स्टॉकिंग: अगर कोई पीछा करे तो कहां करें शिकायत?
Brij Nandan
5 April 2023 5:03 PM IST
What to do if you are being stalked- केस रूपन देओल बजाज बनाम केपीएस गिल। पहले दोनों जन का परिचय जान लीजिए। 1980 के दशक के अंतिम दौर में सुपरकॉप के नाम से जाने जानेवाले पुलिस अधिकारी केपीएस गिल की तूती बोलती थी। वहीं, रूपन देओल बजाज एक सीनियर महिला आईएएस अधिकारी थी।
तारीख आती है 18 जुलाई 1988। उस समय गिल पंजाब के पुलिस महानिदेशक थे। रूपन देओल बजाज पंजाब के फाइनेंस डिपार्टमेंट में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थीं। गृह सचिव की मेज़बानी में एक पार्टी का आयोजन होता है। पार्टी में रुपन देओल भी गई थीं।
देओल का कहना था कि रात्रि के करीब 10:00 बजे होंगे। गिल ने उन्हें बुलाया और कहा वो कुछ बात करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी उंगली से उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि खड़ी हो जाओ और मेरे साथ चलो। जब वो चल रही थीं तो तो गिल उनके पीछे हाथ मारा। देओल को बहुत बुरा लगा। उन्होंने गिल के खिलाफ IPC की धारा 341, 342, 352, 354 और 509 के मुकदमा दर्ज कराया। छेड़खानी से जुड़ा मामला था। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गिल को 3 महीने की जेल की सजा सुनाई थी।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध। और इसको लेकर बनाए गए कानून। IPC की धारा 354 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों और सजा के बारे में विस्तार से बताया गया है।
एक और केस के बारे में जान लीजिए।
एक बयान आता है। लड़की गलत समय पर बाहर जाएगी तो स्टॉकिंग से नहीं रोका जा सकता। ये बयान बीजेपी नेता रामवीर भाटी ने दिया था। छेडखानी का मामला था। साल 2017। जगह चंडीगढ़। उस समय के हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला पर एक लड़की से छेड़खानी का आरोप लगा। लड़की हरियाणा के सीनियर आईएएस वीएस कुंडू की बेटी थी। विकास और उसके चार दोस्तों पर नशे में लड़की का पीछा करने, छेड़छाड़ और किडनैपिंग का मामला दर्ज हुआ था। हमारे देश में लड़की का पीछा करने को लेकर ये पहला मामला नहीं है। लड़कियां आए दिन स्टॉकिंग, छेड़खानी जैसी दिक्कतों से गुजरती हैं।
लड़की का पीछा करना, जबरदस्ती दोस्ती करने की कोशिश ये सारे ही तरीके बॉलीवुड की फिल्मों में प्यार के इजहार के लिए अपनाए जाते रहे हैं। यानी हिंदी फिल्मों में छेड़छाड़ को ग्लोरिफाई करने की कोशिश होती है। इसका हमारे समाज पर भी असर देखने को मिलता है। लेकिन हम महिलाओं की सुरक्षा की बात करेंगे। हम न्याय की बात करेंगे। हम कानून की बात करेंगे।
जहां स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया हो या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई हो. ऐसे मामलों में पुलिस आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है। इसके तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
आईपीसी की धारा-354 को 4 कैटेगरी में बांटा गया है वे हैं-A, B, C, D लड़की का पीछा करने पर आईपीसी की धारा-354 डी के तहत केस दर्ज होता है।
जो कोई पुरूष किसी स्त्री का पीछा किसी गलत इरादे से करता है तो वो इस धारा के तहत दंडित किया जाएगा। पहली बार ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर दोषी को तीन साल तक की जेल की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरी बार इस अपराध में दोषी पाए जाने पर अपराधी को पांच साल की जेल और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
इस धारा में ये भी बताया गया है अगर किसी को कानून की तरफ से किसी लड़की की सुरक्षा के लिए कोई आदेश मिला है तो वह स्टॉकिंग नहीं कहलाएगा। लेकिन इसके लिए उसे साबित करना होगा कि उसे पीछा करने का कोई आदेश मिला है।
आपके सवाल पर आते हैं। अगर कोई पीछा कर रहा है तो क्या करना चाहिए। सबसे पहले पुलिस स्टेशन जाएं। शिकायत दर्ज कराएं। अगर पुलिस स्टेशन दूर है तो ऐसे समय 1091 नंबर पर कॉल कर शिकायत करें। राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट पर जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
साल 2022 में नाबालिग लड़की का पीछा करने पर मुंबई की अदालत ने एक शख्स को IPC की धारा 354 D के तहत दोषी ठहराया था। दो साल जेल की सजा सुनाई थी। दोषी ने कोर्ट में तर्क दिया कि वो अपने काम की वजह से सेम रूट का इस्तेमाल करता था। कोर्ट इस तर्क को खारिज कर दिया और और कहा- लड़की को पता होता है कि कौन उसका पीछा कर रहा है और कौन बस रास्ते से गुजर रहा है।