'पीड़िता पोर्नोग्राफी के जाल में फंस गई थी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुवक्किल से रेप के आरोपी वकील की जमानत नामंजूर की

Avanish Pathak

19 May 2023 10:02 AM GMT

  • पीड़िता पोर्नोग्राफी के जाल में फंस गई थी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुवक्किल से रेप के आरोपी वकील की जमानत नामंजूर की

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपनी मुवक्किल से बार-बार शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी एक वकील को जमानत देने से इनकार कर दिया। वकील ने पीड़िता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाए थे।

    जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी पीड़िता से बखूबी परिचित है और चूंकि मुकदमे में पीड़िता का बयान आज तक दर्ज नहीं किया गया है, इसलिए अगर उसे इस स्तर पर जमानत मिल जाती है तो वह निश्चित रूप से उसे प्रभावित करने की कोशिश करेगा।

    मामला

    मामले के तथ्यों के अनुसार, पीड़िता ने अपने मामलों को उठाने के लिए एक वकील से संपर्क किया था, हालांकि, समय बीतने के साथ वे दोनों एक दूसरे के करीब हो गए और रिश्ते में प्रवेश कर गए। पीड़िता उक्त वकील/आवेदक और उसकी पत्नी के साथ कई जगहों पर भी जाती थी।

    यह दिखाने के लिए कि पीड़िता पत्नी की उपस्थिति में भी आवेदक के साथ सहज थी। कुछ तस्वीरों में, जब बर्थडे सूट में अंतरंग स्थितियों में उनकी तस्वीरें खींची गई ‌थीं, तब भी आवेदक और पीड़िता सहज दिख रहे थे।

    पीड़िता का मामला यह था कि आरोपी ने खुद को एक प्रभावशाली व्यक्ति बताया और वह अश्लील फिल्में बनाने में शामिल था। उसने अन्य महिलाओं की कई अवांछित तस्वीरें दिखाईं और उसे अपने निर्देशों के अनुसार कार्य करने ओर यहां तक कि उसकी अश्लील मुद्रा और भावभंगिमाओं में फोटो खींचने की अनुमति देने के लिए धमकी दी। उसकी मर्जी के खिलाफ उसके साथ बार-बार शारीरिक संबंध बनाए।

    उसने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने उससे 40 लाख रुपये का कर्ज लिया और उसे लौटाने से इनकार कर दिया।

    आईपीसी की धारा 147, 323, 354, 354-के, 406, 504, 506 और 376 के तहत एफआईआर दर्ज करने के बाद आरोपी को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। अब इस मामले में जमानत की मांग करते हुए उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया।

    निष्कर्ष

    हालांकि अदालत ने अभियुक्त की ओर से दिए गए तर्क क‌ि कुछ मौद्रिक विवादों के कारण, आवेदक और पीड़ित के बीच आपसी सहमति से बने संबंध खराब हो गए, कोई दम नहीं पाया। हालांकि, अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक ने पीड़िता को अश्लीलता के जाल में फंसा दिया ‌था।

    यह पाते हुए कि पीड़िता ने एफआईआर दर्ज की है और सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के तहत दर्ज अपने बयान पर कायम है, अदालत ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया।

    केस टाइटल- प्रकाश नारायण शर्मा @ बाबली बनाम यूपी राज्य [CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION NO 10374/2023]

    केस साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एबी) 156

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