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आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए नियमित अभियान एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्य: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा
आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए नियमित अभियान एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्य: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और नागरिक अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए प्रयास जारी रखने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस जसमीत सिंह की खंडपीठ ने कहा," उत्तरदाताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि वे आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए अपने प्रयास और अभियान जारी रखें, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्य है और इसे पूरी गंभीरता से किया जाना आवश्यक है।"अदालत ने आवारा कुत्तों की नसबंदी...

अपने सीनियर के प्रति ईमानदार रहें, थोड़ा सख्त होना सीखें: दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों का पहली पीढ़ी के वकीलों के लिए संदेश
अपने सीनियर के प्रति ईमानदार रहें, थोड़ा सख्त होना सीखें: दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों का पहली पीढ़ी के वकीलों के लिए संदेश

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों ने शुक्रवार को पहली पीढ़ी के वकीलों से आग्रह किया कि वे अपने सीनियर के प्रति वफादार और ईमानदार रहें और कानूनी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए थोड़ा सख्त होना सीखें।जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा दिल्ली हाईकोर्ट महिला वकील फोरम द्वारा "पहली पीढ़ी के वकीलों के सामने आने वाली चुनौतियां और क्षेत्र को समान करने के लिए प्रणालीगत समाधान: न्यायाधीशों का परिप्रेक्ष्य" विषय पर आयोजित तीसरी कॉफी चैट में बोल रहे थे।जस्टिस कैत ने कहा,"आप सभी के लिए...

नूंह में तोड़फोड़ कानून के मुताबिक की गई, किसी खास समुदाय को निशाना नहीं बनाया : हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया
नूंह में तोड़फोड़ कानून के मुताबिक की गई, किसी खास समुदाय को निशाना नहीं बनाया : हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया

हरियाणा के नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा ने कहा है कि कानून की प्रक्रिया का पालन किए बिना क्षेत्र में कोई भी तोड़फोड़ की गतिविधि नहीं की गई। उन्होंने आगे कहा कि अतिक्रमण/अनधिकृत निर्माणों को हटाते समय सरकार ने कभी भी जाति, पंथ या धर्म के आधार पर "पिक एंड चूज़ पॉलिसी" नहीं अपनाई। यह बयान इस महीने की शुरुआत में किए गए विध्वंस अभियान के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले में आया है।संपत्तियों को ध्वस्त करके एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने पर अदालत की आशंका का...

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश विशेष विवाह अधिनियम की धारा 27 के तहत तलाक की याचिका पर सुनवाई कर सकते हैं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश विशेष विवाह अधिनियम की धारा 27 के तहत तलाक की याचिका पर सुनवाई कर सकते हैं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के पास विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 27 के तहत दायर तलाक की याचिकाओं को सुनने और निस्तारित करने का अधिकार क्षेत्र है। जस्टिस आर रघुनंदन राव ने कहा कि एपी सिविल कोर्ट अधिनियम की धारा 11(2) जिला न्यायाधीश को मामलों को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश को स्थानांतरित करने का अधिकार देती है, जिससे उपरोक्त अवलोकन मजबूत होता है।कोर्ट ने कहा,“अन्यथा भी धारा 11(2) (एपी सिविल कोर्ट अधिनियम, 1972) जिला न्यायाधीश को किसी भी मामले को अतिरिक्त...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया, स्कूल के आसपास अशांति पैदा करने का आरोप
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया, स्कूल के आसपास अशांति पैदा करने का आरोप

कलकत्ता हाईकोर्ट ने तेहट्टा बालिका प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक के खिलाफ आपराधिक प्रक्रियाओं को रद्द करने से इनकार कर दिया। स्कूल में मुस्लिम छात्रों की ओर से अनाधिकृत रूप से 'नबी दिवस' मनाया गया था, जिसमें उस पर गैर-कानूनी जमावड़ा, दंगा, सार्वजनिक कर्मचारी को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद उन पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्यवाई शुरू की गई थी।याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज मामले को सुनवाई की ओर आगे बढ़ाने का निर्देश देते हुए जस्टिस शंपा (दत्त) पॉल की एकल पीठ ने...

संगठन की नीति के आधार पर कर्मचारी का स्थानांतरण आईपीसी के तहत आपराधिक धमकी/षड्यंत्र नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट
संगठन की नीति के आधार पर कर्मचारी का स्थानांतरण आईपीसी के तहत आपराधिक धमकी/षड्यंत्र नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को आईडीबीआई बैंक के ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर (याचिकाकर्ता) के खिलाफ कर्मचारी/विरोधी पक्ष संख्या 2 की ओर से शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। एक महिला सहकर्मी ने उसके खिलाफ कार्यस्‍थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी। जस्टिस अजॉय कुमार मुखर्जी की एकल पीठ ने यह मानते हुए कि याचिकाकर्ता को विपरीत पक्ष के स्थानांतरण के मामले में आपराधिक धमकी या आपराधिक साजिश के अपराधों का दोषी नहीं माना जा सकता है।कोर्ट ने कहा,'शिकायत के अनुसार याचिकाकर्ता ने केवल पिछली...

नूंह-गुरुग्राम विध्वंस: हाईकोर्ट ने सुनवाई स्थगित की, हरियाणा सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया
नूंह-गुरुग्राम विध्वंस: हाईकोर्ट ने सुनवाई स्थगित की, हरियाणा सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नूंह और गुरुग्राम में हुए डिमॉलिशन के खिलाफ स्वत: संज्ञान मामले में सुनवाई स्थगित कर दी है, ताकि हरियाणा सरकार इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर सके। चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस अरुण पल्ली की पीठ ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगने के एएजी दीपक सभरवाल के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। पीठ ने इस मामले में किसी भी हस्तक्षेप आवेदन पर विचार करने से भी इनकार कर दिया है।जस्टिस अरुण पल्ली और जगमोहन बंसल की पीठ ने 11 अगस्त को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के नियमों के खंड 5 में...

दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा
दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र और एक्टिविस्ट उमर खालिद की जमानत याचिका शुक्रवार को स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि उमर खालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं।फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आसपास की बड़ी साजिश में कथित संलिप्तता के कारण उन्हें यूएपीए के तहत आरोपी बनाया गया है, जिसमें वह अपने मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ खालिद की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें...

सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में मिली जमानत के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की,  सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को सुनवाई करेगा
सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में मिली जमानत के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की, सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चारा घोटाला मामलों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती देने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो की अपील को 25 अगस्त को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की। सीबीआई की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल, एसवी राजू ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से मामले को आज शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।पृष्ठभूमिझारखंड हाईकोर्ट ने 17.04.2021 को दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की...

कुछ डॉक्टर आर्थिक लाभ के लिए मानव जीवन की घोर उपेक्षा कर रहे हैं, इस महान पेशे को बदनाम कर रहे हैं: उड़ीसा हाईकोर्ट
कुछ डॉक्टर आर्थिक लाभ के लिए मानव जीवन की घोर उपेक्षा कर रहे हैं, इस महान पेशे को बदनाम कर रहे हैं: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भारत में डॉक्टर का स्थान भगवान के बाद माना जाता है, हालांकि कुछ चिकित्सक आर्थिक लाभ की उम्मीद में मानव जीवन की घोर उपेक्षा कर रहे हैं। इस प्रकार, वह इस महान पेशे को बदनाम कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा,"यह सच है कि कोई भी समझदार पेशेवर, विशेष रूप से एक डॉक्टर जानबूझकर कोई कार्य नहीं करेगा या ऐसा कार्य करने से चूक जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप जीवन की हानि हो। आपातकालीन स्थिति में एक चिकित्सक निश्चित रूप से रोगी का इलाज करने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास...

सहमति से बने संबंध से उत्पन्न गर्भावस्‍था को समाप्त करते समय डॉक्टरों को पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट में नाबालिग लड़की के नाम का खुलासा करने की जरूरत नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
सहमति से बने संबंध से उत्पन्न गर्भावस्‍था को समाप्त करते समय डॉक्टरों को पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट में नाबालिग लड़की के नाम का खुलासा करने की जरूरत नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि जब कोई नाबालिग सहमति से बने यौन संबंध से उत्पन्न गर्भावस्था को समाप्त करना चाहती है तो पंजीकृत चिकित्सक पोक्सो कानून की धारा 19 के तहत रिपोर्ट तैयार करने के लिए नाबालिग के नाम का खुलासा करने पर जोर नहीं दे सकता है। कोर्ट ने माना कि कभी-कभी नाबालिग और उनके अभिभावक मामले को आगे बढ़ाने में और खुद को कानूनी प्रक्रिया में उलझाने में रुचि नहीं रखते, ऐसे मामलों में नाबालिग के नाम का खुलासा किए बिना गर्भावस्था की समाप्ति की जा सकती है।जस्टिस आनंद...

Delhi Riots
दिल्ली दंगे: अदालत ने 'पूर्वनिर्धारित' आरोपपत्र दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की, सबूतों में हेरफेर का संदेह जताया, तीन लोगों को आरोप मुक्त किया

दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में तीन लोगों को आरोपमुक्त करते हुए कहा कि यह संदेहास्पद है कि दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी ने "सबूतों में हेरफेर" किया। अदालत ने कहा कि पुलिस ने "पूर्व निर्धारित और यांत्रिक तरीके" से आरोपपत्र दायर किया।कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा,“यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि आरोपमुक्त करने का यह आदेश यह महसूस करने के कारण पारित किया जा रहा है कि रिपोर्ट की गई घटनाओं की ठीक से और पूरी तरह से...

ट्रांसजेंडर के प्रति बढ़ती नफरत: मद्रास हाईकोर्ट ने भूमि आवंटन रद्द करने की मांग करने वाले पंचायत अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा
"ट्रांसजेंडर के प्रति बढ़ती नफरत": मद्रास हाईकोर्ट ने भूमि आवंटन रद्द करने की मांग करने वाले पंचायत अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में नैनार्कुप्पम पंचायत के अध्यक्ष को उस कानूनी आधार को स्पष्ट करने का निर्देश दिया, जिसके आधार पर उन्होंने कुड्डालोर जिला कलेक्टर को अभ्यावेदन भेजा गया। इस अभ्यावेदन में इलाके में ट्रांसपर्सन को सरकार द्वारा दिए गए पट्टे को रद्द करने की मांग की गई।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा दिए गए प्रतिनिधित्व से इलाके में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के प्रति उनकी नफरत का पता चलता है, जो असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(डी) का उल्लंघन है।अदालत ने...

प्रोजेक्ट की लागत 25 करोड़ से बढ़कर 950 करोड़ हो गई: इलाहाबाद हाईकोर्ट में लखनऊ के कन्वेंशन सेंटर जेपीएनआईसी को पूरा करने में देरी के खिलाफ जनहित याचिका दायर
प्रोजेक्ट की लागत 25 करोड़ से बढ़कर 950 करोड़ हो गई: इलाहाबाद हाईकोर्ट में लखनऊ के कन्वेंशन सेंटर जेपीएनआईसी को पूरा करने में देरी के खिलाफ जनहित याचिका दायर

इलाहाबाद हाईकोर्ट में लखनऊ में जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर का काम समय सीमा के भीतर पूरा करने और इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए चालू करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई।याचिकाकर्ता, एक पत्रकार ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों के अनुचित और अवैध कार्यों के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।2006 में तत्कालीन राज्य सरकार ने इंडिया हैबिटेट सेंटर, दिल्ली की तरह लखनऊ में भी जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर के नाम से सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया। यह लोगों के अधिकारों के...

मणिपुर हिंसा: हाईकोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग मिशन पर दर्ज एफआईआर में वकील का अंतरिम संरक्षण 13 सितंबर तक बढ़ाया
मणिपुर हिंसा: हाईकोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग मिशन पर दर्ज एफआईआर में वकील का अंतरिम संरक्षण 13 सितंबर तक बढ़ाया

मणिपुर हाईकोर्ट ने गुरुवार को एडवोकेट दीक्षा द्विवेदी को दी गई अंतरिम सुरक्षा को 13 सितंबर तक बढ़ा दिया। एडवोकेट के खिलाफ मणिपुर हिंसा के संबंध में एक फैक्ट फाइंडिंग मिशन में भाग लेने के बाद एक एफआईआर दर्ज की गई थी। द्विवेदी पर राजद्रोह, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश आदि के लिए मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी थी।जस्टिस गुणेश्वर शर्मा की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा इस...

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिवंगत एक्टर के जीवन पर आधारित फिल्म पर रोक लगाने से इनकार के खिलाफ सुशांत सिंह राजपूत के पिता की अपील पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिवंगत एक्टर के जीवन पर आधारित फिल्म पर रोक लगाने से इनकार के खिलाफ सुशांत सिंह राजपूत के पिता की अपील पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिवंगत बॉलीवुड एक्ट सुशांत सिंह राजपूत के पिता द्वारा एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके बेटे के जीवन पर आधारित फिल्म "न्याय: द जस्टिस" के जून 2021 में ओटीटी प्लेटफॉर्म लापालैप पर आगे प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया।जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस धर्मेश शर्मा की खंडपीठ ने फिल्म निर्माताओं से प्रतिक्रिया मांगी और मामले को 16 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।11 जुलाई को एकल न्यायाधीश ने फिल्म के निर्माताओं और निर्देशक...

जल्द युवावस्था तक पहुंचने वाली बच्ची की देखभाल के लिए पिता की बजाय मां को प्राथमिकता मिलती हैः बॉम्बे हाईकोर्ट
जल्द युवावस्था तक पहुंचने वाली बच्ची की देखभाल के लिए पिता की बजाय मां को प्राथमिकता मिलती हैः बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि एक लड़की के विकास के चरण के दौरान दादी या चाची मां का विकल्प नहीं हो सकती हैं, हाल ही में कहा है कि युवावस्था की उम्र प्राप्त करने वाली लड़की की कस्टडी का निर्णय करते समय उसके पिता की तुलना में उसकी मां को प्राथमिकता दी जाती है। जस्टिस शर्मिला यू देशमुख की पीठ ने तलाक के एक मामले में फैमिली कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें 8 वर्षीय लड़की की अंतरिम कस्टडी उसकी मां, जो एक डॉक्टर भी है, को सौंप दी है और पिता को बच्ची से मुलाक़ात करने का अधिकार दिया गया है। ...

दोषसिद्धि के बाद बेंच की संरचना में बदलाव होने पर सजा से पहले नए सिरे से सुनवाई की मांग करने का कोई आधार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
दोषसिद्धि के बाद बेंच की संरचना में बदलाव होने पर सजा से पहले नए सिरे से सुनवाई की मांग करने का कोई आधार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि जब दोषसिद्धि के आदेश के बाद पीठ की संरचना बदल जाती है तो नई सुनवाई की आवश्यकता नहीं होती है, खासकर जब पक्षकारों पर कोई पूर्वाग्रह नहीं होता।जस्टिस लिसा गिल और जस्टिस अर्चना पुरी की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि पीठ से एक न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति पूर्व निर्णय को अमान्य नहीं करती है।खंडपीठ ने कहा,“यह वास्तव में न्याय का मखौल होगा कि 29.01.2020 के फैसले को नजरअंदाज करते हुए अपीलों को नए सिरे से सुना जाना चाहिए, जबकि हमें उत्तरदाताओं को सजा देने से पहले...

परिसीमा अधिनियम की धारा 5 रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल एक्ट, 1987 के तहत कार्यवाही पर लागू होती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
परिसीमा अधिनियम की धारा 5 रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल एक्ट, 1987 के तहत कार्यवाही पर लागू होती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि परिसीमा अधिनियम, 1963 की धारा 5 रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (प्रक्रिया) नियम, 1989 के साथ पठित रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल एक्ट, 1987 के तहत कार्यवाही पर लागू होती है।जस्टिस अजय भनोट की पीठ रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के समक्ष दायर दावा आवेदन से उत्पन्न अपील पर फैसला सुना रही थी, जिसे गैर-अभियोजन पक्ष के कारण डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज कर दिया गया। इसके बाद दावेदार ने दावा आवेदन की बहाली के लिए आवेदन दायर किया, लेकिन उसे समय बाधित होने के कारण खारिज कर दिया गया।न्यायालय ने निम्नलिखित...

मैटरनिटी बेनिफिट अवश्य दिया जाना चाहिए, भले ही लाभ की अवधि संविदा रोजगार की अवधि से अधिक हो जाए: सुप्रीम कोर्ट
मैटरनिटी बेनिफिट अवश्य दिया जाना चाहिए, भले ही लाभ की अवधि संविदा रोजगार की अवधि से अधिक हो जाए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (17 अगस्त) को कहा कि मैटरनिटी बेनिफिट दिया जाना चाहिए, भले ही लाभ की अवधि संविदात्मक रोजगार की अवधि से अधिक हो। मैटरनिटी बेनिफिट संविदात्मक रोजगार की अवधि से आगे बढ़ सकते हैं।अदालत ने नियोक्ता को मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 की धारा 5 और 8 के अनुसार उपलब्ध मैटरनिटी बेनिफिट का भुगतान करने का निर्देश दिया और भुगतान 3 महीने के भीतर किया जाना है।अदालत ने रेखांकित किया कि क़ानून स्वयं रोजगार की अवधि से परे लाभों की निरंतरता की कल्पना करता है, यह दावा करते हुए कि एक्ट की धारा 5...