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बॉम्‍बे रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत किराएदार को सबलेटिंग की अनुमति नहीं, जब तक कि अनुबंध में ऐसा प्रावधान ना हो: सुप्रीम कोर्ट
बॉम्‍बे रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत किराएदार को सबलेटिंग की अनुमति नहीं, जब तक कि अनुबंध में ऐसा प्रावधान ना हो: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में दोहराया कि बॉम्बे रेंट, होटल और लॉजिंग हाउस रेट्स (कंट्रोल) एक्ट, 1947 के लागू होने के बाद सबलेट (किराये पर ली गई संपत्ति को किराये पर देना ) करना वैध नहीं होगा, जब तक कि अनुबंध में स्पष्ट रूप से ऐसा प्रावधान नहीं किया गया है।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा,"इन प्रावधानों से यह स्पष्ट हो जाता है कि सामान्य प्रक्रिया में और किसी भी अन्य कानून में निहित किसी भी बात के बावजूद, जब तक कि अनुबंध खुद सबलेट करने की अनुमति नहीं देता है,...

जिला परिषद से नगर निगम में विलय होने पर भी कर्मचारी की जिला परिषद में वरिष्ठता की गणना होगी : सुप्रीम कोर्ट
जिला परिषद से नगर निगम में विलय होने पर भी कर्मचारी की जिला परिषद में वरिष्ठता की गणना होगी : सुप्रीम कोर्ट

जिला परिषद में नियुक्त किए गए और बाद में उनकी पारस्परिक वरिष्ठता के आधार पर पुणे नगर निगम में समाहित किए गए प्राथमिक शिक्षकों के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिला परिषद में रहते हुए वरिष्ठता के लिए उनकी सेवा को गिना जाना चाहिए।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे के माहेश्वरी ने कहा कि महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम, 1949 के परिशिष्ट IV के खंड (5) के साथ पठित धारा 439 के तहत स्पष्ट रूप से इसकी परिकल्पना की गई है। "इस तथ्य के बारे में कोई विवाद नहीं है कि धारा 5 (सी),...

अगर देश को लोकतंत्रिक रहना है तो प्रेस को स्वतंत्र रहना चाहिए: सीजेआई चंद्रचूड़
अगर देश को लोकतंत्रिक रहना है तो प्रेस को स्वतंत्र रहना चाहिए: सीजेआई चंद्रचूड़

“अगर प्रेस को सच बोलने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता को खतरा पैदा हो जाता है। अगर देश को लोकतंत्रिक रहना है तो प्रेस को स्वतंत्र रहना चाहिए।“ये बात सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कही। उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता और फेक न्यूज से समाज पर क्या असर पड़ेगा, इस पर बात की। दरअसल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 22 मार्च यानी बुधवार को रामनाथ गोयनका अवॉर्ड समारोह में चीफ गेस्ट के तौर पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। मीडिया को सत्ता के कठिन सवाल पूछने चाहिए। ये उनका...

SCBA सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि पर अधिकार नहीं जता सकता : सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक पक्ष पर एसोसिएशन की याचिका पर विचार करने से इनकार किया
SCBA सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि पर अधिकार नहीं जता सकता' : सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक पक्ष पर एसोसिएशन की याचिका पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा शीर्ष अदालत को आवंटित 1.33 एकड़ जमीन को वकीलों के चैंबर के लिए जगह के रूप में बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की याचिका पर न्यायिक पक्ष पर विचार नहीं कर सकता।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने कहा,"SCBA वकीलों के चैंबर में परिवर्तित करने के लिए केंद्र को आवंटित 1.33 एकड़ भूमि पर अधिकार का दावा नहीं कर सकता है।"हालांकि, बेंच ने प्रशासनिक पक्ष पर विचार करने के...

ज्यादातर महिला-केंद्रित फैसले पुरुष न्यायाधीशों द्वारा लिखे गए: जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि रूढ़िवादिता से बचना चाहिए
'ज्यादातर महिला-केंद्रित फैसले पुरुष न्यायाधीशों द्वारा लिखे गए': जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि रूढ़िवादिता से बचना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट की जज, जस्टिस हिमा कोहली ने एडवोकेट काउंसिल, सुप्रीम कोर्ट यूनिट द्वारा बुधवार को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में बोलते हुए संविधान के अधिकारों को पढ़कर न्यायशास्त्र को विकसित करने और विस्तार करने में पुरुष न्यायाधीशों की सराहना की, जिनका विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों को बनाए रखने और उनकी सुरक्षा के संदर्भ में उल्लेख नहीं किया गया।जस्टिस कोहली इस कार्यक्रम में 'एम्ब्रेसिंग इक्विटी इन जस्टिस डिलीवरी सिस्टम' विषय पर बोल रही थीं।उन्होंने महिला-केंद्रित निर्णयों की...

न्यायपालिका में अधिक महिलाओं को शामिल करने से यह सुनिश्चित होगा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया सभी स्तरों पर अधिक उत्तरदायी, समावेशी और भागीदारीपूर्ण है: जस्टिस बी.वी.नागरत्ना
न्यायपालिका में अधिक महिलाओं को शामिल करने से यह सुनिश्चित होगा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया सभी स्तरों पर अधिक उत्तरदायी, समावेशी और भागीदारीपूर्ण है: जस्टिस बी.वी.नागरत्ना

सुप्रीम कोर्ट की जज, जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने मंगलवार को कानूनी पेशे के विविधीकरण के लिए स्पष्ट आह्वान करते हुए कहा कि बार और बेंच में इसकी कमी से परिस्थितियों और कमजोर लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों और दूसरों के बीच ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समूह के लिए सहानुभूति की कमी होगी।सुप्रीम कोर्ट की जज बुधवार को एडवोकेट काउंसिल सुप्रीम कोर्ट इकाई द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह पर 'न्याय वितरण प्रणाली में समानता - आगे का रास्ता' विषय पर बोल रही थीं।अपना संबोधन शुरू करते...

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने पत्रकारों द्वारा न्यायाधीशों के भाषणों और निर्णयों को चुनिंदा रूप से कोट करने पर चिंता जताई
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने पत्रकारों द्वारा न्यायाधीशों के भाषणों और निर्णयों को चुनिंदा रूप से कोट करने पर चिंता जताई

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने बुधवार को मीडिया द्वारा न्यायाधीशों के भाषणों और निर्णयों के 'चयनात्मक' उद्धरण के बारे में चेतावनी दी, जिससे महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों की विकृत समझ पैदा हुई। सीजेआई ने कानूनी पत्रकारिता में होती वृद्धि और कोर्ट हॉल से निकलने वाली कहानियों में बढ़ती रुचि को ध्यान में रखते हुए इस नए विकासशील क्षेत्र में 'एकतरफा' रिपोर्टिंग के बारे में चिंता व्यक्त की।सीजेआई चंद्रचूड़ ने रामनाथ गोयनका फाउंडेशन के सहयोग से इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित पत्रकारिता पुरस्कारों में...

पूर्व सीजेआई यूयू ललित संविधान की मूल विशेषता के रूप में न्यायपालिका की स्वतंत्रता के विकास पर व्याख्यान देंगे
पूर्व सीजेआई यूयू ललित संविधान की मूल विशेषता के रूप में न्यायपालिका की स्वतंत्रता के विकास पर व्याख्यान देंगे

पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यूयू ललित 24 मार्च को शाम 4.40 बजे केरल हाईकोर्ट के सभागार में "संविधान की बुनियादी विशेषता के रूप में न्यायपालिका की स्वतंत्रता का विकास" विषय पर व्याख्यान देंगे।व्याख्यान सत्र केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के फैसले की स्वर्ण जयंती के संबंध में आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम केरल हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन और संविधान वाद-विवाद क्लब (सीडीसी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है।केरल हाईकोर्ट के जज, जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस प्रारंभिक टिप्पणियों के साथ...

हत्या का मुकदमा - एकमात्र चश्मदीद गवाह की विश्वसनीय गवाही उचित संदेह से परे मामले को साबित करने के लिए काफी : सुप्रीम कोर्ट
हत्या का मुकदमा - एकमात्र चश्मदीद गवाह की विश्वसनीय गवाही उचित संदेह से परे मामले को साबित करने के लिए काफी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि एकमात्र चश्मदीद गवाह की गवाही अभियोजन पक्ष के लिए अपने मामले को उचित संदेह से परे स्थापित करने के लिए विश्वसनीय हो सकती है, यहां तक ​​कि कई अभियुक्तों से जुड़े मामलों में भी यह विश्वसनीय हो सकती है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मुख्य रूप से एकमात्र गवाह की गवाही पर आठ अभियुक्तों को दोषी ठहराने और सजा देने के निचली अदालतों के फैसले को बरकरार रखा। यह नोट किया गया कि आठ व्यक्तियों की सजा एक ही साक्ष्य पर आधारित हो सकती है,...

जब प्रेस को सत्ता से कठिन सवाल पूछने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
जब प्रेस को सत्ता से कठिन सवाल पूछने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब प्रेस को सत्ता से सच बोलने और सत्ता से कठिन सवाल पूछने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने रामनाथ गोयनका फाउंडेशन के सहयोग से इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित पत्रकारिता पुरस्कारों में रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता में मुख्य भाषण देते हुए कहा,“मीडिया राज्य की अवधारणा में चौथा स्तंभ है और इस प्रकार हमारे लोकतंत्र का एक अभिन्न अंग है। एक कार्यात्मक और स्वस्थ लोकतंत्र को एक ऐसी संस्था के रूप में...

दुष्यंत दवे ने कहा, आलोचना कभी व्यक्तिगत नहीं होती, इससे न्यायाधीशों को सोचने की अंतर्दृष्टि मिलती है, जस्टिस रस्तोगी ने जवाब दिया
दुष्यंत दवे ने कहा, 'आलोचना कभी व्यक्तिगत नहीं होती', 'इससे न्यायाधीशों को सोचने की अंतर्दृष्टि मिलती है', जस्टिस रस्तोगी ने जवाब दिया

सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने बुधवार को कहा कि न्यायपालिका की उनकी आलोचना कभी व्यक्तिगत नहीं है और उन्होंने कहा कि वह संस्थान से प्यार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ से दवे ने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, इसका मतलब कभी भी व्यक्तिगत आलोचना नहीं है। मैं संस्थान से प्यार करता हूं, मैं इसका सम्मान करता हूं .... मैं जब चाहता हूं तब बोलता हूं।"सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष इंदौर के एक लॉ इंटर्न द्वारा दायर याचिका में जमानत की...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का प्रस्ताव-केंद्र को बाद में भेजे गए नामों को मंजूरी देने से पहले जॉन सत्यन की नियुक्ति को अधिसूचित करना चाहिए; नामों को रोकने पर चिंता व्यक्त की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का प्रस्ताव-केंद्र को बाद में भेजे गए नामों को मंजूरी देने से पहले जॉन सत्यन की नियुक्ति को अधिसूचित करना चाहिए; नामों को रोकने पर चिंता व्यक्त की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार को पारित एक प्रस्ताव में पदोन्नति के लिए पूर्व में अनुशंसित हो चुके नामों को रोककर केवल चुनिंदा नामों को अनुमोदित करने के कारण केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की कॉलेजियम ने दोहराए गए नामों की केंद्र द्वारा अनदेखी किए जाने के मुद्दे की चर्चा की और कहा कि यह "गंभीर चिंता का विषय" है।प्रस्ताव में एडवोकेट जॉन सत्यन के मामले का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है, केंद्र ने जिनके नाम को...

सुप्रीम कोर्ट ने कानून और न्याय मंत्रालय को सभी न्यायाधिकरणों के न्यायिक प्रभाव का आकलन जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने कानून और न्याय मंत्रालय को सभी न्यायाधिकरणों के न्यायिक प्रभाव का आकलन जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ओडिशा प्रशासनिक न्यायाधिकरण (OAT) को समाप्त करने के लिए जारी अधिसूचना को बरकरार रखा है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में 2019 में अधिसूचना जारी की थी।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा हाईकोर्ट के आदेश, जिसमें ट्र‌‌िब्यूनल को समाप्त करने के आदेश को बरकरार रखा गया था, के खिलाफ ओडिशा प्रशासनिक न्यायाधिकरण बार एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया।सुप्रीम कोर्ट की बेंच में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थे।अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट...

जब पीपीए में प्रावधान ना हो तब अन्य उत्पादन स्टेशनों के लिए गैस का डाइवर्जन मुआवजे की मांग का पर्याप्त आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट
जब पीपीए में प्रावधान ना हो तब अन्य उत्पादन स्टेशनों के लिए गैस का डाइवर्जन मुआवजे की मांग का पर्याप्त आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण की राय की पुष्टि करते हुए कहा कि अगर बिजली खरीद समझौते में ऊर्जा की कम आपूर्ति के संबंध में फुल फिक्‍स्‍ड चार्ज, और एक्‍चुअल वैरिएबल चार्ज के मुआवजे के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है तो बिजली बोर्ड को क्षतिपूर्ति नहीं करनी पड़ेगी।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ पेन्ना इलेक्ट्रिसिटी लिमिटेड की अपील पर सुनवाई कर रही थी। कंपनी तमिलनाडु में तमिलनाडु विद्युत बोर्ड के लिए बने एक कंबाइंड साइकिल गैस टरबाइन पावर जनरेटिंग स्टेशन का संचालन और...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की सहमति के बाद इंदौर में गिरफ्तार लॉ इंटर्न को जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इंदौर की एक लॉ इंटर्न को जमानत दे दी, जो 28 जनवरी से हिरासत में है। सोनू मंसूरी नाम की याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया था कि उस पर इंदौर कोर्ट परिसर और पुलिस में एक समूह ने हमला किया था। पुलिस ने बजाए बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने के, उसे ही गिरफ्तार कर लिया। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने बुधवार को स्वीकार किया कि मंसूरी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है।एएसजी ने कहा, “हालांकि उसकी जमानत अर्जी खारिज कर...

सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट्स को सांसदों/विधायकों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए एमिकस के सुझावों का जवाब देने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट्स को सांसदों/विधायकों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए एमिकस के सुझावों का जवाब देने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट विजय हंसारिया द्वारा मौजूदा और पूर्व सांसदों / विधायकों के खिलाफ मामलों में मुकदमे में तेजी लाने के लिए दिए गए सुझावों पर उच्च न्यायालयों से जवाब मांगा है।सुनवाई के दौरान, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अदालत विधायकों के मुकदमे में तेजी लाने के मामले को व्यवस्थित तरीके से तभी निपटा पाएगी, जब उसके पास लंबित मामलों, न्यायाधीशों के कार्यभार से संबंधित पर्याप्त डेटा होगा।पीठ ने सभी उच्च न्यायालयों को 17...

कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक में सबसे खराब: सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक में सबसे खराब: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की खिंचाई करते हुए कहा कि ये भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक में सबसे खराब प्राधिकरण है।जज ने आगे कहा,"ये भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक में सबसे खराब प्राधिकरण है। कितने मामलों में भूमि आवंटित की गई है? हमने एक राय नहीं बनाई है, लेकिन हम यह कह रहे हैं। कर्नाटक से बहुत सारे मामले हैं, हमने देखा है। कम से कम मेरे करियर में।"जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की डिवीजन बेंच औद्योगिक भूखंड के आवंटन के संबंध में भोरुका...

वकील हाईकोर्ट के जजमेंट की टाइप की हुई कॉपी पेश करते हैं, जिन्हें बड़े वॉटरमार्क के कारण पढ़ने में मुश्किल होती है: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़
वकील हाईकोर्ट के जजमेंट की टाइप की हुई कॉपी पेश करते हैं, जिन्हें बड़े वॉटरमार्क के कारण पढ़ने में मुश्किल होती है: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को वकीलों से आग्रह किया कि वे हाईकोर्ट के निर्णयों की टाइप की हुई प्रतियां प्रस्तुत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के निर्देशों का पालन करें, जो उन पर बड़े वॉटरमार्क की उपस्थिति के कारण अपठनीय हैं।सीजेआई ने यह टिप्पणी तब की जब एक वकील ने उनके सामने याचिकाओं के साथ निर्णयों की टाइप की हुई प्रतियां प्रस्तुत करने के लिए रजिस्ट्री के आग्रह के कारण उत्पन्न कठिनाई का उल्लेख किया।सीजेआई ने कहा,"रजिस्ट्री का अनुपालन करें। इसे टाइप करें! हम...