संपादकीय

COVID के दौरान 9855 बच्चे अनाथ हुए, 1,32,113 बच्चे माता-पिता में से किसी एक को खो दिए और 508 बच्चे त्याग दिए गए: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
COVID के दौरान 9855 बच्चे अनाथ हुए, 1,32,113 बच्चे माता-पिता में से किसी एक को खो दिए और 508 बच्चे त्याग दिए गए: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बाल स्वराज पोर्टल-COVID केयर पर अपलोड किए गए डेटा के अनुसार अप्रैल 2020 से लेकर 7 दिसंबर, 2021 तक 9855 बच्चे अनाथ हुए और 1,32,113 बच्चे माता-पिता में से किसी एक को खो दिए और 508 बच्चों को त्याग दिया गया।अतिरिक्त हलफनामा एनसीपीसीआर द्वारा शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड किए गए डेटा के आधार पर बच्चों की स्थिति के संबंध में दायर किया गया है, जो देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले...

यौन शक्ति बढ़ाने वाली गोलियां एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों को आकर्षित नहीं करती, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को जमानत दी
यौन शक्ति बढ़ाने वाली गोलियां एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों को आकर्षित नहीं करती, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने एनडीपीएस के आरोपी को जमानत देते हुए कहा है कि पुरुष शक्ति बढ़ाने के लिए बनाई गई यौन शक्ति बढ़ाने वाली गोलियां एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों को आकर्षित नहीं करती हैं।इस मामले में विशेष अदालत ने आरोपी को इस आधार पर जमानत दी थी कि उसके पास से न तो कोई नशीला पदार्थ मिला है और न ही तलाशी के दौरान उसके आवास या कार्यालय से कोई प्रतिबंधित पदार्थ बरामद हुआ है।जब्त सामग्री के संबंध में परीक्षण रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है और यह स्थापित नहीं किया गया था कि जो गोलियां, अभियुक्तों के...

सुप्रीम कोर्ट ने ओला, उबर, जोमैटो, स्विगी जैसे ऐप के लिए कामगार के लाभ देने गिग वर्कर्स की याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने ओला, उबर, जोमैटो, स्विगी जैसे ऐप के लिए कामगार के लाभ देने गिग वर्कर्स की याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ओला, उबर, जोमैटो, स्विगी आदि जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी, कूरियर और टैक्स एग्रीगेटर्स एप्लिकेशन द्वारा नियोजित "गिग वर्कर्स" के लिए सामाजिक सुरक्षा अधिकारों की मांग वाली एक रिट याचिका पर नोटिस जारी किया।न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ ने "इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (आईएफएटी)" द्वारा दायर रिट याचिका में नोटिस जारी किया।याचिकाकर्ता संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने शुरुआत में प्रस्तुत किया, "हम एक घोषणा चाहते हैं कि ड्राइवर या...

NEET-PG: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी में 1:5 सीट की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा
NEET-PG: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी में 1:5 सीट की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें मेडिकल काउंसलिंग कमेटी को निर्देश देने की मांग की गई थी कि नीट पीजी एडमिशन में उम्मीदवार के अनुपात में 1: 5 सीट का पालन करें, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने आनंद एस बीजी बनाम केरल राज्य के फैसले में निर्देश दिया था।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित हाईकोर्ट का रुख करें।इसके बाद, याचिकाकर्ताओं के वकील डॉ. चारू माथुर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए याचिका वापस लेने की...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सह-आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल न होना, आरोपी के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने का आधार नहीं हो सकता, जिसके खिलाफ जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई: सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने हाल ही में बैंक को धोखा देने और संपत्ति का बेईमान से वितरण को प्रेरित करने के आपराधिक साजिश से संबंधित एक मामले में कहा है कि केवल इसलिए कि कुछ अन्य व्यक्ति जिन्होंने अपराध किया हो, लेकिन उन्हें आरोपी के रूप में नहीं रखा गया है और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया है, यह उन आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का आधार नहीं हो सकता, जिन पर गहन जांच के बाद चार्जशीट किया गया है।"मामला सुवर्णा सहकारी बैंक लिमिटेड बनाम...

सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते समय एफआईआर/शिकायत में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता या सच्चाई की जांच नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते समय एफआईआर/शिकायत में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता या सच्चाई की जांच नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए एक हाईकोर्ट एफआईआर/ शिकायत में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता या वास्तविकता के बारे में कोई जांच शुरू नहीं कर सकता है।जस्टिस एमआर शाह और बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, धारा 482 सीआरपीसी के तहत शक्तियां बहुत व्यापक हैं, लेकिन व्यापक शक्तियों के कारण अदालत को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।इस मामले में भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण और आवास और शहरी विकास विभाग, ओडिशा सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन...

NEET-PG: सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी में उम्मीदवारों के अनुपात में 1:5 सीट की मांग वाली याचिका दायर
NEET-PG: सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी में उम्मीदवारों के अनुपात में 1:5 सीट की मांग वाली याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिसमें मेडिकल काउंसलिंग कमेटी को निर्देश देने की मांग की गई है कि नीट पीजी एडमिशन में उम्मीदवारों के अनुपात में 1: 5 सीट का पालन करें, जैसा कि आनंद एस बीजी बनाम केरल राज्य के फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित है।याचिका आनंद एस बीजी बनाम केरल राज्य 2012 13 एससीसी 713 में निर्धारित शर्त 3 को संदर्भित करती है। इसमें कहा गया है कि आवंटन के लिए उपलब्ध सीटों की कुल संख्या का 5 गुना या सभी योग्य उम्मीदवारों में से जो भी कम हो, उन्हें ऑनलाइन...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
विवेकाधीन कोटे के आधार पर सार्वजनिक संपत्तियों का आवंटन खत्म करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवेकाधीन कोटे के आधार पर सार्वजनिक संपत्तियों के आवंटन को समाप्त किया जाना चाहिए।न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने कहा कि इस तरह का आवंटन पारदर्शी होना चाहिए और निष्पक्ष और गैर-मनमाना होना चाहिए ।कोर्ट ने कहा कि जिस मामले में भी एक विशेष वर्ग-दलित वर्ग आदि को भूखंड आवंटित करने के लिए नीतिगत निर्णय लिया जाता है, उस मामले में भी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।इस मामले में, भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण और आवास एवं शहरी विकास विभाग,...

एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 के प्रावधानों का पालन वाहन की तलाशी के मामले में करना आवश्यक नहीं : सुप्रीम कोर्ट
एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 के प्रावधानों का पालन वाहन की तलाशी के मामले में करना आवश्यक नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की धारा 50 के प्रावधानों का पालन केवल व्यक्तिगत तलाशी (संदिग्ध लोगों की तलाशी) के मामले में किया जाना आवश्यक है, लेकिन वाहन की तलाशी के मामले में धारा 50 के प्रावधानों का पालन करना आवश्यक नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि केवल इसलिए कि स्वतंत्र गवाहों से पूछताछ नहीं की गई, यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि आरोपी को झूठा फंसाया गया।जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने एनडीपीएस मामले में एक आरोपी...

सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (06 दिसंबर, 2021 से 10 दिसंबर, 2021) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं, सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।अपराध में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी अभियोजन पक्ष के मामले को अविश्वसनीय नहीं करेगी जो प्रत्यक्ष साक्ष्य पर निर्भर है: सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को माना कि अपराध में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी अभियोजन पक्ष के मामले को अविश्वसनीय नहीं करेगी जो कि प्रत्यक्ष साक्ष्य पर निर्भर करता है।...

क्या कार्ड जारी करने वाले बैंक पर इंटरचेंज फीस के लिए सर्विस टेक्स लगेगा : सुप्रीम कोर्ट ने विभाजित फैसला सुनाया
क्या कार्ड जारी करने वाले बैंक पर इंटरचेंज फीस के लिए सर्विस टेक्स लगेगा : सुप्रीम कोर्ट ने विभाजित फैसला सुनाया

सुप्रीम कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने इस मुद्दे पर एक अलग दृष्टिकोण लिया कि क्या कार्ड जारी करने वाले बैंक क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए जो इंटरचेंज फीस चार्ज कर रहे हैं, वह सर्विस टेक्स के अधीन होना चाहिए?न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की राय थी कि कार्ड जारी करने वाले बैंकों द्वारा प्रदान की गई सेवा के लिए इंटरचेंज फीस प्राप्त होती है, इसलिए ये सर्विस टेक्स के अधीन होने के लिए उत्तरदायी है।न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट इससे सहमत थे कि जारीकर्ता बैंक सेवा प्रदान कर रहा है, लेकिन जस्टिस जोसेफ के विपरीत उन्होंने...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने एक ही व्यक्ति के खिलाफ दर्ज 95 एफआईआर और उनके क्रिमिनल ट्रायल को एक ही अदालत में स्थांतरित करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक आरोपी द्वारा दायर रिट याचिका में नोटिस जारी किया। इस आरोपी के खिलाफ देश के अलग अलग शहरों में 95 एफआईआर दर्ज हैं, जिसमें पांच राज्यों में लंबित एफआईआर और उसके परिणामी ट्रायल और सुनवाई के लिए उन्हें एक ही कोर्ट के समक्ष लाने की मांग की गई है।जस्टिस एलएन राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने इस मामले को प्रशांत छगन पाटिल और अन्य बनाम मेसर्स फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड डब्ल्यूपी (आपराधिक) 331/2020 के साथ भी टैग किया।जब मामला सुनवाई के लिए आया तो याचिकाकर्ता की...

दिल्ली प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता आयोग से निर्माण प्रतिबंध हटाने, औद्योगिक प्रतिबंधों में ढील देने पर फैसला करने को कहा
दिल्ली प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता आयोग से निर्माण प्रतिबंध हटाने, औद्योगिक प्रतिबंधों में ढील देने पर फैसला करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक सप्ताह के भीतर निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध हटाने पर निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी।कोर्ट ने आदेश दिया,"हम आयोग को विभिन्न उद्योगों और संगठनों के अनुरोधों की जांच करने का निर्देश देते हैं, जो हमारे आदेशों के आधार पर या अन्यथा उनके परिपत्रों के अनुसार लगाए गए शर्तों में छूट के संबंध में हैं। हमें उम्मीद है कि आयोग एक सप्ताह में इस पर गौर करेगा ।" चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमाना,...

अपराध में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी अभियोजन पक्ष के मामले को अविश्वसनीय नहीं करेगी जो प्रत्यक्ष साक्ष्य पर निर्भर है: सुप्रीम कोर्ट
अपराध में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी अभियोजन पक्ष के मामले को अविश्वसनीय नहीं करेगी जो प्रत्यक्ष साक्ष्य पर निर्भर है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को माना कि अपराध में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी अभियोजन पक्ष के मामले को अविश्वसनीय नहीं करेगी जो कि प्रत्यक्ष साक्ष्य पर निर्भर करता है।सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक बैलिस्टिक विशेषज्ञ द्वारा रिपोर्ट पेश करने में विफलता, जो प्रकृति और चोट के कारण की गवाही दे सकती है, विश्वसनीय प्रत्यक्ष साक्ष्य पर संदेह जताने के लिए पर्याप्त नहीं है।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली आरोपी द्वारा दायर...

सीआरपीसी की धारा 427- नशीली दवाओं की तस्करी के मामलों में एक साथ सजा की अनुमति नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
सीआरपीसी की धारा 427- 'नशीली दवाओं की तस्करी के मामलों में एक साथ सजा की अनुमति नहीं दी जा सकती': सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछली सजा के साथ-साथ बाद की सजा (एक साथ सजा) को चलाने के लिए अपराधों की प्रकृति के आधार पर विवेकपूर्ण ढंग से विचार किया जाना चाहिए।न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि एनडीपीएस मामलों में सीआरपीसी की धारा 427 के तहत विवेकाधिकार लागू करते हुए भी विवेक उस आरोपी के पक्ष में नहीं होगा जो मादक पदार्थों की अवैध तस्करी में लिप्त पाया जाता है।अदालत ने एनसीबी के माध्यम से मोहम्मद जाहिद बनाम राज्य मामले में देखा,"एनडीपीएस अधिनियम के मामले में सजा देते...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
पॉलिसी के नवीनीकरण के दौरान बीमाकर्ता को पॉलिसी शर्तों में बदलाव का खुलासा करना होगा : सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों को मेडिक्लेम राहत दी

सुप्रीम कोर्ट ने दो वरिष्ठ नागरिकों को मेडिक्लेम राहत की अनुमति देते हुए कहा कि पॉलिसी के नवीनीकरण (Renewal) के समय पॉलिसी धारक को पॉलिसी की शर्तों में बदलाव का खुलासा करने की बीमा एजेंट की विफलता उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के दायरे में 'सेवा में कमी' के समान होगी।जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ जैकब पुनेन और अन्य बनाम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के एक आदेश के खिलाफ अपील पर विचार कर रही थी, जिसने अपीलकर्ताओं को राहत...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
अगर एक बेटी अपने पिता से उसकी शिक्षा में सहयोग की उम्मीद कर रही है तो उसे भी बेटी की भूमिका निभानी होगी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक वैवाहिक विवाद की सुनवाई करते हुए कहा कि एक बेटी को यह समझना चाहिए कि अगर वह पिता से उसकी शिक्षा में सहयोग की उम्मीद कर रही है तो उसे भी बेटी की भूमिका निभानी होगी।न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने कहा कि बेटी ने पिता से मिलने या उनसे फोन पर बात करने से इनकार कर दिया है।कोर्ट ने कहा, "बेटी को इस बात की भी सराहना करनी चाहिए कि अगर वह पिता/अपीलकर्ता से उसकी शिक्षा में सहयोग की उम्मीद कर रही है, तो उसे भी बेटी की भूमिका निभानी होगी।" वर्तमान मामले...

हम स्पष्ट करेंगे कि अतिसंवेदनशील गवाह की परिभाषा बाल गवाह  तक ही सीमित न रहे  : सुप्रीम कोर्ट
"हम स्पष्ट करेंगे कि 'अतिसंवेदनशील गवाह' की परिभाषा 'बाल गवाह ' तक ही सीमित न रहे " : सुप्रीम कोर्ट

हर जिले में अतिसंवेदनशील गवाहों के बयान अदालत कक्षों की स्थापना के संबंध में, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि वह स्पष्ट करेगा कि 'अतिसंवेदनशील गवाह' की परिभाषा 'बाल गवाहों' तक सीमित नहीं हो सकती।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच महाराष्ट्र राज्य बनाम बंडू में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में अतिसंवेदनशील गवाह अदालत कक्ष स्थापित करने की आवश्यकता पर व्यापक मुद्दे के रूप में एक विविध आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। 2019 में, महाराष्ट्र...