बॉम्बे हाईकोर्ट
'मैच फिक्सिंग' फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, कहा- फिल्म मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है, समुदायों के बीच तनाव बढ़ाती है
बॉम्बे हाईकोर्ट विवादास्पद फिल्म "मैच फिक्सिंग - द नेशन इज एट स्टेक" की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर सकता है। यह फिल्म 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस पर आधारित है। फिल्म पर आरोप है कि यह मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है। याचिका में इस आधार पर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है कि फिल्म के ट्रेलर में ही कई 'निराधार और झूठे' स्टीरियोटाइप हैं, जिनमें मुसलमानों को हिंसा के अपराधी और देश के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने वाले के रूप में...
लड़की द्वारा होटल का कमरा बुक करना और लड़के के साथ उसमें प्रवेश करना सेक्स के लिए सहमति देना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि भले ही कोई लड़की किसी पुरुष के साथ होटल का कमरा बुक करती है और कमरे के अंदर जाती है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसने यौन संबंध के लिए सहमति दी है।एकल जज जस्टिस भारत देशपांडे ने 3 मार्च, 2021 को मडगांव में ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक व्यक्ति को बलात्कार के आरोप से मुक्त कर दिया गया था। ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि लड़की ने होटल में कमरा बुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए उसने कमरे के अंदर हुई...
निर्माण श्रमिकों के लिए पंजीकरण, नवीनीकरण और कल्याण योजनाओं को चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर निलंबित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार (7 नवंबर) को महाराष्ट्र भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (एमबीओसीडब्ल्यूडब्ल्यूबी) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत उसने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने का हवाला देते हुए नए पंजीकरण, पंजीकरण के नवीनीकरण, सुरक्षात्मक गियर, आवश्यक गियर, घरेलू उपयोगिता सेट जैसे लाभों के वितरण, आवास योजना के तहत नए अनुमोदन देने और बोर्ड के प्रचार कार्य पर रोक लगा दी थी। जस्टिस आरिफ डॉक्टर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की खंडपीठ...
दीर्घकालिक अनुबंध रोजगार नियमित भर्ती प्रक्रिया रद्द नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने संघ शासित प्रदेश दमन और दीव में अनुबंध के आधार पर कार्यरत स्टाफ नर्सों को नियमित करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के बर्खास्तगी के फैसले को पलटते हुए फैसला सुनाया कि नर्सें, जिन्हें 1967 के सेवा नियमों के अनुसार उचित चयन प्रक्रियाओं के माध्यम से भर्ती किया गया था। शुरू में अनुबंध पर काम पर रखे जाने के बावजूद नियमित नियुक्ति की स्थिति की हकदार थीं।मामले की पृष्ठभूमियाचिकाकर्ताओं...
जब तक प्राप्तकर्ता व्हाट्सएप पर संदेश अग्रेषित करने का विकल्प नहीं चुनता, तब तक उन्हें मानहानि के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि व्हाट्सएप मैसेज एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होता है और इसे केवल वही व्यक्ति पढ़ सकता है, जिसने इसे प्राप्त किया है, जब तक कि प्राप्तकर्ता मैसेज को फॉरवर्ड न करना चाहे, इसलिए ऐसी स्थिति में किसी व्यक्ति को समाज में बदनाम करने के लिए भेजने वाले पर मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। आवेदक की 'अवैध गिरफ्तारी' के लिए, हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी (आईओ) को 2 लाख रुपये और शिकायतकर्ता को आवेदक को 50,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस संतोष...
'सीआरपीसी की धारा 309 के तहत रोजाना सुनवाई का आदेश हवा में उड़ा दिया गया है': बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की 'अस्वस्थ प्रथा' को रेखांकित किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में 'पुनः सुनवाई' का आदेश देते हुए, अधिकांश आपराधिक मुकदमों की 'चिंताजनक स्थिति' पर ध्यान दिया, जिसमें अदालतें 'प्रतिदिन' सुनवाई करने में विफल रही हैं और इसलिए, निचली अदालतों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 309 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 346 का सख्ती से पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। एकल न्यायाधीश जस्टिस गोविंद सनप ने ट्रायल जज और अभियोजन पक्ष की ओर से कई चूकों पर ध्यान दिया, जिससे पीड़िता और आरोपी के मामले में...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुबह 11 बजे के बाद दाखिल किए गए उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज करने के फैसले पर सवाल उठाए
बॉम्बे हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के उस फैसले पर सवाल उठाए, जिसमें उसने राज्य भर के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सुबह 11 बजे के बाद दाखिल करने पर उन्हें खारिज किया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से जानना चाहा कि उसने किस आधार पर महाराष्ट्र भर के विभिन्न उम्मीदवारों के नामांकन खारिज किए, जिन्होंने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 30 अक्टूबर को सुबह 11 बजे के बाद अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।जस्टिस आरिफ डॉक्टर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की अवकाश पीठ ने चुनाव आयोग को राज्य भर के उन...
महाराष्ट्र के कॉलेजों में पदोन्नति के लिए UGC Ph.D की आवश्यकता को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस मंगेश एस. पाटिल और जस्टिस शैलेश पी. ब्रह्मे की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति के लिए 2018 में शुरू की गई यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (UGC) Ph.D की आवश्यकता भविष्य में लागू होगी। इससे उन शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जो पहले के नियमों के तहत योग्य हैं। महाराष्ट्र राज्य को 2016 के नियमों के आधार पर याचिकाकर्ताओं के पदोन्नति आवेदनों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया।मामले की पृष्ठभूमिमहाराष्ट्र के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के समूह को...
S.498-A IPC | वैवाहिक विवाद नैतिक पतन नहीं; इसका इस्तेमाल पति-पत्नी के शिक्षा के अधिकार को बाधित करने के लिए नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने हाल ही में महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि वैवाहिक विवाद या मामला 'व्यक्तिगत विवाद' है, जिसे 'नैतिक पतन' से संबंधित अपराध नहीं कहा जा सकता, जिससे पति-पत्नी में से किसी के भी अपने जीवन में आगे की शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार पर असर पड़े।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस संतोष चपलगांवकर की खंडपीठ ने एक पति को अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (AIAPGET) - 2024 में शामिल होने की अनुमति दी, जिसके लिए उसे इस आधार पर 'अयोग्य' ठहराया गया कि उस पर धारा 498-ए के साथ-साथ...
औद्योगिक न्यायालय के पास नियोक्ता-कर्मचारी के बीच स्पष्ट संबंध न होने के कारण अधिकार क्षेत्र नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप वी. मार्ने की एकल पीठ ने टाटा स्टील की रिट याचिका स्वीकार की। इसने माना कि औद्योगिक न्यायालय के पास कैंटीन कर्मचारियों की रोजगार स्थिति तय करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि नियोक्ता-कर्मचारी संबंध की प्रकृति ही विवादित है। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि महाराष्ट्र ट्रेड यूनियनों की मान्यता और अनुचित श्रम व्यवहार रोकथाम (एमआरटीयू और पल्प) अधिनियम, 1971 के तहत औद्योगिक न्यायालय (Industrial Court) केवल उन मामलों की सुनवाई कर सकता है, जहां निर्विवाद रोजगार संबंध...
धारा 25F नोटिस के बिना बर्खास्तगी; कर्मचारी के समान रोजगार में पाए जाने पर मौद्रिक मुआवजा पर्याप्त: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस अनिल एल. पानसरे की एकल न्यायाधीश पीठ ने श्रम न्यायालय का निर्णय बरकरार रखा, जिसमें आकस्मिक मजदूर को बहाल करने के बजाय मौद्रिक मुआवजा देने का निर्णय लिया गया था, जिसकी सेवाओं को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना समाप्त कर दिया गया। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25एफ का पालन किए बिना बर्खास्तगी अवैध है, लेकिन बहाली स्वचालित उपाय नहीं है, खासकर जब कर्मचारी को कहीं और समान रोजगार मिल गया हो।मामले की पृष्ठभूमियह मामला शरद माधवराव...
मुख्य नियोक्ता यह दावा करके EC Act के तहत दायित्व से बच नहीं सकता कि कर्मचारी ठेकेदार के माध्यम से काम कर रहे थे: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस शर्मिला यू. देशमुख की एकल न्यायाधीश पीठ ने मृतक पायलट के आश्रितों को दिए गए मुआवजे के खिलाफ एयर इंडिया चार्टर्स लिमिटेड की अपील को खारिज किया। न्यायालय ने माना कि कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 (EC Act) की धारा 12 के तहत मुख्य नियोक्ता मुआवजे के लिए प्राथमिक दायित्व वहन करता है। भले ही कर्मचारी ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे हों। न्यायालय ने पुष्टि की कि मुआवजे की गणना AICL द्वारा पहले स्वीकार की गई $11,000 की उच्च वेतन राशि के आधार पर की जानी चाहिए। देरी से भुगतान के...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने निरंतर रोजगार के बावजूद शिक्षक के बकाया वेतन पर रोक लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस मंगेश एस. पाटिल और जस्टिस शैलेश पी. ब्रह्मे की खंडपीठ ने वेतन बकाया के संबंध में शिक्षा अधिकारी के आदेश को चुनौती देने वाली रिट याचिका स्वीकार की, जिसमें कहा गया कि निरंतर रोजगार के बावजूद, वेतन बकाया के दावों को याचिका दायर करने से पहले तीन साल तक सीमित रखा जाना चाहिए। न्यायालय ने शिक्षक के पूर्ण वेतन के अधिकार को स्वीकार करते हुए मौद्रिक दावे की अवधि को सीमित करने के लिए यूनियन ऑफ इंडिया बनाम तरसेम सिंह [(2008) 8 एससीसी 648] से सीमा सिद्धांत को लागू किया।मामले की...
निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों ने चुनाव ड्यूटी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
शहर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के करीब 90 शिक्षकों ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान और उससे पहले चुनाव ड्यूटी करने के लिए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा उन्हें दिए गए आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।याचिकाकर्ता शिक्षकों ने विभिन्न संचारों पर आपत्ति जताई है जिनमें से एक मैसेज 16 अक्टूबर को ECI द्वारा जारी किया गया, जिसमें खार के पश्चिमी उपनगरों में स्थित थाडोमल शाहनी इंजीनियरिंग कॉलेज से अपने कर्मचारियों खासकर शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर भेजने के लिए कहा...
कैदियों को उनके परिवार से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों में पैरोल पाने के लिए एक साल से अधिक समय तक इंतजार करने के लिए नहीं कहा जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि परिवार के सदस्यों की गंभीर बीमारी, पत्नी की डिलीवरी, प्राकृतिक आपदा आदि जैसे मुद्दे अप्रत्याशित होते हैं। इसलिए किसी कैदी को डेढ़ साल तक इंतजार करने के लिए नहीं कहा जा सकता, जब तक कि वह फरलो या पैरोल की सुविधा का लाभ उठाने के योग्य न हो जाए।जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने नासिक की सेंट्रल जेल के अधीक्षक को याचिकाकर्ता बालाजी पुयाद द्वारा दायर आवेदन पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया, जिन्होंने अपनी पत्नी की बीमारी के...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस स्टेशन में सप्लायर को भुगतान किए बिना एसी, वाटर-कूलर, टीवी, कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए
बॉम्बे हाईकोर्ट हाल ही में यह देखकर परेशान हुआ कि ठाणे शहर के पुलिस स्टेशन में एयर-कंडीशनर, वाटर कूलर, कंप्यूटर, एलईडी टीवी, प्रिंटर और अन्य कीमती इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल मुफ्त में किया गया। बाद में जब सप्लायर ने पैसे मांगे तो स्टेशन अधिकारियों ने बिना एक पैसा दिए उपकरण वापस कर दिए।जस्टिस सारंग कोतवाल और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को आरोपों की जांच करने और उसके समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।जजों ने 23 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा,"कार्यकारी...
महाराष्ट्र निपटान के तहत बकाया मांग को महाराष्ट्र वैट अधिनियम के तहत देय रिफंड के खिलाफ समायोजित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि महाराष्ट्र कर, ब्याज, दंड या विलंब शुल्क के बकाया निपटान अधिनियम, 2022 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एमवीएटी एक्ट की धारा 50 के प्रावधानों को लागू नहीं कर सकते हैं और वह भी निपटान अधिनियम के तहत समीक्षा कार्यवाही में। जस्टिस एमएस सोनक और जस्टिस जितेन्द्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि निपटान अधिनियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी विशेष वर्ष के बकाया की गणना के लिए किसी अन्य वर्ष के लिए रिफंड के समायोजन के बाद प्राप्त होने का प्रावधान करता है, खासकर ऐसे मामले...
हर न्यूड पेंटिंग या यौन संभोग मुद्रा का चित्रण अश्लीलता नहीं है: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पेंटिंग जब्त करने के लिए कस्टम की आलोचना की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रसिद्ध कलाकारों फ्रांसिस न्यूटन सूजा और अकबर पद्मसी की पेंटिंग्स को रिलीज़ करने का आदेश देते हुए कहा कि हर नग्न पेंटिंग या यौन संभोग की मुद्राओं को दर्शाने वाली पेंटिंग को अश्लील नहीं कहा जा सकता। जस्टिस महेश सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि मुंबई में सहायक सीमा शुल्क आयुक्त (एसीसी) का निर्णय 'अश्लीलता की उनकी धारणाओं से ग्रस्त' था और इसलिए उन्होंने सूजा और पद्मसी की कलाकृतियों को जब्त कर उन्हें नष्ट करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा, "एसीसी पूरी...
हिंसक हड़ताल बिना जांच के तत्काल बर्खास्तगी को जायज ठहराती है: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप वी. मार्ने की एकल न्यायाधीश पीठ ने आडवाणी ओर्लिकॉन लिमिटेड के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें बिना किसी पूर्व जांच के अवैध हड़तालों और हिंसक विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले मज़दूरों को बर्खास्त करने का फैसला किया गया था। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि जहां कर्मचारी कदाचार स्पष्ट रूप से कार्यस्थल सुरक्षा को खतरे में डालता है, जैसा कि बाधा, धमकी और हमले के कृत्यों से स्पष्ट है, नियोक्ता अदालत की कार्यवाही में पूर्वव्यापी रूप से समाप्ति को सही ठहरा सकते हैं।...
ED ने गिरफ्तार करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया, अपनी मर्जी और कल्पना के अनुसार काम किया: बॉम्बे हाईकोर्ट ने PMLA मामले में आरोपियों को जमानत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति को जमानत देते हुए पिछले सप्ताह कहा था कि धन शोधन रोधी एजेंसी ने गिरफ्तारी की अपनी शक्तियों का ''दुरुपयोग'' किया और अपनी मनमर्जी से काम किया। जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता दीपक देशमुख को आठ साल पहले (2016 में) दर्ज किए गए अपराध में गिरफ्तार करने के लिए ईडी को फटकार लगाई, जिसमें न तो उसका नाम था और न ही आरोप पत्र दायर किया गया था। खंडपीठ ने कहा कि ईडी द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में...
















