संपादकीय

सुप्रीम कोर्ट ने वाईएसआर कांग्रेस सांसद कृष्णम राजू का सिकंदराबाद सेना अस्पताल में चिकित्सा परीक्षण कराने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने वाईएसआर कांग्रेस सांसद कृष्णम राजू का सिकंदराबाद सेना अस्पताल में चिकित्सा परीक्षण कराने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद के रघुराम कृष्णम राजू, जिन्हें आंध्र प्रदेश पुलिस ने उनकी आलोचनात्मक टिप्पणी को लेकर देशद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार किया है, को हिरासत में यातना के आरोपों के संबंध में चिकित्सा परीक्षण के लिए सेना अस्पताल, सिकंदराबाद ले जाया जाए।जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजू द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका में आदेश पारित किया, जिसने उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
एनपीए घोषित ना करने के आदेश की "जानबूझकर अवहेलना" करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल

दो कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शीर्ष अदालत के 3 सितंबर 2020 के आदेश का उल्लंघन करने के लिए सजा देने की मांग की है, जिसमें उसने घोषणा की थी कि "जिन खातों को 31 अगस्त 2020 तक एनपीए घोषित नहीं किया गया था, उन्हें अगले आदेश तक एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा"याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित 3 सितंबर 2020 के आदेश और निर्देशों का जानबूझकर उल्लंघन करने के लिए अवमाननाकर्ताओं को नोटिस जारी करने की मांग की गई है और मांग की गई है कि शीर्ष न्यायालय की अवमानना ​​​​के लिए अवमानना ​​करने...

COVID-19 के कारण मृत व्यक्तियों के परिजनों को 4 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिये जाने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर
COVID-19 के कारण मृत व्यक्तियों के परिजनों को 4 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिये जाने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर

COVID-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को चार लाख रुपये या आर्थिक मुआवजे के तौर पर एक निर्धारित अनुग्रह राशि दिये जाने की मांग संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है।याचिका में मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये के मुआवजे की मांग यह कहते हुए की गयी है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 कहती है कि राष्ट्रीय प्राधिकार आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को न्यूनतम मानक वाली राहत के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा, जिसके तहत जान जाने की स्थिति में अनुग्रह राशि का प्रावधान...

COVID-19 वैक्सीन बनाने और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
COVID-19 वैक्सीन बनाने और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पीएम-केयर्स फंड का इस्तेमाल COVID-19 की वैक्सीन बनाने और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने और तत्काल जेनरेटर खरीदने और उन्हें 738 जिला अस्पतालों में लगाने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है। वर्तमान में COVID-19 के इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की सख्त मांग है और इससे ये सभी चीजें आम लोगों के लिए बिना किसी कीमत के आसानी से उपलब्ध हों सकेंगी। अधिवक्ता विप्लव शर्मा द्वारा दायर याचिका में अदालत से मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन से संबंधित मेडिकल...

किसी को भी ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा, उपयोगकर्ता छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं; आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी के पास समान प्राइवेसी पॉलिसी है: व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा
'किसी को भी ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा, उपयोगकर्ता छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं; आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी के पास समान प्राइवेसी पॉलिसी है': व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर हलफनामे में व्हाट्सएप ने प्रस्तुत किया कि नई अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी (वर्ष 2021 की) किसी भी तरह से मित्रों और परिवार के बीच किए गए व्यक्तिगत मैसेज (अपने उपयोगकर्ताओं के) की निजता को प्रभावित नहीं करती है।फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने हलफनामे में कहा कि अपडेट अनिवार्य नहीं है और व्हाट्सएप किसी को भी अपडेट को स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है।नई व्हाट्सएप नीति के मुताबिक उपयोगकर्ता को 2021 अपडेट को स्वीकार करने की स्वतंत्रता देता है या वे ऐसा नहीं करने का...

किसी मध्यस्थता खंड का अस्तित्व अदालत को अनुबंध मामले में एक रिट याचिका पर सुनवाई करने से प्रतिबंधित नहीं करता है : सुप्रीम कोर्ट
किसी मध्यस्थता खंड का अस्तित्व अदालत को अनुबंध मामले में एक रिट याचिका पर सुनवाई करने से प्रतिबंधित नहीं करता है : सुप्रीम कोर्ट

किसी मध्यस्थता खंड का अस्तित्व अदालत को एक रिट याचिका पर सुनवाई करने से प्रतिबंधित नहीं करता है, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 मई 2021) को पारित एक फैसले में कहा।इस मामले में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड द्वारा दायर एक रिट याचिका की अनुमति दी, जिसमें कार्यकारी अभियंता, उन्नाव यूपीपीटीसीएल द्वारा भवन और अन्य निर्माण कर्मचारी कल्याण अधिनियम, 1996 की धारा 3 की उपधारा (1) और (2), के साथ पढ़ते हुए निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर नियम, 1998, नियम 3 और नियम 4 (1),...

सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है: सीजेआई एनवी रमाना
'सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है': सीजेआई एनवी रमाना

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने गुरुवार को कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम करने के प्रस्ताव पर सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं।सीजेआई रमाना ने ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की वर्चुअल सुनवाई के लिए पत्रकारों के लिए मोबाइल सुविधा शुरू करने के लिए आयोजित एक वर्चुअल समारोह में की।सीजेआई रमाना ने कहा कि,"सक्रिय रूप से कुछ न्यायालयों के लिए कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर विचार किया जा रहा है, लेकिन इसे शुरू करने से पहले सभी न्यायाधीशों से आम सहमति लेनी होगी।"भारत के तत्कालीन...

प्रवासी मजदूरों को एनसीआर में सूखा राशन दें और सामुदायिक रसोई स्थापित करें : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और हरियाणा को दिया निर्देश
प्रवासी मजदूरों को एनसीआर में सूखा राशन दें और सामुदायिक रसोई स्थापित करें : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और हरियाणा को दिया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों को सूखा राशन प्रदान करने का निर्देश दिया।सूखा राशन प्रदान करते समय राज्यों के अधिकारियों को उन प्रवासी मजदूरों के लिए पहचान पत्र पर जोर नहीं देना है जो उस समय उनके पास नहीं होगा और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों द्वारा की गई स्वयं-घोषणा पर उन्हें सूखा राशन दिया जाए।इसके अलावा, दिल्ली सरकार, यूपी और हरियाणा राज्यों को भी फंसे हुए प्रवासी...

सूचना के प्रसार के लिए मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है: सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों को वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने के लिए मोबाइल सुविधा शुरू की
'सूचना के प्रसार के लिए मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है': सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों को वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने के लिए मोबाइल सुविधा शुरू की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मोबाइल ऐप द्वारा मीडिया कर्मी को वर्चुअल सुनवाई का लिंक प्रदान करने की सुविधा शुरू की।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने वर्चुअल कार्यक्रम में इस सुविधा का शुभारंभ किया, जिसमें जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस हेमंत गुप्ता ने भी शामिल थे।जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस खानविल्कर COVID-19 हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।सीजेआई ने मोबाइल सुविधा शुरू करने के अलावा यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर "इंडिकेटिव नोट्स" की एक...

न्यायिक शक्ति की चौंकाने वाली क़वायद : सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्तगी के 20 साल बाद तीसरी याचिका पर सुनवाई करने के एमपी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई
'न्यायिक शक्ति की चौंकाने वाली क़वायद' : सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्तगी के 20 साल बाद तीसरी याचिका पर सुनवाई करने के एमपी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई

इसे "न्यायिक शक्ति की चौंकाने वाली क़वायद" कहते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की एकल पीठ और डिवीजन बेंच के निर्णयों पर रोक लगा दी है, जिसके द्वारा नगर परिषद के कर्मचारी की तीसरी रिट याचिका में उसकी बर्खास्तगी के 20 साल बाद उसे पूरी मज़दूरी के साथ फिर से बहाल करने के आदेश दिए गए थे।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के 1 सितंबर, 2020 के फैसले से उत्पन्न एसएलपी (नगर परिषद द्वारा ) सुनवाई कर रही थी, जिसके द्वारा 20 फरवरी, 2020 के एकल...

एससीबीए ने COVID प्रभावित सदस्यों को 25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि, अस्पताल में भर्ती सदस्यों के लिए एक लाख रुपये के अतिरिक्त सहयोग की घोषणा की
एससीबीए ने COVID प्रभावित सदस्यों को 25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि, अस्पताल में भर्ती सदस्यों के लिए एक लाख रुपये के अतिरिक्त सहयोग की घोषणा की

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने अपने उन सदस्यों को 'एससीबीए COVID-19 अनुदान योजना 2021' के तहत एक बारगी 25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने का फैसला किया है, जो COVID पॉजिटिव पाये गये हैं । यह योजना उन सदस्यों के लिए उपलब्ध होगी जो एक मार्च 2021 या उसके बाद से कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए हैं।पात्र सदस्य अपना आवेदन scbacovidgrant2021@gmail.com पर भेज सकते हैं।सदस्यों को इस बाबत किसी भी मान्यता प्राप्त टेस्टिंग लैब / अस्पताल/ मोहल्ला क्लिनिक / सरकारी अधिकारी का प्रमाणन उपलब्ध...

अदालतें उचित मामलों में सीआरपीसी की धारा 167 के तहत हाउस अरेस्ट का आदेश दे सकती हैं: सुप्रीम कोर्ट
'अदालतें उचित मामलों में सीआरपीसी की धारा 167 के तहत हाउस अरेस्ट का आदेश दे सकती हैं': सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतें उचित मामलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 के तहत घर में नजरबंदी (हाउस अरेस्ट) का आदेश दे सकती हैं।कोर्ट ने कहा कि कोर्ट हाउस अरेस्ट का आदेश देने के लिए उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति और आरोपियों के पहले व्यवहार, अपराध की प्रकृति, हिरासत के अन्य रूपों की आवश्यकता और हाउस अरेस्ट की शर्तों को लागू करने की क्षमता जैसे मानदंडों पर विचार कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि सजा के बाद के मामलों के संबंध में हाउस अरेस्ट को नियोजित करने के बारे में विचार करने के लिए...

23 साल की एक लड़की/महिला सही या गलत का फैसला करना जानती है: दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार, अश्लील वीडियो बनाने के आरोपी को जमानत दी
'23 साल की एक लड़की/महिला सही या गलत का फैसला करना जानती है': दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार, अश्लील वीडियो बनाने के आरोपी को जमानत दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार और अश्लील वीडियो बनाने और इसके बाद लड़की को वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देने के आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि,"वर्ष 2019 से तीन वर्ष पहले अभियोजन पक्ष की आयु 23 वर्ष रही होगी और इस न्यायालय की राय में 23 साल में एक लड़की / महिला यह जानती है कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत।न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने कहा कि,"मुख्य रूप से विचाराधीन एफआईआर वर्ष 2019 में दर्ज की गई है और अभियोजन पक्ष की आयु 26 वर्ष बताई गई है। एफआईआर के अनुसाल अभियोजन पक्ष ने 2016...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सिर्फ एक पक्ष की भाषा दिक्कत सीआरपीसी 406 के तहत किसी मामले को ट्रांसफर का आधार नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सीआरपीसी की धारा 406 के तहत किसी मामले को केवल इसलिए ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है क्योंकि पक्षकार उस अदालत की भाषा को नहीं समझता जिसके पास मामले की सुनवाई करने के लिए अधिकार क्षेत्र है।अदालत ने ये कहते हुए राजकुमार साबू द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका को खारिज कर दिया जिसने सेलम की कोर्ट में लंबित एक आपराधिक मामले को इसलिए दिल्ली की एक अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की थी कि वह तमिल भाषा नहीं समझ पा रहा है।उन्होंने श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीगल (द्वितीय), टी.एन. बनाम तमिलनाडु राज्य और अन्य ...

निजी अस्पतालों के बिल बढ़े- चढ़े और अनुचित : देशभर में कोविड 19 उपचार की लागत को नियंत्रित करने के तंत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
निजी अस्पतालों के बिल बढ़े- चढ़े और अनुचित : देशभर में कोविड 19 उपचार की लागत को नियंत्रित करने के तंत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

निजी अस्पतालों द्वारा कोविड रोगियों के व्यावसायिक शोषण का आरोप लगाते हुए, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है जिसमें निजी / कॉरपोरेट अस्पतालों में कोविड 19 रोगियों के उपचार के लिए राष्ट्रव्यापी लागत संबंधी नियमों की मांग की गई है।दलीलों में कहा गया है कि वर्तमान में जब राष्ट्र महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, तो को रियायती दरों पर सार्वजनिक भूमि पर चल रहे सभी निजी अस्पतालों, या 'धर्मार्थ संस्थानों' की श्रेणी के अस्पतालों को नि: शुल्क और गैर-लाभ के आधार पर कोविड मरीजों को अस्पताल...

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा में गौतम नवलखा की डिफ़ॉल्ट जमानत की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा में गौतम नवलखा की डिफ़ॉल्ट जमानत की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गौतम नवलखा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया जिसमें भीमा कोरेगांव मामले में डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग की थी।नवलखा गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि की गणना करते हुए 2018 में अपनी गैरकानूनी हिरासत की 34 दिन की अवधि को शामिल करना चाहते थे।जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले की पुष्टि करते हुए नवलखा की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने 26 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।इस मामले में मुख्य दलील यह थी कि...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चुनाव ड्यूटी के दौरान COVID-19 के कारण मतदान अधिकारियों की हुई मौत के लिए कम-से-कम 1 करोड़ रूपये मुआवजा देने के लिए कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चुनाव ड्यूटी के दौरान COVID-19 के कारण मतदान अधिकारियों की हुई मौत के लिए कम-से-कम 1 करोड़ रूपये मुआवजा देने के लिए कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार को यूपी पंचायत चुनावों के दौरान COVID-19 के कारण मतदान अधिकारियों की हुई मौत के लिए उनके परिवार वालों को कम-से-कम 1 करोड़ रूपया मुआवजे के रूप में देना चाहिए।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने कहा कि,"यह ऐसा मामला नहीं है कि किसी ने चुनाव के दौरान अपनी सेवाएं देने के लिए स्वेच्छा से काम किया। चुनाव के दौरान कर्तव्यों को निभाने के लिए नियुक्त किए गए लोगों को अनिवार्य रूप से काम कराया गया, जबकि वे लोगों ने इसके प्रति...

बेहतरीन आदेश: केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के COVID-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में प्रति दिन वार्ड की कीमत 3000 रुपये के भीतर तय करने के आदेश की सराहना की
'बेहतरीन आदेश': केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के COVID-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में प्रति दिन वार्ड की कीमत 3000 रुपये के भीतर तय करने के आदेश की सराहना की

केरल हाईकोर्ट ने निजी अस्पतालों में COVID-19 उपचार की कीमत को युक्तिसंगत बनाने के उपायों पर चर्चा करने के दौरान केरल सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में COVID-19 के उपचार के लिए कीमत तय करने के नवीनतम आदेश की सराहना की।जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस डॉ. कौसर एडापागथ की पीठ ने कहा कि सरकार के आदेश ने इस संबंध में न्यायालय के बोझ को काफी हद तक कम कर दिया।कोर्ट को आज की सुनवाई में राज्य के अटॉर्नी जनरल ने सूचित किया कि अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं-मान्यता प्राप्त अस्पतालों (एनएबीएच...