मुख्य सुर्खियां
भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376A की वैधता को दी गई थी चुनौती, तेलंगाना हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका
तेलंगाना हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक जनहित याचिका को खारिज़ कर दिया, जिसमें भारतीय दंड संहिता की कुछ धाराओं की वैधता को चुनौती दी गई थी। जनहित याचिका में किए गए मुख्य अनुरोध- (a) भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और धारा 376 ए की घोषणा करना, अब तक यह 16 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ बलात्कार के अपराध के लिए मृत्युदंड का प्रावधान नहीं करता है क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है, और फलस्वरूप उस सीमा तक इसे असंवैधानिक घोषित करना। (b) संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के उल्लंघन...
गोद लेने से जैविक पिता के साथ रिश्ता खत्म नहीं होताः मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल में दिए गए फैसले में एक नाबालिग लड़की के जन्म प्रमाण पत्र में मृतक जैविक पिता के नाम की जगह दत्तक पिता का नाम डालने से इनकार कर दिया। दत्तक पिता लड़की की जैविक मां का दूसरा पति है। अदालत किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 56 (2), गोद लेने के विनियमों (52) (4) और 55 (2) के साथ पढ़ें, के तहत मामले की सुनवाई कर रही थी। मामले में दत्तक पिता की नियुक्ति के लिए प्रार्थना की गई थी, (जैविक मां ने नाबालिग लड़की को अपने दूसरे पति को गोद देने के लिए...
अदालतों में शारीरिक रूप से कामकाज शुरू होने पर अधिवक्ता पूर्ण सहयोग करें और इसका पूरा उपयोग करें : बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने अधिवक्ताओं से अनुरोध किया
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ( BCD) ने अपने अध्यक्ष एडवोकेट केसी मित्तल के माध्यम से एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से अदालत के प्रतिबंधात्मक कामकाज की लंबी अवधि के दौरान होने वाली कठिनाई को कम करने के लिए अधिवक्ताओं से अदालत के शारीरिक रूप से शुरू होने का पूर्ण रूप से सहयोग करने और उसका उपयोग करने का अनुरोध किया है। 'अपील टू एडवोकेट्स' शीर्षक से जारी बयान में कहा गया है कि समन्वय समितियों और बार एसोसिएशनों और एडवोकेट जनरल के लिए यही समय है कि वे मुख्य...
COVID उपचार के संबंध में अस्पताल में आंदोलन की खबर के प्रकाशन के पीछे विद्वेषपूर्ण आशय का होना नहीं कहा जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने संपादक को अग्रिम ज़मानत दी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार (17 अगस्त) को 'आनंदबाजार पत्रिका' के एक पूर्व संपादक को जमानत देते हुए कहा कि COVID रोगियों के उपचार के संबंध में एक सरकारी अस्पताल में सार्वजनिक आंदोलन को लेकर समाचार आइटम का प्रकाशन, विद्वेषपूर्ण आशय (Malicious Intention) से नहीं कहा जा सकता है। न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा एवं न्यायमूर्ति जोय्मल्या बागची की खंडपीठ ने यह बात उस मामले में कही, जहाँ संपादक/याचिकाकर्ता ने एक समाचार आइटम/रिपोर्ट का प्रकाशन किया था। क्या था यह मामला? दरअसल संपादक/याचिकाकर्ता ने उक्त...
''पुलिस इस मामले की जांच से अपना पल्ला झाड़ रही है " : बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को दिया निर्देश, पुलिस क्रूरता के कारण हुई मौत के मामले की जांच के लिए गठित करें एसआईटी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मुंबई के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह 24 घंटे के अंदर ''एकदम स्वच्छ छवि और निर्विवाद क्षमता'' वाले दो अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम गठित करें ताकि वह विले पारले मेंं 22 वर्षीय व्यक्ति की मौत की जांच ''स्वतंत्र और निष्प्क्ष'' रूप से कर सकें। पारले पर लाॅकडाउन के दौरान 29 मार्च को पुलिस अधिकारियों ने हमला किया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ इस मामले में एक वकील फिरदौस ईरानी की तरफ से...
[कुदाथयी मर्डर] मात्र इसलिए कि याचिकाकर्ता एक महिला है, वह जमानत की हकदार नहीं, केरल हाईकोर्ट ने रद्द की जॉली की जमानत
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल इसलिए कि याचिकाकर्ता एक महिला है, वह जमानत की हकदार नहीं है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी कुदाथयी गांव की जॉली जोसेफ की जमानत याचिका को खारिज करते हुए की है। जॉली पर सायनाइड देकर अपने परिवार के छह सदस्यों की हत्या करने का आरोप है। उसने यह कृत्य 17 सालों की अवधि में किया था। जमानत याचिका की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि एक महिला होने के कारण के आरोपी धारा 437 (1) सीआरपीसी के पहले प्रावधान की हकदार है, जिसमें कहा गया है कि 'अदालत यह निर्देश दे सकती है कि...
जमानत आवेदनों में वास्तविक शिकायतकर्ता को, उन मामलों को छोड़कर, जिनमें कानून ऐसा कहता हो, नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं हैः केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि न्यायालय के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह वास्तविक (डिफैक्टो) शिकायतकर्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए एक स्वतः नोटिस जारी करे या उन मामलों को छोड़कर, जिसमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता और अन्य अधिनियमों में ऐसा आग्रह किया गया हो या जमानत अदालत को लगता हो कि उस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में वास्तविक शिकायतकर्ता को भी सुना जाना है, को छोड़कर, अभियुक्त को निर्देश दे कि वह जमानत याचिका में वास्तविक शिकायतकर्ता को आरोपित करे। इस मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 420,...
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में चार न्यायिक अधिकारियों और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में तीन अधिवक्ताओं की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में चार न्यायिक अधिकारियों और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में तीन अधिवक्ताओं की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है। 14 अगस्त को हुई अपनी बैठक में, कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में निम्नलिखित न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी। संजय कुमार पचोरी (जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बरेली) सुभाष चंद्र शर्मा (पीठासीन अधिकारी, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वसन और पुनर्वास प्राधिकरण, कानपुर नगर)। ...
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश, फिजिकल एक्जाम 14 सितंबर तक आयोजित करवाएं, पीडब्ल्यूडी श्रेणी के छात्रों के ठहरने और परिवहन की सुविधा देने पर करें विचार
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि वह उन छात्रों की पहचान करे जो शारीरिक रूप सेे (फ़िज़िकल) परीक्षा देने के इच्छुक हैं। साथ ही उनके ठहरने और परिवहन की सुविधा देने के तौर-तरीकों पर विचार करें। दिल्ली विश्वविद्यालय के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी निर्देश दिया गया है कि एक हलफनामा दायर करें और बताएं कि शारीरिक रूप से परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों में पीडब्ल्यूडी श्रेणी के छात्रों की आसान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए क्या तौर-तरीकों अपनाए जाने चाहिए। ...
[अनुच्छेद 300 ए] कानूनी अधिकार के बिना कार्यकारी आदेश के जरिए वेतन और पेंशन पर रोक नहीं लगाई जा सकती हैः आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने लॉकडाउन में कर्मचारियों के भुगतान रोकने के सरकारी आदेश को रद्द किया
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को, "इक्विटी जुरिस्डिक्शन" के प्रयोग में, राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन के विलंबित हिस्से को 12% की दर से ब्याज के साथ वितरित करे। अदालत ने भुगतानों को विलंबित करने के सरकारी आदेशों को रद्द कर दिया और उन्हें अनुच्छेद 14, 15, 16, 21 और 300-ए का उलंघन बताया। अदालत ने निर्देशों को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद 25 (1) के तहत गारंटीकृत आजीविका के अधिकारों के खिलाफ भी बताया। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन और वित्तीय संकट...
अभियुक्तों ने पूरी घटना को दबाया जैसे वे त्रासदी की प्रतीक्षा कर रहे हों : गुजरात हाईकोर्ट ने औद्योगिक दुर्घटना के लिए कारखाने के प्रबंधकों को माना प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 304 का दोषी, अग्रिम ज़मानत देने से इनकार
''अगर कोई आज भी भोपाल का दौरा करता है, तो उस त्रासदी की दहशत आज भी मानव विवेक को हिला देती है।'' मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट ने दिसम्बर 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी का संदर्भ देते हुए राज्य के एक रासायनिक कारखाने के आरोपी प्रबंधकीय कर्मचारियों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। जून माह में इस कारखाने में हुई एक औद्योगिक दुर्घटना के चलते 10 श्रमिकों की मृत्यु हो गई थी और 77 अन्य घायल हो गए थे। पीठ ने मई माह में एल.जी.पॉलिमर केमिकल प्लांट, विशाखापत्तनम ,आंध्र प्रदेश में हुई औद्योगिक...
कानून की जानकारी न होना कोई बहाना नहीं हो सकता : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि 'कानून की जानकारी न होना कोई बहाना नहीं हो सकता।' हाईकोर्ट ने यह बात जर्मनी के उस नागरिक को कही जिसने दलील दी थी कि उसे ऐसा लगा था कि उसे भारत की नागरिकता स्वाभाविक रूप से हासिल हो चुकी है। रोनाल्ड मोएजल के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(1)(सी) और विदेशी नागरिक अधिनियम की धारा 14(ए) एवं (सी) के साथ पठित धारा 3 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद उसने अग्रिम जमानत के लिए केरल हाईकोर्ट से गुहार लगायी थी। कोर्ट के समक्ष उसने दलील दी कि वह जर्मनी का...
'घटना के दो साल बाद दायर की गई शिकायत' : बाॅम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में आरोपी सेना के मेजर को दी अग्रिम ज़मानत
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक दूरसंचार कंपनी में कार्यरत 28 वर्षीय आईटी इंजीनियर से बलात्कार करने के मामले में आरोपी मेजर अंशुमान झा को अग्रिम ज़मानत दे दी है। यह दोनों एक वैवाहिक साइट के जरिए मिले थे, जहां पर आवेदक ने बताया था कि वह सेना में मेजर के पद पर कार्यरत है और मणिपुर में तैनात है। न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने कहा कि बलात्कार की कथित घटना के दो साल बाद शिकायत दायर की गई थी, जो कई सवालों को जन्म दे रही है। इसके अलावा, जस्टिस डांगरे ने यह भी कहा कि इस स्तर पर आवेदक को हिरासत में लेकर ...
2018 के एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, अधिवक्ता की फेसबुक पोस्ट में हाईकोर्ट जज की आलोचना अवमानना नहीं
न्यायपालिका और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपने ट्वीट के लिए अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के फैसले के औचित्य पर हो रही तीखी बहस के बीच, 2018 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए एक आदेश महत्वपूर्ण है। यह फैसला एक न्यायाधीश के खिलाफ फेसबुक पोस्ट करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक वकील के खिलाफ अवमानना कार्रवाई से संबंधित था। मनीष वशिष्ठ, एक वकील और 'पंजाब केसरी' के एक संवाददाता ने हाईकोर्ट के जज न्यायामूर्ति इंद्रजीत सिंह के खिलाफ 2017 में एक फेसबुक...
छात्रों की पीठ के पीछे परीक्षा पर रोक लगाना, उनके हितों के लिए हानिकारकः बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस, नासिक (MUHS) द्वारा आयोजित बैचलर इन डेंटल सर्जरी और मास्टर्स इन डेंटल सर्जरी की परीक्षाओं पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दोनों परीक्षाएं क्रमशः 17 अगस्त और 25 अगस्त को आयोजित होनी हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि उन परीक्षार्थियों की पीठ के पीछे ऐसी परीक्षाओं को रद्द करना जो शारीरिक रूप से परीक्षा में बैठने के लिए तैयार हैं, उनके हितों के लिए हानिकारक होगा। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एसपी तावड़े की डिवीजन बेंच ने आकाश उदयसिंह...
"यदि रुपए दे दिये जाएंं तो अधिकारी झुक जाते हैं और नियमों का उल्लंघन कर देते हैं" :अनाधिकृत आवाजाही के पास जारी करने वाले भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी
''यह एक क्लासिक मामला है, जो यह दर्शाता है कि सरकारी कर्मचारी किसी भी स्थिति का उपयोग अवैध लाभ कमाने के लिए कर सकते हैं।'' मद्रास हाईकोर्ट ने एक चौंकानेे वाली घटना की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की है। इसमें महामारी के दौरान बच्चों को बिना उचित ई-पास के ही काम करने के लिए एक यार्न विनिर्माण औद्योगिक इकाई में भेज दिया गया था।जस्टिस एन किरुबाकरन और जस्टिस वीएम वेलुमनी की पीठ ने कहा कि- ''यह समझ नहीं आया कि बिना ई-पास से कैसे बच्चों को एक जिले से दूसरे जिले में लाना संभव हो पाया है। इसका...






![[कुदाथयी मर्डर] मात्र इसलिए कि याचिकाकर्ता एक महिला है, वह जमानत की हकदार नहीं, केरल हाईकोर्ट ने रद्द की जॉली की जमानत [कुदाथयी मर्डर] मात्र इसलिए कि याचिकाकर्ता एक महिला है, वह जमानत की हकदार नहीं, केरल हाईकोर्ट ने रद्द की जॉली की जमानत](https://hindi.livelaw.in//356568--.jpg)




![[अनुच्छेद 300 ए] कानूनी अधिकार के बिना कार्यकारी आदेश के जरिए वेतन और पेंशन पर रोक नहीं लगाई जा सकती हैः आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने लॉकडाउन में कर्मचारियों के भुगतान रोकने के सरकारी आदेश को रद्द किया [अनुच्छेद 300 ए] कानूनी अधिकार के बिना कार्यकारी आदेश के जरिए वेतन और पेंशन पर रोक नहीं लगाई जा सकती हैः आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने लॉकडाउन में कर्मचारियों के भुगतान रोकने के सरकारी आदेश को रद्द किया](https://hindi.livelaw.in//356201-andhra-pradesh-hc.jpg)




