पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
'आश्चर्य की बात है कि अनिर्वाचित सदस्यों को शो चलाने की अनुमति दी जाती है': संवैधानिक जनादेश के बावजूद निकाय चुनाव क्यों नहीं कराए गए- हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव से पूछा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि अनिर्वाचित प्रतिनिधियों को पंजाब नगर पालिका के कार्यों को चलाने की अनुमति कैसे दी गई क्योंकि पिछली नगर परिषदों और निगमों के क्रमशः दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में समाप्त होने के बाद से कोई चुनाव नहीं हुआ था।चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि नगर परिषद के साथ-साथ नगर निगम स्तर पर आज तक कोई चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे अनिर्वाचित प्रतिनिधियों को शो चलाने की अनुमति मिली है। न्यायालय दो जनहित...
अगर दोष साबित करने के लिए अन्य पुष्टिकारी साक्ष्य पर्याप्त हों तो इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को प्रमाण पत्र के साथ साबित करना आवश्यक नहीं: पी एंड एच हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डकैती और हत्या के एक मामले में अभियुक्तों की दोषसिद्धि को यह देखते हुए बरकरार रखा कि भले ही इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साबित करने में साक्ष्य अधिनियम की धारा 65-बी का अनुपालन न किया गया हो, लेकिन यह दोषसिद्धि को रद्द करने का आधार नहीं होगा। पीठ ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई दोषसिद्धि को बरकरार रखा, जिसने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अभियुक्तों को दोषी ठहराया था, जिसमें वे स्पष्ट रूप से अपराध करते हुए दिखाई दे रहे थे।हाईकोर्ट ने कहा कि चूंकि फुटेज बिना प्रमाण पत्र के पेश किया...
नाबालिग बच्चे की मां को कस्टडी देने में अडल्ट्री कोई बाधा नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि अडल्ट्री करने वाली मां के लिए नाबालिग बच्चे की कस्टडी पाने में कोई बाधा नहीं, क्योंकि वह अभी भी अपने बच्चों को मातृवत प्यार देने में सक्षम है।न्यायालय ने पति को याचिका के लंबित रहने के दौरान पत्नी के दो नाबालिग बच्चों की कस्टडी बहाल करने का निर्देश दिया, जबकि मामले को वापस फैमिली कोर्ट को भेज दिया।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा,"किसी भी साथी द्वारा किसी वैध वैवाहिक संबंध में लिव-इन रिलेशनशिप में प्रवेश करना, जिसमें अडल्ट्री की झलक हो...
सक्षम अदालत के आदेश से न्यायिक हिरासत में आरोपी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई योग्य नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि आरोपी की रिहाई की मांग करने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, जो सक्षम क्षेत्राधिकार की अदालत द्वारा पारित आदेश के आधार पर न्यायिक हिरासत में है और जिसकी नियमित जमानत याचिका भी संबंधित निचली अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है।जस्टिस कुलदीप तिवारी ने एक व्यक्ति की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसने तर्क दिया कि एक व्यक्ति की न्यायिक हिरासत अवैध थी क्योंकि आरोपी को गिरफ्तार करते समय पुलिस अधिकारियों ने "CrPC की...
अन्य कर्मचारियों को समान लाभ देने के बावजूद किसी कर्मचारी की सेवा को नियमित न करना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अन्य कर्मचारियों को समान लाभ देने के बावजूद किसी कर्मचारी की सेवा को नियमित न करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन होगा।जस्टिस नमित कुमार ने कहा,"एक बार जब समान स्थिति वाले व्यक्तियों की सेवाओं को प्रतिवादी विभाग द्वारा नियमित कर दिया जाता है तो याचिकाकर्ता को उक्त लाभ देने से इनकार करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि यह भेदभावपूर्ण होगा और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन होगा।"कोर्ट राजेश कुमार की सेवा को नियमित करने की...
हाईकोर्ट एसआईटी गठित कर जांच की निगरानी के लिए BNSS की धारा 528 के तहत याचिका पर विचार कर सकता है, लेकिन मजिस्ट्रेट से संपर्क न करने का पर्याप्त कारण दिखाया जाना चाहिए: पीएंडएच हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि धारा 528 बीएनएसएस के तहत हाईकोर्ट एफआईआर दर्ज करने तथा विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाकर जांच की निगरानी करने के लिए याचिका पर विचार कर सकता है, लेकिन शिकायतकर्ता को पहले इलाका मजिस्ट्रेट के पास न जाने का पर्याप्त कारण दिखाना चाहिए। जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा, "किसी मामले में, यदि तथ्य/परिस्थितियां इसकी मांग करती हैं, तो हाईकोर्ट एफआईआर दर्ज करने, एफआईआर में जांच की निगरानी करने, एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन करने, जांच अधिकारी बदलने तथा इस तरह की सभी...
आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को खारिज करते समय, अदालत को यह परखना चाहिए कि 'उत्पीड़न की घटनाओं' का सामना करने पर सामान्य व्यक्ति कैसे प्रतिक्रिया करेगा: पी एंड एच हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि आत्महत्या के लिए उकसाने पर दर्ज एफआईआर को रद्द करते समय न्यायालय को यह परखना चाहिए कि उत्पीड़न की कथित घटनाओं पर एक सामान्य व्यक्ति किस तरह की प्रतिक्रिया देगा। न्यायालय ने आत्महत्या के लिए उकसाने पर दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया, जिसमें कथित तौर पर मृतक को उत्पीड़न के कारण अपनी जान लेने के लिए मजबूर किया गया था, क्योंकि आरोपी व्यक्तियों ने उसका बकाया भुगतान करने से इनकार कर दिया था।जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा, "धारा 306 आईपीसी के तहत एफआईआर को रद्द करने...
Land Acquisition Act| एक बार भूमि का बाजार मूल्य साक्ष्य के आधार पर निर्धारित हो जाता है तो संदर्भ न्यायालय द्वारा मुआवजा कम करना अनुचित: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि संदर्भ न्यायालय केवल पक्ष के दावे के आधार पर भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा कम नहीं कर सकता, जबकि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1898 के तहत साक्ष्य के आधार पर बाजार मूल्य पहले ही तय किया जा चुका है।जस्टिस राजबीर सहरावत ने कहा,"एक बार फाइल पर प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर बाजार मूल्य निर्धारित हो जाने के बाद संदर्भ न्यायालय द्वारा भूमि मालिकों को देय मुआवजे की राशि को केवल इसलिए कम करना न्यायोचित नहीं है, क्योंकि भूमि मालिकों ने फाइल पर प्रस्तुत साक्ष्य के बिना बाजार...
बच्चे को माता-पिता दोनों का प्यार पाने का मौलिक अधिकार: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी मां को सौंपी, पिता को मुलाकात की अनुमति दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में एक पिता को 8 महीने के बच्चे की कस्टडी उसकी मां को सौंपने का निर्देश दिया। साथ ही पिता को बच्चे से मिलने का अधिकार दिया। न्यायालय ने कहा कि, "बच्चे के कल्याण और सर्वोत्तम हित में यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि बच्चा पिता के स्नेह और संगति से वंचित न रहे।"जस्टिस कीर्ति सिंह ने कहा, "जब माता-पिता के बीच मतभेद होता है, तो बच्चे की भलाई सर्वोपरि चिंता बनी रहनी चाहिए। न्यायालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे को एक ऐसी वस्तु के रूप में नहीं...
पुलिस द्वारा NDPS Act का दुरुपयोग जनता के विश्वास को कम करता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने व्यक्ति के खिलाफ कथित झूठे ड्रग्स मामले पर DGP से रिपोर्ट मांगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा व्यक्ति को ड्रग्स मामले में झूठे फंसाने के आरोप पर कड़ा रुख अपनाया, जिसमें कहा गया कि पुलिस द्वारा NDPS Act का दुरुपयोग कानून प्रवर्तन में जनता के विश्वास को कम करता है और ड्रग से संबंधित अपराधों से निपटने के वास्तविक प्रयासों से ध्यान हटाता है।यह आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता पर पुलिस अधिकारियों द्वारा NDPS Act के तहत झूठी FIR दर्ज की गई थी, क्योंकि उसने सड़क पर गाड़ी चलाते समय उन्हें ओवरटेक करने के लिए साइड नहीं दी थी।जस्टिस कीर्ति सिंह ने मामले की...
24 कैदियों की पहचान के लिए पाकिस्तान सरकार से मंजूरी का इंतजार: केंद्र ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को बताया
केंद्र सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह 24 कैदियों की पहचान के लिए पाकिस्तान सरकार से मंजूरी का इंतजार कर रही है। वे कथित तौर पर बरी होने के बावजूद जेलों में बंद हैं।इससे पहले केंद्र ने प्रस्तुत किया कि 30 में से 6 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों का प्रत्यावर्तन 26 जुलाई को होने की संभावना है। शेष 24 कैदियों के संबंध में यह मंत्रालय और सभी हितधारकों के सक्रिय विचाराधीन है।एएसजी सत्य पाल जैन ने चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया,"दिनांक...
सेना अधिकारी 17 साल की सेवा के दौरान हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सैन्य सेवा के कारण होने वाली बीमारी, दिव्यांगता पेंशन का अधिकार बरकरार रखा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि सशस्त्र बलों में अपनी सेवा के दौरान स्टेज-1 हाई ब्लड प्रेशर (1-10) से पीड़ित एक सेना अधिकारी दिव्यांगता पेंशन का हकदार होगा।जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस करमजीत सिंह ने कहा,"प्रतिवादी नंबर 1 ने लगभग 17 वर्षों तक सशस्त्र बलों में सेवा की है। सेवा में प्रवेश के समय ऐसी कोई बीमारी या विकलांगता मौजूद नहीं थी। यह निर्विवाद तथ्य है कि सशस्त्र बलों से छुट्टी के समय प्रतिवादी नंबर 1 को 'स्टेज-1 उच्च रक्तचाप (1-10) से पीड़ित पाया गया। इसलिए धर्मवीर सिंह के मामले में...
पंजाब और हरियाणा में विशेष NDPS अदालतों की तत्काल आवश्यकता, लंबित मामलों की अधिकता के कारण शीघ्र सुनवाई की उम्मीद करना अतिशयोक्ति होगी: हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि लंबित मामलों की अधिकता को देखते हुए अदालतों से शीघ्र सुनवाई की उम्मीद करना अतिशयोक्ति होगी। स्पेशल NDPS अदालतें बनाने की सख्त आवश्यकता है।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा,"यदि प्रत्येक प्रकार के विचाराधीन मुकदमों का भारी बोझ संबंधित ट्रायल जजों के लिए बाधा बन जाता है तो इससे अभियुक्तों के विरुद्ध लगाए गए उचित आरोपों के संबंध में शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित होगी। संबंधित अभियुक्त के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के संबंध में, जिसमें कथित रूप से...
क्या पुलिस कानून के अनुसार 24 घंटे के भीतर CWC को POSCO अपराधों की रिपोर्ट कर रही है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आंकड़े मांगे
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आंकड़े मांगे हैं कि क्या पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में पुलिस बलों द्वारा POSCO Act की धारा 19 (6) के आदेश का अनुपालन किया जा रहा है।यह प्रावधान विशेष किशोर पुलिस इकाई या स्थानीय पुलिस, जैसा भी मामला हो, को पॉक्सो अधिनियम के तहत मामलों को 24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति और विशेष न्यायालय/सत्र न्यायालय को रिपोर्ट करने के लिए बाध्य करता है। जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन ने कहा, "पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण, हरियाणा कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिवों और यूटी, चंडीगढ़...
हाईकोर्ट ने हरियाणा के कैथल जिला पंचायत अध्यक्ष की अविश्वास प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की, कहा सभी नियमों का पालन किया गया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के कैथल जिला पंचायत अध्यक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव को चुनौती दी थी। न्यायालय ने कहा कि हरियाणा पंचायती राज नियमों का उचित अनुपालन किया गया है। हरियाणा पंचायती राज नियम, 1955 (नियम) के नियम 10(2) में निर्धारित प्राधिकारी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए ऐसी बैठक के लिए निर्धारित तिथि से कम से कम सात दिन पहले नोटिस जारी करने का प्रावधान है और ऐसे नोटिस में बैठक की तिथि, समय और स्थान का...
लॉरेंस बिश्नोई का जेल से साक्षात्कार: उम्मीद है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई उच्च-स्तरीय पुलिस अधिकारियों तक भी विस्तारित होगी: हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आज कहा कि उसे उम्मीद है कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साक्षात्कार में मदद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई केवल निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ही नहीं की जाएगी, बल्कि उच्च अधिकारियों के खिलाफ भी की जाएगी, जिनके पास उस लॉक-अप पर पर्यवेक्षी अधिकार क्षेत्र था, जहां बिश्नोई को कथित तौर पर उसके एक साक्षात्कार के दौरान बंद रखा गया था। यह घटनाक्रम पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा यह खुलासा किए...
प्राकृतिक न्याय के साथ लापरवाही से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अंतरिम भरण-पोषण का भुगतान न करने पर पति के बचाव के अधिकार को सीमित करने वाला आदेश रद्द किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें पति को अपनी पत्नी से जिरह करने और रखरखाव की कार्यवाही में सबूत पेश करने से रोका गया था, यह देखते हुए कि इस तरह के दृष्टिकोण को लापरवाही से और हल्के ढंग से नहीं लिया जा सकता है, बिना आदेश के अनुपालन के संबंध में व्यक्ति की ओर से जानबूझकर और लापरवाही से उपेक्षा नहीं की जा सकती है। फैमिली कोर्ट ने इस आधार पर निरोधक आदेश पारित किया कि पति अपनी नाबालिग बेटियों को अदालत द्वारा भुगतान की जाने वाली अंतरिम राशि का भुगतान...
FSL रिपोर्ट ट्रायल में पूर्ण रूप से साबित नहीं हुई: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 20 साल बाद NDPS की सजा को रद्द कर दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने NDPS Act के तहत वर्ष 2005 की सजा को रद्द कर दिया है, यह देखते हुए कि ट्रायल कोर्ट धारा 294 सीआरपीसी के प्रावधान का पालन करने में विफल रहा।आरोपी को भारी मात्रा में कामर्शियल मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ ले जाने का दोषी ठहराया गया था और 2005 में 15 साल की सजा सुनाई गई थी। सीआरपीसी की धारा 294 के अनुसार, जहां अभियोजन या अभियुक्त द्वारा किसी भी अदालत के समक्ष कोई दस्तावेज दायर किया जाता है, ऐसे प्रत्येक दस्तावेज का विवरण एक सूची में शामिल किया जाएगा और अभियोजन पक्ष या...
क्या एक जुलाई 2024 के बाद दायर सभी आपराधिक याचिकाएं BNSS द्वारा शासित होंगी? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट मामले को बड़ी बेंच को भेजा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की प्रयोज्यता के मुद्दे को एक बड़ी पीठ को सौंप दिया है। जस्टिस हरप्रीत सिंह बरार ने Axxx बनाम यूटी चंडीगढ़ मामले में जस्टिस सुमित गोयल की राय से असहमति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है, लेकिन इसके संबंध में आवेदन या याचिका एक जुलाई के बाद दायर की जाती है, तो बीएनएसएस के प्रावधान लागू होंगे।जस्टिस बरार के अनुसार, आपराधिक संहिताओं के आवेदन के लिए प्रासंगिक निर्धारण कारक घटना की...
पूर्व मूल्यांकन में आईटीओ की व्यक्तिगत राय मूल्यांकन को फिर से खोलने के लिए वैध "विश्वास करने का कारण" नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत शुरू की गई कार्यवाही को फिर से खोलने को रद्द करते हुए कहा कि केवल आयकर अधिकारी की व्यक्तिगत राय के आधार पर पहले के आकलन के संबंध में कोई त्रुटि पाए जाने के कारण, पुनर्मूल्यांकन शुरू करने का कारण नहीं माना जा सकता है।जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजय वशिष्ठ की पीठ ने कहा कि "केवल इसलिए कि कोई नया मूल्यांकन अधिकारी पहले किए गए आकलन के तरीके से खुश नहीं है, मूल्यांकन की समीक्षा करने का कारण नहीं हो सकता है।"आयकर अधिनियम, 1961 की...