SCBA सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि पर अधिकार नहीं जता सकता' : सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक पक्ष पर एसोसिएशन की याचिका पर विचार करने से इनकार किया

Shahadat

23 March 2023 5:30 AM GMT

  • SCBA सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि पर अधिकार नहीं जता सकता : सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक पक्ष पर एसोसिएशन की याचिका पर विचार करने से इनकार किया

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा शीर्ष अदालत को आवंटित 1.33 एकड़ जमीन को वकीलों के चैंबर के लिए जगह के रूप में बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की याचिका पर न्यायिक पक्ष पर विचार नहीं कर सकता।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने कहा,

    "SCBA वकीलों के चैंबर में परिवर्तित करने के लिए केंद्र को आवंटित 1.33 एकड़ भूमि पर अधिकार का दावा नहीं कर सकता है।"

    हालांकि, बेंच ने प्रशासनिक पक्ष पर विचार करने के लिए इस मुद्दे को खुला छोड़ दिया।

    खंडपीठ ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय द्वारा अभिलेखागार के आवास सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट को स्थान आवंटित किया गया। न्यायालय को वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए वकीलों और वादकारियों सहित विभिन्न हितधारकों की जरूरतों को संतुलित करना है।

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने फैसले के ऑपरेटिव भाग को पढ़ा,

    "ये ऐसे मामले हैं जिन्हें न्यायिक मानकों के आवेदन से हल नहीं किया जा सकता है और इन्हें सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक पक्ष में लिया जाना है।"

    पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ब्लॉक के रूप में भगवानदास रोड के पास पूरे क्षेत्र के रूपांतरण के लिए एससीबीए की प्रार्थना को भी स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि "न्यायिक पक्ष की ओर से इस तरह के निर्देश जारी नहीं किए जा सकते ।"

    हालांकि, अदालत ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने प्रशासनिक पक्ष पर विचार करने के लिए खुला छोड़ दिया, क्योंकि इस प्रक्रिया में SCBA, SCAORA और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा की आवश्यकता होगी। इन टिप्पणियों के साथ पीठ ने SCBA द्वारा दायर याचिका का निस्तारण कर दिया।

    पिछली सुनवाई में ही खंडपीठ ने इस मुद्दे पर न्यायिक पक्ष से विचार करने के प्रति अपनी अनिच्छा व्यक्त की थी।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था,

    "वकील हमारी ही हिस्सा हैं। यह हमारी संस्था का हिस्सा है। अगर हम अपने न्यायिक आदेशों का उपयोग करते हैं तो यह एक संदेश है कि देखिए सुप्रीम कोर्ट क्या कर रहा है। आप न्यायिक शक्तियां ले रहे हैं और अपने विस्तार के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। आज यह भूमि है तो कल कुछ और होगा।"

    केस टाइटल: SCBA बनाम शहरी विकास मंत्रालय और अन्य। डब्ल्यूपी(सी) नंबर 640/2022

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