सुप्रीम कोर्ट ने एडमिशन के लिए OCI को NRI मानने संबंधी केंद्र के सर्कुलर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई

Shahadat

2 Oct 2024 10:17 AM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने एडमिशन के लिए OCI को NRI मानने संबंधी केंद्र के सर्कुलर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 सितंबर) को एक प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI) की याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई, जिसने मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए OCI को NRI मानने संबंधी सरकारी परिपत्र को चुनौती दी।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मेडिकल और इंजीनियरिंग एडमिशन के लिए OCI को सामान्य श्रेणी में मानने से रोकने वाले विवादित सर्कुलर को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने बताया कि याचिकाकर्ता OCI होने के कारण राज्य के 85% सामान्य श्रेणी कोटे के तहत आवेदन करने के योग्य है। हालांकि, इसके बाद गृह मंत्रालय द्वारा 4 मार्च, 2021 को सर्कुलर जारी किया गया, जिसमें OCI को सामान्य श्रेणी में मानने से रोक दिया गया। सर्कुलर के अनुसार, OCI स्टूडेंट केवल NRI सीटों या NEET, JEE (मेन्स) और JEEई (एडवांस्ड) जैसी अखिल भारतीय एडमिशन परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं और उन्हें भारतीय नागरिकों के लिए विशेष रूप से आरक्षित सीटों पर आवेदन करने से रोक दिया गया।

    सीनियर वकील ने कहा कि NRI कोटे के लिए फीस 1 लाख 10 हजार डॉलर है, जिसमें टोकन फीस 9 लाख है। रोहतगी ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता के पिता वीरता पुरस्कार विजेता हैं, इसलिए वे सामान्य श्रेणी में 1% कोटा के लिए योग्य हैं।

    "मेरे पिता वीरता पदक विजेता हैं; वे पंजाब राज्य में एक प्रतिशत कोटा के हकदार हैं - इसलिए सामान्य श्रेणी में मेरे पास 1% कोटा है।"

    रोहतगी ने स्थिति को "गलतियों की कॉमेडी" बताया। उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का उल्लेख किया, जिसने अन्य आवेदकों को परेशान करने के डर से हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

    सीजेआई ने याचिकाकर्ता के पिता के वीरता पुरस्कार को स्वीकार किया। मामले की आगे जांच करने के लिए नोटिस जारी करने का फैसला किया।

    "हम नोटिस जारी करेंगे। हम देखेंगे, आपके पिता वीरता पुरस्कार विजेता हैं।"

    फरवरी 2023 में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने माना कि केंद्र सरकार द्वारा 2021 में जारी अधिसूचना - जिसने ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) श्रेणी के छात्रों के सामान्य सीटों के लिए आवेदन करने के अधिकार को छीन लिया और उनके अधिकार को केवल अनिवासी भारतीयों (NRI) श्रेणी की सीटों तक सीमित कर दिया - अधिसूचना की तारीख से ही लागू होगी, जो 4 मार्च, 2021 है।

    कोर्ट ने आगे कहा,

    "इन सभी मामलों में याचिकाकर्ता और इसी तरह के अन्य सभी OCI कार्डधारक उन अधिकारों और विशेषाधिकारों के हकदार होंगे, जो उन्हें 04.03.2021 की अधिसूचना से पहले दिए गए थे और वे 04.03.2021 की अधिसूचना में किए गए बहिष्कार के बावजूद इसका लाभ उठा सकते हैं।"

    यह निर्णय OCI स्टूडेंट द्वारा 2021 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह में सुनाया गया।

    केस टाइटल: अरनव भार्गव बनाम बाबा फ़रीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज, फ़रीदकोट अपने रजिस्ट्रार के माध्यम से | एसएलपी (सी) संख्या 022927 - 022928 / 2024

    Next Story