न्यायिक अधिकारियों की पेंशन: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बकाया राशि के भुगतान के लिए समय सीमा निर्धारित की
Avanish Pathak
19 May 2023 5:29 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले (न्यायिक अधिकारियों के लिए वेतन वृद्धि से संबंधित) में अपने फैसले की घोषणा करते हुए, केंद्र और राज्यों को द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित बढ़े हुए वेतनमान के अनुसार सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों के पेंशन का भुगतान करने के लिए एक टाइमलाइन का प्रावधान किया है।
यह फैसला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सुनाया।
जस्टिस नरसिम्हा ने फैसला सुनाते हुए कहा-
"बकाया भुगतान के मामले में इस अदालत ने 27 जुलाई 2022 और 18 जनवरी 2023 के अपने आदेशों में पहले ही निर्देश दिया था कि वेतन के सभी बकाया 30 जून 2023 तक चुका दिए जाएं। इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि 30 जुलाई 2023 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अनुपालन शपथ पत्र दाखिल किया जाए।
इस न्यायालय द्वारा अनुमोदित संशोधित पेंशन 1 जुलाई 2023 तक देय होगी। 27.07.2022 और 18.01.2023 के आदेश के बाद अतिरिक्त पेंशन, ग्रेच्युटी एवं अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के बकाये के भुगतान हेतु निर्देशित किया जाता है कि 25 प्रतिशत का भुगतान 31 अगस्त 2023 तक, अन्य 25 प्रतिशत का भुगतान 1 अक्टूबर 2023 तक और शेष प्रतिशत का भुगतान 31 दिसंबर 2023 तक किया जाएगा।"
27 जुलाई, 2022 को, सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों के लिए वेतन संरचना में संशोधन की आवश्यकता पर जोर देते हुए, 1 जनवरी, 2016 से द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित बढ़े हुए वेतनमान को लागू करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को निर्देश दिया था कि वे अधिकारियों को 3 किस्तों में बकाया राशि का भुगतान करें - 25% 3 महीने में, अन्य 25% अगले 3 महीने में और शेष 30 जून, 2023 तक।
18 जनवरी, 2023 को अपने पहले के आदेश को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया, जिन्होंने अभी तक पहली किस्त का भुगतान नहीं किया है, उन्हें पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च, 2023 तक करने का निर्देश दिया था। दूसरी किस्त का भुगतान 30 अप्रैल 2023 तक, और तीसरी और अंतिम किस्त का भुगतान 30 जून 2023 तक किया जाएगा। कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने समय बढ़ाने के लिए आवेदन दायर किए थे।
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट ने 1 जनवरी, 2016 से दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित बढ़े हुए वेतनमान को लागू करने का आदेश दिया था। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार 3 किस्तों में- 25% 3 महीने में, अन्य 25% अगले 3 महीने में और शेष 30 जून, 2023 तक बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया था।
पूरे देश में अधीनस्थ न्यायपालिका से संबंधित न्यायिक अधिकारियों के वेतनमान और अन्य शर्तों की समीक्षा के लिए 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग का गठन किया गया था। जस्टिस जे चेलमेश्वर और अब्दुल नज़ीर की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस पीवी रेड्डी को आयोग का अध्यक्ष और केरल हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील आर.बसंत को सदस्य नियुक्त किया था।
केस टाइटल: ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य। डब्ल्यूपी(सी) नंबर 643/2015