी' अध्यादेश जारी किया।इस अध्यादेश के अनुसार, अथॉरिटी का नेतृत्व दिल्ली के मुख्यमंत्री करेंगे। इसमें दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और गृह सचिव शामिल होंगे। अथॉरिटी को अब दिल्ली सरकार में सेवारत ग्रुप...

डीईआरसी चेयरपर्सन की नियुक्ति में विलंब पर सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली एलजी को फटकार, कहा- राज्यपाल इस तरह एक सरकार का अपमान नहीं कर सकते
डीईआरसी चेयरपर्सन की नियुक्ति में विलंब पर सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली एलजी को फटकार, कहा- 'राज्यपाल इस तरह एक सरकार का अपमान नहीं कर सकते'

दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति के प्रस्ताव को पांच सप्ताह से अधिक समय तक टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल को जमकर फटकार लगाई। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज, जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव को डीईआरसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में एलजी की ओर से देरी से नाराज दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस...

न्यायिक अधिकारियों की पेंशन: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बकाया राशि के भुगतान के लिए समय सीमा निर्धारित की
न्यायिक अधिकारियों की पेंशन: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बकाया राशि के भुगतान के लिए समय सीमा निर्धारित की

सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले (न्यायिक अधिकारियों के लिए वेतन वृद्धि से संबंधित) में अपने फैसले की घोषणा करते हुए, केंद्र और राज्यों को द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित बढ़े हुए वेतनमान के अनुसार सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों के पेंशन का भुगतान करने के लिए एक टाइमलाइन का प्रावधान किया है। यह फैसला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सुनाया।जस्टिस नरसिम्हा ने फैसला सुनाते हुए...

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए क‌थित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए क‌थित 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाई गई उस संरचना की वैज्ञानिक जांच पर रोक लगाने का निर्देश दिया, जिसे हिंदू वादी 'शिवलिंग' होने का दावा करते हैं और मस्जिद कमेटी एक फव्वारे का दावा करती है।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इलाहाबाद ‌हाईकोर्ट के 12 मई को पारित आदेश के खिलाफ अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी (जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) की विशेष अनुमति याचिका पर यह आदेश पारित किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट...

102 आदेश XXI सीपीसी के तहत वाद खारिज होने के बाद हस्तांतरण पर लिस पेंडेस -निष्पादन न्यायालय को निर्धारित करना होगा कि क्या हस्तांतरण अपील दाखिल होने से पहले हुआ था : सुप्रीम कोर्ट
102 आदेश XXI सीपीसी के तहत वाद खारिज होने के बाद हस्तांतरण पर लिस पेंडेस' -निष्पादन न्यायालय को निर्धारित करना होगा कि क्या हस्तांतरण अपील दाखिल होने से पहले हुआ था : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (“सीपीसी”) के नियम 102 आदेश XXI की प्रयोज्यता के लिए, निष्पादन न्यायालय को साक्ष्य पर यह निर्धारित करना होगा कि क्या अचल संपत्ति का हस्तांतरण, जो वाद के खारिज होने के बाद किया गया था, लिस पेंडेंस यानी विचाराधीन वाद के सिद्धांत को आकर्षित करने के लिए अपील/ आगे वाद शुरू होने के बाद किया गया या नहीं।वादी द्वारा टाईटल की घोषणा के लिए एक वाद दायर किया गया था और उसे खारिज कर दिया गया था। खारिज होने के बाद, प्रतिवादी ने वाद संपत्ति को तीसरे पक्ष...

पिछले कब्जाधारी का बिजली बकाया परिसर के बाद के कब्जाधारी से वसूला जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
पिछले कब्जाधारी का बिजली बकाया परिसर के बाद के कब्जाधारी से वसूला जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी संपत्ति के पिछले मालिक का बिजली बकाया उसके बाद के मालिक या नीलामी के खरीदार से वसूल किया जा सकता है।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने मामलों के एक बैच में एक संदर्भ का जवाब देते हुए उक्त निर्णय दिया, जिसमें से एक मुद्दा यह था कि क्या पूर्व मालिक की बिजली बकाया राशि संपत्ति पर शुल्क का गठन करेगी।अदालत के सामने उन्नीस मामलों में यह मुद्दा उठा, जिसमें बिजली कंपन‌ियों ने नए खरीदारों को कनेक्शन देने...

आनंद मोहन की समयपूर्व रिहाई: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को छूट से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया
आनंद मोहन की समयपूर्व रिहाई: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को छूट से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार को उन दस्तावेजों के मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया, जिसके कारण 1994 में गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की मॉब लिंचिंग के मामले में दोषी बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन को राहत मिली थी।कोर्ट ने कहा,"स्टेट काउंसिल को मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया गया है, जिसके कारण आनंद मोहन) को छूट दी गई है।"जिलाधिकारी जी कृष्णैया की विधवा उमा कृष्णैया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आनंद मोहन को समय से पहले रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले को...

पीड़िता पोर्नोग्राफी के जाल में फंस गई थी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुवक्किल से रेप के आरोपी वकील की जमानत नामंजूर की
'पीड़िता पोर्नोग्राफी के जाल में फंस गई थी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुवक्किल से रेप के आरोपी वकील की जमानत नामंजूर की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपनी मुवक्किल से बार-बार शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी एक वकील को जमानत देने से इनकार कर दिया। वकील ने पीड़िता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाए थे।जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी पीड़िता से बखूबी परिचित है और चूंकि मुकदमे में पीड़िता का बयान आज तक दर्ज नहीं किया गया है, इसलिए अगर उसे इस स्तर पर जमानत मिल जाती है तो वह निश्चित रूप से उसे प्रभावित करने की कोशिश करेगा।मामलामामले के तथ्यों के...

रेलवे से मुआवजे का दावा - टिकट न होने का मतलब यह नहीं है कि पीड़ित वास्तविक यात्री नहीं था: सुप्रीम कोर्ट
रेलवे से मुआवजे का दावा - टिकट न होने का मतलब यह नहीं है कि पीड़ित वास्तविक यात्री नहीं था: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे अधिनियम के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए कहा कि जब भी रेलवे के कामकाज के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है तो रेलवे प्रशासन यात्री को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होता है, भले ही कोई गलत कार्य किया गया हो, उपेक्षा की गई हो, या रेलवे प्रशासन की ओर से चूक हुई हो।रेलवे के कामकाज के दौरान जब कोई अप्रिय घटना होती है तो रेलवे प्रशासन की ओर से कोई गलत कार्य, उपेक्षा या चूक हुई है या नहीं, यह यात्री को घायल या मरने का अधिकार देगा। नुकसान की वसूली के लिए दावा किया जा सकता है और किसी भी...