सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Update: 2021-04-23 10:16 GMT

19 अप्रैल 2021 से 23 अप्रैल 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

सुप्रीम कोर्ट ने अमेज़न -फ्यूचर मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अमेज़न -फ्यूचर-रिलायंस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश और डिवीजन बेंच के समक्ष आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी। जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हृषिकेश रॉय की एक बेंच ने अमेज़न डॉट कॉम, एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका में आदेश पारित किया। अमेज़न ने दिल्ली उच्च न्यायालय की एकपीठ द्वारा पारित 22 मार्च के उस आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी जिसने रिलायंस-फ्यूचर डील को लेकर सिंगापुर-ट्रिब्यूनल द्वारा पारित किए गए आपातकाल अवार्ड को मंज़ूरी दिए जाने के एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी थी।

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"पक्षकारों के लिए सिविल कार्यवाही का मतलब कुछ भी नहीं है, क्योंकि अदालतें बहुत ढीली हैं " : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि न्यायालय की शिथिलता के कारण पक्षकार सिविल कार्यवाही को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। सिविल अपील की सुनवाई करते हुए जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "... पक्षकारों के लिए सिविल कार्यवाही का मतलब कुछ भी नहीं है। यह इसलिए है क्योंकि अदालतें बहुत ढीली हैं।" "हमारी (सिविल न्याय) प्रणाली एक 'प्रतिवादी' प्रणाली है। इसी कारण है कि अदालतें प्रावधानों को गंभीरता से नहीं लेती हैं।"

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सुप्रीम कोर्ट ने 100% वीवीपीएटी वेरीफिकेशन की मांग करने वाली तृणमूल कांग्रेस नेता की याचिका को खारिज किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता गोपाल सेठ द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में वोटर वेरिफ़ाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ वोटों की 100% वेरीफिकेश की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि न्यायालय चुनाव प्रक्रिया के बीच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता। सेठ ने अपनी याचिका पर विचार करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के इनकार को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा द्वारा दिल्ली को छोड़े गए यमुना के पानी  की गुणवत्ता और मात्रा की जांच के लिए समिति का गठन किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हरियाणा राज्य द्वारा पल्ला (दिल्ली में यमुना नदी के मुहाने पर ), वज़ीराबाद बैराज द्वारा छोड़े गए पानी की गुणवत्ता और मात्रा और क्या दिल्ली सरकार इस पानी को वजीराबाद बैंक पहुंचने से पहले इस पानी को वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भेज देती है, इस संबंध में स्थानीय निरीक्षण करने के लिए एक समिति नियुक्त की है। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ दिल्ली जल बोर्ड द्वारा रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नदी के पानी में अमोनिया की बढ़ती मात्रा के मद्देनज़र यमुना में अनुपचारित प्रदूषकों के छोड़े जाने पर हरियाणा राज्य को उचित निर्देश देने की मांग की गई थी।यह प्रार्थना की गई है कि न्यायालय यह सुनिश्चित करे कि दिल्ली जल आपूर्ति को 1996 के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसरण में दिल्ली एनसीटी को 674.503 फीट के स्तर पर पर्याप्त पानी की आपूर्ति की जाए, ताकि अमोनिया की मात्रा पानी में घुल जाए।

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सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के चलते पांच शहरों में लॉकडाउन के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को COVID19 महामारी को देखते हुए प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर के पांच शहरों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद फैसले के संचालन पर रोक लगा दी। सॉलिसिटर जनरल ने आज सुबह सीजेआई के समक्ष याचिका का उल्लेख किया और आज ही इस मामले की सुनवाई के लिए अनुरोध किया। इस अनुरोध से सहमत, सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने सूचीबद्ध मामलों के समाप्त होने के बाद एसजी की सुनवाई की।

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सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को आपराधिक प्रणाली के लिए मसौदा नियमों को 6 महीने में अपनाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उच्च न्यायालयों को आपराधिक प्रैक्टिस के लिए एमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत, सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता के परमेश्वर द्वारा तैयार मसौदा नियमों को 6 महीने की अवधि के भीतर अपनाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उक्त मसौदा नियमों को अपनाने के लिए उच्च न्यायालय त्वरित कदम उठाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मौजूदा नियमों को 6 महीने के भीतर संशोधित किया जाए। न्यायालय ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को 6 महीने की अवधि के भीतर पुलिस नियमों में परिणामी संशोधन करने का निर्देश दिया।

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"उच्च न्यायालय संकट की स्थिति में हैं " : सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति के लिए समय- सीमा तैयार की

उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की बढ़ते रिक्तियों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा नामों को मंज़ूरी देने के तुरंत बाद केंद्र सरकार को नियुक्तियां करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। यदि सरकार को कॉलेजियम की सिफारिशों पर कोई आपत्ति है, तो उसे आपत्ति के विशिष्ट कारणों के साथ नामों को वापस भेजना चाहिए। एक बार सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने नामों को दोहराया है, तो केंद्र को इस तरह की पुन : प्रक्रिया के 3-4 सप्ताह के भीतर नियुक्ति करनी चाहिए।

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पक्षकारों की सहमति के बावजूद हाईकोर्ट जमानत देने या इनकार करने के कारण देने के कर्तव्य से बच नहीं सकते : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पक्षकारों की सहमति के बावजूद उच्च न्यायालय उन कारणों को दर्शाने के कर्तव्य से बच नहीं सकते जिन कारणों से या तो जमानत दी है या जमानत देने से इंकार किया है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि जमानत देने वाली अदालत न्यायिक विवेक लगाने और कारणों को दर्ज करने के लिए अपने कर्तव्य का पालन करने से बच नहीं सकती, भले ही ये संक्षिप्त हो सकता है, यह तय करने के उद्देश्य से कि वह जमानत देना चाहती है या नहीं।

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भारतीय पक्षकार मध्यस्थता के लिए विदेशी सीट चुन सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक अनुबंध में शामिल पक्ष में जो भारतीय नागरिक हैं या भारत में निगमित कंपनियां हैं, भारत के बाहर मध्यस्थता के लिए एक सीट चुन सकते हैं। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के भारतीय नागरिक होने पर भी भारत के बाहर मध्यस्थता की सीट निर्धारित करने में पक्षकारों की स्वायत्तता के रास्ते में कुछ नहीं खड़ा है। पीठ पीएएसएल विंड सॉल्यूशंस लिमिटेड लिमिटेड बनाम जीई पावर कंवर्जन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मामले में इस सवाल पर विचार कर रही थी कि क्या भारत में निगमित दो कंपनियां भारत के बाहर मध्यस्थता के लिए एक मंच चुन सकती हैं?

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को संवैधानिक नैतिकता के साथ श्रेणीबद्ध करने की आवश्यकता: सीजेआई बोबडे

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबडे ने गुरुवार को एक वर्चुअल प्रोग्राम में जोर देकर कहा कि भारतीय न्यायपालिका के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग को संवैधानिक नैतिकता के साथ गठबंधन करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि एआई किसी भी तरह से भारतीयों के लिए संवैधानिक और कानूनी अधिकारों को बाधित या कम नहीं करता है। उन्होंने कहा, "एआई के भारतीय न्यायपालिका के उपयोग को हमारी संवैधानिक नैतिकता के साथ संरेखित किया जाना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि एआई किसी भी तरह से भारतीयों को संवैधानिक और कानूनी अधिकारों को बाधित या कम नहीं करता है। जहां हम न्यायिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए किसी भी तकनीक पर भरोसा करते हैं, यह होना चाहिए, शर्त यह है कि जैसा कि मैंने कहा, यह मानव के अंतिम विचार के बाद हो।"

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विकास दुबे एनकाउंटर: सुप्रीम कोर्ट पैनल ने यूपी पुलिस को दी क्लीन चिट

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान की अध्यक्षता में बने तीन सदस्यीय जांच आयोग ने पिछले साल जुलाई में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच सहयोगियों की उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में बुधवार को यूपी पुलिस को सबूतों के अभाव में क्लीन चिट दे दी। जांच आयोग के अन्य दो सदस्य हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शशिकांत अग्रवाल और उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक के. एल. गुप्ता थे और पैनल को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी।

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स्थानीय स्तर पर COVID संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए उच्च न्यायालयों को अनुमति दी जानी चाहिए: SCBA ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

सुप्रीम कोर्ट से स्थानीय स्तर पर COVID19 संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए उच्च न्यायालयों को अनुमति देने का आग्रह करते हुए, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया है। "महामारी के दौरान आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं का वितरण" शीर्षक से सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को COVID19 महामारी के संबंध में ऑक्सीजन की आपूर्ति, दवा की आपूर्ति, वैक्सीन नीति से संबंधित मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि भारत संघ को आज नोटिस जारी किया जाएगा और मामले पर शुक्रवार को विचार किया जाएगा।

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