संपादकीय

राज्य में शराबबंदी महिलाओं और बच्चों के आंसू पोंछने के लिए आवश्यक: मद्रास हाईकोर्ट की सरकार से अपील
राज्य में शराबबंदी 'महिलाओं और बच्चों के आंसू पोंछने के लिए' आवश्यक: मद्रास हाईकोर्ट की सरकार से अपील

मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै बेंच) ने सरकार से अपील की कि, वह राज्य में शराबबंदी लागू करे, ताकि महिलाओं और बच्चों के आंसू पोंछे जा सकें। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोर्ट, लोगों की शराब पीने की आदतों के कारण समाज में जो कुछ भी हो रहा है, उससे नजर नहीं हटा सकता है।न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरन और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की खंडपीठ ने कहा कि,"हालांकि यह एक कठिन काम है, फिर भी लोगों को पीने और शराब बेचने से रोकने के लिए अपील करने के लिए लोगों को हतोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास करना पड़ता है।"महत्वपूर्ण...

सुप्रीम कोर्ट ने NDTV प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को सेबी जुर्माने के खिलाफ SAT में अपील की सुनवाई के लिए सुरक्षा राशि जमा करने से छूट दी
सुप्रीम कोर्ट ने NDTV प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को सेबी जुर्माने के खिलाफ SAT में अपील की सुनवाई के लिए सुरक्षा राशि जमा करने से छूट दी

एनडीटीवी के प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को राहत देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष सुरक्षा राशि जमा करने से छूट दी, जिसमें इनसाइडर ट्रेडिंग से संबंधित एक मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( सेबी) द्वारा लगाए गए 16.9 करोड़ रुपये से अधिक के दंड के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई होनी है।भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि, "मामले की सुनवाई के लिए अपीलकर्ताओं (प्रणय रॉय और राधिका रॉय) से कोई राशि कठोर तरीके से वसूल...

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बीमार मां से मिलने के लिए पत्रकार सिद्दीक कप्पन को पांच दिनों की अंतरिम जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बीमार मां से मिलने के लिए पत्रकार सिद्दीक कप्पन को पांच दिनों की अंतरिम जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा दायर अंतरिम जमानत अर्जी को अनुमति दी जिसमें अपनी 90 साल की बीमार मां की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति और अपने बेटे को देखने की अंतिम इच्छा का हवाला देते हुए पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की मांग की गई है।सीजेआई एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने आदेश दिया,"यह प्रस्तुत किया गया है कि मां एक गंभीर स्थिति में है और यह संभावना है कि वह कई दिनों तक जीवित नहीं रहेगी। इन परिस्थितियों में, हम कप्पन को अपनी मां से मिलने और फिर 5 वें दिन के...

लोगों की निजता आपके पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण है  : सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप की नई नीति के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया
"लोगों की निजता आपके पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण है " : सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप की नई नीति के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने फेसबुक और व्हाट्सएप को भारत में नई निजता नीति को लागू करने से रोकने और यूरोपीय क्षेत्र के लिए लागू नीति को यहां लागू करने के निर्देश वाले एक आवेदन पर नोटिस जारी करते हुए "लोगों की निजता आपके धन से अधिक महत्वपूर्ण है" टिप्पणी की।सीजेआई ने कहा कि लोगों ने व्हाट्सएप की नई नीति के संबंध में निजता के अपने अधिकार के बारे में गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं और कंपनी को 4 सप्ताह के भीतर एक जवाबी हलफनामा दाखिल करके अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।इसमें कहा गया है...

अगर भ्रूण को एक विकल्प दिया जाए, तो वह निश्चित रूप से यह स्वीकार करेगा कि उसकी जन्म लेने की इच्छा नहीं है: मद्रास हाईकोर्ट ने 15 साल की लड़की को गर्भावस्था समाप्त करने की अनुमति दी
'अगर भ्रूण को एक विकल्प दिया जाए, तो वह निश्चित रूप से यह स्वीकार करेगा कि उसकी जन्म लेने की इच्छा नहीं है': मद्रास हाईकोर्ट ने 15 साल की लड़की को गर्भावस्था समाप्त करने की अनुमति दी

मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै बेंच) ने पिछले महीने विरुधुनगर जिले की एक 15 वर्षीय लड़की की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देते हुए कहा था कि यदि नाबालिग के गर्भ में पल रहे भ्रूण को इस समय कोई विकल्प दिया जाए, तो वह निश्चित रूप से यह घोषणा करेगा कि वह पैदा होने की इच्छा नहीं रखता है। न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन की खंडपीठ एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपनी भांजी (जे) की गर्भावस्था को समाप्त करवाने की अनुमति देने की मांग की थी। 'जे' के पिता की मृत्यु वर्ष 2012 में हो गई थी...

न्यायिक कर्तव्यों का त्याग: ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में कानूनी विशेषज्ञों ने बिना वकील को सुने दिशा रवि को रिमांड पर भेजने पर सवाल उठाए
'न्यायिक कर्तव्यों का त्याग': ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में कानूनी विशेषज्ञों ने बिना वकील को सुने दिशा रवि को रिमांड पर भेजने पर सवाल उठाए

ग्रेटा थनबर्ग 'टूलकिट' मामले में मजिस्ट्रेट के 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को रिमांड में लेने के फैसले की आलोचना करते हुए आपराधिक कानून के जानकार वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका माममेन जॉन ने कहा कि यह "न्यायिक कर्तव्यों के त्यागने का चौंकाने वाला संकेत" है। अधिवक्ता रेबेका दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के मजिस्ट्रेट के आचरण पर गहरी निराशा व्यक्त की, जिन्होंने दिल्ली पुलिस की पांच दिन की हिरासत के लिए युवती को रिमांड पर भेजा, बिना यह सुनिश्चित किए कि उसे वकील द्वारा प्रतिनिधित्व दिया जा रहा...

उपभोक्ता फोरम ने कहा,बेटी के नौंवी कक्षा में फेल होने के बाद कोचिंग सेंटर पिता को फीस वापस करे
उपभोक्ता फोरम ने कहा,बेटी के नौंवी कक्षा में फेल होने के बाद कोचिंग सेंटर पिता को फीस वापस करे

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत 'सेवा में कमी' के लिए एक कोचिंग संस्थान को जिम्मेदार मानते हुए बेंगलूरु में स्थित जिला उपभोक्ता निवारण फोरम ने इस संस्थान को निर्देश दिया है कि वह उस पिता से ली गई फीस वापस करें, जिसकी बेटी कक्षा 9 की परीक्षा में फेल हो गई थी। एक त्रिलोक चंद गुप्ता की तरफ से दायर शिकायत में यह कहा गया था कि संस्थान द्वारा किए गए आश्वासनों और वादों पर भरोसा करते हुए उन्होंने 69,408 रूपये का भुगतान करके अपनी बेटी को दाखिला इस संस्थान में करवाया था,जो 9 वीं कक्षा में पढ़ रही थी। ...

पर्सनल लॉ को आर्टिकल 14,15,21 के समक्ष टेस्ट नहीं किया जा सकता है: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाक के लिए एक समान आधार की मांग करने वाली जनहित याचिका में पक्षकार बनने की मांग की
''पर्सनल लॉ को आर्टिकल 14,15,21 के समक्ष टेस्ट नहीं किया जा सकता है'': ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाक के लिए एक समान आधार की मांग करने वाली जनहित याचिका में पक्षकार बनने की मांग की

तलाक के एक समान आधार की मांग करने वाली जनहित याचिका की प्रार्थना पर सवाल उठाते हुए, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खुद को पक्षकार बनाने की मांग करते एक आवेदन दायर किया है जिसमें कहा गया है कि पर्सनल लॉ के मामलों में धार्मिक संप्रदाय का टेस्ट भारतीय संविधान के ''आर्टिकल 14, 15, 21, और 25'' के समक्ष नहीं किया जा सकता है। एक वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की तरफ से दायर जनहित याचिका के मामले में इस आवेदन को अधिवक्ता एम आर शमशाद के माध्यम से दायर किया गया है। इस जनहित याचिका में ...

राइट टू प्रोटेस्ट कभी भी और कहीं भी नहीं हो सकता; सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग जजमेंट के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका खारिज की
"राइट टू प्रोटेस्ट कभी भी और कहीं भी नहीं हो सकता"; सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग जजमेंट के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग जजमेंट के खिलाफ दायर की गई उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि असंतोष व्यक्त करने वाले प्रदर्शन निर्धारित स्थानों पर होना चाहिए।पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि विरोध का अधिकार, कभी भी और कहीं भी नहीं हो सकता।कोर्ट ने कहा कि,"हमने पहले के न्यायिक घोषणाओं पर विचार किया है और अपनी राय दर्ज की है कि संवैधानिक योजना, विरोध प्रदर्शन और असंतोष व्यक्त करने के अधिकार के साथ...

केवल मानसिक स्थिति सही होने के डॉक्टर का प्रमाण पत्र की अनुपस्थिति स्वत: सिद्ध तरीके से मृत्यू पूर्व बयानों को अस्वीकार्य नहीं करेगी : सुप्रीम कोर्ट 
केवल मानसिक स्थिति सही होने के डॉक्टर का प्रमाण पत्र की अनुपस्थिति स्वत: सिद्ध तरीके से मृत्यू पूर्व बयानों को अस्वीकार्य नहीं करेगी : सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि केवल मानसिक स्थिति सही होने के डॉक्टर का प्रमाण पत्र की अनुपस्थिति स्वत: सिद्ध तरीके से मृत्यू पूर्व बयानों को अस्वीकार्य नहीं करेगी।इस मामले में अभियुक्तों की दलील यह थी कि सजा पूरी तरह से मृतक के मृत्यू पूर्व बयानों पर आधारित है जो किसी भी अपराध को साबित नहीं करता है। यह तर्क दिया गया था कि मृत्यू पूर्व बयानों को रिकॉर्ड करने के समय डॉक्टर का प्रमाणपत्र नहीं था, इसलिए डॉक्टर के प्रमाण पत्र के बिना मृत्यू पूर्व बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता था।दूसरी ओर,...

स्कीन टू स्कीन जजमेंट देने वाली जज जस्टिस पुष्पा वी गणेदीवाला को स्थायी न्यायाधीश नहीं बनाया जाएगा, संशोधित सिफारिश स्वीकार
स्कीन टू स्कीन जजमेंट देने वाली जज जस्टिस पुष्पा वी गणेदीवाला को स्थायी न्यायाधीश नहीं बनाया जाएगा, संशोधित सिफारिश स्वीकार

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस पुष्पा वी गणेदीवाला को स्थायी न्यायाधीश नहीं बनाने के लिए की गई संशोधित सिफारिश को स्वीकार करते हुए, कानून और न्याय मंत्रालय ने एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल बढ़ाया है।मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि जस्टिस गणेदीवाला 13 फरवरी से एक और वर्ष के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्य जारी रखेंगी।गौरतलब है कि 27 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले के तहत आरोपी को बरी करने पर रोक लगा...

मुनव्वर फारुकी केस: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सह अभियुक्त प्रखर व्यास और एडविन एंथॉय को अंतरिम जमानत दी
मुनव्वर फारुकी केस: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सह अभियुक्त प्रखर व्यास और एडविन एंथॉय को अंतरिम जमानत दी

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (इंदौर खंडपीठ) ने (शुक्रवार) मुनव्वर फारुकी के सह अभियुक्त प्रखर व्यास और एडविन एंथोनी को अंतरिम जमानत दी, जिन्हें एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में 2 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति रोहित आर्य की एकल पीठ ने उनके द्वारा दायर जमानत आवेदनों पर नोटिस जारी करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (न्यायमूर्ति रोहित आर्य की पीठ) द्वारा उनकी जमानत अर्जी को खारिज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के पास जाने के बाद मुनव्वर...

सुप्रीम कोर्ट ने बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की याचिका पर सुनवाई 6 हफ्ते टाली
सुप्रीम कोर्ट ने बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की याचिका पर सुनवाई 6 हफ्ते टाली

केंद्र सरकार द्वारा दया याचिका पर भारत के राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार करने का अनुरोध करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मौत की सजा के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुनवाई को टाल दिया।भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है और राष्ट्रपति दया याचिका पर फैसला लेंगे।एसजी ने उल्लेख किया कि बलवंत सिंह को 1995 में संभवतः खालिस्तानी भावनाओं के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री की हत्या के लिए मौत की सजा...

सुप्रीम कोर्ट ने नकली समाचारों और भड़काऊ मैसेज की जांच के लिए तंत्र तैयार करने की भाजपा नेता की याचिका पर ट्विटर को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने नकली समाचारों और भड़काऊ मैसेज की जांच के लिए तंत्र तैयार करने की भाजपा नेता की याचिका पर ट्विटर को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा नेता विनीत गोयनका द्वारा दायर उस जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर के माध्यम से प्रसारित होने वाले नकली समाचारों और भड़काऊ मैसेज की जांच करने के लिए तंत्र तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई।याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने प्रस्तुत किया कि याचिका में ट्विटर पर घृणित विज्ञापनों और भारत विरोधी सामग्री की स्क्रीनिंग करने की व्यवस्था करने के लिए आग्रह है।याचिका में...

अलग आस्था/ अंतर जातीय विवाह से उत्पन्न होने वाले सामाजिक रूप से संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम हों : सुप्रीम कोर्ट
अलग आस्था/ अंतर जातीय विवाह से उत्पन्न होने वाले सामाजिक रूप से संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम हों : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को कुछ दिशानिर्देश और प्रशिक्षण कार्यक्रम तय करने का निर्देश दिया कि कैसे अंंतर- विवाह से उत्पन्न होने वाले सामाजिक रूप से संवेदनशील मामलों को संभालना है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने उस पुलिस अधिकारी की आलोचना की जिसने एक लड़की के पिता द्वारा दर्ज की गई 'लापता लोगों' की एफआईआर को बंद करने से इनकार कर दिया, यहां तक ​​कि उसे पता चल गया था कि उसने एक व्यक्ति से शादी कर ली थी और उसके साथ रह रही है। दंपति ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 9: भारत के संविधान के अंतर्गत धर्म की स्वतंत्रता
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 9: भारत के संविधान के अंतर्गत धर्म की स्वतंत्रता

पिछले आलेख में भारत के संविधान से संबंधित बन्दीकरण विरोध से संबंधित संवैधानिक संरक्षण के संदर्भ में अनुच्छेद 22 का उल्लेख किया गया था, इस आलेख में भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत प्राप्त धर्म की स्वतंत्रता के संबंध में उल्लेख किया जा रहा है।धर्म की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकारभारत के संविधान के अनुच्छेद 25 से लेकर 28 तक धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के संबंध में उल्लेख किया गया है। संविधान में पंथनिरपेक्ष राज्य शब्द को अभिव्यक्त रूप से उल्लेखित नहीं किया गया है परंतु इस बात का कोई...

कंज्यूमर फोरम के पास 45 दिनों के बाद लिखित बयान स्वीकार करने के लिए कोई शक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट
कंज्यूमर फोरम के पास 45 दिनों के बाद लिखित बयान स्वीकार करने के लिए कोई शक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने (गुरुवार) अपने फैसले को दोहराते हुए कहा कि, उपभोक्ता मंच (Consumer Forum) के पास 45 दिनों के बाद लिखित बयान स्वीकार करने के लिए कोई अधिकार क्षेत्र और / या शक्ति नहीं है।इस मामले में, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कर्नाटक राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा दिए गए आदेश की पुष्टि की, जिसमें उपभोक्ता शिकायत पर लिखित संस्करण / लिखित बयान दर्ज करने में देरी के लिए माफी मांगने वाले आवेदन को खारिज कर दिया गया। अस्वीकृति इस आधार पर थी कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के...

एक वर्षीय एलएलएम पाठ्यक्रम समाप्त करने वाले बीसीआई के नियम इस वर्ष लागू नहीं होंगे : बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
एक वर्षीय एलएलएम पाठ्यक्रम समाप्त करने वाले बीसीआई के नियम इस वर्ष लागू नहीं होंगे : बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एक वर्षीय एलएलएम पाठ्यक्रम समाप्त करने वाले बीसीआई नियम को इस वर्ष लागू नहीं किया जाएगा। बीसीआई प्रेसिडेंट मनन कुमार मिश्रा ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया, "बीसीआई के नियमों में एक वर्षीय एलएलएम पाठ्यक्रम समाप्त करने का प्रस्ताव शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 से लागू किया जाना प्रस्तावित है।"कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि बीसीआई अध्यक्ष का यह आश्वासन इस साल के...