केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने NCTE के खिलाफ लंबित कानूनी फीस के भुगतान के लिए वकील की याचिका स्वीकार की, 50 हजार का जुर्माना लगाया
केरल हाईकोर्ट ने NCTE के खिलाफ लंबित कानूनी फीस के भुगतान के लिए वकील की याचिका स्वीकार की, 50 हजार का जुर्माना लगाया

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अधिवक्ता द्वारा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के खिलाफ दायर रिट याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें 12 लाख रुपये से अधिक की बकाया कानूनी फीस के भुगतान की मांग की गई थी। साथ ही, एनसीटीई पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, क्योंकि उसका आचरण "दोषपूर्ण" पाया गया। एनसीटीई के इस तर्क को खारिज करते हुए कि कानूनी फीस के भुगतान के लिए रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, जस्टिस मोहम्मद नियास सी.पी. ने स्पष्ट किया कि "अवैतनिक पेशेवर फीस" के लिए रिट याचिका की सुनवाई...

केरल हाईकोर्ट ने कहा, राष्ट्रीय राजमार्ग ढहने की घटना चिंता का विषय; NHAI ने कुछ चूकें स्वीकार कीं
केरल हाईकोर्ट ने कहा, राष्ट्रीय राजमार्ग ढहने की घटना 'चिंता का विषय; NHAI ने कुछ चूकें स्वीकार कीं

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार (23 मई) ने मलप्पुरम जिले में हाल ही में एलिवेटेड नेशनल हाईवे- 66 के ढहने के मद्देनजर सड़कों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की।न्यायालय ने कहा, “श्री बिदन चंद्रन, NHAI के विद्वान स्थायी वकील ने माना कि कुछ स्थानों पर NHAI की ओर से राजमार्ग के निर्माण के संबंध में कुछ खामियां थीं...।”जस्टिस देवन रामचंद्रन ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को निर्देश दिया कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा मामले की जांच किए जाने के बाद वह रिपोर्ट प्रस्तुत करे।विद्वान एकल न्यायाधीश ने आगे...

RTI Act की धारा 7 के तहत जांच शुरू करना पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर का कानूनी दायित्व नहीं: केरल हाईकोर्ट
RTI Act की धारा 7 के तहत जांच शुरू करना पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर का कानूनी दायित्व नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में स्पष्ट किया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI Act) की धारा 7 के तहत किसी पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर (PIO) के पास RTI आवेदनों के निस्तारण के दौरान कोई जांच शुरू करने की शक्ति या कर्तव्य नहीं है।यह निर्णय जस्टिस एन. नागरेश ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें याचिकाकर्ता ने अपने प्राचार्य पद पर नियुक्ति को मंजूरी देने का निर्देश मांगा था।याचिकाकर्ता को विधिवत चयन प्रक्रिया और यूनिवर्सिटी की मंजूरी के बाद कॉलेज का प्राचार्य नियुक्त किया गया था।...

पत्नी के भरण-पोषण के अधिकार को अनुबंध के माध्यम से नहीं छोड़ा जा सकता: केरल हाईकोर्ट
पत्नी के भरण-पोषण के अधिकार को अनुबंध के माध्यम से नहीं छोड़ा जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि पति और पत्नी के बीच निजी अनुबंध, जिसमें पत्नी ने भरण-पोषण के अपने अधिकार को त्याग दिया है, का कोई कानूनी आधार नहीं है। जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के विभिन्न निर्णयों पर भरोसा किया और इस प्रकार टिप्पणी की,"...इस बिंदु पर कानूनी स्थिति बहुत स्पष्ट है कि जब पत्नी और पति के बीच न्यायालय में दायर किए गए समझौते के भाग के रूप में या अन्यथा कोई समझौता होता है, जिसके तहत पत्नी भविष्य में पति से भरण-पोषण का दावा करने के अधिकार को त्याग देती है या त्याग देती...

गंभीर POCSO अपराधों को पक्षों के बीच समझौते के आधार पर रद्द किया जा सकता है, बशर्ते कि अत्यंत गंभीर परिस्थितियां मौजूद हों: केरल हाईकोर्ट
गंभीर POCSO अपराधों को पक्षों के बीच समझौते के आधार पर रद्द किया जा सकता है, बशर्ते कि 'अत्यंत गंभीर परिस्थितियां' मौजूद हों: केरल हाईकोर्ट

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दो मामलों को रद्द करते हुए, जहां आरोपी और पीड़ितों ने विवाह किया था, केरल हाईकोर्ट ने कहा कि हालांकि आम तौर पर POCSO अपराधों को पक्षों के बीच समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है, हालांकि, "अत्यधिक गंभीर परिस्थितियों" में, कार्यवाही को रद्द नहीं करने से अन्याय हो सकता है। “आम तौर पर, दंड संहिता के तहत बलात्कार और POCSO अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर अपराधों को केवल पक्षों के बीच समझौते के आधार पर समाप्त नहीं किया जा सकता...

कस्टडी की लड़ाई में बच्चों को केवल अपरिहार्य स्थितियों में ही अदालत में बुलाया जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
कस्टडी की लड़ाई में बच्चों को केवल अपरिहार्य स्थितियों में ही अदालत में बुलाया जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

कस्टडी की लड़ाई में शामिल एक बच्चे को अदालत में पेश होने से होने वाले आघात से हैरान, केरल उच्च न्यायालय ने पारिवारिक न्यायालयों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि बच्चों को केवल असाधारण स्थिति में और बहुत सावधानी के साथ अदालतों में बुलाया जाए। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति एम.बी. स्नेहलता की खंडपीठ ने आदेश दिया कि बच्चों को अदालत परिसर में बहुत कम बुलाया जाना चाहिए, भले ही यह परामर्श या अन्य वैधानिक कार्यवाही के उद्देश्य से हो। न्यायालय ने कहा कि जिन मामलों में उन्हें पेश...

केरल हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्य सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए
केरल हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्य सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार (11 अप्रैल) को अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने के मामले में केरल के पूर्व मुख्य सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए।यह आदेश जस्टिस के. बाबू ने लोकप्रिय कार्यकर्ता जोमन पुथेनपुरकल द्वारा दायर याचिका पर पारित किया।आरोप है कि वित्तीय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए अब्राहम ने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।इससे पहले सतर्कता विभाग ने मामले की जांच की थी और शिकायत को बंद कर दिया था। अब हाईकोर्टने सतर्कता विभाग को फाइलें CBI को सौंपने का आदेश...

केरल हाईकोर्ट ने JDU नेता की हत्या मामले में RSS के 5 कार्यकर्ताओं को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
केरल हाईकोर्ट ने JDU नेता की हत्या मामले में RSS के 5 कार्यकर्ताओं को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

केरल हाईकोर्ट ने जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) पार्टी के पदाधिकारी दीपक की हत्या के आरोप से पांच RSS कार्यकर्ताओं को बरी करने के सेशन कोर्ट का आदेश पलट दिया।जस्टिस पी.बी. सुरेश कुमार और जस्टिस जोबिन सेबेस्टियन की खंडपीठ ने राज्य और दीपक की पत्नी की अपील स्वीकार की और पांचों को आईपीसी की धारा 302 के तहत अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।इसके अलावा, न्यायालय ने त्रिशूर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मृतक के कानूनी प्रतिनिधियों को मुआवजा देने के लिए कहा। अन्य आरोपियों के संबंध में, न्यायालय ने माना...

एक्ट्रेस पर हमले मामले में CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज की, हाईकोर्ट ने कहा- मुकदमा निष्कर्ष की ओर बढ़ रहा है
एक्ट्रेस पर हमले मामले में CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज की, हाईकोर्ट ने कहा- मुकदमा निष्कर्ष की ओर बढ़ रहा है

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार (7 अप्रैल) को मलयालम एक्ट्रेस यौन उत्पीड़न मामले में CBI जांच की मांग करने वाली एक्टर दिलीप की अपील खारिज कर दी। दिलीप इस मामले में 8वें आरोपी हैं और उन पर अपराध की साजिश रचने का आरोप है।यह अपराध 18.02.2017 को हुआ था, जब हमलावरों का एक गिरोह पीड़िता के वाहन में घुस गया और उसके साथ यौन अपराध किया। कथित तौर पर पीड़िता के खिलाफ अपने निजी रंजिश को पूरा करने के लिए दिलीप के कहने पर किराए के गुंडों द्वारा अपराध को अंजाम दिया गया।मामले की CBI जांच के लिए उनकी याचिका को दिसंबर,...

UAPA | केरल हाईकोर्ट ने RSS नेता श्रीनिवासन की हत्या में कथित रूप से शामिल PFI सदस्यों को जमानत दी
UAPA | केरल हाईकोर्ट ने RSS नेता श्रीनिवासन की हत्या में कथित रूप से शामिल PFI सदस्यों को जमानत दी

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार (2 अप्रैल) को पलक्कड़ में RSS नेता एस. के. श्रीनिवासन की हत्या में कथित रूप से शामिल 10 PFI सदस्यों को जमानत दी।जस्टिस राजा विजय राघवन वी. और जस्टिस पी. वी. बालकृष्णन की खंडपीठ ने नास्सर, जमशीर एच., अब्दुल बासित, मुहम्मद शेफीक के., अशरफ के., जिशाद बी., अशरफ उर्फ अशरफ मौलवी, सिराजुद्दीन इन 8 व्यक्तियों को जमानत प्रदान की यह देखते हुए कि उन्होंने पहले ही लंबे समय तक कारावास भोग लिया और उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है।श्रीनिवासन की हत्या की जांच शुरू में राज्य पुलिस...

BJP नेता ने केरल हाईकोर्ट में एम्पुराण पर प्रतिबंध लगाने के लिए याचिका दायर की, कहा- फिल्म सांप्रदायिक हिंसा भड़का सकती है
BJP नेता ने केरल हाईकोर्ट में एम्पुराण पर प्रतिबंध लगाने के लिए याचिका दायर की, कहा- फिल्म सांप्रदायिक हिंसा भड़का सकती है

केरल हाईकोर्ट में मलयालम फिल्म एम्पुराण की स्क्रीनिंग रोकने के लिए रिट याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी (BJP) त्रिशूर जिला समिति के सदस्य वी. वी. विजेश हैं।याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में फिल्म में गोधरा के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों के चित्रण पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे सांप्रदायिक हिंसा भड़कने का खतरा है।मोहनलाल अभिनीत बड़े बजट की फिल्म एम्पुराण उस समय विवाद का केंद्र बन गई है, जब कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने 2002 के गुजरात दंगों के चित्रण पर आपत्ति जताई।इसके बाद मोहनलाल ने फेसबुक...

सोशल मीडिया के दौर में साइबर बुलिंग से निपटने के लिए प्रभावी कानूनों की जरूरत, नया बना BNS भी इसे संबोधित नहीं कर पाया: केरल हाईकोर्ट
सोशल मीडिया के दौर में साइबर बुलिंग से निपटने के लिए प्रभावी कानूनों की जरूरत, नया बना BNS भी इसे संबोधित नहीं कर पाया: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने साइबर बुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कानूनी प्रावधानों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की है और टिप्पणी की है कि दूसरों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी या अपमानजनक सामग्री के रूप में साइबर बुलिंग को वर्तमान कानूनी ढांचे के माध्यम से अपर्याप्त रूप से संबोधित किया जा रहा है। यह देखते हुए कि हाल ही में अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता 2023 में भी साइबर बुलिंग पर कोई सीधा प्रावधान नहीं है, जस्टिस सीएस सुधा ने कहा कि ऑनलाइन उत्पीड़न जिसमें यौन संबंध नहीं हैं, उसे भी...

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए Evidence Act की धारा 65B प्रमाणपत्र अनिवार्य, विशेषज्ञ रिपोर्ट इसका विकल्प नहीं: केरल हाईकोर्ट
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए Evidence Act की धारा 65B प्रमाणपत्र अनिवार्य, विशेषज्ञ रिपोर्ट इसका विकल्प नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि CrPC की धारा 293 के तहत प्राप्त सरकारी विशेषज्ञ की रिपोर्ट को भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के तहत प्रमाणपत्र के औपचारिक विकल्प के रूप में नहीं माना जा सकता, जो इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की वैधता साबित करने के लिए आवश्यक होता है।अदालत ने कहा कि CrPC की धारा 293 के तहत विशेषज्ञ की रिपोर्ट केवल साक्ष्य का विश्लेषण करती है, लेकिन इससे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड स्वतः स्वीकार्य नहीं हो जाता।मामले के तथ्यों के अनुसार, ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया DVR काम नहीं कर रहा था,...

मोटर वाहन अधिनियम | धारा 163ए के तहत दावा मालिक या बीमाकर्ता के अलावा किसी और के खिलाफ नहीं होगा: केरल हाईकोर्ट
मोटर वाहन अधिनियम | धारा 163ए के तहत दावा मालिक या बीमाकर्ता के अलावा किसी और के खिलाफ नहीं होगा: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163ए के तहत मुआवज़ा देने का दायित्व वाहन के मालिक और बीमाकर्ता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध नहीं होगा, क्योंकि दावेदार को लापरवाही का दावा करने या उसे स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है। धारा 163ए संरचित सूत्र के आधार पर मुआवज़े के भुगतान के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है। जस्टिस सी.प्रतीप कुमार ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम माधवन एम (2011) में डिवीजन बेंच के फैसले पर भरोसा करते हुए इस प्रकार टिप्पणी की,“यद्यपि...

ईसाइयों द्वारा सिविल कानून के अनुसार किया गया वैध दत्तक ग्रहण कैनन कानून के तहत मान्यता प्राप्त: केरल हाईकोर्ट
ईसाइयों द्वारा सिविल कानून के अनुसार किया गया वैध दत्तक ग्रहण कैनन कानून के तहत मान्यता प्राप्त: केरल हाईकोर्ट

ऐसा करते हुए न्यायालय ने पूर्वी चर्चों के कैनन संहिता का संदर्भ दिया, जहां दत्तक बच्चों का उल्लेख है। इसके अलावा कैनन 110 जिसका पालन ईसाइयों के कुछ संप्रदायों द्वारा किया जाता है, यह प्रावधान करता है कि नागरिक कानून के मानदंड के अनुसार गोद लिए गए बच्चों को उस व्यक्ति या व्यक्तियों के बच्चे माना जाता है, जिन्होंने उन्हें गोद लिया है।जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने कहा कि यद्यपि भारत में ईसाइयों के लिए गोद लेने को मान्यता देने वाला कोई व्यक्तिगत कानून नहीं है लेकिन सिविल कानून के अनुसार वैध दत्तक ग्रहण को...

हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी वकील को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार, कहा- यह पेशे के लिए शर्मनाक
हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी वकील को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार, कहा- 'यह पेशे के लिए शर्मनाक'

केरल हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने वाले वकील की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की। न्यायालय ने पाया कि प्रथम दृष्टया वकील के खिलाफ मामला बनता है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 482 (4) के तहत प्रतिबंध के कारण उसकी जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।BNSS की धारा 482 (4) भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 65 और धारा 70 (2) के तहत आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से रोकती है। BNS की धारा 65 12 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के बलात्कार से संबंधित है। BNS की...

POSH Act | केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा- जांच के दरमियान शिकायतकर्ता की पहचान सार्वाजनिक ना हो, इसके लिए दिशानिर्देश तैयार करें
POSH Act | केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा- जांच के दरमियान शिकायतकर्ता की पहचान सार्वाजनिक ना हो, इसके लिए दिशानिर्देश तैयार करें

केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH अधिनियम) के तहत जांच कार्यवाही के दौरान शिकायतकर्ता के विवरण को सार्वजनिक डोमेन से गुमनाम करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा कि वर्तमान में POSH अधिनियम के तहत जांच कार्यवाही के दौरान शिकायतकर्ता के विवरण को गुमनाम करने के लिए कोई तंत्र नहीं है।हालांकि, जस्टिस ए मुहम्मद मुस्ताक और जस्टिस पी कृष्ण कुमार की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इससे उस...

केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रैगिंग रोकने के लिए नियम बनाने वाले कार्य समूह का मसौदा दाखिल करने को कहा
केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रैगिंग रोकने के लिए नियम बनाने वाले कार्य समूह का मसौदा दाखिल करने को कहा

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार (19 मार्च) को राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर कार्य समूह का मसौदा दाखिल करने को कहा, जिसका उद्देश्य राज्य में रैगिंग की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए व्यापक नियम बनाना है।चीफ जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस सी. जयचंद्रन की स्पेशल बेंच ने पहले कहा कि रैगिंग गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत वैधानिक तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य सरकार को नियमों का मसौदा तैयार करने और यह आकलन करने के लिए कि केरल रैगिंग निषेध अधिनियम 1998 में किसी संशोधन की आवश्यकता है या नहीं विभिन्न...